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NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय , कक्षा 11, गणित - Humanities/Arts PDF Download

मुख्य बिन्दू :- 

  • राजनीति का जन्म इस बात से होता है कि हमारे और हमारे समाज के लिए क्या उचित एवं वांछनीय है और क्या नहीं।
  • राजनीति एक प्रकार की जनसेवा है |
  • राजनीतिक सिंद्धांत , राजनीतिक जीवन को अनुप्राणित करने वाले स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे मूल्यों के बारे में सुव्यस्थित रूप से विचार करता है ।
  • मनुष्य दो मामलों में अद्वितीय है- उसके पास विवेक होता है और अपनी गतिविधियों में उसे व्यक्त करने की योग्यता होती है।
  • आधुनिक काल में सबसे पहले रूसो ने सिद्ध  किया कि स्वतंत्रता मानव मात्र का मौलिक अधिकार है।
  • कार्ल मार्क्स ने तर्क दिया कि समानता भी उतनी ही निर्णायक होती है जितनी कि स्वतंत्रता।
  • गांधी जी ने अपनी पुस्तक हिंद-स्वराज में वास्तविक स्वतंत्रता या स्वराज के अर्थ की विवेचना की।
  • अंबेडकर जी ने ज़ोरदार तरीके से तर्क रखा कि अनुसूचित जातियों को अल्पसंख्यक माना जाना चाहिए और उन्हें विशेष संरक्षण मिलना चाहिए। 
  • राजनीतिक सिद्धांत उन विचारों और नीतियों को व्यवस्थित रूप को प्रतिबिंबित करता है, जिनसे हमारे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण किया है। और यह स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसी अवधारणाओं का अर्थ स्पष्ट करता है।  

  • अभ्यास प्रश्नोत्तर :-


    प्रश्न: 1. राजनीतिक सिंद्धांत के बारे में नीचे लिखे कौन-से कथन सही हैं और कौन-से गलत?

    (क) राजनीतिक सिद्धांत उन विचारों पर चर्चा  करता है जिनके आधार पर राजनीतिक संस्थाएं बनती हैं।

    उत्तर : सही |

    (ख) राजनीतिक सिंद्धांत विभिन्न धर्मों के अंतर्संबंधों की व्याख्या करते हैं।

    उत्तर : गलत |

    (ग) ये समानता और स्वतंत्रता जैसी अवधारणाओं के अर्थ की व्याख्या करते हैं।

    उत्तर : सही | 

    (घ) ये राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करते हैं।

    उत्तर : गलत |

    प्रश्न: 2. ‘राजनीति उस सबसे बढ़कर है, जो राजनेता करते हैं।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? उदाहरण भी दीजिए।

    उत्तर : राजनीति एक प्रकार की जनसेवा है । राजनीति से जुड़े अन्य लोग राजनीति को दावपेंच से जोड़ते हैं तथा आवश्यकताओं और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के कुचक्र में लगे रहते हैं। कई अन्य लोगो के लिए राजनीति वही है जो राजनेता करते है । अगर वे राजनेताओं के दल-बदल करते, झूठे वायदे और बढ़े-चढ़े दावे करते, विभिन्न तबकों से जोड़तोड़ करते, निजी या सामूहिक स्वार्थ में निष्ठुरता से हिंसा पर उतारू होता देखता है तथा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जब हम हर संभव तरीके से अपने स्वार्थ को साधने में लगे लोगों को देखते हैं, तो हम कहते हैं कि वे राजनीति कर रहे हैं।

    महात्मा गांधी के अनुसार, राजनीति ने हमें सांप की कुडली की तरह जकड़ रखा है और इससे जूझने के सिवाय कोई अन्य रास्ता नहीं है। राजनीतिक संगठन और सामूहिक निर्णय के किसी ढाँचे के बगैर कोई भी समाज जिन्दा नहीं रह सकता है ।

    उदारहण के लिए , यदि हम एक क्रिकेटर को टीम में बने रहने के लिए जोड़तोड़ करते या किसी सहपाठी को अपने पिता की हैसियत का उपयोग करते अथवा दफ्तर में किसी सहकर्मी को बिना सोचे समझे बॉस की हाँ में हाँ मिलाते देखते हैं, तो हम कहते हैं कि वह ‘गंदी’ राजनीति कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति का संबंध किसी भी तरीके से निजी स्वार्थ साधने के धंधे से जुड़ गया है।  


    प्रश्न: 3. लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए नागरिकों का जागरूक होना ज़रूरी है। टिप्पणी कीजिए।

    उत्तर : लोकतंत्र तथा प्रजातंत्र को लोगों की सरकार कहा जाता है क्योकि सरकार की लोकतंत्रीय प्रणाली में वास्तविक शक्ति जनता के पास होती है यह एक उत्तरदायित्व पूर्ण सरकार होती है | यह विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न स्टारों पर बातचीत और वादविवाद पर आधारित होती है| 

     लोकतंत्र का मुख्य उद्देश्य जनता के के महत्वपूर्ण मूल्यों जैसे समानता,न्याय,स्वतंत्रता को प्राप्त करना होता है प्रजातंत्र में लोगो को महत्व दिया जाता है और समाज के विभिन्न वर्गो के मध्य भाईचारा स्थापित करना होता है | 

     लोकतंत्र की सफलता के लिए कुछ आवश्यकतायें जरूरी है जिनमे नागरिकों को सतर्क रहना आवश्यक है | यदि नागरिक ये नहीं जानते की सरकार क्या कर रही है और सरकार की क्या निति है? तथा जनता प्रशासन और विधान पर रुकावट नहीं डालते तो सरकार घमंडी हो जायेगे और अपनी स्थिति व अधिकार का दुरूपयोग करेगे |

    इसीलिए लोगों को विभिन्न स्टारों पर जातीय वाद - विवाद और भाषण के आधार पर स्वस्थ जनमत बनाना चाहिए | इसके लिए लोगों में निम्नलिखित गुण होना चाहिए :- 

    1. लोगों में उच्च स्तर की साक्षारता होना चाहिए |
    2. लोगों में आर्थिक और सामाजिक समानता होनी चाहिए |
    3. लोगों में पर्याप्त रोजगार होना चाहिए |
    4. लोगों में जाति.भाषा और धर्मों के ऊपर उठाना चाहिए जिससे लोगों को भाई - चारे का दृष्टिकोण को बढ़ाना चाहिए |  
  • प्रश्न: 4. राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन हमारे लिए किन रूपों में उपयोगी है? ऐसे चार तरीकों की पहचान करें जिनमें राजनीतिक सिद्धांत हमारे लिए उपयोगी हों।
    उत्तर : राजनीति में कोई विषय सिद्धांतों के बिना नहीं हो सकता है क्योंकि प्रत्येक विषय का अपना एक विषय होता है | सिद्धांत एक सामान्यीकरण है जो सम्पूर्ण स्थिति की व्याख्या करता है तथा यह सिद्धांत एक विज्ञान व सामाजिक विज्ञान है क्योंकि इसमें राजनितिक स्तर पर और सामाजिक लोगों के स्तर पर उनका अध्धयन किया जाता है |
     जिस प्रकार डार्विन का सिद्धांत, न्यूटन का नियम और आर्किमिडिज का सिद्धांत प्रेरणा का स्रोत है उसी प्रकार सामजिक विज्ञान , अर्थशास्त्र , राजनितिक विज्ञान, नागरिक प्रशासन आदि के सिद्धांत होते है जो एक यंत्र के रूप में विभिन्न स्तिथियों में अध्धयन के रूप में कार्य करते है |
    राजनितिक सिद्धांत का अध्धयन हमारे लिए निम्नलिखित कारणों से उपयोगी है :- 
    1. राजनितिक सिद्धांत एक समाज को राजनीति दिशा प्रदान करता है |
    2. राजनीति सिद्धांत समाज को #2348;दलता है |
    3. राजनीति सिद्धांत समाज को गतिशील एयर आंदोलनकारी बनाता है |
    4. राजनीति सिद्धांत समाज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा का कार्य करता है |
    5. ये सिद्धांत समाज में सुधार लाने का कार्य करता है |
    6. राजनीति सिद्धांत सामान्यीकरण , साधन और अवधारणा प्रदान करता है जो समाज में प्रभावी प्रवृतियों को समझाने में सहायता करता है |
    7. राजनितिक सिद्धात राजनितिक विचार और संस्थाओं के मौलिक ज्ञान को प्राप्त करने में सहायता करते है | 
  • प्रश्न: 5. क्या एक अच्छा/प्रभावपूर्ण तर्क औरों को आपकी बात सुनने के लिए बाध्य कर सकता है?
    उत्तर : एक अच्छा / प्रभावपूर्ण तर्क औरों को बात सुनने के लिए बाध्य कर सकता है क्योंकि राजनीतिक सिद्धांत प्रभावपूर्ण तर्क पर आधारित होता है राजनितिक सिद्धांत उन प्रश्नों का परिक्षण करता है जो समाज से संबधित और व्यवस्थित विचार होते है | ये विचार मूल्यों के विषय में होते है जो राजैतिक जीवन और को प्रभावित करते है जैसे - स्वतंत्रता, समानता, और न्याय |
    राजनितिक सिद्धांत ऊँचे स्तर पर उन वर्तमान संस्थाओं को देखता है जो पर्याप्त है और वे किस प्रकार अस्तित्व में है यह निति कार्य को भी देखता है ताकि वे लोकतान्त्रिक और सही रूप में परिवर्तित हो |
    प्रश्न: 6. क्या राजनीतिक सिद्धांत पढ़ना, गणित पढ़ने के समान है? अपने उत्तर के पक्ष में कारण दीजिए।
    उत्तर : राजनीतिक सिद्धांतों का अध्धयन कुछ पहलुओं में गणित के सामान है | यह पूर्ण रूप से गणित पर आधारित नहीं है क्योंकि राजनीतिक एक कथन है जो कुछ तथ्यों पर आधारित है राजनितिक सिद्धात परिकल्पना का परिक्षण करता है यह एक तार्किक और विवेकी है | यह गुण समस्याओं और गणित समकिरणों में दिखाई देता है | 

  • अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :- 

    प्रश्न1: राजनीतिक सिद्धांत क्या है ?
    उत्तर : राजनीतिक सिद्धांत यूनानी भाषा के शब्द 'थेरियो' से लिया गया है जिसका अर्थ होता है पकड़ना (जानना ) या किसी वस्तु को समझाना |
    राजनीतिक सिद्धांत विज्ञान व दर्शन का महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह सामान्यीकरण और निर्णय पर आधारित है तथा यह राजनितिक घटना, राजनितिक व्यवस्था और उसका विश्लेषण है | यह सिद्धांत निश्चित रूप से समाज के लोगों के लिए है जिससे समाज के लोगों को समर्थन और स्वीकृति प्राप्त होती है|
    डैविड हेल्ड के अनुसार 
    राजनितिक सिद्धांत संकल्पना का जटिल जाल है और राजनितिक जीवन के बारे में सामान्यीकरण है | इसके अंतर्गत विचार अवधारणा और कथन स्वभाव, उद्देश्य और सरकार की महत्वपूर्ण विशेषतायें, राज्य और समाज के बारे में तथा मानव जाति के विषय में होता है |

    प्रश्न: 2. राजनीति क्या है ? 
    उत्तर : राजनीति एक प्रकार की जनसेवा है । राजनीति से जुड़े अन्य लोग राजनीति को दावपेंच से जोड़ते हैं तथा आवश्यकताओं और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के कुचक्र में लगे रहते हैं। कई अन्य लोगो के लिए राजनीति वही है जो राजनेता करते है । अगर वे राजनेताओं के दल-बदल करते, झूठे वायदे और बढ़े-चढ़े दावे करते, विभिन्न तबकों से जोड़तोड़ करते, निजी या सामूहिक स्वार्थ में निष्ठुरता से हिंसा पर उतारू होता देखता है तथा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जब हम हर संभव तरीके से अपने स्वार्थ को साधने में लगे लोगों को देखते हैं, तो हम कहते हैं कि वे राजनीति कर रहे हैं।
    महात्मा गांधी के अनुसार, राजनीति ने हमें सांप की कुडली की तरह जकड़ रखा है और इससे जूझने के सिवाय कोई अन्य रास्ता नहीं है। राजनीतिक संगठन और सामूहिक निर्णय के किसी ढाँचे के बगैर कोई भी समाज जिन्दा नहीं रह सकता है ।
    उदारहण के लिए , यदि हम एक क्रिकेटर को टीम में बने रहने के लिए जोड़तोड़ करते या किसी सहपाठी को अपने पिता की हैसियत का उपयोग करते अथवा दफ्तर में किसी सहकर्मी को बिना सोचे समझे बॉस की हाँ में हाँ मिलाते देखते हैं, तो हम कहते हैं कि वह ‘गंदी’ राजनीति कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति का संबंध किसी भी तरीके से निजी स्वार्थ साधने के धंधे से जुड़ गया है।

    प्रश्न: 3. एक अच्छे सिद्धांत के मुख्य लक्षण क्या है ?
    उत्तर : एक अच्छे सिद्धांत के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है :-
    (i) सिद्धांत को औचित्यपूर्ण होना चाहिए |
    (ii) सिद्धांत काल्पनिक नहीं होना चाहिए |
    (iii) इसे समाज का समर्थन प्राप्त होना चाहिए |
    (iv) इसे उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए |
    (v) सिद्धांत को वैज्ञानिक विधियों पर आधारित होना चाहिए |
    (vi) इसे विशिष्ट प्रकार का होना चाहिए |

    प्रश्न:
    4. राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ क्या है तथा इस सिद्धांत की उपयोगिता का विवेचन कीजिए | 
    उत्तर राजनीतिक सिद्धांत यूनानी भाषा के शब्द 'थेरियो' से लिया गया है जिसका अर्थ होता है पकड़ना (जानना ) या किसी वस्तु को समझाना | राजनीतिक सिद्धांत विज्ञान व दर्शन का महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह सामान्यीकरण और निर्णय पर आधारित है तथा यह राजनितिक घटना, राजनितिक व्यवस्था और उसका विश्लेषण है |
    राजनितिक सिद्धांत का अध्धयन हमारे लिए निम्नलिखित कारणों से उपयोगी है :-
    (i) राजनितिक सिद्धांत एक समाज को राजनीति दिशा प्रदान करता है |
    (ii) राजनीति सिद्धांत समाज को बदलता है |
    (iii) राजनीति सिद्धांत समाज को गतिशील एयर आंदोलनकारी बनाता है |
    (iv) राजनीति सिद्धांत समाज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा का कार्य करता है |
    (v) ये सिद्धांत समाज में सुधार लाने का कार्य करता है |
    (vi) राजनीति सिद्धांत सामान्यीकरण , साधन और अवधारणा प्रदान करता है जो समाज में प्रभावी प्रवृतियों को समझाने में सहायता करता है |
    (vii) राजनितिक सिद्धात राजनितिक विचार और संस्थाओं के मौलिक ज्ञान को प्राप्त करने में सहायता करते है |

    प्रश्न: 5. राजनीति का जन्म किस तथ्य से हुआ है? 
    उत्तर : राजनीति का जन्म इस तथ्य से होता है कि हमारे और हमारे समाज के लिए क्या उचित
    एवं वांछनीय है और क्या नहीं। इस बारे में हमारी दृष्टि अलग-अलग होती है। इसमें समाज में चलने वाली बहुविध वार्ताएँ शामिल हैं, जिनके माध्यम से सामूहिक निर्णय किए जाते हैं।

    प्रश्न: 6. राजनीति की गाँधीवादी सिद्धांत की प्रमुख विशेषतायें और लक्षण क्या है ?
    उत्तर : गाँधी जी एक महान विचारक और सिद्धांतवादी माने जाते है उनके सिद्धांत का औचित्य आज केवल भारत के नहीं , बल्कि सम्पूर्ण विश्व में है | गाँधी जी के सिद्धांतों का औचित्य पहले की अपेक्षा आज अधिक है | गाँधी जी ने अनेक सामजिक बुराइयों, जातिवाद,सम्प्रदायवाद और अस्पृश्यता के खोखलेपन की व्याख्या की| अपने उपागम में वे मार्क्स के अधिक निकट है उन्होंने राज्य की हटाने की भी वकालत की क्योंकि वे राज्य को एक मशीनी संस्था मानते थे | वे आज के राज्य के भी विरोधी थे | गाँधी का दर्शन सत्य . अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित है | इन शास्त#2381;रों के द्वारा उन्होंने भारत को आज़ाद कराया |  

    प्रश्न: 6. मार्क्सवादी सिद्धांत की विवेचना कीजिए | 
    उत्तर : कार्ल मार्क्स ने अपने पुस्तक 'दास कैपिटल ' में अपने सिद्धांतों का उल्लेख किया है जिसमे पूंजीवादी प्रथा की उत्पति और विकास का विश्लेष
    ण किया है | इसमें उसने राज्य की भूमिका भी बताई है | इस सिद्धांत के निम्नलिखित तत्व है :-
    (i) दो वर्गीय सिद्धांत - मार्क्स के अनुसार समाज दो वर्ग में बटा है -(i) शोषक वर्ग और (ii) शोषित वर्ग |
    (ii) वर्ग संघर्ष का सिद्धांत - इन दोनों वर्गों में निरन्तर संघर्ष होता रहता है और आज भी जारी है |
    (iii) इतिहास की आर्थिक व्याख्या - मार्क्स मानता है कि इतिहास शोषक और शोषित वर्ग के बीच का ब्यौरा है ण कि राजाओं के संघर्ष की |
    (iv) साम्यवाद की स्थापना - इसक तात्पर्य है जाति विहीन,वर्गविहीन, और राज्यविहीन समाजं की स्थापना है |
    (v) अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत - मार्क्स वादी यह प्रमाणित करता है कि पूंजीवादी और श्रमिकों के बीच अंतर अतिरिक्त मूल्य के कारण है |

    प्रश्न: 7. परम्परागत और अपरम्परागत राजनितिक सिद्धांत में अंतर स्पष्ट कीजिए |
    उत्तर : परम्परागत और अपरम्परागत राजनितिक सिद्धांत में अंतर
    परम्परागत राजनितिक सिद्धांत:- 
    (i) यह संस्थगत होता है |
    (ii) यह वर्णात्मक होता है |.
    (iii) यह विषयनिष्ठ होता है |
    (iv) यह मूल्य पर आधारित होता है |
    (v) यह दार्शनिक क़ानूनी और सुधारात्मक होता है |
    (vi) यह परिकल्पनात्मक होता है |
    अपरम्परागत राजनितिक सिद्धांत :- 
    (i) यह वैज्ञानिक है |
    (ii) यह संकेतात्मक है |
    (iii) यह विश्लेषनात्मक होता है |
    (iv) यह तथ्यों पर आधारित होता है |
    (v) यह अंतविर्शयी है |
    (vi) यह वस्तुनिष्ठ है | 
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FAQs on NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत - एक परिचय , कक्षा 11, गणित - Humanities/Arts

1. कक्षा 11 गणित के NCERT Solutions क्या हैं?
उत्तर: NCERT Solutions कक्षा 11 में गणित के लिए एक पाठ्यक्रम हैं जो छात्रों के लिए विभिन्न प्रश्नों के विवरण और समाधान प्रदान करता है। इन नोट्स का उपयोग कक्षा 11 की गणित परीक्षा की तैयारी के लिए किया जा सकता है।
2. क्या NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत के लिए उपयोगी हैं?
उत्तर: हां, NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत के लिए उपयोगी हैं। यह छात्रों को विभिन्न राजनीतिक सिद्धांतों के बारे में ज्ञान प्रदान करता है और परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें अद्यतन और सही समाधान प्रदान करता है।
3. NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत कक्षा 11 के छात्रों के लिए कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर: NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत कक्षा 11 के छात्रों के लिए उपयोगी हैं क्योंकि इनमें विभिन्न प्रश्नों के समाधान, महत्वपूर्ण टॉपिक कवर किए गए हैं और परीक्षा की तैयारी के लिए विस्तृत और सही जवाब प्रदान किए गए हैं। छात्र इनमें दिए गए उदाहरणों का उपयोग कर राजनीतिक सिद्धांतों को बेहतर से समझ सकते हैं।
4. NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर: NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये छात्रों को राजनीतिक सिद्धांतों को समझने में मदद करते हैं और उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करते हैं। इन समाधानों का उपयोग करके छात्र अधिकांश प्रश्नों के सही उत्तर जान सकते हैं और अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
5. क्या NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत कक्षा 11 के छात्रों के लिए निःशुल्क हैं?
उत्तर: हां, NCERT Solutions राजनीतिक सिद्धांत कक्षा 11 के छात्रों के लिए निःशुल्क हैं। छात्र इन्हें इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध कर सकते हैं और अपनी पढ़ाई के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं।
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