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अनेकार्थक शब्द, समानार्थक शब्द और प्रयोगगत अन्तर | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

अनेकार्थक शब्द


शब्द   -  अर्थ

अंनत - विष्णु, शेषनाग, आकाश

अक्ष - आँख, सूर्य, ज्ञान, रूद्राक्ष

अम्बर - आकाश, अभिप्राय

अर्थ - धन, प्रयोजन, अभिप्राय

इन्दु - चंद्रमा, कपूर

उग्र - उत्कट, क्रोधी, कठिन, विष्णु

उत्तर - जवाब, उत्तर दिशा, प्रतिवचन

उमा - दुर्गा, शांति, कांति, कीर्ति

कर - हाथ, सँड, किरण, राज्यकर

कर्ण - कान, काम, समकोण

कहल - विवाद, तलवार की म्यान

कल - सुदंर, मधुर ध्वनि

काल - समय, मुहूर्त, अवसर, यम, युग

कल्प - उपाय, प्रलय, प्यास, सूर्य

कृष्ण - वासुदेव-पुत्रा, काल कलियुग

केश - किरण, विश्व, बाल, विष्णु

क्रिया - व्यवहार, कार्य, शपथ, श्राद्ध

क्षत्रा - बल, राष्ट, धन, शरीर, जल

गति - चाल, मोक्ष

गौ - गाय, वाणी, सूर्य, चंद्रमा

चपला - लक्ष्मी, बिजली

चारा - घास, उपाय

चश्मा - ऐनक, झरना

जगत - संसार, टेक, वायु, शंकर

जीवन - प्राण, परमेश्वर, जल, मक्खन

ताल - जलाशय, ताड़

दक्षिण - सरल, अनुकूल, चतुर, उदार

द्वन्द्व - जोड़, रहस्य, कलह

निर्वाण - मृत्यु, मोक्ष, संगम, विश्राम

नीलकंठ - शंकर, मोर

पक्ष - पंख, बल, मित्रा, दल, समूह

पट - वस्त्रा, यवनिका, किवाड़

पद - पाँव, चिन्ह्, स्थान

प्रकृति - स्वभाव, धर्म, गुण, माया, योनि

प्रसव -    जन्म, फल, पूफल

पफल - लाभ, परिणाम, चर्म, ढ़ाल

बलि - नैवेद्य, चढ़ावा, राजा बलि

बीर - वीर, बहादुर, भाई, सखी

मद - घमंड, हर्ष, उन्माद, शराब

मल - मैल, कप़फ, पाप, विकाल, शुद्र

मा - माता, लक्ष्मी, मान, माप

मित्रा - दोस्त, प्रिय, सूर्य

योग - जोड़, युक्ति, विधन, सूत्र

लिंग - चिन्ह, प्रमाण, पुरूष

शंकू - बाण, कील, भाला, पाप, हंस

श्री - छह रागों में एक, लक्ष्मी, यश

सिला - इनाम, बदला, शिला

हर - महादेव, अग्नि, ग्रहण

हरिण - मृग, शिव, विष्णु, सूर्य, भूरा


समानार्थक शब्द और उनका प्रयोगगत अन्तर


अध्ययन समान्य रूप से पढ़ना

अनुशीलन विषय का गहन अध्ययन

अधर्म ऐसा कार्य जो धर्म के प्रतिकूल हो

अन्याय कानून के विरूद्ध कार्य

अज्ञान जिसमें ज्ञान का अभाव हो

अनभिज्ञ जिसमें अनुभव का अभाव हो

अज्ञात जो ज्ञात न हो, किन्तु जाना जा सकता हो

अज्ञेय जो जाना ही न जा सके

अनुभव कर्मेंद्रियों से प्राप्त बाहरी ज्ञान

अनुभूति ज्ञानेन्द्रियों से प्राप्त आतंरिक ज्ञान

अन्वेषण अज्ञात वस्तु, पदार्थ या स्थान आदि की जानकारी प्राप्त करना

अनुसंधन प्रकट तथ्यों में से कतिपय छिपे तथ्यों की छानबीन करना

अणु एकाधिक परमाणुओं के योग से बनने वाला पदार्थ

परमाणु पदार्थ का वह सबसे छोटा भाग जिसके टुकड़े न किये जा सकते हों

अभिमान अपने आप को उफँचा समझना

घमंड अपने को बड़ा और दूसरों को छोटा समझना

अंहकार झूठा घमंड, आवश्यकता से अधिक निजत्व की भावना

दर्प नियम की अवहेलना करके घमण्ड करना

गर्व धन, विद्या और सौन्र्दय आदि का यथोचित और यथावश्यक अभिमान

आवश्यकता ऐसी वस्तु की इच्छा जो किसी भी प्रकार से प्राप्त की जा सके

इच्छा ऐसी कल्पनाएँ जिनका पूर्ण होना जरूरी नहीं है

अनुराग वस्तुओं के प्रति निःस्वार्थ प्रेम

आसक्ति किसी वस्तु के प्रति विशेष मोह

आग्रह अधिकार भावना से तुष्ट याचना 

अनुरोध् नम्रतापूर्वक याचना करना

आशा पुण्य और आदरणीय व्यक्तियों द्वारा दिया गया कार्य-निर्देंश

आदेश अधिकारी व्यक्ति द्वारा दिया गया निर्देंश

आधि मानसिक कष्ट

व्याधि शारीरिक कष्ट

आशंका वह मानसिक संशय जिसे किसी अभद्र घटना के होन की भयमिश्रित शंका हो

भय मन की व्याकुलता जिससे अन्ष्टि की सम्भावना हो

अपमान किसी की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाना

अवमान अनजाने में किसी की प्रतिष्ठज्ञ को हानि पहुँचाना

अवस्था शीघ्र ही परिवर्तित होने वाली स्थिति

आयु समय, उम्र, पूरा जीवन

अगम जहाँ पहुँचा ना जा सके

दुर्गम जहाँ पहुँचना कठिन हो

अद्वितीय जिसके समान दूसरा न हो 

अनुपम जिसकी तुलना या उपमा न हो

अस्त्रा वह हथियार जो पेककर चलाया जा सके

शस्त्रा वह हथियार जो हाथ से पकड कर चलाया जा सके

असम्य जो प्राप्त न किया जा सके

दुष्प्राप्य जो कठिनाई से प्राप्त किया जा सके

आयाम वह कठोर श्रम जिससे थकावट हो

अर्पण जो छोटे बड़ों को देते हैं

प्रदान जो बड़े छोटों को देते हैं

अध्यक्ष किसी संस्था, परिषद का प्रधन व्यक्ति जिसका पदस्थायी हो

सभापति किसी गोष्ठी अथवा सभी का अस्थायी प्रधान

अलोचना गुण दोषों का वर्णन करना

समीक्षा गुण दोषों के विषय में टीका-टीप्पणी करना

आराध्ना मनोगत आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु आराधय का पूजन

उपासना उपवास और पूजा करना जिससे इष्टदेव की कृपा प्राप्त की जा सके

अनुग्रह किसी के प्रति प्रकट भाव

अनुकंपा किसी को कष्ट में देखकर दया से भर उठना

आशा किसी वस्तु की प्राप्ति की इच्छा 

विश्वास पूरा भरोसा

अलौकिक जो सांसरिक नहीं हो

असाधरण जो साधरण से अधिक हो और विशिष्ट हो, किन्तु अलौकिक न हो

आचार वैयक्तिक आचरण

व्यवहार सामाजिक आचरण

आह्मद तीव्र, किन्तु क्षणिक मानसिक आनंद

आमोद क्षणिक प्रसन्नता देने वाली इन्द्रिय क्रीड़ा

आमोद क्षणिक प्रसन्नता देने वाली इन्द्रिय क्रीड़ा

अज्ञ स्वाभाविक ज्ञान से शून्य व्यत्तिफ

अनभिज्ञ किसी विशिष्ट अनुभव से शून्य व्यक्ति

आंतक बलशाली के अन्याय से उत्पन्न भय

वास डर से उत्पन्न हुई व्याकुलता की भावना

आगामी आने वाला

अनुमान बौद्धिक तर्कणा से किया गया निश्चय या निर्णय

प्राक्ककलन वह निर्णय या निश्चय जो गणना के सहारे किया गया हो

अनुमोदन किसी कार्यवाही या कथन पर सहमत होना

स्वीकृति किसी प्रस्ताव को स्वीकारना

अस्वीकृति किसी दावे को नामंजूर करना

प्रतिबंध किसी का खण्डन करना

अपराध वह कार्य जो विधि-कानून के विरूद्ध हो

पाप धर्म और आचरण विषयक नियमों की अवहेलना

अपयश ऐसी बदनामी जो यश प्राप्त करने के बाद में होती है

कलंक समाज विरोधी आचरण करने पर मिली बदनामी

ह्रास कीमत में हुई गिरावट

क्षीणता किसी वस्तु का अपनी सामान्य स्थिति से भी घट जाना

संस्कृति आध्यात्मिक, अनुशासनात्मक और सूक्ष्म व्यवहार

सभ्यता भौतिक और स्थूल व्यवहार

सृजन निर्माण करना

उत्पादन उत्पन्न करना

शाश्वत जो वस्तु नष्ट न हो सके

स्थित स्वयं के स्थान पर ही खड़ा होना

स्थिर वह जो अपने नियमों से हटे नहीं 

समय काल विशेष

अवधि समय की निश्चित सीमा

शोक किसी प्रिय या स्वजन की अनुपस्थिति में उत्पन्न पीड़ादायक भाव

विषाद शोक की चरम सीमा

ईर्ष्या दूसरों की उन्नति को सहन न कर पाने के कारण उत्पन्न भाव

द्वेष शत्राुता के कारण मन में उत्पन्न विरोध्ी भाव

उत्तेजना किसी के द्वारा ज्यादती किये जाने पर उत्पन्न भाव

उत्साह सत्कार्य के संपादनार्थ उत्पन्न उल्लास

भक्ति ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ और स्थायी भाव

श्रद्धा पूज्य व्यक्तियों के प्रति उनके गुणों के कारण उत्पन्न आदर सूचक भावना,

उद्दण्ड वह व्यक्ति जो दण्ड से भी नहीं डरता है

उच्छृंखला नियमवद्ध न होना

प्रगाति साधरण रूप से विकास करना

उन्नति उपर उठते हुए विकास करना

उपकरण किसी कार्य को करने वाला यंत्रा

उपादान किसी वस्तु को तैयार करने का सामान

उपहार बराबर वालों को सप्रेम प्रदत्त वस्तु 

भेंट बड़ों को दी जाने वाली वस्तु

पौरूष वीरोचित कार्य करने की शक्ति

ओज आतंरिक गुण जो वीरभावों से प्रेरित हो

मुनि तत्व चिन्तक एवं धर्मिक तत्वों का विश्लेषणकत्र्ता

ऋषि मंत्राद्रष्टा और आध्यात्मिक तत्वों को विश्लेषणकत्र्ता

उद्देश्य अंतिम लक्ष्य

ध्येय जिस पर दृष्टि केन्द्रित हो

औषधलय औषध्यिाँ रखने का स्थान

चिकित्सालय रोगों और रोगियों की चिकित्सा करने का स्थान

कार्य कोई भी सामान्य कार्य

कर्त्तव्य वह कार्य जिसे करने के लिए नैतिक बंधन हो

काल समय की वह सत्ता जिससे भूत, वत्र्तमान और भविष्य का बोध होता हो

युग समय की लम्बी सीमा

विख्यात अच्छे कार्यों के लिए प्रसिद्धि

कुख्यात बुरे कार्यों के लिए प्रसिद्धि

सहयोग वह क्रिया जिसमें दोनों पक्ष बराबर योगदान देते हैं

सहायता वह क्रिया जिसमें केवल एक ही पक्ष संक्रिय होता है

अभिनेता अभिनय करने वाला व्यक्ति

पात्र नाटक या एकांकी के मूल चरित्र

जानना वस्तुस्थिति का प्रत्यक्षीकरण

समझना वस्तुस्थिति का कार्य-कारण परम्परा से अवगत होना

सूक्ष्म इतना छोटा होना कि दिखाई ही न दे 

संक्षिप्त छोटा

उपयोग किसी वस्तु का लाभ उठाते हुए उसे काम में लाना

प्रयोग किसी वस्तु को साधरण ढंग से काम में लाना

चतुर होशियार 

चालाक अपने कार्य को सिद्ध करने में निपुण

कुशल प्रकृति प्रदत्त योग्यता वाला व्यक्ति

निपुण प्रयत्न से ही प्राप्त योग्यता वाला व्यक्ति

सहानुभूति दूसरों के दुख-सुख को अपना समझना

संवेदना दूसरों को दुखी देखकर दुख प्रकट करना

मन संकल्प-विकल्प से मुक्त होता है

चित्त बातों का स्मरण-विस्मरण करने वाला

बुद्धि कार्यों का निश्चय करने वाली, निर्णय लेने वाली शक्ति

ग्रंथ बड़ी और महत्त्वपूर्ण पुस्तक

पुस्तक सभी साधरण पुस्तकें

प्रेम बराबर वालों से किया जाने वाला प्यार 

प्रणय नर नारी के मध्य प्रेम

स्नेह छोटों के प्रति बड़ों का प्रेम

मन्त्रणा गुप्त रीति से किसी विश्वदूत के कत्र्तव्य का निर्धारण

परामर्श परिणाम का पूर्ण रूप से विचार करके दिया गया मत

विलाप शोक के कारण होने वाले उद्वार

प्रलाप अध्कि शोकावेग में संज्ञाहत

संलाप वार्तालाप

शिक्षा पढ़ाने या सिखाने का कार्य

दीक्षा आचार्य द्वारा दिया गया मंत्र, उपदेश

मृत्यु जन सामान्य की मौत के लिए शब्द

निध्न महापुरूषों व विशिष्ट व्यक्तियों की मौत पर प्रयुक्त शब्द

प्रणाम अपने से बड़ों को किया गया नमन

नमस्कार अपने बराबर वालों को किया गया नमन

पुराना जो ताजा व नवीन न हो

प्राचीन अत्यंत पुराना

तन्द्रा उंघना, नींद की अर्द्ध अवस्था

निन्द्रा गहरी नींद में रहना या सोना

अशिक्षित विचारों से पिछड़ा व्यक्ति

निरक्षर वह व्यक्ति जो न तो पढ़ना जानता हो और न ही लिखना

चेष्टा किसी कार्य के लिए किया गया साधारण प्रयत्न

प्रयास सफलता की विशेष आशा से किया गया प्रयत्न

चिन्ह निशान

लक्षण विशेषताएँ

भाव्य किसी रचना की विशेष विवेचनात्मक व्याख्या

टीका किसी पद्य का सामान्य अर्थ करने वाली प(ति

तट नदी या समुद्र का किनारा

तीर पृथ्वी का वह छोर जिसे जल स्पर्श करता है

संघर्ष दो से अध्कि व्यक्तियों का टकराव

द्वन्द्व दो व्यक्तियों या वस्तुओं का टकराव

नायिका कहानी, उपन्यास, नाटक की प्रधन स्त्राी पात्रा

अभिनेत्राी नाटक या सिनेमा में अभिनय करने वाली स्त्राी

परिक्षक योग्यता की जाँच करने वाला व्यक्ति

निरीक्षक व्यवस्था की देख-रेख करने वाला व्यक्ति

पारितोषिक प्रतियोगिता में विजय होने पर दिया जाने वाला इनाम

पुरस्कार किसी व्यक्ति के अच्छे कार्य या अच्छी सेवा पर दिया गया इनाम

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FAQs on अनेकार्थक शब्द, समानार्थक शब्द और प्रयोगगत अन्तर - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. क्या दूसरे अनेकार्थक शब्द 'समानार्थी शब्द' होते हैं?
उत्तर: हां, दूसरे अनेकार्थक शब्द 'समानार्थी शब्द' होते हैं। ये उन शब्दों के रूप में होते हैं जिनका अर्थ और शब्दार्थ एक जैसा होता है। इन शब्दों का प्रयोग भाषा को विविधता और रंगीनीता प्रदान करने के लिए किया जाता है।
2. अनेकार्थक शब्दों का प्रयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: अनेकार्थक शब्दों का प्रयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हम अपनी भाषा को व्यापक रूप से विकसित कर सकते हैं। ये शब्द व्यक्ति को विभिन्न विचारों और अनुभवों को समझने और व्यक्त करने में मदद करते हैं। इससे भाषा की समृद्धता और सौंदर्य बढ़ता है।
3. विभिन्न भाषाओं में अनेकार्थक शब्दों की संख्या में अंतर होता है क्या?
उत्तर: हां, विभिन्न भाषाओं में अनेकार्थक शब्दों की संख्या में अंतर होता है। यह भाषा के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित होता है। भाषा के विभिन्न प्रांतों और समुदायों में भी इसका अंतर हो सकता है।
4. समानार्थक शब्दों का प्रयोग किस लेख में अधिक महत्वपूर्ण होता है?
उत्तर: समानार्थक शब्दों का प्रयोग विभिन्न प्रकार के लेखों में महत्वपूर्ण होता है। यह वाणिज्यिक, विज्ञानिक, मेडिकल, और सामाजिक लेखों में खासकर महत्वपूर्ण होता है। समानार्थक शब्दों का प्रयोग लेख को समझने और पठने में मदद करता है।
5. किस कारण लोग किसी शब्द की समानार्थी खोज करते हैं?
उत्तर: लोग किसी शब्द की समानार्थी खोज करते हैं क्योंकि वे उस शब्द का विस्तारित अर्थ समझना चाहते हैं या उसे वाक्य में उपयोग करना चाहते हैं। समानार्थी शब्दों की खोज उन्हें अधिक व्यापक शब्दावली और व्यापक संवाद का अवसर प्रदान करती है।
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