Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)  >  Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन

Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) PDF Download

गद्यांशों पर आधारित अति लघूत्तरीय एवं लघु उत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

1. बचपन की स्मृतियों में एक विचित्र-सा आकर्षण होता है। कभी-कभी लगता है, जैसे सपने में सब देखा होगा। परिस्थितियाँ बहुत बदल जाती हैं।

अपने परिवार में मैं कई पीढ़ियों के बाद उत्पन्न हुई। मेरे परिवार में प्रायः दो सौ वर्ष तक कोई लड़की थी ही नहीं। सुना है, उसके पहले लड़कियों को पैदा होते ही परमधाम भेज देते थे। फिर मेरे बाबा ने बहुत दुर्गा पूजा की। हमारी कुल-देवी दुर्गा थीं। मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है। परिवार में बाबा फारसी और उर्दू जानते थे। पिता ने अंग्रेजी पढ़ी थी। हिन्दी का कोई वातावरण नहीं था।

प्रश्न (क) विचित्र-सा आकर्षण किसमें होता है ? वह कैसा होता है ?
उत्तरः विचित्र आकर्षण बचपन की स्मृतियों में होता है। विचित्र आकर्षण में कभी-कभी लगता है, जैसे सपने में सब देखा होगा। परिस्थितियाँ बहुत बदल जाती हैं।

प्रश्न (ख) लेखिका के परिवार का वातावरण कैसा था ? 
उत्तरः लेखिका के परिवार में बाबा फारसी और उर्दू जानते थे। पिता ने अंग्रेजी पढ़ी थी। उनके परिवार में हिन्दी का कोई वातावरण नही था।
प्रश्न (ग) ‘परमधाम भेजे जाने’ का तात्पर्य लिखिए । 
उत्तरः ‘परमधाम भेजे जाने’ का तात्पर्य है-मार डालना।
अथवा

बचपन की .............................................................................................. नहीं था

प्रश्न (क) बचपन की स्मृतियाँ कैसी होती हैं एवं क्यों ? 
उत्तरः बचपन की स्मृतियाँ विचित्र सपनों जैसी होती हैं, जिनमें बहुत आकर्षण होता है। बचपन में मन में किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं होता इसलिए वे स्मृतियाँ आकर्षक होती हैं।

प्रश्न (ख)पुराने समय में कन्या के जन्म पर क्या होता था एवं क्यों ? 
उत्तरः पुराने समय में कन्याओं को अशुभ मानकर पैदा होते ही मार दिया जाता था।

प्रश्न (ग) लेखिका के परिवार में हिन्दी का वातावरण कौन लाया था ? 
उत्तरः लेखिका के परिवार में उसकी माँ ही हिन्दी का वातावरण लाई थीं क्योंकि लेखिका के बाबा फारसी और उर्दू जानते थे जबकि पिताजी ने अंग्रेजी पढ़ी थी।
अथवा
बचपन की ......................................................................................... नह° था।

प्रश्न (क) लेखिका को क्या नहीं सहना पड़ा ? 
उत्तरः लेखिका को अपनी पूर्व कन्याओं की पीढ़ि के समान लड़का-लड़की के बीच किए जाने वाला, लड़की होने का भेदभाव नहीं सहना पड़ा।

प्रश्न (ख) किसके बचपन की स्मृतियों की बात हो रही है ? वे स्मृतियाँ कैसी है ? 
उत्तरः यहाँ महादेवी के बचपन की स्मृतियों की बात हो रही है। वे सपने के समान विचित्र आकर्षण वाली हैं।

प्रश्न (ग) लेखिका के बाबा ने किसकी पूजा की ? 
उत्तरः लेखिका के बाबा ने दुर्गा की पूजा की।

2. बाबा कहते थे, इसको हम विदुषी बनाएँगे, मेरे सम्बन्ध में उनका विचार बहुत ऊँचा रहा। इसलिए ‘पंचतंत्र’ भी पढ़ा मैंने, संस्कृत भी पढ़ी। ये अवश्य चाहते थे कि मैं उर्दू-फारसी सीख लूँ, लेकिन वह मेरे वश की नहीं थी। मैंने जब एक दिन मौलवी साहब को देखा तो बस, दूसरे दिन मैं चारपाई के नीचे जा छिपी। तब पंडित जी आए संस्कृत पढ़ाने। माँ थोड़ी संस्ड्डत जानती थीं। गीता में उन्हें विशेष रुचि थी। उसके उपरांत उन्होंने मिशन स्कूल में रख दिया मुझको। मिशन स्कूल में वातावरण दूसरा था, प्रार्थना दूसरी थी। मेरा मन नहीं लगा। वहाँ जाना बंद कर दिया। जाने में रोने-धोने लगी। तब उन्होंने मुझको क्रास्थवेट गल्र्स काॅलेज में भेजा, जहाँ मैं पाँचवे दर्जे में

भर्ती हुई।

प्रश्न (क) लेखिका के बाबा उन्हें क्या बनाना चाहते थे ? इसके लिए वह लेखिका को क्या सिखाना चाहते थे ? 
उत्तरः लेखिका के बाबा उन्हें विदुषी बनाना चाहते थे। इसके लिए वे लेखिका को उर्दू-फारसी सिखाना चाहते थे।

प्रश्न (ख) मौलवी साहब को देखकर लेखिका ने क्या किया और क्यों?
उत्तरः मौलवी साहब को देखकर लेखिका चारपाई के नीचे जा छिपीं क्योंकि उर्दू-फारसी सीखना उनके वश की बात नहीं थी।

प्रश्न (ग) मिशन स्कूल से निकालकर लेखिका को कहाँ व किस दर्जे में भर्ती किया गया ? 
उत्तरः मिशन स्कूल से निकालकर लेखिका को क्रास्थवेट गल्र्स काॅलेज में पाँचवें दर्जे में भर्ती किया गया।

प्रश्न (क) प्रस्तुत गद्यांश में किस नगर की चर्चा की गई है ? वह समय किसके प्रचार-प्रसार का था ? 
उत्तरः प्रस्तुत गद्यांश में इलाहाबाद नगर की चर्चा की गई है। वह समय हिन्दी के प्रचार-प्रसार का था।

प्रश्न (ख) लेखिका किस सन् में इलाहाबाद आयीं और उसके पश्चात् क्या आरम्भ हो गया था ? 
उत्तरः लेखिका सन् 1917 में इलाहाबाद आयीं और उसके पश्चात् महात्मा गाँधी का सत्याग्रह आरम्भ हो गया।

प्रश्न (ग) आनन्द भवन किसका केन्द्र बन गया था ? 
उत्तरः आनन्द भवन स्वतन्त्रता के संघर्ष का केन्द्र बन गया था।

3. वहाँ छात्रावास के हर एक कमरे में हम चार छात्राएँ रहती थीं। उनमें पहली ही साथिन सुभद्रा कुमारी मिलीं। सातवें दर्जे में वे मुझसे दो साल सीनियर थीं। वे कविता लिखती थीं और मैं भी बचपन से तुक मिलाती आई थी। बचपन में माँ लिखती थीं, पद भी गाती थी। मीरा के पद विशेष रूप से गाती थीं। सवेरे ”जागिए ड्डपानिधान पंछी बन बोले“ यह सुना जाता था। प्रभाती गाती थीं शाम को मीरा का कोई पद गाती थीं। सुन-सुनकर मैंने भी ब्रजभाषा में लिखना आरम्भ किया। यहाँ आकर देखा कि सुभद्रा कुमारी जी खड़ी बोली भी जानती थीं। मैं

भी वैसा ही लिखने लगी।

प्रश्न (क) महादेवी जी ब्रजभाषा से खड़ी बोली में क्यों लिखने लगीं ? 
उत्तरः सुभ्रदा जी खड़ी बोली भी जानती थीं अतः महादेवी जी सुभद्रा कुमारी चैहान से प्रभावित होकर ब्रजभाषा से खड़ी बोली में लिखने लगीं।

प्रश्न (ख) छात्रावास में महादेवी जी को कौन मिलीं ? वे किस कक्षा में पढ़ती थीं ? 
उत्तरः छात्रावास में महादेवी जी को सुभद्राकुमारी चैहान मिलीं। वे महादेवी जी से दो साल सीनियर थी और सातवीं कक्षा में पढ़ती थीं।

प्रश्न (ग) बचपन में महादेवी जी के लेखन पर सबसे ज्यादा किसकी छाप थी? 
उत्तरः बचपन में महादेवी के लेखन पर सबसे ज्यादा छाप उनकी माँ की थी।
अथवा
वहाँ छात्रावास ....................................................................................................... लिखने लगी

प्रश्न (क) सुभद्रा कुमारी क्या किया करती थी ? वे कौन-सी बोली भी जानती थीं ? 
उत्तरः सुभद्रा कुमारी कविता लिखा करती थीं। वे खड़ी बोली भी जानती थीं।

प्रश्न (ख) लेखिका की माता जी की बचपन से किसमें रुचि थी ? 
उत्तरः लेखिका की माँ की बचपन से लेखन के साथ गायन और विशेषतः मीराबाई के पदों के गायन में रुचि थी

प्रश्न (ग) प्रभाती का तात्पर्य लिखिए । 
उत्तरः प्रभाती से तात्पर्य है-सुबह को गाया जाने वाला गीत।

4. एक दिन उन्होंने कहा, ‘महादेवी तुम कविता लिखती हो ?’ तो मैंने डर के मारे कहा, ‘नहीं।’ अंत में उन्होंने मेरी डेस्क की किताबों की तलाशी ली और बहुत-सा निकल पड़ा उसमें से। तब जैसे किसी अपराधी को पकड़ते हैं, ऐसे उन्होंने एक हाथ में कागज लिए और एक हाथ से मुझको पकड़ा और पूरे हाॅस्टल में दिखा आईं कि ये कविता लिखती है। फिर हम दोनों की मित्रता हो गई। क्रास्थवेट में एक पेड़ की डाल नीची थी। उस डाल पर हम लोग बैठ जाते थे।

प्रश्न (क) सुभद्रा कुमारी ने महादेवी जी से क्या प्रश्न किया और महादेवी ने उसका क्या उत्तर दिया ? 
उत्तरः सुभद्रा कुमारी ने महादेवी जी से प्रश्न किया कि ‘क्या वह कविता लिखती हैं ?’ महादेवी जी ने उसका उत्तर ‘नहीं’ में दिया।

प्रश्न (ख) सुभद्रा कुमारी ने महादेवी की डेस्क की तलाशी क्यों ली ? 
उत्तरः सुभद्रा कुमारी ने महादेवी द्वारा लिखी गई कविताएँ खोजने और उनका झूठ पकड़ने के लिए उनकी डेस्क की तलाशी ली।

प्रश्न (ग) गद्यांश में वर्णित छात्रावास कहाँ था ? 
उत्तरः गद्यांश में वर्णित छात्रावास क्रास्थवेट गल्र्स काॅलेज में था।

5. उस समय एक पत्रिका निकलती थी-‘स्त्री दर्पण’ उसी में भेज देते थे। अपनी तुकबंदी छप भी जाती थी। फिर यहाँ कवि-सम्मेलन होने लगे तो हम लोग भी उनमें जाने लगे। हिंदी का उस समय प्रचार-प्रसार था। मैं सन् 1917 में यहाँ आई थी। उसके उपरांत गाँधी जी का सत्याग्रह आरंभ हो गया और आनंद भवन स्वतंत्रता के संघर्ष का केन्द्र हो गया। जहाँ-तहाँ हिंदी का प्रचार चलता था। कवि-सम्मेलन होते थे तो क्रास्थवेट से मैडम हमको साथ लेकर जाती थीं।

प्रश्न (क) देश में स्वतंत्रता सम्बन्धी कौन-सी घटना घटी ? वह किस समय की घटना हैं ? गद्यांश के आधार पर लिखिए।
उत्तरः देश में स्वतन्त्रता के सम्बन्ध में महात्मा गाँधी के द्वारा सत्याग्रह आन्दोलन चलाया गया। यह घटना सन् 1917 की है।

प्रश्न (ख) ‘स्त्री-दर्पण’ क्या है ? लेखिका व उनकी साथिन सुभद्रा जी उसमें क्या भेजा करती थीं ? 
उत्तरः ‘स्त्री-दर्पण’ एक पत्रिका है। लेखिका व उनकी साथिन सुभद्रा उसमें अपनी कविताएँ छपने के लिए भेजा करती थीं।

प्रश्न (ग) मैडम लेखिका को लेकर कहाँ जाती थीं ? 
उत्तरः मैडम लेखिका को कवि सम्मेलनों में लेकर जाती थीं ?
अथवा
प्रश्न (क) प्रस्तुत गद्यांश में किस नगर की चर्चा की गई है ? वह समय किसके प्रचार-प्रसार का था ? 
उत्तरः प्रस्तुत गद्यांश में इलाहाबाद नगर की चर्चा र्की गई है। वह समय हिन्दी के प्रचार-प्रसार का था।

प्रश्न (ख) लेखिका किस सन् में इलाहाबाद आयीं और उसके पश्चात् क्या आरम्भ हो गया था ? 
उत्तरः लेखिका सन् 1917 में इलाहाबाद आयीं और उसके पश्चात् महात्मा गाँधी का सत्याग्रह आरंभ हो गया।

प्रश्न (ग) आनंद भवन किसका केन्द्र बन गया था ? 
उत्तरः आनंद भवन स्वतन्त्रता के संघर्ष का केन्द्र बन गया था।

6. एक बार की घटना याद आती है कि एक कविता पर मुझे चाँदी का एक कटोरा मिला। बड़ा नक्काशीदार सुन्दर। उस दिन, सुभद्रा नहीं गई थीं। मैंने उनसे आकर कहा, ‘देखो यह मिला’ सुभद्रा ने कहा ठीक है अब तुम एक दिन खीर बनाओ और मुझको इस कटोरे में खिलाओ।’ उसी बीच आनंद भवन में बापू आए। हम लोग तब अपने जेब-खर्च में से एक-एक, दो-दो आने देश के लिए बचाते थे और जब बापू आते थे तो वह पैसा उन्हें दे देते थे। उस दिन जब बापू के पास मैं गई तो अपना कटोरा भी लेती गई। मैंने कटोरा निकाल कर बापू को दिखाया मैंने कहा ‘कविता सुनाने पर मुझको यह कटोरा मिला है।’ कहने लगे, ”अच्छा दिखा तो मुझको।“ मैंने कटोरा उनकी ओर बढ़ा दिया तो उसे हाथ में लेकर बोले, ”तू देती है इसे?“ अब मैं क्या कहती? मैंने दे दिया और लौट आई।

प्रश्न (क) लेखिका आनंद भवन में किससे मिलने गयी? लेखिका ने उन्हें क्या दिखाया? 
उत्तरः लेखिका आनंद भवन में बापू (महात्मा गाँधी) से मिलने गयी। लेखिका ने उन्हें पुरस्कार में मिला कटोरा दिखाया।

प्रश्न (ख) लेखिका व विद्यालय की अन्य छात्राएँ किस लिए पैसा बचाती थीं और किसे दिया करती थीं ? 
उत्तरः लेखिका व विद्यालय की अन्य छात्राएँ देश के लिए पैसा बचाती थीं और उसे महात्मा गाँधी को दिया करती थीं।

प्रश्न (ग) कविता सुनाने पर लेखिका को क्या प्राप्त हुआ ? 
उत्तरः कविता सुनाने पर लेखिका को चाँदी का कटोरा प्राप्त हुआ।
अथवा

प्रश्न (क) प्रस्तुत अवतरण में ‘हम लोग’ शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है ? 
उत्तरः अवतरण में लेखिका तथा उसकी सहपाठिनों के लिए ‘हम लोग’ शब्द का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न (ख) लेखिका क्या बचाती थीं और क्यों ? 
उत्तरः महात्मा गाँधी देश सेवा के लिए जो धन इकट्ठा करते थे, उसमें सहयोग करने के लिए अपने जेब खर्च के पैसे बचाती थीं।

प्रश्न (ग) महादेवी जी ने बापू को कटोरा क्यों दिखाया ? 
उत्तरः महादेवी जी बापू को कटोरा दिखाकर उनसे प्रशंसा पाना चाहती थीं।

7. उस समय मैंने यह देखा कि सांप्रदायिकता नहीं थी। जो अवध की लड़कियाँ थीं, वे आपस में अवधी बोलती थीं बुन्देलखण्ड की आती थीं, वे बुंदेली में बोलती थीं। कोई अंतर नहीं आता था और हम पढ़ते हिन्दी थे। उर्दू भी हमको पढ़ाई जाती थी, परन्तु आपस में हम अपनी भाषा में ही बोलती थीं। यह बहुत बड़ी बात थी। हम एक मेस में खाते थे, एक प्रार्थना में खड़े होते थे कोई विवाद नहीं होता था। मैं जब विद्यापीठ आई, तब तक मेरे बचपन का वही क्रम चला जो आज तक चलता आ रहा है। कभी-कभी बचपन के संस्कार ऐसे होते हैं कि हम बड़े हो जाते हैं, तब तक चलते हैं।

प्रश्न (क) बचपन के संस्कार कैसे होते हैं ? 
उत्तरः बचपन के संस्कार ऐसे होते हैं जो कि हमारे बड़े होने पर भी हमारे साथ रहते हैं।

प्रश्न (ख) लेखिका ने बड़ी बात किसे कहा है ? 
उत्तरः लेखिका ने सभी लड़कियों द्वारा अपनी-अपनी भाषा बोलने को बड़ी बात कहा है।

प्रश्न (ग) भिन्ना-भिन्ना भाषा-भाषी होने पर भी स्कूल में झगड़ा क्यों नहीं होता था ? 1
उत्तरः परस्पर स्नेह के कारण भिन्न-भिन्न भाषा-भाषी होने पर भी स्कूल में झगड़ा नहीं होता था।

8. फिर एक हमारा छोटा भाई हुआ वहाँ, तो ताई साहिबा ने पिताजी से कहा-‘देवर साहब से कहो, वो मेरा नेग ठीक करके रखें।’ मैं शाम को आऊँगी।’ वे कपड़े-वपड़े लेकर आईं। हमारी माँ को वे दुल्हन कहती थीं। कहने लगीं, ‘दुल्हन, जिनवेळ ताई-चाची नहीं होती हैं वो अपनी माँ के कपड़े पहनते हैं, नहीं तो छह महीने तक चाची-ताई पहनाती हैं। मैं इस बच्चे वेळ लिए कपड़े लाई हूँ। यह बड़ा सुन्दर है। मैं अपनी तरफ से इसका नाम ‘मनमोहन’ रखती हूँ।

प्रश्न (क) परिवार का-सा परस्पर स्नेह रिश्तों को किस प्रकार सुदृढ़ करता है? गद्यांश वेळ आधार पर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तरः जन्म अथवा जन्मदिन पर परिवार वेळ लोगों द्वारा आशीर्वाद स्वरूप वुळछ उपहार देना या नेग देना। परिवार के लोगों वेळ संबंधों को और गहरा करते हैं।
व्याख्यात्मक हल-
परिवार का सा परस्पर स्नेह जाति से ऊपर उठकर लोगों को इतना करीब ला देता है कि वे अपने से लगने लगते हैं। जैसे ताई साहिबा कहने को तो मुस्लिम जाति की पड़ोसी महिला थीं, किन्तु लेखिका वेळ परिवार से उनवेळ बहुत घनिष्ठ सम्बन्ध थे। वह अक्सर लेखिका वेळ यहाँ उपहार लेकर आती रहती थी।

प्रश्न (ख) ताई साहिबा का व्यवहार दोनों परिवारों को जोड़ने में कैसे सहायक था? बताइए। 

उत्तरः भारतीय संस्ड्डति धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय में भेद-भाव नहीं करती।
व्याख्यात्मक हल-

ताई साहिबा लेखिका के परिवार से बहुत स्नेह रखती थीं। वे अक्सर उनके घर आया करती थीं। वे लेखिका के भाई के जन्म के अवसर पर उसके लिए कपड़े भी लाईं। इस प्रकार से उनके इस मधुर व्यवहार को देखकर ऐसा महसूस होता है कि वह जातिपात भेदभाव को नहीं मानती थीं। उनके इस तरह के भेदभाव रहित व अपनेपन का व्यवहार दोनों परिवारों में प्रेम बढ़ाने व आपस में जोड़ने में सहायक था।

प्रश्न (ग) ‘दुल्हन’ कहकर कौन किसे संबोधित करता था? 
उत्तरः ताई साहिबा, लेखिका की माँ को।
व्याख्यात्मक हल-
‘दुल्हन’ कहकर ताई साहिबा लेखिका की माँ को सम्बोधित करती थीं।

9. वही प्रोफेसर मनमोहन वर्मा आगे चलकर जम्मू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे, गोरखपुर यूनिवर्सिटी के भी रहे। कहने का तात्पर्य यह है कि मेरे छोटे भाई का नाम वही चला जो ताई साहिबा ने दिया। उनके यहाँ भी हिंदी चलती थी, उर्दू भी चलती थी। यों, अपने घर में वे अवधी बोलते थे। वातावरण ऐसा था उस समय कि हम लोग बहुत निकट थे। आज की स्थिति देखकर लगता है, जैसे वह सपना ही था। आज वह सपना खो गया। शायद वह सपना सच हो जाता तो भारत की कथा कुछ और होती।

प्रश्न (क) लेखिका ने ‘वातावरण ऐसा था’ के माध्यम से किस ओर संकेत किया है ? 
उत्तरः लेखिका ने ‘वातावरण ऐसा था’ के माध्यम से उस समय भारत में फैले सांप्रदायिक सद्भाव तथा एकता के वातावरण की ओर संकेत किया है।

प्रश्न (ख) आज किस सपने के खोने की बात उपर्युक्त गद्यांश में की गई है ? 
उत्तरः आज हिन्दू-मुस्लिमों के मध्य पूर्व के समान सांप्रदायिक सद्भावना और एकता के सपने खोने की बात उपर्युक्त गद्यांश में की गई है।

प्रश्न (ग) ‘मेरे छोटे भाई का वही नाम चला’ में ‘मेरे’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है ? 
उत्तरः ‘मेरे’ शब्द लेखिका महादेवी वर्मा के लिए प्रयुक्त किया गया है।

The document Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) is a part of the Class 9 Course Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
17 videos|159 docs|33 tests

Top Courses for Class 9

FAQs on Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन - Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

1. मेरे बचपन के दिन Class 9 के बारे में एक ब्रायर का विचार दें?
उत्तर: एक ब्रायर का विचार मेरे बचपन के दिन Class 9 के बारे में है कि यह एक महत्वपूर्ण और यादगार अवसर हो सकता है जब छात्र कक्षा 9 में होता है। यह उनके शिक्षा के महत्वपूर्ण चरणों में से एक होता है जहां वे आगे के वर्षों में अधिकाधिक ज्ञान और सीख प्राप्त करते हैं।
2. मेरे बचपन के दिन Class 9 में क्या पाठ पढ़ाया जाता है?
उत्तर: मेरे बचपन के दिन Class 9 में विभिन्न विषयों के लिए पढ़ाई की जाती है। कुछ महत्वपूर्ण विषय शामिल हो सकते हैं जैसे कि गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी आदि। विषय के आधार पर, छात्रों को पाठ्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है।
3. मेरे बचपन के दिन Class 9 में कौन-कौन से विषय होते हैं?
उत्तर: मेरे बचपन के दिन Class 9 में विभिन्न विषय होते हैं जैसे कि गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि। इन विषयों को छात्रों को बारीकी से पढ़ाया जाता है ताकि वे इन विषयों में मजबूत आधार और ज्ञान विकसित कर सकें।
4. मेरे बचपन के दिन Class 9 के दौरान कैसे पढ़ाई करें?
उत्तर: मेरे बचपन के दिन Class 9 के दौरान पढ़ाई करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं। सबसे पहले, एक नियमित अध्ययन समय निर्धारित करें और उसे पालन करें। इसके अलावा, पढ़ाई के लिए एक शांत और सुखद माहौल बनाएं, स्थिरता बनाए रखें और निरंतर अभ्यास करें। सभी विषयों को बारीकी से पढ़ें और नोट्स बनाएं। अंततः, प्रश्नों के हल खुद से तैयार करें और पिछले साल के पेपर्स को हल करें।
5. मेरे बचपन के दिन Class 9 में कैसे शिक्षा के अवसर सही तरीके से उपयोग किए जा सकते हैं?
उत्तर: मेरे बचपन के दिन Class 9 में शिक्षा के अवसर को सही तरीके से उपयोग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चीजें हैं। पहले, छात्रों को अपने अवसरों को पहचानना चाहिए और उन्हें उनके लक्ष्यों के प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए। उन्हें अपने अवसरों को देखने की क्षमता विकसित करनी चाहिए और उन्हें अपने उद्देश्यों की ओर प्रेरित करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें अवसरों को समय पर उपयोग करना चाहिए और अधिक से अधिक ज्ञान और सीख प्राप्त करने के लिए अध्ययन करना चाहिए।
17 videos|159 docs|33 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Summary

,

MCQs

,

pdf

,

video lectures

,

Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

Exam

,

practice quizzes

,

Objective type Questions

,

past year papers

,

Semester Notes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

study material

,

Viva Questions

,

shortcuts and tricks

,

Important questions

,

Free

,

Extra Questions

,

ppt

,

Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

Sample Paper

,

Short Question Answers (Passage Based) - मेरे बचपन के दिन | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

mock tests for examination

;