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Solved Practice Questions: पद-परिचय - Class 10 PDF Download

प्रश्न.1. निम्नलिखित रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए। 

सुंदर गृहिणी की तो मुझे याद नहीं लेकिन उनके बेटे और पतोहू को तो मैंने देखा था।

सुंदर-गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘गृहिणी’।

मुझे-उत्तमपुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग कर्मकारक।

लेकिन–समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय, दो वाक्यों को जोड़कर विरोधभाव प्रकट करने वाला।

देखा था-सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, भूतकालिक क्रिया।


प्रश्न.2. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए।
(क) मैं कभी-कभी मंदिर जाता हूँ।
(ख) अनेक भिखारी वहाँ बैठे थे।
(ग) शाबाश! तुमने अच्छा किया।
(घ) दुष्ट व्यक्ति को दूर ही रखो।

(क) कालवाचक क्रियाविशेषण, जाने की विशेषता का द्योतक।

(ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण विशेष्य ‘भिखारी’।

(ग) विस्मयादिबोधक अव्यय हर्ष का भाव प्रकट करने वाला

(घ) गुणवाचक विशेषण एकवचन पुल्लिंग विशेष्य ‘व्यक्ति’।


प्रश्न.3. रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए। 
रेखा नवीं कक्षा में पढ़ती है

रेखा-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक, ‘पढ़ती है’ क्रिया का कर्ता।

नवीं-निश्चित, क्रमसूचक, संख्यावाचक, विशेषण, स्त्रीलिंग, विशेष्य कक्षा।

कक्षा-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग विशेष्य, विशेषण ‘नौंवी’।

पढ़ती है-अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य अन्यपुरुष कर्ता ‘रेखा’।


प्रश्न.4. रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए – 
आजकल हमारा देश प्रगति के मार्ग पर बढ़ रहा है

आजकल-कालवाचक क्रियाविशेषण ‘बढ़ रहा है’ क्रिया के काल का द्योतक।

हमारा-उत्तमपुरुषवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग ‘देश’ के संबंध का सूचक, संबंध कारक।

देश-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, ‘बढ़ रहा है’ क्रिया का ‘कर्ता’।

बढ़ रहा है-अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमानकाल सातत्यबोधक कर्तृवाच्य, कर्ता-देश।


प्रश्न.5. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंशों का पद-परिचय दीजिए
(क) आज भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है।
(ख) यह घर आजकल खाली पड़ा हुआ है।
(ग) शुक्ल पक्ष में चाँद निरंतर बढ़ता है।
(घ) आपने गरीबों की मदद करके अनुकरणीय कार्य किया है।
(ङ) सायं पाँच बजे ही गाड़ी छूट चुकी थी।
(च) धीर पुरुष मुसीबत में विचलित नहीं होते हैं।
(छ) गंगा का पानी प्रदूषित हो चुका है।
(ज) ग्रीष्म ऋतु में रेगिस्तान में जीवन कठिन हो जाता है।
(झ) प्राणियों का पेट उन्हें परिश्रम करने के लिए बाध्य कर देता है।
(ञ) छोटे बच्चे की सफलता से माता-पिता उत्साहित थे।

(क) आज-अव्यय, कालवाचक क्रियाविशेषण, होना ‘क्रिया’।

(ख) यह–सार्वनामिक क्रियाविशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘घर’ विशेष्य।

(ग) बढ़ता है-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमानकाल, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्ता ‘चाँद’।

(घ) आपने-सर्वनाम, एकवचन, आदरार्थ, पुल्लिंग, मध्यम पुरुष, कर्ता कारक, किया है क्रिया का कर्ता।

(ङ) गाड़ी-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ताकारक, ‘छूट चुकी थी’ क्रिया की कर्ता।

(च) विचलित-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमानकाल।

(छ) गंगा का-व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंधकारक, संबंधी शब्द ‘पानी’।

(ज) ग्रीष्म-गुणवाचक विशेषण, एकवचन, विशेष्य-ऋतु।

(झ) प्राणियों का-जातिवाचक संज्ञा, प्राणी का बहुवचन, संबंध कारक, संबंधी शब्द ‘पेट’।

(ञ) छोटे-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘बच्चे’ विशेष्य।


प्रश्न.6. रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए – 
अहा! उपवन में सुन्दर फूल खिले हैं।

अहा! – विस्मयवाचक अव्यय (विस्मय, अश्चर्य/प्रसन्नता)


प्रश्न.7. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए।
(क) लखनऊ स्टेशन से गाड़ी छूट रही थी।
(ख) खीरे की पनियाती फाँकें बहुत स्वादिष्ट थीं।
(ग) तुम्हें भागवत ध्यान से पढ़नी चाहिए।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ इस मंगलध्वनि के नायक थे।
(ङ) अरे, तुम भी आ गए?

(क) जातिवाचक स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘छूट रही थी’ क्रिया का कर्ता।

(ख) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग विशेष्य ‘फाँके’

(ग) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम एकवचन पुल्लिंग/स्त्रीलिंग कर्ता कारक, ‘पढ़नी चाहिए’ क्रिया का कर्ता।

(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक।

(ङ) विस्मयादिवाचक अव्यय, आश्चर्य का भाव प्रकट करने वाला।


प्रश्न.8. रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए। 
बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जब उनका बेटा मरा

बालगोबिन भगत-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक, ‘संगीत साधना’ से संबंध।

उस-सार्वनामिक विशेषण, विशेष्य दिन।

जब-कालवाचक क्रियाविशेषण, ‘मरने’ के समय का द्योतक।

मरा-अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकालिक, कर्तृवाच्य, अन्यपुरुष।


प्रश्न.9. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित अंश का पद-परिचय लिखिए। 
(क) रमेश तीसरी कक्षा में पढ़ता है।
(ख) शीला ज़ोर-ज़ोर से हँस रही थी
(ग) यह थैला मेरे छोटे भाई का है।
(घ) जल्दी जाओ, भाई को बुला लाओ।
(ङ) जब वे यहाँ आए तभी मैं चला गया था।

(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, ‘पढ़ता है’ क्रिया का कर्ता।

(ख) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, सातत्यबोधक भूतकालिक, कर्तृवाच्य, अन्यपुरुष ।

(ग) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘भाई’

(घ) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘जाना’ क्रिया की रीति बता रहा है।

(ङ) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘आए’ क्रिया का कर्ता।


प्रश्न.10. निम्नांकित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए।
(क) हम स्वतंत्रता का स्वागत करते हैं।
(ख) मैं चाहता हूँ तुम विद्वान बनो।
(ग) वहाँ चार छात्र बैठे हैं।
(घ) तुम सदा सत्य बोलो।

(क) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, संबंध कारक।

(ख) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक ‘चाहता हूँ’ क्रिया का कर्ता।

(ग) निश्चित संख्यावाचक विशेषण विशेष्य-छात्र।

(घ) कालवाचक क्रियाविशेषण ‘बोलो’ क्रिया के काल का द्योतक।

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FAQs on Solved Practice Questions: पद-परिचय - Class 10

1. पद-परिचय क्या है?
उत्तर: पद-परिचय कक्षा 10 में एक पाठ है जिसमें हमें एक कविता या गीत के विभिन्न पदों की पहचान करनी सिखाई जाती है। इस पाठ में हम पदों के भेद, उनकी पहचान के नियम और उनका अर्थ विश्लेषण सीखते हैं।
2. पद-परिचय क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: पद-परिचय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें कविता या गीत के विभिन्न पदों की पहचान करने में मदद करता है। इससे हमें कविता या गीत के भाव, विचार और रचनात्मकता को समझने में आसानी होती है। यह हमारी भाषा और साहित्यिक ज्ञान को विस्तारित करने में भी मदद करता है।
3. पद-परिचय के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: पद-परिचय के तीन प्रकार होते हैं। पहला होता है 'अर्थवादी पद-परिचय' जिसमें हम विशेष शब्दों के अर्थ विश्लेषण के माध्यम से पदों की पहचान करते हैं। दूसरा होता है 'भावार्थी पद-परिचय' जिसमें हम कविता या गीत के भाव और विचारों के आधार पर पदों की पहचान करते हैं। तीसरा होता है 'शैली पद-परिचय' जिसमें हम कविता या गीत के शैली और रचनात्मकता के आधार पर पदों की पहचान करते हैं।
4. पद-परिचय करने के लिए कौन-कौन से नियम होते हैं?
उत्तर: पद-परिचय करते समय हमें कई नियमों का पालन करना चाहिए। पहला नियम है - पदों का अर्थ विश्लेषण करना। दूसरा नियम है - पदों के भाव और विचारों को समझना। तीसरा नियम है - पदों की शैली और रचनात्मकता को ध्यान से पढ़ना। चौथा नियम है - पदों का उच्चारण सही ढंग से करना। और पांचवा नियम है - अभ्यास के माध्यम से पदों की पहचान में माहिर होना।
5. पद-परिचय क्या होता है?
उत्तर: पद-परिचय एक कविता या गीत के विभिन्न पदों की पहचान करने की क्रिया है। इसमें हमें पदों के भेद, उनकी पहचान के नियम और उनका अर्थ विश्लेषण सीखने को कहा जाता है। पद-परिचय हमें कविता या गीत के भाव, विचार और रचनात्मकता को समझने में मदद करता है।
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