Table of contents | |
वाक्य | |
वाक्य-भेद का आधार | |
आश्रित उपवाक्य | |
वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण |
वाक्य शब्दों के मेल से बनते हैं जो अपने में कुछ न कुछ अर्थ छिपाए रहते हैं। अर्थ की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए इन शब्दों को एक व्यवस्थित क्रम में रखा जाता है। इस तरह सार्थक शब्दों का ऐसा व्यवस्थित समूह जो पूरा आशय प्रकट करता है, उसे वाक्य कहते हैं।
अतः वाक्य –
कर्ता + कर्म + पूरक + क्रिया जैसे-
वाक्य-भेद को स्पष्ट रूप से समझने के लिए निम्नलिखित वाक्यों की रचना पर ध्यान देते हैं –
उपर्युक्त वाक्यों में पहला एक वाक्य है। दूसरा और तीसरा दो वाक्यों से तथा चौथा तीन वाक्यों से। वाक्य होने के बाद भी ये अलग-अलग प्रकार के वाक्य हैं।
सरल वाक्य एक कर्ता तथा एक क्रिया के मेल से बनता है। इसमें कोई उपवाक्य जुड़ा नहीं होता है। जैसे- कछुए ने खरगोश को हरा दिया।
नौकर ने समय पर काम पूरा कर लिया।
ड्राइवर समय से बस लेकर नहीं आया।
पक्षी शाम होते ही घोंसले की ओर लौट आते हैं।
सरल वाक्यों की रचना –
सरल वाक्यों की रचना मुख्यतया दो घटकों से होती है। ये घटक हैं – (i) उद्देश्य (ii) विधेय
(i) उद्देश्य-वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहा जाता है। इसे कर्ता भी कहा जाता है।
उद्देश्य कभी एक शब्द का होता है तो कभी इसकी विशेषता बताने वाले शब्द इसमें जुड़ जाते हैं तब यह कई शब्दों के मेल से बनता है, जैसे पौधे बढ़ने लगे हैं।
छोटे-बड़े सभी पौधे बढ़ने लगे हैं।
कल तक के मुरझाए रहने वाले छोटे बड़े सभी पौधे बढ़ने लगे हैं।
इन वाक्यों के रंगीन अंश उद्देश्य हैं, क्योंकि वाक्य का शेष अंश इनके ही बारे में कुछ बता रहा है।
(ii) विधेय-वाक्य में जिस अंश द्वारा अपने उद्देश्य के बारे में कुछ बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं। विधेय एक शब्द का हो सकता है या पूरकों के साथ मिलकर कई शब्दों के मेल से बन सकता है, जैसे – मज़दूर गया।
मज़दूर घर गया।
मज़दूर मज़दूरी लेकर सरपट घर गया।
मज़दूर काम समाप्त होते ही मज़दूरी लेकर सरपट घर गया।
इन वाक्यों के रंगीन अंश अपने उद्देश्य के बारे में कुछ बता रहे हैं, अतः ये विधेय हैं।
कुछ अन्य उदाहरण
जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक (समुच्चयबोधक अव्यय) द्वारा जुड़े होते हैं तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं।
संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ –
संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण
जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य जुड़े हो, परंतु उनमें एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्रवाक्य कहते हैं।
मिश्रवाक्य के कुछ उदाहरण:
ध्यान दें
मिश्र वाक्य में आश्रित उपवाक्य वाक्य के आरंभ, मध्य या अंत में कहीं भी आ सकते हैं, जैसे –
आश्रित उपवाक्य आश्रित या गौण उपवाक्यों के तीन भेद होते हैं –
किसी उपवाक्य में जो आश्रिम उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की संज्ञा के स्थान पर आते हैं, उन्हें संज्ञा उपवाक्य कहते हैं; जैसे –
इन वाक्यों में प्रयुक्त उपवाक्य ‘बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा’, ‘सुमन अवश्य आएगी’, ‘अपने आस-पास सफ़ाई रखो’ संज्ञा उपवाक्य हैं।
अन्य उदाहरण
संज्ञा उपवाक्यों की पहचान इनके आरंभ में लगे ‘कि’ को देखकर पहचान की जा सकती है। ये उपवाक्य ‘कि’ के द्वारा मुख्य (प्रधान) उपवाक्य से जुड़े होते हैं।
‘कि’ का प्रयोग उस दशा में नहीं होता-जब संज्ञा उपवाक्य प्रधान उपवाक्य से पहले आ जाए या कभी-कभी ‘कि’ का लोप कर दिया जाए; जैसे –
इन वाक्यों में रंगीन अंश संज्ञा उपवाक्य हैं जिनके पहले ‘कि’ का लोप है।
विशेषण उपवाक्यों की पहचान – विशेषण उपवाक्य जो, जिसे, जिसने, जिन्होंने, जिस, जिसको आदि ‘जो’ के विभिन्न रूपों से शुरू होते हैं।
अन्य उदाहरण
उपर्युक्त वाक्यों के रंगीन अंश विशेषण उपवाक्य हैं।
प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताने वाले आश्रित उपवाक्यों को क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं; जैसे –
क्रियाविशेषण उपवाक्य के भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की क्रिया का काल, रीति, स्थान,परिमाण, कार्य का कारण आदि का बोध कराते हैं। इस आधार पर क्रियाविशेषण उपवाक्य के पाँच भेद होते हैं –
(i) कालवाचक उपवाक्य –
(ii) रीतिवाचक उपवाक्य –
(iii) स्थानवाचक उपवाक्य –
(iv) परिमाणवाचक उपवाक्य –
(v) परिणामवाचक उपवाक्य –
उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन अंश क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।
क्रियाविशेषण उपवाक्य की पहचान-जब, जैसा, जहाँ, ज्यों-ज्यों आदि शुरू में देखकर की जा सकती है।
किसी वाक्य से दूसरे वाक्य में इस तरह बदलना कि उसका मूलभाव अपरिवर्तित रहे, वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण कहलाता है। वाक्य रूपांतरण के अंतर्गत सरल वाक्यों को संयुक्त और मिश्र में, संयुक्त वालों को सरल और मिश्रवाक्य में तथा मिश्रवाक्य को सरल और संयुक्त वाक्य में बदला जाता है; जैसे –
(i) धमाका होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। (सरल वाक्य)
धमाका हुआ और लोग घरों से बाहर निकल आए। (सरल वाक्य)
जैसे ही धमाका हुआ लोग घरों से बाहर निकल आए। (मिश्र वाक्य)
(ii) पका आम देखते ही बच्चे के मुँह में पानी आ गया। (सरल वाक्य)
बच्चे ने पका आम देखा और उसके मुँह में पानी आ गया। (संयुक्त वाक्य)
जैसे ही बच्चे ने पका आम देखा उसके मुँह में पानी आ गया। (मिश्र वाक्य)
➤ सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य में बदलना- सरल वाक्यों को संयुक्त वाक्य बनाते समय उन्हें इस तरह से दो भागों में बाँटते हैं कि दो क्रियाएँ बन सकें। अब इन वाक्यों को और, या, वा, अथवा, किंतु, परंतु, लेकिन, इसलिए, आदि से जोड़ने का प्रयास करते हैं; जैसे –
➤ सरल वाक्य से मिश्रवाक्य में रूपांतरण- सरल वाक्यों को मिश्रवाक्य बनाते समय उनके शुरू जब, जैसे ज्योंही, जो, जबसे आदि जोड़ते हैं, जैसे –
➤ संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य बनाना-संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य बनाते समय समुच्चयबोधकों को अलग कर देते हैं तथा आवश्यक बदलाव कर मिश्र वाक्य में बदल देते हैं; जैसे –
➤ संयुक्त वाक्य से सरल वाक्यों में रूपांतरण –
➤ मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य में रूपांतरण –
➤ मिश्र वाक्य से सरल वाक्य में रूपांतरण –
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1. क्या है वाक्य-भेद का आधार? |
2. क्या होते हैं आश्रित उपवाक्य? |
3. क्या है वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण? |
4. किसे कहते हैं उपवाक्य का अभिवादन? |
5. कैसे करें वाक्य रचनांतरण? |
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