प्रश्न 1. एन फ्रैंक ने अपनी डायरी में स्त्री के विषय में क्या विचार व्यक्त किए हैं?
उत्तर:
• स्त्री का जीवन संघर्षमय।
• पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पर संघर्ष।
• नारी बच्च को जन्म देते समय पीडा़ व कष्ट सहती है।
• पुरुष अपनी शारीरिक क्षमता के कारण स्त्रियों पर शासन
• स्त्री युद्ध लड़ने वाले सैनिक से कम नहीं।
प्रश्न 2. पीटर के स्वभाव की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जो ऐन को पसन्द नहीं है।
उत्तर: पीटर ऐन (डायरी के पन्ने की लेखिका) का प्रेमी थी। पीटर के स्वभाव की कई विशेषताएँ ऐन को नापसंद थीं जिनमें से दो प्रमुख बातें इस प्रकार हैं-
(i) धर्म के प्रति पीटर की नफरत ऐन को नापसंद थी।
(ii) पीटर अपने ‘स्व’ को छिपाता है अर्थात् वह ‘घुन्ना’ अधिक था उसका यह घुन्नापन भी ऐन का नापसंद था।
प्रश्न 3. ऐन फ्रैंक डायरी के आधार पर नाजियों के अत्याचारों पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
• नाजियों द्वारा दी गई अकल्पनीय यातनाएँ।
• शारीरिक और मानसिक यंत्रणा।
• भूख, गरीबी और बीमारी की मार।
• गैस चैम्बरों और फायरिंग स्क्वायड के जुल्म।
• लड़कियों के साथ दुव्र्यवहार।
व्याख्यात्मक हल- नाजियों द्वारा इन यातना शिविरों में यहूदियों को अकल्पनीय यातनाएँ दी जाती थीं जो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की होती थीं। भूख, गरीबी और बीमारी के कारण यहूदी बेहद दुःखी थे। यही नही उन्हें गैस चैम्बरों और फायरिंग स्क्वायड के जुल्म भी सहने पड़ते थे। नाजी लोग यहूदी लड़कियों के साथ भी दुव्र्यव्यवहार करते थे।
प्रश्न 4. ऐन की डायरी निजी कहानी न होकर तत्कालीन समाज का दर्पण है, कैसे?
उत्तर: ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी में जो विवरण प्रस्तुत किए हैं वे उनकी व्यक्तिगत जिन्दगी को व्यक्त नही करते अपितु नाजियों द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के समय 60 लाख यहूदियों पर ढाए गए जुल्मों की कहानी है। यहूदियों को किस प्रकार भय एवं आतंक के माहौल में छिपकर रहने को विवश होना पड़ा, कैसे-कैसे कष्ट सहने पड़े और किस पीड़ा से गुजरना पड़ा उसका जीवन्त दस्तावेज यह डायरी है। उस समय इंग्लैण्ड की क्या स्थिति थी, यहूदी किस प्रकार भय एवं आतंक से मृतप्राय थे, इसका चित्रण इस डायरी में बखूबी किया गया है। युद्ध की भयावहता, चारों ओर फैला आतंक, घरों में छिपकर रहना, चोरी-चकारी में वृद्धि, ब्लैक आउट में रात बिताना, फटे-पुराने कपड़ों से काम चलाना आदि की जो बात डायरी में कही गयी है वह की निजी कहानी न होकर वस्तुतः तत्कालीन समाज की दशा को व्यक्त करने वाली कहानी है।
प्रश्न 5. ऐन फ्रैंक ने अपने पड़ोसी मिस्टर डसेल के बारे में क्या विचार व्यक्त किए हैं? संक्षेप में लिखिए
उत्तर: एने ने अपने पड़ोसी मिस्टर डसले के बारे में अपने विचार डायरी में व्यक्त किए हैं। एने जब मिस्टर डसले के सम्पर्क में आई तब उसे पता चला कि वे बाबा आदम के जमाने के अनुशासनप्रिय मास्टर हैं आरै बच्चों को बार-बार इसका पाठ पढा़ने लगते हैं। हम तीन बच्चों में मुझे ही खरदिमाग आरै तुनकमिजाज समझा जाता था। मिस्टर डसले अच्छे खासे चुगलखारे भी थे आरै बच्चों से मरेी चुगली किया करते थे जिससे डसले के उपदेश मुझे दाबेारा सुनने पड़ते। मिस्टर डसले को एने आलसी भी कहती है तथा यह भी बताती है कि वे घर क कायदे-कानून को भी नहीं मानते थे।
प्रश्न 6. ‘ऐन की डायरी’ उसकी निजी भावनात्मक उथल-पुथल का दस्तावेज भी है। इस कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर: दो वर्ष के अज्ञातवास में ऐन तेरह से पन्द्रह वर्ष की हो गयी थी, उसमें शारीरिक परिवर्तन हो रहे थे। वह अपने साथ वानदान परिवार के इकलौते बेटे पीटर को प्यार करने लगती है। पीटर एक भला एवं समझदार लड़का है। वह भी ऐन को पसन्द करता है।उसे प्यार करता है, वह चाहती है कि पीटर के साथ बैठकर बातें करे, पीटर प्यार व्यक्त नहीं करता, क्योंकि उस वातावरण में अनुमति नहीं है। पीटर के साथ बिताये इन भावुकता से भरे दो सालों के अज्ञातवास के विषय में ऐन ने लिखा है कि ‘‘पीटर और मैंने अपने चिन्ताशील वर्ष ऐनेक्सी में भी बिताये हैं। हम अक्सर भविष्य, वर्तमान और अतीत की बातें करते हैं परन्तु असली चीज की कमी महसूस करती हूँ और जानती हूँ वह मौजूद है। इस प्रकार ऐन की डायरी निजी भावनात्मक उथल-पुथल का दस्तावेज है।
प्रश्न 7. ‘डायरी के पन्ने’ के आधार पर पीटर के व्यक्तित्व की उन विशेषताओं का उल्लेख करो जो ऐन फ्रैंकको बिल्कुल पसन्द नही हैं?
उत्तर: अपने पुरुष मित्र पीटर के बारे में ऐन फ्रैंक लिखती है कि वह मुझसे दोस्त की तरह प्यार करता है। उसका प्रेम दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। परन्तु उसमें विशेष अवगुण थे जो ऐन प्रळेंक को बिल्कुल पसन्द नहीं थे, उसे पीटर की चुप्पी अखरती थी जिससे उसके मन में उथल-पुथल रहती थी जैसे बात कम करना, असहनीय बात को स्वीकार कर लेना, गलत बातों को सह लेना प्रळेंक को अखरता था, वह मन ही मन दुःखी रहती थी। वह दिल की बात नहीं बताता। वह बहुत घुन्ना है।
प्रश्न 8. ऐन फ्रैंक कौन थी? उसकी डायरी को इतिहास का महत्त्वपूर्ण दस्तावेज क्यों माना जाता है?
अथवा
ऐन फ्रैंक की डायरी की प्रसिद्धि के कारण लिखिए।
उत्तर: ऐन फ्रैंक एक यहूदी परिवार की लड़की थी। वह अन्य यहूदियों की ही तरह अपना जीवन बचाने के लिए अपने परिवार के साथ दो वर्ष से भी अधिक समय तक गुप्त आवास में रही।
(i) एने की डायरी में भय, आतकं, भूख, प्यास, मानवीय सवंदेना, प्रेम, घृणा, बढ़ती उम्र की आशाएँ, हवाई हमले का डर, पकड़े जानें का डर, तेरह साल की उम्र से जुड़े सपने, किशोर मन की कल्पनाएँ, बाहरी दुनिया से अलग-अलग पड़ने का दर्द, प्रकृति के प्रति संवेदना, मानसिक व शारीरिक जरूरतें, हँसी-मजाक, युद्ध की पीड़ा, अकेलेपन का वर्णन हुआ है।
(ii) यहूदियों के विरुद्ध हुए अमानवीय दमन का मार्मिक इतिहास जानने और अनुभव करने के लिए ऐन की डायरी सबसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है।
प्रश्न 9. ‘ऐन फ्रैंक की डायरी’ एक ऐतिहासिक दौर का जीवन्त दस्तावेज हैकृइस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
अथवा
ऐन फ्रैंक की डायरी को एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज क्यों माना जाता है?
उत्तर: ऐन फ्रैंक की डायरी एक ऐतिहासिक दौर का दस्तावेज है। यह बात डायरी में वर्णित घटनाओं से सि( होती है। ये घटनाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) अज्ञातवास में जाने का कारण बुलावा।
(ii) आवास में जर्मनों के भय से दिन-रात अंधकार रखना।
(iii) युद्ध के अवसर पर राशन-बिजली का अभाव।
(iv) टर्की की तटस्थता की घोषणा।
(v) ब्रिटेन से हालैंड को मुक्त कराने का प्रयास।
(vi) हिटलर का सैनिकों से साक्षात्कार।
(vii) एक-एक दिन में 350 वायुयानों द्वारा 550 टन गोला-बारूद बरसाना।
(viii) कुछ डच नागरिकों की ब्रिटेन के बारे में सोच।
प्रश्न 10. ऐन जोखिमों के मध्य भी प्रड्डति के अनूठे उपहारों का आनंद किस प्रकार लेती है?
अथवा
‘प्रकृति ही तो ऐसा वरदान है जिसका कोई सानी नहीं है।’ ऐन के इस कथन के आधार पर उसका प्रड्डति-पे्रम स्पष्ट कीजिए।
अथवा
‘डायरी के पन्ने’ के आधार पर ऐन फ्रैंक के प्रकृति-प्रेम को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ऐन का जीवन जोखिमों से भरा था वह अपने परिवार के साथ दो वर्ष से भी अधिक समय तक गुप्त आवास में रही। जब वह लगभग तेरह साल की हुई तो बाहरी दुनिया देखने के सपने मन में जाग्रत होने लगे। उसमें बाहरी दुनिया से अलग करने का दर्द, प्रड्डति के प्रति संवेदना, मानसिक और शारीरिक जरूरतें, हँसी मजाक आदि विषयों पर सोचने के लिए उत्सुकता जागी। वह प्रड्डति का आनन्द लेना चाहती थी। एक दिन गर्मी की रात साढे़ ग्यारह बजे उसने चाँद देखने की इच्छा की परन्तु चाँदनी की तीव्रता के कारण खिड़की नहीं खोल सकी परन्तु बरसात के समय खिड़की खोलकर तेज हवाओं और बादलों की लुकाछिपी को देखा तो उसे बहुत अच्छा लगा। प्रड्डति के सौन्दर्य ने उसको झकझोर दिया। आसमान, बादलों, चाँद, और तारों के देखने से उसे आशा और शान्ति मिली, प्रकृति का यह वरदान उसे अच्छा लगा परन्तु उसने सोचा कि ऐसे अवसर मनुष्य को जीवन में कम ही मिलते हैं।
प्रश्न 11. ऐन फ्रैंक की डायरी किट्टी को सम्बोधित कर क्यों लिखी गई होगी ?
अथवा
किट्टी कौन थी? ऐन प्रळेंक ने किट्टी को सम्बोधित करते हुए डायरी क्यों लिखी ?
उत्तर: ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी अपनी गुड़िया को सम्बोधित की है, क्योंकि वे लोग हिटलर के डर से जहाँ छुपकर रह रह रहे थे वहां पर वह सबसे छोटी थी। र्कोइ भी उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं करता। इसलिए वह अपनी सारी बातें अपनी गुड़िया ‘किट्टी’ से करती थी जो उसे उपहार में मिला थी।
तत्कालीन परिवेश में ऐसे लेखन पर बंदिश लग सकती थी। इसलिए वह अपने विचारों को गुड़िया से बातें करने और उसे पत्र लिखने के बहाने व्यक्त करती है।
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1. कला और मानविकी/कला में डायरी के पन्ने से संबंधित एक महत्वपूर्ण सवाल है कि आप डायरी के पन्नों का उपयोग कैसे कर सकते हैं? |
2. कला और मानविकी/कला में डायरी के पन्ने कैसे संरचित किए जा सकते हैं? |
3. कला और मानविकी/कला में डायरी के पन्नों का उपयोग करने के लिए कौन-कौन से उपकरण आवश्यक होते हैं? |
4. कला और मानविकी/कला में डायरी के पन्नों का उपयोग किस आयु समूह के लिए सबसे उपयुक्त होता है? |
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