'कामचोर' Class 18 Hindi इस्मत चुगताई द्वारा लिखी गई एक श्रेष्ठ कहानी है। इस कहानी में लेखिका ने कामचोरी के वास्तविक रूप को लोगों के सामने प्रस्तुत किया है। कमचोर किस प्रकार किसी काम को करते हैं और उसका क्या परिणाम निकलता है-यह इस कहानी में हास्य रूप में वर्णित है।
प्रश्न 1: कीचड़ से लथपथ बच्चों को किस तरह साफ कराया गया?
उत्तर: बच्चे कीचड़ में लथपथ हो गए थे। घर में नौकरों की संख्या कम होने के कारण, पास के बंगले से नौकर बुलवाए गए। प्रत्येक बच्चे के लिए चार आने प्रति बच्चे के हिसाब से उन्हें नहलाकर साफ किया गया।
प्रश्न 2: कहानी में भागती भेड़ों की तुलना किससे की गई है और क्यों?
उत्तर: कहानी में सूप के पीछे भागती भेड़ें की तुलना जर्मनी की टैंकों और बमबारी युक्त सेना से की गई है। इसका कारण यह है कि भेड़ें जहाँ भी गुजर रही थीं, वे सबको रौंदती जा रही थीं।
प्रश्न 3: ‘कामचोर’ कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि बच्चों में बचपन से ही काम करने की आदत डालनी चाहिए। इससे वे अपने काम को खुद कर सकेंगे।
प्रश्न 4: पानी भरते समय नल पर कैसी धींगामुश्ती हुई?
उत्तर: पानी भरते समय नल पर घमासान मचा। एक भी बूँद पानी किसी के बर्तन में नहीं आ सका क्योंकि ठूसम-ठास हो रही थी। लोग अपने पतीले, लोटा, भगोने और डोंगे लेकर आए। पहले धक्के चले, फिर कुहनियाँ और इसके बाद बर्तनों से युद्ध छिड़ गया।
प्रश्न 5: रात का भोजन बंद होने की धमकी सुनकर बच्चों ने काम करने की दुहाई दी। इस पर अब्बा मियाँ ने क्या काम बतलाए?
उत्तर: रात का भोजन बंद होने की धमकी सुनकर बच्चों ने काम करने की दुहाई दी। अब्बा मियाँ ने कुछ काम बतलाए-आँगन में पड़ा कूड़ा फेंकना, दरी की सफाई करना तथा पौधों में पानी देना।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: तरकारीवाली के साथ घटी घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए?
उत्तर: तरकारी वाली टोकरी से हरी-हरी मटर की फलियाँ तौलकर रसोइए को दे रही थी कि अचानक भागती भेड़ों की निगाह उस पर पड़ गई। वे सब टोकरी पर टूट पड़ीं। टोकरी वाली का प्रतिरोध भी उसकी सब्जियों को नहीं बचा सका। उसकी मार का भेड़ों पर कोई असर नहीं हुआ। जरा सी देर में भेड़ों ने सारी सब्जियाँ साफ कर दीं।
प्रश्न 2: बच्चों का काम करना चैन से सोए चाचा पर किस तरह भारी पड़ गया?
उत्तर: बच्चों ने काम करते समय भैंसों का दूध निकालने का प्रयास किया। वे धुली-बेधुली बाल्टी लेकर दूध निकालने लगे, लेकिन अचानक भैंस ने बाल्टी को लात मार दी। इस पर बच्चों ने भैंस की पिछली टाँग को उस चारपाई से बाँध दिया, जिस पर चाचा सो रहे थे। जब बच्चे भैंस का अगला पैर बाँधने की कोशिश कर रहे थे, तभी भैंस चौंकी और भागने लगी। इस दौड़-भाग में उनकी चारपाई पानी से भरे टब से टकराई, जिससे पानी छलक गया और चाचा भीग गए। इसके बाद चाचा बुरा-भला कहने लगे।
प्रश्न 3: भेड़ों के हमले से क्या दृश्य उत्पन्न हुआ? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर: भेड़ें भूखी थीं और दाने का सूप देखते ही सबकी-सब झपट पड़ीं। तख्तों पर चढ़ीं और पलंगों को फलांगती हुई सब कुछ रौंदती हुई मेंगनों का छिड़काव करती रहीं । ऐसा लगता था कि जैसे जर्मन फौज छापा मारकर इधर से ही गुजरी है। बानी दीदी का दुपट्टा रौंदा गया और सोती हुई हज्जन माँ के ऊपर से तो पूरी फौज ही निकल गई। भेड़ें तरकारी वाली की तरकारियाँ देखते-देखते चट कर गईं।
प्रश्न 4: बिना सोचे-विचारे किए गए कार्य के गलत परिणाम होते हैं। कहानी ‘कामचोर’ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर: ‘कामचोर’ कहानी में बताया गया है कि किस प्रकार बिना सोचे-विचारे बच्चों ने काम किए, जिनके दुष्परिणाम पूरे घर को भुगतने पड़े। दुर्घटना भी होते-होने बची। अब्बा ने क्रोध में फैसला ले लिया। क्रोध में लिए गए फैसले हमेशा गलत होते हैं। इसी प्रकार बच्चों में जोश तो खूब था, परंतु अनुभव नहीं था। केवल जोश से काम नहीं चलता। बच्चों की सोचने-विचारने की क्षमता कम होती है। उन्होंने जो काम किए उनमें सोच की कमी थी। साथ ही अनुभवहीनता भी थी। कहानी के अंत में हम देखते हैं कि अब्बा को पछताते हुए फौरन अपना फैसला वापस लेना पड़ता है।
प्रश्न 5: अम्मा और अब्बा में बड़ी देर तक वाद-विवाद होने के बाद क्या तय किया गया? बच्चों ने तत्काल क्या किया? अब्बा का शाही फरमान क्या था?
उत्तर: बच्चों की कामचोरी को लेकर अम्मा तथा अब्बा में काफी देर तक वाद-विवाद होने के बाद तय यह हुआ कि घर के नौकरों को निकाल दिया जाए। तब बच्चों को ख्याल आया कि उन्हें पानी तो खुद लेकर पी ही लेना चाहिए। उन्होंने तुरंत हिल-हिलाकर पानी पीना शुरू कर दिया। हिलने में धक्के भी लग जाते हैं, इसलिए आपस में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पानी के मटकों के पास ही घमासान युद्ध शुरू हो गया। सुराहियाँ उधर लुढ़कीं, मटके इधर गए। सबके कपड़े भीगे सो अलग। अब्बा ने शाही फरमान जारी करते हुए कहा कि जो घर का काम
नहीं करेगा, उसे रात का खाना नहीं दिया जाएगा।
प्रश्न 6: ‘कामचोर’ कहानी आज के युवाओं के लिए क्या संदेश छोड़ जाती है? कहानी की प्रासंगिकता बताते हुए स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘कामचोर’ कहानी एक सम्रद्धि परिवार की कहानी है। यह कहानी आज की परिस्थितियों में और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। आज का युवा वर्ग परिश्रम से दूर भागता है। शारीरिक श्रम करना उसके बस की बात नहीं । वह माँ-बाप के धन पर ही आश्रित रहकर सुख भोगना चाहता है। ऐसे में इस कहानी से युवाओं को यह संदेश मिलता है कि वे बचपन से ही काम करने की, शारीरिक श्रम करने की आदत डालें। मां-बाप के काम में हाथ बँटाए और काम में निपुणता प्राप्त करें, परिवार पर बोझ न बनें।
प्रश्न 1: क्या बिना सोचे-विचारे कार्य करने से परिणाम गलत ही आता है। कहानी ‘कामचोर’ के आधार पर अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर: जी हाँ, बिना सोचे-विचारे किए गए कार्य के परिणाम गलत ही आते हैं। ‘कामचोर’ कहानी में यह बताया है कि किस प्रकार बच्चों ने बिना सोचे-विचारे काम किए जिनके दुष्परिणाम ही निकले और सारे घर को भुगतने भी पड़े। दुर्घटना भी घट सकती थी। अब्बा ने बेहद गुस्से में बच्चों से काम कराने का फैसला लिया था। इसी कारण वह गलत साबित हुआ क्योंकि बच्चों में काम करने का जोश तो था पर सोचने-विचारने की क्षमता कम थी। अनुशासनहीनता की कमी भी थी। इसलिए उन्होंने सभी काम गलत किए। और अंत में अब्बा को पछताते हुए फौरन अपना फैसला वापिस भी लेना पड़ा।
“कामचोर” पाठ के सार को इस वीडियो की मदद से समझें।
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