Humanities/Arts Exam  >  Humanities/Arts Notes  >  Hindi Class 12  >  Important Question & Answers - शमशेर बहादुर सिंह

शमशेर बहादुर सिंह Important Question & Answers | Hindi Class 12 - Humanities/Arts PDF Download

(i) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रातः नभ था बहुत नीला शंख जैसे
भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चैका
(अभी गीला पड़ा है)
बहुत काली सिल ज़रा से लाल केसर से
कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने
नील जल में या किसी की
गौर झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो
और....
जादू टूटता है इस उषा का अब
सूर्योदय हो रहा है।
प्रश्न 1. ‘उषा’ कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र है। सोदाहरण प्रतिपादित कीजिए।
उत्तर:
उषाकाल में एवं प्रातःकाल आकाश के जो रंग बदलते हैं उसका गतिशील चित्र इस कविता में उतारा गया है। सूर्योदय से पूर्व भोर का नभ नीले शंख जैसा लगता है तत्पश्चात् आकाश का रंग बदलता है और वह राख से लीपा चैका लगता है। तत्पश्चात् उषा काल होता है, चारों ओर सूर्य की लालिमा आकाश में फैल जाती है जो ऐसी प्रतीत होती है मानो काली सिल को किसी ने लाल केसर से धो दिया है। नील गगन में झिलमिलाती उषा ऐसी प्रतीत होती है, मानो नीले जल में किसी की गौर देह (गोरा शरीर) झिलमिला रही हो।

प्रश्न 2. उपयुक्त काव्याश्ं का नाम तथा उसके कवि का नाम बताइए।
उत्तर: 
कविता - उषा।
कवि - शमशेर बहादुर सिंह। 

प्रश्न 3. प्रातःकाल के आसमान की तुलना किससे की गई है?
उत्तर:
कवि कहता है कि प्रातःकाल का आसमान नीले शंख जैसा लगता है। उस समय आकाश ऐसा दिखाई देता है मानो राख से चैका लीपकर छोड़ दिया गया है। यह अभी गीला ही है। गीला चैका साफ व स्पष्ट होता है। 

प्रश्न 4. आकाश का रंग कैसा लगता है?
उत्तर:
प्रातः काल जब सूर्य निकलता है तो हल्का अँधेरा होता है। ऐसा लगता है मानो काली सिल को थोड़े-से लाल केसर से धो दिया गया हो। चारों तरफ हल्की लालिमा छा जाती है। जिस तरह स्लेट पर, लाल खड़िया, मिट्टी या चाक मलने से वह ज्यादा चमकने लगती है, वैसे ही आसमान भी चमकने लगता है। 

प्रश्न 5. उषा का जादू कैसा है?
उत्तर: 
कवि प्रातः काल के आसमान के बारे में बताता है कि जब सूर्य उदय होता है तो ऐसा लगता है कि नीले जल में हलचल हो रही है। नीले आसमान में किसी सुंदर गोरी युवती का शरीर झिलमिला रहा हो, यह जादू के समान लगता है। 

प्रश्न 6. उषा का जादू टूटने से क्या आशय है?
उत्तर:
उषा के समय पल-पल सांदैर्य बदलता रहता है सूर्य के आकाश में चढते ही उषा का सांदैर्य (जादू) समाप्त हो जाता है।

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FAQs on शमशेर बहादुर सिंह Important Question & Answers - Hindi Class 12 - Humanities/Arts

1. शमशेर बहादुर सिंह कौन थे?
उत्तर: शमशेर बहादुर सिंह एक मशहूर हिंदी भाषा के कवि थे। उन्होंने विभिन्न काव्य संग्रह और नाटकों की रचनाएं की थीं।
2. शमशेर बहादुर सिंह के कौन-कौन से साहित्यिक कार्य हैं?
उत्तर: शमशेर बहादुर सिंह के प्रमुख साहित्यिक कार्य हैं - 'क्या सूरज निकलेगा?', 'हवा में उड़ते झूले', 'खंडहर', 'आगे भी जाना है', और 'तेरे हाथ में आगे बढ़ने की शक्ति है'।
3. शमशेर बहादुर सिंह ने किस विषय पर अपनी रचनाएं लिखीं?
उत्तर: शमशेर बहादुर सिंह ने अपनी रचनाएं विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय मुद्दों पर लिखीं। उनकी कविताओं में देशभक्ति, स्वतंत्रता संग्राम, और मानवाधिकार के मुद्दे पर विचार व्यक्त किए गए हैं।
4. शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 26 जनवरी 1919 को हुआ था।
5. शमशेर बहादुर सिंह की कविताएं किस भाषा में लिखी जाती थीं?
उत्तर: शमशेर बहादुर सिंह की कविताएं हिंदी भाषा में लिखी जाती थीं। उन्होंने हिंदी के अलावा अंग्रेजी और उर्दू में भी कविताएं लिखीं हैं।
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