Table of contents | |
डेयरी उत्पादन और सिंधु घाटी सभ्यता | |
वारली कला | |
बिरसा मुंडा की जयंती | |
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस ( एआई टी यू सी) |
प्रसंग
भारतीय और कनाडाई पुरातत्वविदों के एक ताजा अध्ययन में हाल ही में पता चला है कि हड़प्पावासी 2500 ईसा पूर्व तक दुग्ध उत्पाद तैयार कर रहे थे । यह खोज दूध उत्पादन के शुरुआती साक्ष्य को दिखाती है।
प्रमुख बिंदु
जानवरों
सिंधु घाटी सभ्यता
में हैदराबाद , कलाकारों पारंपरिक वार्ली कला (महाराष्ट्र) प्रपत्र का उपयोग कर रहे हैदराबाद सुशोभित और महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता लाने के लिए।
वारली पेंटिंग
प्रमुख बिंदु
प्रसंग
प्रधानमंत्री ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी, जो हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है । झारखंड को बिहार से बाहर किया गया और आधिकारिक तौर पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया।
बिरसा मुंडाप्रमुख बिंदु
बिरसाइत संप्रदाय
मुंडा विद्रोह
महत्व
प्रसंग
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ( एआई टी यू सी) हाल ही में 100 वर्ष की हुई ।
एआई टी यू सी के बारे में
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1. डेयरी उत्पादन और सिंधु घाटी सभ्यता के बीच क्या संबंध है? |
2. वारली कला क्या है? |
3. बिरसा मुंडा की जयंती क्यों मनाई जाती है? |
4. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) क्या है? |
5. नवंबर 2020 UPSC करंट अफेयर में क्या शामिल है? |
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