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मध्यकालीन भारत (History) - UPSC Previous Year Questions | UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi) PDF Download

प्रश्न.1. इनमें से किस मुगल सम्राट ने सचित्र पांडुलिपियों से ध्यान हटाकर चित्राधर (एलबम) और वैयक्तिक रूपचित्रों पर अधिक जोर दिया? [2019]
(क) हुमायूँ
(ख) अकबर
(ग) जहाँगीर
(घ) शाहजहाँ
उत्तर. 
(ग)
उपाय: मुगल चित्रकला जहांगीर के काल में अपनी चरम सीमा पर थी। वह स्वयं भी उत्तम चित्रकार और कला का पारखी था। इस समय के कलाकारों ने चटख रगं जैसे मोर के गले सा नीला और लाल रगं का प्रयोग करना और चित्रों को त्रि-आयामी प्रभाव देना प्रारंभ कर दिया था। जहांगीर ने चित्राधर और व्यक्तिक रूप चित्रों पर अधिक जोर दिया। जहांगीर के शासन काल में मशहूर चित्रकार थे मंसूर, बिशनदास और मनोहर जहांगीर ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि कोई भी चित्र चाहे वह किसी मृतक का हो या जीवित व्यक्ति द्वारा बनाया हो मैं देखते ही तुरंत बता सकता हूँ कि ये किसकी कृति है।

प्रश्न.2. मियाँ तानसेन के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? [2019]
(क) सम्राट अकबर द्वारा इन्हें दी गई उपाधि तानसेन थी।
(ख) तानसेन ने हिन्दू देवी-देवताओं से संबंधित ध्रुपदों की रचना की।
(ग) तानसेन ने अपने संरक्षकों से संबंधित गानों की रचना की।
(घ) तानसेन ने अनेक रागों की मौलिक रचना की।
उत्तर. 
(क)
उपाय: जादुई संगीतकार तानसेन मुगल सम्राट अकबर के दरबार में ‘नवरत्नों’ (नौ रत्न) में से एक थे। तानसेन का जन्म ग्वालियर में मुकंड मिश्रा के पुत्र के रूप में हुआ था, जो कि एक कवि थे। तानसेन ने पहले मेवाड़ के राजा रामचंद्र और फिर सम्राट अकबर के यहाँ एक दरबारी संगीतकार के रूप में कार्य किया। तानसेन को सम्राट अकबर द्वारा मियां का खिताब दिया गया था और बाद में उन्हें मियां तानसेन के रूप में जाना जाने लगा।

प्रश्न.3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(1) संत निम्बार्क, अकबर के समकालीन थे।
(2) संत कबीर, शेख अहमद सरहिंदी से अत्यधिक प्रभावित थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [2019] 

(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(घ)
उपाय: निम्बार्काचार्य भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक थे जिन्होंने द्वैताद्वैत का दर्शन प्रतिपादित किया। उनका समय 13वी शताब्दी माना जाता है। किन्तु निम्बार्क सम्प्रदाय का मानना है कि निम्बार्क का प्रादुर्भाव 3016 ईसापूर्व (आज से लगभग पाचँ हजार वर्ष पूर्व) हुआ था।

प्रश्न.4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(1) दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में राजस्व वसूली के प्रभारी को ‘आमिल’ कहा जाता था।
(2) दिल्ली के सुल्तानों की इक्ता प्रणाली एक प्राचीन देशी संस्था थी।
(3) ‘मीर बख्शी’ का पद दिल्ली के खलजी सुल्तानों के शासनकाल में अस्तित्व में आया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [2019]

(क) केवल 1
(ख) केवल 1 और 2
(ग) केवल 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर.
(क)
उपाय: इक्ता व्यवस्था की शुरुआत भारत से बाहर फारस (ईरान) क्षेत्र तथा पश्चिमी एशिया में हो चुकी थी। भारत में मुहम्मद गौरी द्वारा कुतुबुद्दीन ऐबक को हाॅसी (हरियाणा) का क्षेत्र इक्ता के रूप में दिया गया पहला इक्ता था। इसके कुछ समय बाद मुहम्मद गौरी द्वारा उच्छ (सिंध) का क्षेत्र इक्ता के रूप में नासीरूद्दीन कुबाचा को दिया गया। लेकिन प्रशासनिक रूप से इक्ता की स्थापना इल्तुतमिश द्वारा की गई।
मीर बख्शी मुगलकालीन शासन व्यवस्था में एक बड़ा अधिकारी होता था। इसके पास ‘दीवान आजिर’ के समस्त अधिकार होते थे।
मीर बख्शी द्वारा ‘सरखत’ नाम के पत्र पर हस्ताक्षर के बाद ही सेना को हर महीने का वेतन मिल पाता था।

प्रश्न.5. मुगल भारत के संदर्भ में, जागीरदार और जमींदार के बीच क्या अंतर है?
(1) जागीरदारों के पास न्यायिक और पुलिस दायित्वों के एवज में भूमि आबंटनों का अधिकार होता था, जबकि जमींदारों के पास राजस्व अधिकार होते थे तथा उन पर राजस्व उगाही को छोड़कर अन्य कोई दायित्व पूरा करने की बाध्यता नहीं होती थी।
(2) जागीरदारों को किए गए भूमि आबंटन वंशानुगत होते थे और जमीदारों के राजस्व अधिकार वंशानुगत नहीं होते थे।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। [2019]

(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर. 
(घ)
उपाय: भारत में उत्तरी क्षेत्र में मनसबदारी प्रणाली को सर्वप्रथम लागू करने का श्रेय बाबर को जाता है लेकिन इसे अकबर संस्थागत तौर पर मुगल प्रशासनिक व्यवस्था के नागरिक और सैन्य विभाग दोनों क्षेत्रों में लागू किया। मुगल साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत मनसबदार का सीधा अर्थ एक रैंक या एक पद से लगाया जाता था। प्रत्येक मनसबदार को उसकी सेवा के बदले में कुछ भूमि जागीर के रूप में  प्रदान की जाती थी जो उसके वेतन के रूप में भी होता था। इस जागीर से मनसबदार सभी प्रकार के कर वसूल करने का अधिकारी होता था जो कि सम्राट के द्वारा उसे प्रदान किये गए अधिकारी को दर्शाता था। ध्यातव्य है की उस जागीर से प्राप्त कर की राशि में से मनसबदार के वेतन को काट लिया जाता था उसके बाद बची हुई शेष राशि को मनसबदार को मुगल खजाने में जमा करना पड़ता था। जमींदारी प्रथा भारत में मुगल काल एवं ब्रिटिश काल में  प्रचलित एक राजनैतिक-सामाजिक कुरीति थी जिसमे भूमि का स्वामित्व उस पर काम करने वालों का न होकर किसी और जमींदार का होता था जो खेती करने वालों से कर वसूलते थे। मुगलों के समय जमींदारो के राजस्व अधिकारी तथा जागीदारों को किए गए भूमि आवंटन वंशानुगत नहीं होते थे।

प्रश्न.6. सुप्रसिद्ध चित्र ‘‘बणी-ठणी’’ किस शैली का है? [2018]
(क) बूँदी शैली
(ख) जयपुर शैली
(ग) काँगड़ा शैली
(घ) किशनगढ़ शैली

उत्तर. (घ)
उपाय: निहाल चान्द द्वारा चित्रित ‘‘बणी-ठणी’’ का चित्र मारवाड़ के किशनगढ शैली का है। इसकी तुलना मोनालिसा से की जाती है। ऐसा माना जाता है कि बणी-ठणी, राजा सावंत सिंह की सौतेली माँ बैंकवाटजी की एक नौकरानी या दास लड़की थी। उसने साहित्य का अध्ययन किया तथा अनेक प्राकृतिक स्वभाव की कविताओं की रचना की। उसने कृष्ण पर सुंदर गीत भी बनाये थे।

प्रश्न.7. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
(1) फतेहपुर सीकरी स्थित बुलंद दरवाजा तथा खानकाह के निर्माण में सफेद संगमरमर का प्रयोग हुआ था।
(2) लखनऊ स्थित बड़ा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा के निर्माण में लाल-बलुआ पत्थर और संगमरमर का प्रयोग हुआ था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [2018]

(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(क)
उपाय: अकबर ने 1601 में गुजरात विजय की स्मृति में बुलन्द दरवाजा का निर्माण करवाया था। आगरा से 53 किमी दूर फतेहपुर सीकरी नामक स्थान पर स्थित यह इमारत लाल बलुवा पत्थर से बनी है जिसे सफेद संगमरमर से सजाया गया है।
अवध के नवाब आसफ-उद-दौला ने 1784 में लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा का निर्माण करवाया था। इमामबाड़ा से कुछ ही दूर बाहर 18 मीटर ऊँची रूमी दरवाजा का भी निर्माण करवाया गया। इन इमारतों के बनाने में ईंटो तथा चूने का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न.8. विजयनगर के शासक कृष्णदेव की कराधान व्यवस्था से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(1) भूमि की गुणवत्ता के आधार पर भू-राजस्व की दर नियत होती थी।
(2) कारखानों के निजी स्वामी एक औद्योगिक कर देते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [2016]

(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(ग)
उपाय: 
(i) कृष्णदेव के शासन में, भूमि कर सरकार की राजस्व का प्रमुख स्रोत था। उचित राजस्व के आकलन के लिए संपूर्ण भूमि को चार भागो में वर्गीकृत किया गयाः गीली भूमि, सूखी भूमि, बगीचे और जंगल। सरकार ने अन्य कर जैसे चराई कर, सीमा कर, बागवानी कर और विभिन्न उत्पादन पर उद्योग कर भी लगाए।
(ii) पर्सियन राजदूत अब्दुर रजाकिन, विजयनगर अदालत के द्वारा लिखे गए यात्रा वृत्तांत से दोनों कथन सही हैं।

प्रश्न.9. मध्यकालीन भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(1) तमिल क्षेत्र से सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवादी थे तथा मूर्तिपूजा की निंदा करते थे।
(2) कन्नड़ क्षेत्र के लिंगायत पुनर्जन्म के सिद्धांत पर प्रश्न चिन्ह 
लागते थे तथा जाति अधिक्रम को अस्वीकार करते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [2016]

(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर. 
(ग)
उपाय: 
(i) सिद्ध का मतलब परिष्कृत अद्वैतवादी पंथ है। सित्तर का तात्पर्य जादू-टोना, रसायन शास्त्र और इसके साथ-साथ जादू और अंधविश्वासी शक्तियों से है।
(ii) लिंगायत का विश्वास था कि मौत पर भक्त भगवान शिव के साथ जुड़ जाता है और इस दुनिया में वापस नही लौटता। इसलिए वे मृत शरीर को दफनाने के बजाय समारोहपूर्वक जला देते थे।
(iii) उन्होंने जाति व्यवस्था की आलोचना की थी और पुनर्जन्म के विश्वास पर सवाल उठाए थे।
(iv) लिंगायत ने कुछ प्रथाओं जैसे- विधवा पुनर्विवाह और यौवन पश्चात विवाह को प्रोत्साहित किया था। ज्ञान की परंपरा में जो भी वचन लिखे गए उन्हें कन्नड़ से प्रस्तुत किया गया।

प्रश्न.10. निम्नलिखित युग्मो पर विचार कीजिएः
मध्यकालीन भारत (History) - UPSC Previous Year Questions | UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं? [2016]
(क) 1, 2 और 4
(ख) 2, 3, 4 और 5
(ग) केवल 2 और 5
(घ) 1, 3, 4 और 5

उत्तर. (ग)
उपाय: खजुराहो बुंदेलखण्ड में स्थित हैं जबकि तिरूपति रायलसीमा में स्थित है।

प्रश्न.11. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में इतिवृत्तों, राजवंशीय इतिहासों तथा वीरगाथाओं को कंठस्थ करना निम्नलिखित में से किसका व्यवसाय था? [2016]
(क) श्रमण
(ख) परिव्राजक
(ग) अग्रहारिक
(घ) मगध

उत्तर. (घ)
उपाय: मगध तथा सूताज का व्यवसाय या भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में इतिवृत्तों, राजवंशीय इतिहासों तथा वीरगाथायों को कंठस्थ करना।

प्रश्न.12. मध्यकालीन भारत के आर्थिक इतिहास के संदर्भ में शब्द ‘अरघट्टा’ किसे निरूपित करता है? [2016]
(क) बंधुआ मजदूर
(ख) सैन्य अधिकारियों को दिए गए भूमि अनुदान
(ग) भूमि की सिंचाई के लिए प्रयुक्त जलचक्र (वाटर-व्हील)
(घ) कृषि भूमि में बदली गई बंजर भूमि
उत्तर.
(ग)  
उपाय: पारसी पहिया एक यांत्रिक पानी उठाने का उपकरण है, जो आमतौर पर बैलों भैंसों या ऊंट जैसे जानवरों के द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर खुले कुंओं से पानी खींचनें के लिए किया जाता है। संस्कृत में ‘अरघट्ट’ शब्द का प्रयोग प्राचीन ग्रंथों मे पारसी पहिए के लिए किया जाता था। "अर घट" दो शब्दों को योग है, ‘अर’ मतलब स्योम (पहिए का डण्डा) और "घटट" मतलब मटका।

प्रश्न.13. अजंता और महाबलीपुरम के रूप में ज्ञात दो ऐतिहासिक स्थानों में कौन-सी बात/बातें समान है/हैं?
(i) दोनों एक ही समयकाल में निर्मित हुए थे।
(ii) दोनों का एक ही धार्मिक सम्प्रदाय से संबंध है।
(iii) दोनों में शिलाकृत स्मारक है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। [2016]

(क) केवल 1 और 2
(ख) केवल 3
(ग) केवल 1 और 3
(घ) उपर्युक्त कथनों में से कोई भी सही नहीं है।
उत्तर.
(ख)
उपाय: प्रथम तथा द्वितीय कथन गलत हैं क्योकि अजंता (बौद्ध गुफाएं) का निर्माण दूसरी शताब्दी ई.पू. से पाँचवी शताब्दी ई. तक किया गया, जबकि महाबलिपुरम (हिन्दू मंदिर) का निर्माण 7-8वीं शताब्दी के दौरान पल्लव नरेशों द्वारा किया गया था। तृतीय कथन सही है- दोनों स्मारक चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।

प्रश्न.14. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(i) बोधिसत्व, बौद्धमत के हीनयान सम्प्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है।
(ii) बोधिसत्व अपने प्रबोध के मार्ग पर बढ़ता हुआ करूणामय है।
(iii) बोधिसत्व समस्त सचेतन प्राणियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिए स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलम्बित करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है/हैं? [2016]

(क) केवल 1
(ख) केवल 2 और 3
(ग) केवल 2
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर.
(ख)
उपाय: बोधिसत्व, बौद्धमत के महायान संप्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है। बौद्धिसत्व का शाब्दिक अर्थ है- बुद्धत्व की प्राप्ति। महानदया से प्रेरित बोधित्व जनित सभी संवेदनशील प्राणियों के लाभ के लिए सहज इच्छा से बुद्धत्व प्राप्त करने वाले को बोधिसत्व माना गया है। किसी भी व्यक्ति को केवल इस आधार पर बोधिसत्व नहीं कहा जा सकता है कि वह भविष्य में बुद्धत्व को प्राप्त करेगा बल्कि उसे सचेत रूप से इस मार्ग पर चलते हुए प्रयत्न करना होगा । इसलिये बोधिसत्व शब्द का प्रयोग गौतम बुद्ध के लिए किया गया है जब उन्होंने बुद्धत्व की स्थिति प्राप्त नहीं की थी। यह शब्द उनके पूर्व जन्मों में उनके लिए किया गया है।
इस प्रकार बौद्ध धर्म की महायान शाखा में बोधिसत्व शब्द केंद्रीय भाव को व्यक्त करता है। अतः प्रथम कथन गलत है। जबकि दूसरा तथा तीसरा कथन सही है।

प्रश्न.15. सम्राट अशोक के राजादेशों का सबसे पहले विकूटन किसने किया था? [2016]
(क) जार्ज बुहलर
(ख) जेम्स प्रिंसेप
(ग) मैक्स मुलर
(घ) विलियम जोन्स

उत्तर. (ख)
उपाय: 1837 में, ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकार जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के शिलालेख की व्याख्या की। प्रिंसेप के अभिलेख सिद्ध करते हैं कि राजा द्वारा जारी किए गए शिलालेखों की श्रृंखला थी, जिसमें राजा ने स्वयं को "देवताओं का प्रिय, राजा पियादसी" कहा था।

प्रश्न.16. भारतीय इतिहास के मध्यकाल में बंजारे सामान्यतः कौन थे? [2016]
(क) कृषक
(ख) योद्धा
(ग) बुनकर
(घ) व्यापारी

उत्तर. (घ)
उपाय: भारत में बंजारे लोग ट्रांसपोर्टरों का सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते थे और जो सामान वे ले जाते थे, उनमें नमक, अनाज, जलाऊ लकड़ी और पशु शामिल थे। अतः बंजारे खानाबदोश व्यापारी थे।

प्रश्न.17. इनमें से किसने कृष्णा नदी की सहायक नदी के दक्षिणी तट पर एक नये नगर की स्थापना की और उस देवता के प्रतिनिधि के रूप में अपने इस नये राज्य पर शासन करने का दायित्व लिया जिसके बारे में माना जाता था कि कृष्णा नदी से दक्षिण की समस्त भूमि उस देवता की है?  [2015]
(क) अमोघवर्ष प्रथम
(ख) बल्लाल द्वितीय
(ग) हरिहर प्रथम
(घ) प्रतापरुद्र द्वितीय

उत्तर. (ग)
उपाय: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर तथा बुक्का ने कृष्णा की सहायक तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर की।

प्रश्न.18. निम्नलिखित पर विचार कीजिएः
बाबर के भारत में आने के फलस्वरूप
(i) उपमहाद्वीप में बारूद के उपयोग की शुरूआत हुई
(ii) इस क्षेत्र की स्थापत्यकला में मेहराब और गुंबद बनने की शुरूआत हुई
(iii) इस क्षेत्र में तैमूरी (तिमूरिंद) राजवंश स्थापित हुआ
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। [2015]

(क) केवल 1 और 2
(ख) केवल 3
(ग) केवल 1 और 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर.
(ख)
उपाय: भारतीय उपमहाद्वीप में बारुद का सर्वप्रथम प्रयोग वर्ष 1367 में बहमनी एवंं विजयनगर साम्राज्य के बीच हुए युद्ध में किया गया था। स्थापत्य कला में मेहराब एवं गुबंद का प्रयोग बाबर के भारत में आने से पूर्व दिल्ली सल्तनत में ही प्रारंभ हो गया था।

प्रश्न.19. निम्नलिखित जोड़े पर विचार करेंः
मध्यकालीन भारत (History) - UPSC Previous Year Questions | UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi)
उपरोक्त में से कौन-सा युग्म सही ढंग से मेल खाता है? [2015]

(क) 1 और 2
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 3
(घ) केवल 3
उत्तर.
(ख)
उपाय: चंपक (चम्बा), दुर्गारा (जम्मू) त्रिगर्त (जालंधर) कुलता (कुलु), कुमायूं तथा गढ़वाल जैसे राज्य उत्तर मैदानी क्षेत्राें में व्याप्त संघर्षों से अछूते रहे।

प्रश्न.20. मध्यकालीन भारत में ‘महत्तर’ और ‘पट्टकिल’ पदनाम किनके लिए प्रयुक्त होते थे?   [2014]
(क) सैन्य अधिकारी
(ख) ग्राम मुखिया
(ग) वैदिक कर्मकाण्ड के विशेषज्ञ
(घ) शिल्पी श्रेणियों के प्रमुख

उत्तर. (ख)
उपाय: मध्ययुगीन भारत में ‘महत्तर’ और ‘पट्टकिल’ पदनाम ग्राम मुखिया के लिए प्रयुक्त होते थे।

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FAQs on मध्यकालीन भारत (History) - UPSC Previous Year Questions - UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi)

1. केन्द्रीयकालीन भारत में कौन-कौन सी महत्वपूर्ण संस्थाएं थीं?
उत्तर. केन्द्रीयकालीन भारत में कई महत्वपूर्ण संस्थाएं थीं। कुछ मुख्य संस्थाएं इस प्रकार हैं: - गुप्त वंश का शासन केंद्रीयकृत था। गुप्त वंश के शासक चंद्रगुप्त द्वितीय, समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त त्रितीय, चंद्रगुप्त चौधरी आदि केंद्रीयकृत भारत के प्रमुख थे। - कृष्ण नदी घाटी सभ्यता केंद्रीयकृत थी, जहां प्रशासनिक संरचना, धार्मिक और सामाजिक जीवन की बहुत सारी उपायुक्ति थी। - वर्ष 326 ईसा पूर्व के बाद, मौर्य वंश का शासन केंद्रीयकृत था। सम्राट अशोक के शासनकाल में भारतीय सबके बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है।
2. केन्द्रीयकालीन भारत में धार्मिकता किस प्रकार थी?
उत्तर. केन्द्रीयकालीन भारत में धार्मिकता बहुत प्रभावशाली थी। मौर्य वंश के शासक अशोक द्वारा धर्म को अपनाया गया था। उन्होंने बौद्ध धर्म को प्रचारित किया और भारत के अलावा बाहर भी धर्म के लोगों के बीच बातचीत की। गुप्त वंश के शासनकाल में हिंदू धर्म की प्रमुखता थी और इस काल में बहुत सारे मंदिर और धार्मिक स्थलों का निर्माण हुआ।
3. केन्द्रीयकालीन भारत में कौन-कौन सी वाणी थी?
उत्तर. केन्द्रीयकालीन भारत में कई भाषाएं बोली जाती थीं। कुछ मुख्य भाषाएं इस प्रकार हैं: - संस्कृत भाषा भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत प्रचलित थी और यह केंद्रीयकृत भाषा के रूप में भी मानी जाती थी। - प्राकृत भाषा भी भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाती थी। यह लोक भाषा के रूप में भी जानी जाती थी। - तमिल भाषा दक्षिण भारत में बहुत प्रमुख थी। यह तमिलनाडु राज्य की आधिकारिक भाषा है।
4. केन्द्रीयकालीन भारत में वाणिज्यिक परिवहन कैसे कार्य करता था?
उत्तर. केन्द्रीयकालीन भारत में वाणिज्यिक परिवहन विभिन्न माध्यमों के माध्यम से कार्य किया जाता था। कुछ महत्वपूर्ण माध्यम इस प्रकार हैं: - जलयान यात्रा बहुत प्रमुख थी। नदियों और समुद्र तटों का उपयोग वाणिज्यिक यात्रा के लिए किया जाता था। - सड़क और मार्गों का निर्माण हुआ था, जिन्हें वाणिज्यिक यात्रा के लिए उपयोग किया जाता था। - वाणिज्यिक यात्रा के लिए घोड़े और गाड़ियों का उपयोग भी किया जाता था।
5. केन्द्रीयकालीन भारत में शिल्प कैसे विकसित हुआ?
उत्तर. केन्द्रीयकालीन भारत में शिल्प का विकास बहुत महत्वपूर्ण था। कुछ मुख्य शिल्प क्षेत्र इस प्रकार हैं: - मौर्य वंश के दौरान धातुओं का उपयोग शिल्प में बढ़
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