Class 11 Exam  >  Class 11 Notes  >  नोट्स, पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ),राजनितिक विज्ञान - 2

नोट्स, पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ),राजनितिक विज्ञान - 2 - Class 11 PDF Download

अध्याय 1. राजनितिक सिद्धांत एक परिचय 

राजनितिक सिद्धांत की जड़ें मानव अस्मिता के जुडवा पहलुओं में होती है, जो कुछ खास बुनियादी प्रश्नों का विश्लेषण करता है | 

जैसे - 

(i) समाज को कैसे संगठित होना चाहिए ? 

(ii) हमें सरकार की जरूरत क्यों है ? 

(iii) सरकार का सर्वश्रेष्ठ रूप कौन सा है ? 

(iv) क्या कानून हमारी आजादी को सिमित करता है ? 

(v) राजसत्ता की अपने नागरिकों के प्रति क्या देनदारी होती है ? 

(vi) नागरिकों के रूप में एक -दुसरे के प्रति हमारी क्या देनदारी है ? 

राजनितिक सिद्धांत इस तरह के प्रश्नों की पड़ताल करता है और राजनितिक जीवन को अनुप्राणित करने वाले स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे मूल्यों के बारे में में सुव्यवस्थित रूप से विचार करता है | 

राजनितिक सिद्धांत के कार्य: 

राजनितिक सिद्धांत के निम्नलिखित कार्य है : 

(i) राजनितिक सिद्धांत कुछ खास बुनियादी प्रश्नों का विश्लेषण करता है |

(ii) यह राजनितिक जीवन को अनुप्राणित करने वाले स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे मूल्यों के बारे में में सुव्यवस्थित रूप से विचार करता है | 

(iii) यह राजनितिक से संबंद्ध अन्य अवधारणाओं के अर्थ और महत्त्व की व्याख्या करता है |

(iv) यह अतीत और वर्त्तमान के कुछ प्रमुख राजनितिक चिन्तकों को केंद्र में रखकर इन अवधारणाओं की मौजूदा परिभाषाओं को स्पष्ट करता है | 

(v) यह विद्यालय, दुकान, बस, ट्रेन या सरकारी कार्यालय जैसी दैनिक जीवन से जुडी संस्थाओं में स्वतंत्रता या समानता के विस्तार की वास्तविकता की परख भी करता है | 

(vi) राजनितिक सिद्धांत का उदेश्य नागरिकों को राजनितिक प्रश्नों के बारे में तर्क  संगत ढंग से सोंचने और सामायिक राजनितिक घटनाओं को सही तरीके से आँकने का प्रशिक्षण देता है | 

राजनीति क्या है ? 

राजनीति शासन की कला और विज्ञान है | 

राज्य का कार्य : 

(i) कानून और व्यवस्था को स्थापित करना | 

(ii) वैचारिक या सांस्कृतिक कार्य |

(iii) आर्थिक कार्य |

(iv) अंतर्राष्ट्रीय कार्य अर्थात अन्य राष्ट्रों के साथ संबंध स्थापित करना | 

राजनितिक सिद्धांत के अध्ययन का महत्त्व :

(i) व्यक्ति द्वारा किये जा रहे किसी भी कार्य में उपयोग |

(ii) अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान |

(iii) राजनितिक सिद्धांत हमारे दृष्टिकोण को उदार बनाते हैं | 

(iv) मस्तिष्क की तार्किक क्षमता में वृद्धि करता है |

राजनितिक के प्रति मिथ्या धारणा : 

(i) राजनीति से जुडे़ अन्य लोग राजनीति को दावपेंच से जोड़ते हैं तथा आवश्यकताओं और
महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के कुचक्र में लगे रहते हैं।

(ii) कुछ लोग राजनेताओं को दल-बदल करते, झूठे वायदे करते या बढ़ा-चढ़ा कर दावे करते, विभिन्न तबकों से जोड़-तोड़ करते, निजी स्वार्थ साधते और धृणित रूप में हिंसा करते देखते है तो वे इसे ही राजनीति समझ बैठते है | 

(iii) कुछ लोग भ्रष्टाचार, लुट और घोटालों को ही राजनीति समझ लेते है, वे कहते है घोटाले करो देश को लूटो यही राजनीति है | 

(iv) जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जब हम हर संभव तरीके से अपने स्वार्थ को साधने में लगे लोगों को देखते हैं, तो हम कहते हैं कि वे राजनीति कर रहे हैं। यदि हम एक क्रिकेटर को टीम में बने रहने के लिए जोड़तोड़ करते या किसी सहपाठी को अपने पिता की हैसियत का उपयोग करते अथवा दफ्तर में किसी सहकर्मी को बिना सोचे-समझे बॉस की हाँ में हाँ मिलाते देखते हैं, तो हम कहते हैं कि वह ‘गंदी’ राजनीति कर रहा है।

राजनीति किसी भी समाज का महत्वपूर्ण और अविभाज्य अंग है : 

हमारे जीवन से जुडी प्रत्येक गतिविधियाँ राजनीति से जुडी होती हैं | बेहतर समाज एवं दुनियां को बनाने के लिए हमें राजनीति में निश्चित ही शामिल होना चाहिए | क्योंकि राजनीति किसी भी समाज का महत्वपूर्ण और अविभाज्य अंग है | 

समानता का अधिकार सभी को समान अवसर प्रदान नहीं करता: 

अवसर: अवसर एक ऐसी स्थिति है आपके लिए कुछ ऐसा करना संभव करती है जिसे आप करना चाहते हैं | 

परन्तु सभी प्रदान अवसर लाभजनक नहीं होते, इन अवसरों को प्राप्त करने में कुछ कठिनाइयाँ होती हैं | उदाहरण के लिए कानून के समक्ष सभी को समानता का अधिकार मिला है | लेकिन ये समानता तभी संभव हो पाती है जब हमारे पास कानून से प्राप्त समानता को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त संसाधन हो | हम सभी जानते है कि कानून से न्याय पाने के लिए हमें अदालती खर्चे एवं वकीलों की भारी-भरकम रकम चुकानी पड़ती है | यदि हमारे पास पर्याप्त रकम नहीं है तो हम कई बार न्याय पाने में पिछड़ जाते है | यही कारण है कि समानता का अधिकार सभी को समान अवसर प्रदान नहीं करता है | 

लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए राजनितिक सिद्धांत की आवश्यकता: 

(i) लोकतंत्र में नागरिकों को जागरूक होना बहुत ही आवश्यक है, इस प्रकार की जागरूकता का ज्ञान हमें राजनितिक सिद्धांत से प्राप्त होता है |

(ii) लोकतंत्र समानता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांत पर टिका होता है जो राजनीति के उदारवादी दृष्टिकोण पर आधारित है | 

(iii) राजनितिक सिद्धांत उन विचारों और नीतियों को व्यवस्थित रूप को प्रतिबिंबित करता है, जिनसे हमारे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण किया है |

(iv) लोकतंत्र में राजनितिक सिद्धांत कानून का राज, अधिकारों का बँटवारा और न्यायिक पुनरवलोकन जैसी नीतियों कि सार्थकता कि जाँच करता है | 

(v) राजनितिक सिद्धांत पूर्व के और वर्तमान के विचारकों के विचारों एवं सिद्धांतो के आधार पर आधारित होता है जिनके आधार पर संवैधानिक दस्तावेजों की उत्पति हुई है | इन दस्तावेजों के आधार पर ही आजकल लोकतंत्र का सफल संचालन हो रहा है | 

राजनीति से संबंधित महात्मा गाँधी के विचार: 

महात्मा गाँधी ने एक बार टिप्पणी की थी कि राजनीति ने हमें साँप की कुंडली की तरह जकड रखा है और इसे जूझने के सिवाय कोई अन्य रास्ता नहीं है | 

 

 

The document नोट्स, पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ),राजनितिक विज्ञान - 2 - Class 11 is a part of Class 11 category.
All you need of Class 11 at this link: Class 11

FAQs on नोट्स, पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ),राजनितिक विज्ञान - 2 - Class 11

1. पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ) के संदर्भ में, राजनीतिक सिद्धांत क्या है?
उत्तर: राजनीतिक सिद्धांत विभिन्न राजनीतिक विचारों, सिद्धांतों और संगठनाओं का अध्ययन है जो समाज, सरकार, और राष्ट्र के संगठन में निर्धारित नीतियों, मूल्यों और आदर्शों के पीछे की विचारधारा व प्रणाली को समझने का प्रयास करता है।
2. पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ) के संदर्भ में, राजनीतिक सिद्धांत क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: राजनीतिक सिद्धांत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें समझने में मदद करता है कि सरकार कैसे काम करती है, सामाजिक और राजनीतिक संरचना कैसे बनाई जाती है, नीतियाँ कैसे निर्धारित की जाती हैं और राष्ट्र के संगठन में कैसे सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। यह हमें राजनीतिक मुद्दों को समझने और समाधान करने में मदद करता है।
3. पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ) के संदर्भ में, राजनीतिक सिद्धांत कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: राजनीतिक सिद्धांत के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं - लोकतांत्रिक सिद्धांत, विशिष्टता सिद्धांत और न्यायवादी सिद्धांत। इन प्रकारों में हर एक का अपना विशेष महत्व होता है और ये एक आपस में जुड़े हुए होते हैं।
4. पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ) के संदर्भ में, लोकतांत्रिक सिद्धांत क्या है?
उत्तर: लोकतांत्रिक सिद्धांत एक राजनीतिक सिद्धांत है जो कहता है कि शक्ति जनता के हाथ में होनी चाहिए और न्यायपूर्ण, स्वतंत्र और अधिकृत सरकारों की आवश्यकता होती है। इसमें जनता की सहभागिता, मताधिकार, न्यायपालिका का स्थानांतरण, और स्वतंत्र मीडिया का महत्व होता है।
5. पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं ) के संदर्भ में, न्यायवादी सिद्धांत क्या है?
उत्तर: न्यायवादी सिद्धांत एक राजनीतिक सिद्धांत है जो कहता है कि सरकार को न्यायाधीशों और कानून के माध्यम से चलाना चाहिए। इसमें सरकार के नियमों और न्यायव्यवस्था के साथ कानूनी अधिकारों का पालन करने की आवश्यकता होती है और न्यायपालिका को स्वतंत्रता और आपातकालीन शक्ति दी जानी चाहिए।
Download as PDF

Top Courses for Class 11

Related Searches

पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं )

,

Extra Questions

,

Exam

,

Free

,

video lectures

,

पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं )

,

नोट्स

,

राजनितिक विज्ञान - 2 - Class 11

,

MCQs

,

shortcuts and tricks

,

pdf

,

practice quizzes

,

study material

,

Important questions

,

Sample Paper

,

Viva Questions

,

ppt

,

past year papers

,

पाठ - 1 राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय (कक्षा ग्यारहवीं )

,

नोट्स

,

mock tests for examination

,

Objective type Questions

,

राजनितिक विज्ञान - 2 - Class 11

,

Previous Year Questions with Solutions

,

नोट्स

,

राजनितिक विज्ञान - 2 - Class 11

,

Summary

,

Semester Notes

;