UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi  >  परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था

परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न

प्रश्न 1. एक एकाध्किारी अपने लाभों का अध्कितम कर पाता है, जब-
उत्तर: उसकी सीमान्त लागत सीमान्त आगम के बराबर होती है

प्रश्न 2. जन्म दर व मृत्यु दर की गणना सामान्यतः की जाती है-
उत्तर: प्रति 1000 व्यक्तियों पर

प्रश्न 3.  "ब्याज तरलता के त्याग का पुरस्कार है।" यह कथन है-
उत्तर: केन्ज का

प्रश्न 4. विभेदात्मक एकाधिकार की स्थिती में यदि AR1>AR2 हो, तो एकाध्किारी-  
उत्तर: 
पहले बाजार का उत्पादन कम करके दूसरे बाजार में अधिक बिक्री करेगा

प्रश्न 5. एडम स्मिथ द्वारा प्रतिपादित स्वतंत्र व्यापार का केन्द्र बिन्दु कहा है-
उत्तर: श्रम विभाजन

प्रश्न 6. प्रतिकूल व्यापार की शर्त अल्पविकसित देशों की गरीबी का मुख्य कारण है।य् यह कथन किस अर्थशास्त्री का है?
उत्तर: प्रेबिश

प्रश्न 7. मंदी की स्थिति में किस तरह का ‘बजट’ अपेक्षित है?
उत्तर: घाटे का बजट

प्रश्न 8. कोई माँग फलन  दिया हुआ है, जहाँ  एक स्थिरांक है। इसकी माँग की लोच होगी-  
 उत्तर: 
सदैव एक

प्रश्न 9. वृद्धि पूंजी उत्पादन अनुपात(I.C.O.R) है-
उत्तर: पूँजी में वृद्धि/ उत्पाद में वृद्धि

प्रश्न 10. निम्नलिखित में से कौन सी घटक विकासोन्मुख राजकोषीय नीति का भाग नहीं है?
उत्तर: बैंक दर नीति

प्रश्न 11. उस बिन्दु पर उपभोक्ता साम्य में होता है, जब बजट रेखा-
उत्तर: उदासीनता वक्र की स्पर्श रेखा होती है

प्रश्न 12. किसी वस्तु की पूर्ति से बोध होता है?
उत्तर: समय की प्रति इकाई पर मूल्य विशेष पर विक्रय हेतु प्रस्तुत वस्तु की मात्रा

प्रश्न 13. अल्पकाल में जब किसी फर्म का उत्पादन बढ़ता है, तो उसकी औसत स्थिर लागत-  
उत्तर: घटती है

प्रश्न 14. पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत फर्म के माँग-वक्र का आकार होता है-
उत्तर: क्षैतिज

प्रश्न 15. कोई चेक किस प्रकार की जमाओं के विरुद्ध किया जाता है?
उत्तर: माँग जमाएँ

प्रश्न 16. किसी वस्तु की माँग व्यक्त करती है-
उत्तर: किसी निर्दिष्ट समय अवधिके दौरान निर्दिष्ट मूल्य पर वस्तु की माँगी गई मात्रा

प्रश्न 17. निम्नलिखित में से कौनसा सम्बन्ध राष्ट्रीय आय के लिए सही है?
उत्तर: राष्ट्रीय आय= सकल राष्ट्रीय उत्पाद - मूल्यह्रास - अप्रत्यक्ष कर + सब्सिडी - सरकार को प्राप्त लाभ

प्रश्न 18. ‘प्रतिगामी कर’ वह कर कहलाता है, जिसमें कर की दर, कर आधार में वृद्धि के साथ- 
उत्तर: क्रमशः घटती जाती है

परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

The document परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi is a part of the UPSC Course भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi.
All you need of UPSC at this link: UPSC
245 videos|240 docs|115 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न, पारंपरिक अर्थव्यवस्था - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न क्या होते हैं?
उत्तर: स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न होता है जो व्यक्ति की क्षमताओं, दक्षताओं, और ज्ञान को मापने के लिए पूछा जाता है। इसका उद्देश्य व्यक्ति की क्षमताओं और दक्षताओं को मापने के साथ-साथ व्यक्ति के प्रतिभा और प्रदर्शन को मापना भी होता है। स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न सामान्यतया परीक्षाओं और नियुक्तियों में उपयोग होते हैं जहां व्यक्ति के क्षेत्र के बारे में ज्ञान और कौशल को मापा जाना जरूरी होता है।
2. पारंपरिक अर्थव्यवस्था क्या है?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था एक व्यवसायिक और आर्थिक प्रणाली होती है जो जनसंख्या, राजनीति, सामाजिक संगठन, और व्यापार के विकास को संचालित करती है। इस प्रणाली में आपूर्ति, मांग, और मूल्यों का नियंत्रण और निर्धारण शामिल होता है। पारंपरिक अर्थव्यवस्था भारतीय परंपराओं, धार्मिक आदर्शों, और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित होती है। यह प्रणाली भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
3. UPSC क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) भारतीय संविधान के अनुसार संघ स्तरीय लोक सेवा आयोग है। यह आयोग भारतीय नागरिकों को लोक सेवा पदों में भर्ती करने का जिम्मा संभालता है। UPSC के द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), और भारतीय फार्म सेवा (IFS) जैसी महत्वपूर्ण सिविल सेवा पदों के लिए अवसर प्रदान करती हैं। UPSC परीक्षा भारतीय सरकारी नौकरियों में एक प्रमुख मान्यता प्राप्त परीक्षा है और इसकी तैयारी बहुत महत्वपूर्ण है।
4. स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न क्यों महत्वपूर्ण हैं UPSC की परीक्षा के लिए?
उत्तर: स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न UPSC की परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इन प्रश्नों के माध्यम से उम्मीदवारों की क्षमताएं, ज्ञान, और दक्षताएं मापी जाती हैं। यह परीक्षा उम्मीदवारों की तैयारी को मापने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होती है और उन्हें अपने कमजोर क्षेत्रों पर काम करने का मौका देती है। स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न उम्मीदवारों को उनकी तैयारी को बेहतर बनाने का अवसर देते हैं और उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करते हैं।
5. पारंपरिक अर्थव्यवस्था और स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न की क्या संबंधितता है?
उत्तर: पारंपरिक अर्थव्यवस्था और स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न एक-दूसरे से संबंधित है
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

ppt

,

practice quizzes

,

MCQs

,

Exam

,

past year papers

,

Previous Year Questions with Solutions

,

shortcuts and tricks

,

परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न

,

Important questions

,

परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न

,

Summary

,

Objective type Questions

,

study material

,

Extra Questions

,

Semester Notes

,

pdf

,

पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

,

Viva Questions

,

mock tests for examination

,

परिचय - स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न

,

पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

,

Free

,

video lectures

,

Sample Paper

,

पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

;