प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद’ जी की 125वीं जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 125 रुपए का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया। ‘भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद’ ने इस्कॉन की स्थापना की थी जिसे हरे कृष्ण मूवमेंट के रूप में भी जाना जाता है। ‘इस्कॉन’ ने भगवद् गीता और अन्य वैदिक साहित्य का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कराया है और इस तरह विश्व भर में वैदिक साहित्य के प्रचार-प्रसार में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद’ का जन्म 1896 में कलकत्ता (भारत) में हुआ था। वह अपने आध्यात्मिक गुरु- ‘श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती गोस्वामी’ से पहली बार वर्ष 1922 में कलकत्ता में मिले थे। महत्त्वपूर्ण धार्मिक विद्वान और चौंसठ गौड़ीय मठों (वैदिक संस्थानों) के संस्थापक ‘भक्तिसिद्धांत सरस्वती’ ने ‘भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद’ को वैदिक ज्ञान सिखाने के लिये अपना जीवन समर्पित करने को राज़ी कर लिया। ‘श्रील प्रभुपाद’ की दार्शनिक शिक्षा और भक्ति को पहचानते हुए गौड़ीय वैष्णव समाज ने उन्हें वर्ष 1947 में ‘भक्तिवेदांत’ की उपाधि से सम्मानित किया। स्वामी प्रभुपाद ने एक सौ से अधिक मंदिरों की स्थापना की और विश्व को भक्ति योग के मार्ग की शिक्षा देने के लिये कई पुस्तकें लिखीं। 14 नवंबर, 1977 को अपने निधन से पूर्व उन्होंने सोसाइटी का मार्गदर्शन किया और इसे एक सौ से अधिक आश्रमों, स्कूलों, मंदिरों, संस्थानों तथा कृषि समुदायों के विश्वव्यापी संघ के रूप में विकसित होते देखा।
भारतीय समाज में छोटे और लघु उद्योगों के महत्त्व को मान्यता देने हेतु प्रतिवर्ष 30 अगस्त को ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम लोगों को रोज़गार प्रदान करने में छोटे व्यवसायों के महत्त्व को मान्यता प्रदान करता है और उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु समर्पित है। भारत जैसे विकासशील देश में छोटे पैमाने के उद्योग आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे क्षेत्रों की सामरिक प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए इनके विकास की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया है। परिणामस्वरूप छोटे उद्योगों के लिये सरकारी नीतिगत सहायता की प्रवृत्ति लाभकारी रही है और छोटे उद्यमों के विकास के अनुकूल रही है। 30 अगस्त, 2000 को लघु उद्योग क्षेत्र के लिये एक व्यापक नीति पैकेज की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत में छोटी फर्मों को महत्त्वपूर्णसहायता प्रदान करना था। 30 अगस्त, 2001 को लघु उद्योग मंत्रालय ने नई दिल्ली में लघु उद्यमियों के लिये एक ‘लघु उद्योग सम्मेलन’ आयोजित किया, साथ ही लघु उद्योग के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किये गए, तभी से प्रतिवर्ष 30 अगस्त को ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
भारतीय रेलवे ने कोविड के कारण प्रभावित पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये ‘सिलीगुड़ी’ जंक्शन से पश्चिम बंगाल के ‘रोंगटोंग’ स्टेशन तक एक नियमित जंगल टी टॉय-ट्रेन सफारी शुरू करने का निर्णय लिया है। विश्व प्रसिद्ध ‘दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे’ (DHR) का संचालन करने वाले भारतीय रेलवे के ‘पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे’ (NFR) ने नई सेवा की घोषणा की है। इस मार्ग पर संचालित टॉय ट्रेन को वर्ष 1999 में यूनेस्को की 'विश्व धरोहर स्थल' सूची में शामिल किया गया था। यहाँ टॉय ट्रेन के लिये वर्ष 1889 और वर्ष 1927 के बीच निर्मित हेरिटेज स्टीम इंजनों के साथ-साथ आधुनिक डीज़ल इंजनों, दोनों का उपयोग किया जाता है, जो विदेशी पर्यटकों और घरेलू यात्रियों के बीच व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं। देश में कोविड-19 महामारी के कारण लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व नियमित टॉय ट्रेन सेवाओं को निलंबित किये जाने के बाद रेलवे अधिकारी पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय कुश्ती को व्यापक पैमाने पर बढ़ावा देने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने इस खेल को वर्ष 2032 तक गोद लेने का निर्णय लिया है और इसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार पहलवानों को बुनियादी अवसंरचना प्रदान करने तथा ओलिंपिक तक पहुँचने में खिलाड़ियों का समर्थन करने हेतु 170 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। ध्यातव्य हैकि इससे पूर्व ओडीशा सरकार ने हॉकी के खेल का समर्थन किया था, जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। इस समझौते के माध्यम से देश भर में कुश्ती खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जा सकेंगी और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण के लिये विदेश भी भेजा जा सकेगा। साथ ही कैडेट और जूनियर पहलवानों के प्रशिक्षण पर भी निवेश किया जा सकेगा।
02 सितंबर, 2021 को गूगल ने डूडल के माध्यम से पोलिश आविष्कारक, डॉक्टर और इम्यूनोलॉजिस्ट ‘रूडोल्फ वीगल’ की 138वीं जयंती मनाई। उन्होंने सबसे पुराने और सबसे संक्रामक रोगों में से एक- ‘टाइफस’ के विरुद्ध पहली बार प्रभावी टीका तैयार किया था। उनके कार्यों के लिये उन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार के लिये नामित किया गया। ज्ञात हो कि शरीर के ‘जूँ’ (Lice) तथा घुन और पिस्सू टाइफस-संक्रमित बैक्टीरिया ‘रिकेट्सिया प्रोवाज़ेकी’ के लिये उत्तरदायी होते हैं, इसलिये ‘रूडोल्फ वीगल’ ने इन छोटे कीटों को एक प्रयोगशाला नमूने में अनुकूलित किया। उनके नवोन्मेषी शोध से पता चला कि घातक जीवाणुओं को फैलाने में ‘जूँ’ किस प्रकार योगदान देते हैं और ‘रूडोल्फ वीगल’ ने ‘टाइफस’ की वैक्सीन बनाने के लिये दशकों तक इनका अध्ययन किया। वर्ष 1936 में ‘रूडोल्फ वीगल’ द्वारा विकसित वैक्सीन का पहली बार प्रयोग किया गया था। वर्ष 1883 में ऑस्ट्रो-हंगेरियन शहर ‘प्रेज़ेरो’ (आधुनिक चेक गणराज्य) में जन्मेवीगल ने पोलैंड के ‘ल्वो विश्वविद्यालय’ में जैविक विज्ञान का अध्ययन किया और वर्ष 1914 में पोलिश सेना में एक परजीवी विज्ञानी के रूप में नियुक्त किये गए। इसके अलावा उन्होंने ज़ूलॉजी, तुलनात्मक एनाटॉमी और ऊतक विज्ञान जैसे विषयों में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
01 सितंबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ (NCERT) का 61वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ 01 सितंबर, 1961 को भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्त संगठन है, जो कि स्कूली शिक्षा से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करने तथा उन्हें सुझाव देने का कार्य करता है। NCERT और इसकी घटक इकाइयों का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान करना, उसे बढ़ावा देना और समन्वय स्थापित करना; पाठ्यपुस्तक, संवादपत्र तथा अन्य शैक्षिक सामग्रियों का निर्माण करना एवं उन्हें प्रकाशित करना; शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण का आयोजन करना है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है, जबकि इसकी कई घटक इकाइयाँ देश के अन्य हिस्सों में स्थापित हैं। NCERT, स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिये भी एक कार्यान्वयन एजेंसी है। NCERT अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय एवं वार्ता करता है और अन्य विकासशील देशों के शैक्षिक कर्मियों को विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करता है।
‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ के वैज्ञानिकों ने एक जीवित-पौधा-आधारित एयर प्यूरीफायर 'यूब्रीथ लाइफ' विकसित किया है, जो इनडोर स्थानों में हवा को शुद्ध करने की प्रक्रिया को मज़बूत करता है। ये इनडोर स्थान अस्पताल, स्कूल, कार्यालय या घर हो सकते हैं। IIT-रोपड़ की स्टार्टअप कंपनी, अर्बन एयर लेबोरेटरी, जिसने यह प्रोडक्ट विकसित किया है, का दावा हैकि यह दुनिया का पहला, अत्याधुनिक 'स्मार्ट बायो- फिल्टर' है, जो हवा को ताज़ा और शुद्ध बना सकता है। यह प्रौद्योगिकी हवा को शुद्ध करने वाले प्राकृतिक पत्तेदार पौधे के माध्यम से काम करती है। कमरे की हवा पत्तियों के संपर्क में आकर मिट्टी-जड़ क्षेत्र में पहुँचती है, जहाँ अधिकतम प्रदूषक फिल्टर मौजूद होते हैं। एयर प्यूरीफायर 'यूब्रीथ लाइफ' के लिये जिन पौधों का परीक्षण किया गया है, उनमें पीस लिली, स्नेक और स्पाइडर प्लांट शामिल हैं। परीक्षण के परिणामों से पता चला हैकि 'यूब्रीथ लाइफ' का उपयोग करने के बाद पंद्रह मिनट के भीतर 150 वर्ग फुट के कमरे के आकार के क्षेत्र में ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ 311 से गिरकर 39 पर पहुँच गया। इसके अलावा यह प्यूरीफायर किसी विशिष्ट क्षेत्र में ऑक्सीजन भी बढ़ाता है, जिससे साँस लेने की समस्या से पीड़ित मरीज़ों को काफी मदद मिल सकती है।
राजस्थान कैडर के वर्ष 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार सिंह को ‘सीमा सुरक्षा बल’ (BSF) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। पंकज कुमार सिंह वर्तमान में ‘सीमा सुरक्षा बल’ के विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह 7 फरवरी, 2020 को प्रतिनियुक्ति पर BSF में शामिल हुए थे। इससे पूर्व उन्होंने ‘केंद्रीय जाँच ब्यूरो’ (CBI) में आठ वर्ष और CRPF में चार वर्ष तक सेवाएँ दी हैं। उन्होंने राजस्थान पुलिस में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर और संयुक्त राष्ट्र की एक परियोजना के लिये ‘बोस्निया’ में भी काम किया है। ज्ञात हो कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं की रक्षा करने के विशेष उद्देश्य के मद्देनज़र वर्ष 1965 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना की गई थी। यह गृह मंत्रालय (MHA) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के पाँच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 2.65 लाख से अधिक रक्षाकर्मी पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर तैनात हैं।
31 अगस्त, 2021 को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पूण्यतिथि मनाई गई। भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के पूर्वनेता प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक बतौर राष्ट्रपति अपनी सेवाएँ दी थीं। इससे पूर्व उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर भी कार्य किया और अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने विदेश मामलों, रक्षा और वाणिज्य मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाला। बंगाल के बीरभूम ज़िले में जन्मे प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की और कानून की भी पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले उन्होंने विद्यानगर कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में और बंगाली पत्रिका 'देशेर डाक' के पत्रकार के रूप में भी काम किया। राष्ट्रीय राजनीति में मुखर्जी की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई, जब वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मार्गदर्शन में राज्यसभा के लिये चुने गए। प्रधानमंत्री ‘पी.वी. नरसिम्हा राव’ के कार्यकाल के दौरान उन्हें योजना आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया और बाद में वे विदेश मंत्री के रूप में भी नियुक्त किये गए। अपने समग्र राजनीतिक कार्यकाल के दौरान प्रणब मुखर्जी ने सूचना के अधिकार, रोज़गार के अधिकार, मेट्रो रेल और इसी तरह के कई अन्य घटनाक्रमों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल ही में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के पंचायती राज संस्थानों के सशक्तीकरण के लिये ‘संसदीय आउटरीच कार्यक्रम’ का उद्घाटन किया है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है और पंचायत स्तर सहित सभी स्तरों पर लोकतंत्र को मज़बूत करना संसद का उत्तरदायित्त्व है। यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जो ज़मीनी स्तर पर शासन एवं नियोजन संस्था को मज़बूत करने का प्रयास करता है। कुल चार ‘संसदीय आउटरीच कार्यक्रम’ आयोजित किये जाने हैं, इसमें पहला कार्यक्रम 08 जनवरी, 2021 को देहरादून (उत्तराखंड) में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में 445 पंचायत प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। वहीं दूसरा कार्यक्रम मेघालय और अन्य उत्तर पूर्वी राज्य के लिये शिलांग में आयोजित किया गया, जबकि तीसरा और चौथा कार्यक्रम क्रमशः लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के लिये आयोजित किया जाना है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य जन जागरूकता एवं भागीदारी बढ़ाना, ज़मीनी स्तर के नेताओं के बीच आत्मविश्वास को बढ़ावा देना और सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के विषय में जागरूकता फैलाना है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने हाल ही में 'इनोवेशन मिशन पंजाब' (आईएमपंजाब) लॉन्च किया है, जो एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जिसका उद्देश्य वैश्विक निवेशकों और विशेषज्ञों को स्टार्टअप को उत्प्रेरित करने के लिये एक साथ लाना है। मिशन पंजाब की विकास क्षमता को उजागर करेगा और रोज़गार सृजन एवं निवेश को आमंत्रित करके राज्य में एक संपन्न अर्थव्यवस्था का निर्माण करेगा। साथ ही यह मिशन निवेश, परामर्श व बाज़ार पहुँच के लिये भागीदारों के एक वैश्विक पूल का भी निर्माण करेगा। यह मिशन पंजाबी डायस्पोरा की ताकत का भी लाभ उठाएगा, जिससे उन्हें महिलाओं के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित कार्यक्रम चलाने के अलावा राज्य की इस नई विकास पहलों में भाग लेने की अनुमति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 450 स्टार्टअप और 20 से अधिक इन्क्यूबेटरों के साथ एक उभरता हुआ उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है।
आयुष मंत्रालय द्वारा देश भर में 45 से अधिक स्थानों पर “आयुष आपके द्वार” अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान की शुरुआत आयुष भवन में कर्मचारियों को औषधीय पौधे वितरित कर की गई। इस अभियान की शुरूआत से जुड़ी गतिविधियों में कुल 21 राज्य भाग ले रहे हैं और इस दौरान दो लाख से अधिक पौधे वितरित किये जाएंगे। इस अभियान का उद्देश्य एक वर्ष में देश भर के 75 लाख घरों में औषधीय पौधे वितरित करना है। इन औषधीय पौधों में तेजपत्ता, स्टीविया, अशोक, जटामांसी, गिलोय/गुडुची, अश्वगंधा, कुमारी, शतावरी, लेमनग्रास, गुग्गुल, तुलसी, सर्पगंधा, कालमेघ, ब्राह्मी और आँवला शामिल हैं। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत वाई-ब्रेक एप की शुरुआत, रोगनिरोधी आयुष दवाओं के वितरण सहित कई अन्य कार्यक्रम पहले ही शुरू किये जा चुके हैं।
विश्व स्तर पर (भारत को छोड़कर) शीर्ष ऑल इंडिया रेडियो (AIR) स्ट्रीम की रैंकिंग में बड़ेबदलाव आए हैं। विश्व स्तर पर भारत को छोड़कर शीर्ष देशों की नवीनतम रैंकिंग में न्यूज़ऑनएयर एप पर ऑल इंडिया रेडियो लाइव-स्ट्रीम सबसे लोकप्रिय है। न्यूज़ीलैंड ने जर्मनी को पीछे छोड़कर 8वाँ स्थान हासिल किया है, जबकि इंग्लैंड ने फिजी को चौथे स्थान पर खिसकाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। ऑल इंडिया रेडियो की 240 से अधिक रेडियो सेवाओं का न्यूज़ऑनएयर एप, प्रसार भारती के आधिकारिक एप पर लाइव-स्ट्रीम किया जाता है। न्यूज़ऑनएयर एप पर ऑल इंडिया रेडियो स्ट्रीम के न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर 85 से अधिक देशों और वैश्विक स्तर पर 8000 शहरों में बड़ी संख्या में श्रोता हैं।
एसजेवीएन को प्रतिष्ठित डन एंड ब्रैडस्ट्रीट- कॉरपोरेट अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया है, यह पुरस्कार उसे बेस्ट ग्रोथ परफॉर्मेंस-पावर की श्रेणी में प्राप्त हुआ। यह पुरस्कार वर्चुअल सम्मेलन के माध्यम से प्रदान किया गया है, जिसका शीर्षक ‘भारत की शीर्ष 500 कंपनियाँ 2021’ था। एसजेवीएन के पास वर्तमान में लगभग 10,000 मेगावाट की 31 परियोजनाओं का मज़बूत पोर्टफोलियो है। इस कार्यक्रम की थीम ‘लैइंग द फाउंडेशन फॉर एन ईएसजी-रेडी कॉरपोरेट इंडिया' थी। इस कार्यक्रम में भारत की शीर्ष 500 कंपनियाँ वर्ष 2021 के प्रकाशन के डिजिटल लॉन्च को भी शामिल किया गया। पिछले दो दशकों से भी ज़्यादा समय से डन एंड ब्रैडस्ट्रीट भारत की शीर्ष 500 कंपनियों की सूची तैयार कर रहा है, जो भारत के कॉरपोरेट जगत के लीडरों और भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन वर्षों में प्रकाशन ने सबसे विश्वसनीय और व्यापक संग्रह तथा भारत के व्यापक कॉरपोरेट जगत की सबसे सटीक रैंकिंग में से एक होने की प्रतिष्ठा प्राप्त की है।
तमिलनाडु में एम. मोहम्मद अब्दुल्ला को राज्यसभा के लिये निर्वाचित किया गया है। यह सीट इस वर्ष आल इंडिया अन्ना डीएमके पार्टी के सांसद ए. मोहम्मदजान के निधन के कारण रिक्त हुई थी। इस सीट के लिये उपचुनाव 13 सितंबर को कराया जाना था लेकिन कोई और उम्मीदवार नहीं होने के कारण मोहम्मद अब्दुल्ला को चुनाव किये बिना ही नामांकित कर दिया गया। श्री अब्दुल्ला पुदुक्कोट्टई ज़िले के तिरूमैयम के निवासी हैं। वे पहले पार्टी की युवा इकाई के पदाधिकारी थे। उन्हें इस वर्ष जनवरी में पार्टी की एन.आर.आई. विंग का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया था।
05 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी ‘वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई’ को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 5 सितंबर, 1872 को तमिलनाडु में जन्मे ‘वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई’ तमिलनाडु में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक हैं और उन्हें राष्ट्र के लिये उनके बलिदान हेतु याद किया जाता है। ‘वी.ओ. चिदंबरम’ ने तमिलनाडु में काम कर रहे ट्रेड यूनियनों को एक मज़बूत नेतृत्व प्रदान किया और भारत की आजादी के लिये अंग्रेज़ों से भी लड़ाई लड़ी। इसके अलावा उन्हें तूतीकोरिन और कोलंबो के बीच पहली स्वदेशी शिपिंग सेवा स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है। वी.ओ. चिदंबरम के विद्रोही रवैये और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ उनकी कार्रवाई को देखते हुए अंग्रेज़ों ने उनकी ‘बैरिस्टर’ की उपाधि छीन ली थी। वी.ओ. चिदंबरम ने वर्ष 1905 में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस का सदस्य बनकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था। काॅन्ग्रेस में शामिल होने के बाद वी.ओ. चिदंबरम भारत की स्वतंत्रता के सपने को साकार करने में लग गए। उनका एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य सीलोन के तटों पर ब्रिटिश शिपिंग के एकाधिकार को समाप्त करना था। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्णानंद से प्रेरित होकर उन्होंने 12 नवंबर, 1906 को स्वदेशी स्टीम नेविगेशन कंपनी की स्थापना की। 18 नवंबर, 1936 को भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के तूतीकोरिन क्षेत्रीय कार्यालय में वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई की मृत्यु हो गई।
राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस का आयोजन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में किया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुट्टनी में हुआ था और वर्ष 1962 में वे भारत के राष्ट्रपति बने थे तथा वर्ष 1967 तक इस पद पर रहे थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को शिक्षक होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध दार्शनिक और राजनेता के रूप में भी जाना जाता है। उल्लेखनीय हैकि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिये कुल 16 बार और नोबेल शांति पुरस्कार के लिये कुल 11 बार नामांकित किया गया था। 16 अप्रैल, 1975 को चेन्नई में उनकी मृत्यु हो गई। शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थी अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करते हैं। ध्यातव्य हैकि विश्व शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 20वीं सदी के महानतम विचारकों में से एक होने के साथ-साथ भारतीय समाज में पश्चिमी दर्शन को प्रस्तुत करने के लिये भी याद किया जाता है।
‘पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ को प्रतिष्ठित ‘एसोसिएशन फॉर टैलेंट डेवलपमेंट’ (ATD) 2021 बेस्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। इसने दुनिया भर के 71 संगठनों में 8वाँ स्थान हासिल किया है। साथ ही इस पुरस्कार को पाने वाला यह एकमात्र सार्वजनिक उपक्रम बन गया है और यह शीर्ष 20 कंपनियों में शामिल भारत की केवल दो कंपनियों में से एक है। ‘एसोसिएशन फॉर टैलेंट डेवलपमेंट’ दुनिया की सबसे बड़ी एसोसिएशन है, जो संगठनों में प्रतिभा विकसित करने हेतु समर्पित है। इसके द्वारा प्रस्तुत अवार्ड को कौशल विकास उद्योग में सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। एक वैश्विक कार्यक्रम के तौर पर यह उन संगठनों पर केंद्रित है, जो प्रतिभा विकास के माध्यम से प्रतिष्ठान की सफलता को प्रदर्शित करते हैं। पावरग्रिड को यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्रतिभा विकास विधियों और कार्यक्रमों के पोषण में उसके अथक प्रयासों के लिये मिला है। ‘पावरग्रिड’ संगठन में प्रतिभा विकास पहल का संचालन ‘पावरग्रिड एकेडमी ऑफ लीडरशिप’ (PAL) द्वारा किया जा रहा है। ज्ञात हो कि ‘पावरग्रिड’ विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है। यह देश की सबसे बड़ी बिजली ट्रांसमिशन कंपनी है। इसने अपना व्यावसायिक संचालन वर्ष 1992-93 में शुरू किया था और वर्तमान में यह एक महारत्न कंपनी है।
ब्रिक्स देशों के समूह द्वारा स्थापित ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ (NDB) ने अपने विस्तार अभियान के हिस्से के तौर पर संयुक्त अरब अमीरात, उरुग्वे और बांग्लादेश को नए सदस्यों के रूप में शामिल कर लिया है। यह वर्ष 2014 में ब्राज़ील के ‘फोर्टालेज़ा’ में आयोजित छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है। इसका गठन ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नवाचार एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से तीव्र विकास के लिये बुनियादी अवसंरचना व सतत् विकास प्रयासों का समर्थन करने हेतु किया गया था। इसका मुख्यालय शंघाई (चीन) में स्थित है। वर्ष 2018 में ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सक्रिय और उपयोगी सहयोग के लिये एक मज़बूत आधार स्थापित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जाप्राप्त किया था।
हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी प्रबंधन को लेकर लोगों में व्याप्त अक्रोश के बाद योशीहिदे सुगा को पद से इस्तीफा देना पड़ रहा है। गौरतलब हैकि तकरीबन एक वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद योशीहिदे सुगा जापान के प्रधानमंत्री बने थे। योशीहिदे सुगा उस समय शिंजो आबे की सरकार में मुख्य कैबिनेट सचिव के तौर पर कार्य कर रहे थे। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी और आर्थिक गिरावट के अलावा योशीहिदे सुगा को चीन सहित कई अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा था। ज्ञात हो कि जापान में एक बहुदलीय, द्विसदनीय और प्रतिनिधि लोकतांत्रिक संवैधानिक राजतंत्र है। जापान ने संविधान की सर्वोच्चता के साथ एकात्मक मॉडल को अपनाया है। जापान की शासन प्रणाली में भी विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका शामिल हैं। जापान का सम्राट राज्य का प्रमुख होता है और प्रधानमंत्री, सरकार एवं मंत्रिमंडल का प्रमुख होता है। सम्राट के पास नाममात्र के औपचारिक अधिकार होते हैं। विधायिका को ‘नेशनल डाइट’ (National Diet) के रूप में जाना जाता है, जिसके सदस्य प्रत्यक्ष तौर पर चुने जाते हैं। भारतीय संविधान में जापान के संविधान से कई प्रावधान शामिल किये गए हैं, जिसमें ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ का प्रावधान भी शामिल है।
‘अमेज़न इंडिया’ ने ‘किसान स्टोर’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म लॉन्च किया है, जो देश भर में किसानों को 8,000 से अधिक कृषि इनपुट जैसे- बीज, कृषि उपकरण और सहायक उपकरण, पौध संरक्षण, पोषण तत्त्व आदि प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMBs) द्वारा सूचीबद्ध ये उत्पाद अमेज़न इंडिया पर प्रतिस्पर्द्धी कीमतों पर उपलब्ध होंगे, साथ ही इसमें किसानों के दरवाज़े पर डिलीवरी की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध होगी। यह ऑनलाइन स्टोर हिंदी और अंगेज़ी के अलावा तेलुगू, कन्नड़, तमिल और मलयालम जैसी स्थानीय भाषाओं में मौजूद होगा तथा किसान डिजिटल भुगतान का उपयोग करके कृषि इनपुट खरीद सकते हैं। अमेज़न ने किसानों के लिये स्टोर मालिकों की मदद से खरीदारी करने हेतु 5,000 से अधिक ‘अमेज़न इज़ी स्टोर’ नेटवर्क भी खोला है, जो उन्हें ब्राउज़ करने, उत्पाद की पहचान करने, उनका अमेज़न खाता बनाने और ऑर्डर देने में मदद करेगा। इन स्टोरों में 20 से अधिक ब्रांडों के हज़ारों उत्पाद सूचीबद्ध हैं। यह स्टोर किसानों के लिये एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने हेतु पहला कदम है, जो उन्हें एक क्लिक पर ऑर्डर देने और उनकी पसंद के उत्पादों को घर बैठे प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
टेक उद्यमी ‘एलोन मस्क’ ने हाल ही में घोषणा की हैकि 'स्पेसएक्स’ की पहली सर्व-नागरिक एवं गैर-सरकारी स्पेसफ्लाइट जल्द ही लॉन्च की जाने वाली है। इसके तहत ‘क्रू ड्रैगन’ अंतरिक्षयान को अमेरिका के फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना है। यह चार लोगों के समूह को तीन दिनों तक के लिये अंतरिक्ष में ले जाएगा। यह मिशन टेनेसी स्थित सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल की फंडिंग हेतु धनराशि जुटाने के प्रयास का एक हिस्सा है और अंतरिक्षयान की सभी चार सीटें फिनटेक कंपनी ‘शिफ्ट4 पेमेंट्स’ के संस्थापक अमेरिकी ‘जेरेड इसाकमैन’ द्वारा खरीदी गई हैं। ‘इंस्पिरेशन4’ स्पेसफ्लाइट के तहत लगभग 575 किलोमीटर की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा की जाएगी, जो कि ‘हबल स्पेस टेलिस्कोप’ (547 किलोमीटर) और ‘इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन’ (408 किलोमीटर) की ऊँचाई से भी अधिक है। यह वर्ष 2009 के बाद से किसी भी ‘क्रू’ मिशन द्वारा तय की गई सबसे अधिक दूरी होगी। यह अंतरिक्ष यात्रा व्यापक मात्रा में स्वास्थ्य डेटा एकत्र करने का अवसर प्रदान करेगी, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होगा।
असम मंत्रिमंडल ने हाल ही में ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान’ का नाम बदलकर ‘ओरंग राष्ट्रीय उद्यान’ करने का निर्णय लिया है। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित ‘ओरंग राष्ट्रीय उद्यान’ असम का सबसे पुराना ‘गेम रिज़र्व’ है, जिसे वर्ष 1915 में अंग्रेज़ों द्वारा ‘गेम रिज़र्व’ के रूप में अधिसूचित किया गया था। इसके पश्चात् वर्ष 1999 में इसे राष्ट्रीय उद्यान में अपग्रेड किया गया था और वर्ष 2016 में इसे टाइगर रिज़र्व के रूप में मान्यता दी गई थी। गुवाहाटी से तकरीबन 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ‘ओरंग राष्ट्रीय उद्यान’ एक-सींग वाले गैंडों, बाघों, हाथियों, जंगली सूअर, पिग्मी हॉग और विभिन्न प्रकार की मछलियों के लिये प्रसिद्ध है। स्थलाकृति में समानता और एक सींग वाले गैंडों की समृद्ध आबादी के कारण इसे अक्सर 'मिनी काजीरंगा' भी कहा जाता है। ज्ञात हो कि असम में वर्तमान में सात राष्ट्रीय उद्यान हैं: काजीरंगा, मानस, ओरंग, नामेरी, डिब्रू-सैखोवा, रायमोना और देहिंग पटकाई।
भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर और भारतीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने हाल ही में आईएनएस ‘हंस’ (गोवा स्थित भारतीय नेवल एविएशन) को ‘प्रेसीडेंट कलर अवार्ड’ या ध्वज प्रदान किया है। शांति और युद्ध दोनों स्थितियों में राष्ट्र को दी गई असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को राष्ट्रपति द्वारा यह अवार्ड प्रदान किया जाता है। भारतीय नौसेना 27 मई, 1951 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से ध्वज प्राप्त करने वाली पहली भारतीय सशस्त्र सेना थी। इसके बाद नौसेना में राष्ट्रपति का ध्वज प्राप्त करने वालों में दक्षिणी नौसेना कमान, पूर्वी नौसेना कमान, पश्चिमी नौसेना कमान, पूर्वी बेड़ा, पश्चिमी बेड़ा, पनडुब्बी शाखा, आईएनएस शिवाजी और भारतीय नौसेना अकादमी शामिल हैं। नेवल एविएशन ने पिछले सात दशकों में राष्ट्र के लिये उल्लेखनीय और वीरतापूर्ण सेवा के साथ स्वयं को प्रतिष्ठित किया है। यह शाखा 13 जनवरी, 1951 को पहले ‘सी-लैंड’ विमान के अधिग्रहण के साथ अस्तित्व में आई और 11 मई, 1953 को कोच्चि में ‘आईएनएस गरुड़’ को इसमें शामिल किया गया। वर्तमान में ‘नेवल एविएशन’ नौ ‘वायु स्टेशनों’ और तीन ‘नौसेना वायु एन्क्लेव’ के साथ भारतीय समुद्र तट, खासतौर पर अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा को मज़बूती प्रदान करता है।
प्रतिवर्ष 08 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लोगों को फिट और स्वस्थ्य बनाने में फिज़ियोथेरेपिस्ट की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है। इस वर्ष ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ कोविड19 संक्रमण से रिकवरी और इससे प्रभावित लोगों के प्रबंधन तथा उपचार में फिज़ियोथेरेपी की भूमिका पर केंद्रित है। 08 सितंबर को वैश्विक स्तर
पर ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ के रूप में वर्ष 1996 में नामित किया गया था। इस दिवस का आयोजन फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा रोगियों के लिये किये जाने वाले कार्यों को मान्यता देने के साथ-साथ फिज़ियोथेरेपी के क्षेत्र में नवाचार को भी प्रोत्साहित करता है। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज आसानी से किया जाता है। फिज़ियोथेरेपी किसी भी प्रकार की पुरानी चोट से निपटने और भविष्य में चोट को रोकने में सक्षम है। फिज़ियोथेरेपी चोट की संभावना को कम करते हुए शरीर को अधिक मज़बूत एवं लचीला बनाने में मदद कर सकती है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ‘वाराणसी-चुनार क्रूज़ सेवा’ की शुरुआत की है। यह क्रूज़ सेवा गंगा नदी में वाराणसी से मिर्जापुर के ऐतिहासिक ‘चुनार किले’ तक संचालित होगी। राज्य सरकार इस यात्रा को प्रयागराज में संगम तक बढ़ाने की योजना बना रही है। चुनार किले को चंद्रकांता चुनारगढ़ और चरणाद्री के नाम से भी जाना जाता है। यह किला गंगा नदी के तट के पास ‘कैमूर पहाड़ियों’ पर स्थित है। इस किले का इतिहास तकरीबन 56 ईसा पूर्व का है, जब राजा विक्रमादित्य ‘उज्जैन’ के शासक थे। इसके पश्चात् यह मुगलों, सूरी, अवध के नवाबों और अंत में अंग्रेज़ों के नियंत्रण में आ गया। वर्ष 1791 में यूरोपीय और भारतीय बटालियनों ने किले को अपना मुख्यालय बनाया। वर्ष 1815 के बाद से किले को कैदियों के लिये निवास स्थान के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। वर्ष 1849 में महाराजा रणजीत सिंह की पत्नी ‘रानी जींद कौर’ को भी यहाँ कैद किया गया था।
हाल ही में ग्रीस सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दूर करने के लिये एक नए मंत्रालय का गठन किया है और यूरोपीय संघ के पूर्व आयुक्त ‘क्रिस्टोस स्टाइलियानाइड्स’ को मंत्रालय का प्रमुख नामित किया है। ‘क्रिस्टोस टायलियनाइड्स’ वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच मानवीय सहायता और संकट प्रबंधन के लिये यूरोपीय संघ आयुक्त के रूप में कार्य कर चुके हैं। यह नियुक्ति ऐसे समय में की गई है, जब ग्रीस में भीषण आग लगी हुई है, जिसने अब तक इविया द्वीप और दक्षिणी ग्रीस में 1,000 वर्गकिलोमीटर (385 वर्ग मील) से अधिक वन क्षेत्र को जला दिया है। ग्रीस द्वारा गठित ‘मिनिस्ट्री ऑफ क्लाइमेट क्राइसिस एंड सिविल प्रोटेक्शन’ का प्राथमिक दायित्व जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप बढ़ते तापमान से निपटने और अग्निशामक एवं आपदा राहत कार्यों को बढ़ावा देने हेतु नीतियों का निर्माण करना है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिये साक्षरता के महत्त्व और अधिक साक्षर समाजों हेतु गहन प्रयासों की आवश्यकता की याद दिलाने के लिये वर्ष 1966 में यूनेस्को द्वारा 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया था और अब यह दिवस बीते 50 से अधिक वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2021 के लिये अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम ‘मानव-केंद्रित रिकवरी हेतु साक्षरता: डिजिटल डिवाइड को कम करना’ है। यह थीम सभी को शामिल करते हुए प्रौद्योगिकी-सक्षम साक्षरता को बढ़ावा देने के अवसरों पर केंद्रित है। यूनेस्को के अनुसार, ‘महामारी के प्रारंभिक चरण के दौरान स्कूलों के बंद होने के कारण दुनिया भर की कुल छात्र आबादी (1.09 बिलियन) के 62.3 प्रतिशत हिस्से की शिक्षा बाधित हुई थी। महामारी के कारण स्कूल की कक्षाओं को ऑनलाइन कर दिया गया, जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी गरीबों में डिजिटल विभाजन और अधिक गंभीर हो गया। भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जो पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत अधिक है। यूनेस्को के अनुसार, भारत को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष (यानी वर्ष 2060) लगेंगे।
तमिलनाडु सरकार ने प्रतिवर्ष 17 सितंबर को सुधारवादी नेता ‘ई.वी. पेरियार’ की जयंती को ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। इस संबंध में घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि पेरियार की विचारधारा सामाजिक न्याय, स्वाभिमान, तर्कवाद और समानता के बारे में थी, जिसने पिछली शताब्दी के दौरान तमिल समाज के विकास की आधारशिला रखी और भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त किया। पेरियार का जन्म 17 सितंबर, 1879 को तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले के इरोड कस्बे में हुआ था। तर्क और विवेक के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने के लिये इन्होने 'आत्मसम्मान आंदोलन' चलाया। इन्हें ‘द्रविड़ आंदोलन’ का जनक भी माना जाता है। पेरियार को दक्षिण भारत में दलित आंदोलन का प्रमुख नेता माना जाता है, इन्हीं के आदर्शों ने तमिल समाज के विकास की नींव रखी। वे हिंदू धर्म ग्रंथों के प्रमुख आलोचक थे और उन्होंने ब्राह्मणों के प्रभुत्व का कड़ा विरोध किया। अपनी राजनीतिक धारणा को जन-जन तक पहुँचाने के लिये पेरियार ने वर्ष 1938 में जस्टिस पार्टी का गठन किया।
दिल्ली सरकार ने हाल ही में 'बिज़नेस ब्लास्टर्स' नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की है। ‘उद्यमिता माइंडसेट कोर्स’ के तहत दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल स्तर पर युवा उद्यमियों का विकास करना है। यह कार्यक्रम दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों के बीच उद्यमिता विकास हेतु एक आधारशिला के तौर पर कार्य करेगा। इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सरकारी स्कूलों में कक्षा 11 और 12 के छात्रों को व्यवसाय शुरू करने हेतु 2,000 रुपए की सीड मनी प्रदान की जाएगी। इसके माध्यम से बच्चे रोज़गार के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि वे रोज़गार के अवसरों का सृजन करेंगे। इस कार्यक्रम को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस- खिचड़ीपुर’ में शुरू किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट में 41 बच्चों के नौ समूह बनाए गए और प्रत्येक बच्चे को 1,000 रुपए की सीड मनी प्रदान की गई तथा बच्चों ने इसके माध्यम से काफी लाभ अर्जित किया। इस कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य बच्चों में यह विश्वास जगाना था कि वे जो भी कार्य करें, उसे उद्यमशीलता की मानसिकता से करें।
वर्ष 1893 में शिकागो में भारतीय विचारक और अध्यात्मवादी स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गए ऐतिहासिक भाषण की याद में प्रतिवर्ष 11 सितंबर को ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे’ मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद द्वारा यह प्रतिष्ठित भाषण 11 सितंबर से 27 सितंबर, 1893 तक आयोजित पहली विश्व धर्मसंसद में दुनिया भर के प्रतिनिधियों के बीच दिया गया था। यह भाषण अपने शुरुआती शब्दों- ‘अमेरिकी बहनों और भाइयों’ के लिये काफी लोकप्रिय है, जिसके लिये उन्हें दो मिनट का लंबा स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। अपने भाषण में उन्होंने धार्मिक सर्वोच्चता के विचार का विरोध किया और न केवल पारस्परिक सहिष्णुता एवं धार्मिक स्वीकृति के संदेश का प्रचार किया, बल्कि दोनों को परिभाषित करने तथा दोनों के बीच अंतर को स्पष्ट करने का भी प्रयास किया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ और उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वह रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य एवं भिक्षुथे। उन्होंने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन का परिचय पश्चिमी दुनिया को कराया। विवेकानंद का विचार हैकि सभी धर्म एक ही लक्ष्य की ओर ले जाते हैं, जो उनके गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के आध्यात्मिक प्रयोगों पर आधारित है। विवेकानंद एक मानवतावादी चिंतक थे, उनके अनुसार मनुष्य का जीवन ही एक धर्म है।
पंजाब कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने हाल ही में ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग’ के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है। अल्पसंख्यक आयोग एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत की गई थी। यह निकाय भारत के अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा हेतु अपील के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के मुताबिक, आयोग में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष समेत कुल सात सदस्य का होना अनिवार्य है, जिसमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समुदायों के सदस्य शामिल हैं। प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल पद धारण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक होता है। एक महत्त्वपूर्ण निकाय के रूप में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) भारत के अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्त्व प्रदान करता है, जिससे उन्हें लोकतंत्र में अपने आप को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है। आयोग ने अतीत में कई महत्त्वपूर्ण सांप्रदायिक दंगों और संघर्षों की जाँच की है, उदाहरण के लिये वर्ष 2011 के भरतपुर सांप्रदायिक दंगों की जाँच आयोग ने की थी तथा वर्ष 2012 में बोडो-मुस्लिम संघर्ष की जाँच के लिये भी आयोग ने एक दल असम भेजा था।
भारतीय वायु सेना को हाल ही में ‘मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल’ (MRSAM) प्रणाली प्राप्त हुई है। यह मिसाइल प्रणाली 110 किलोमीटर की दूरी से विमान को नष्ट कर सकती है और एक साथ 16 लक्ष्यों पर 24 मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम है। इस प्रणाली को ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा ‘इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़’ के साथ 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इज़रायल की ‘बराक मिसाइल’ से लैस यह एक सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली है, जिसका अर्थ हैकि यह ध्वनि की गति से भी अधिक गति से यात्रा कर सकती है। इस मिसाइल प्रणाली को कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सकता है। टर्मिनल चरण के दौरान उच्च गतिशीलता प्राप्त करने के लिये यह मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करती है। इससे पूर्व भारतीय नौसेना को भी MRSAM का एक अन्य संस्करण प्रदान किया गया था और जल्द ही थलसेना को यह मिसाइल प्रणाली प्रदान की जाएगी।
शोधकर्त्ताओं ने ग्रीनलैंड के पास एक छोटे, निर्जन एवं अब तक अज्ञात द्वीप की खोज की है, जो कि अनुमान के मुताबिक, पृथ्वी का सबसे उत्तरी द्वीप है। 60×30 मीटर का यह द्वीप समुद्र तल से तीन मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इससे पहले ‘ओडाक्यू’ (Oodaaq) द्वीप को पृथ्वी के सबसे उत्तरी इलाके के रूप में चिह्नित किया गया था। यह नया द्वीप समुद्र तल की मिट्टी और मोराइन यानी मिट्टी, चट्टान एवं अन्य सामग्री जो ग्लेशियरों में गति के कारण पीछे छूट जाती है, से मिलकर बना है और इस द्वीप पर किसी भी प्रकार की वनस्पति नहीं है। शोधकर्त्ताओं के समूह ने सुझाव दिया हैकि इस द्वीप को 'क्यूकर्टाक अवन्नारलेक' (Qeqertaq Avannarleq) नाम दिया जाए, ग्रीनलैंडिक भाषा में इसका अर्थ है ‘सबसे उत्तरी द्वीप’।
स्वतंत्रता सेनानी और महान कवि ‘सुब्रमण्यम भारती’ की 100वीं पुण्यतिथि को चिह्नित करने हेतु तमिलनाडु सरकार ने 11 सितंबर को 'महाकवि' दिवस के रूप में घोषित किया है। माना जाता हैकि तमिल कविता और गद्य में भारती के अभिनव योगदान ने 20वीं सदी में तमिल साहित्य में पुनर्जागरण को जन्म दिया। उन्होंने अंग्रेज़ी में भी व्यापक स्तर पर लिखा, हालाँकि उन्हें अंग्रेज़ी के लिये काफी कम प्रसिद्धि मिली। सुब्रमण्यम भारती का जन्म 1882 में सी. सुब्रमण्यम के रूप में ‘एट्टायपुरम’ में हुआ था, जो कि वर्तमान तमिलनाडु के ‘थूथुकुडी’ में स्थित है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी से प्राप्त की थी। वह मात्र 11 वर्ष के थे, जब एट्टायपुरम के तत्कालीन राजा ने उनकी कविता से प्रभावित होकर उन्हें 'भारती' की उपाधि दी थी, जिसका अर्थ है ‘देवी सरस्वती का आशीर्वाद’। यद्यपि उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ उनकी मातृभाषा तमिल में हैं, किंतु माना जाता हैकि सुब्रमण्यम भारती को तीन विदेशी भाषाओं सहित 14 भाषाओं में प्रवीणता प्राप्त थी। उन्होंने बाल विवाह के विरुद्ध चिंता ज़ाहिर की और ब्राह्मणवाद की समाप्ति तथा धार्मिक सुधार की वकालत की। उन्हें अपने लेखन के कारण ब्रिटिश सरकार की कार्यवाही का सामना करना पड़ा और अपना अधिकांश जीवन निर्वासन में बिताया। बाद में वह पांडिचेरी (वर्तमान पुद्दुचेरी) चले गए, जो कि उस समय फ्राँसीसी शासन के अधीन था। वहाँ उन्होंने साप्ताहिक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। वर्ष 1921 में 38 वर्ष की अल्प आयु में उनका निधन हो गया।
प्रतिवर्ष 09 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘शिक्षा को हमले से बचाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार का पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस वर्ष 2020 में आयोजित किया गया था। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य संघर्षसे प्रभावित देशों में रहने वाले लाखों बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिवस की घोषणा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को ‘कतर’ द्वारा प्रस्तुत किया गया था और कुल 62 देशों द्वारा इसे सह-प्रायोजित किया गया था। यह दिवस स्पष्ट करता हैकि सभी शिक्षार्थियों को सुरक्षा प्रदान करना और सभी स्तरों पर समावेशी एवं समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सरकारों का प्राथमिक उत्तरदायित्व है। यह दिवस स्कूलों, शिक्षार्थियों और शैक्षिक कर्मियों को किसी भी प्रकार के हमले से बचाने हेतु सभी संभव उपायों द्वारा मानवीय आपात स्थितियों में सुरक्षित और सुरक्षात्मक स्कूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिये प्रयासों को तेज़ करने, वित्तपोषण बढ़ाने और सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में शिक्षा तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर देता है, साथ ही यह उन कार्यों पर रोक लगाता है, जो बच्चों की शिक्षा तक पहुँच में बाधा उत्पन्न करते हैं।
10 सितंबर, 2021 को ‘प्रवासियों के संरक्षक’ (POE) सम्मेलन का चौथा संस्करण आयोजित किया गया। संयोगवश इसी दिन ‘इमिग्रेंट एक्ट, 1983’ को भी अधिनियमित किया गया था। विदेश मंत्रालय के तहत ‘प्रवासियों के संरक्षक जनरल’ (PGE) भारतीय कामगारों के हितों की रक्षा हेतु उत्तरदायी प्राधिकरण है। PGE विदेशी जनशक्ति निर्यात व्यवसाय के लिये भर्ती एजेंटों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने का पंजीकरण प्राधिकरण भी है। ‘प्रवासियों के संरक्षक’ ‘इमिग्रेंट एक्ट, 1983’ के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इच्छुक प्रवासियों को इमिग्रेशन हेतु मंज़ूरी देने के लिये उत्तरदायी होते हैं। ‘प्रवासियों के संरक्षक’ प्रायः ‘प्रवासियों के संरक्षक जनरल’ के नियंत्रण में कार्य करते हैं। इस संबंध में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, गतिशीलता एवं साझेदारी पर ब्रिटेन के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन, 14 क्षेत्रों में जापान के साथ विशिष्ट कुशल कामगारों पर समझौते और हाल ही में भारत एवं पुर्तगाल के बीच कुशल जनशक्ति गतिशीलता पर कैबिनेट की मंज़ूरी की पृष्ठभूमि में युवाओं व श्रमिकों को नए गंतव्यों और अवसरों के बारे में सूचित करने में POEs की महत्त्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
अंटार्कटिका की सबसे पुरानी बर्फ की खोज हेतु अन्वेषण करने और पिछले कई मिलियन वर्षों में पृथ्वी की जलवायु में आए बदलावों का पता लगाने के उद्देश्य से जल्द ही ‘सेंटर फॉर ओल्डेस्ट आइस एक्सप्लोरेशन’ (COLDEX) की स्थापना की जाएगी। इस अन्वेषण अभियान को अमेरिका के ‘नेशनल साइंस फाउंडेशन’ द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा और इसमें विभिन्न विश्विद्यालयों के शोधकर्त्ताशामिल होंगे। इस अध्ययन का प्राथमिक उद्देश्य यह पता लगाना हैकि पिछले दस लाख वर्षों की तुलना में अधिक गर्म होने पर वर्तमान में पृथ्वी किस प्रकार व्यवहार कर रही है। इस अध्ययन के हिस्से के तौर पर अंटार्कटिका में बर्फ के सबसे पुराने हिस्से को खोजने का प्रयास किया जाएगा। इस अध्ययन के माध्यम से प्राप्त सूचना जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों को दूर करने के प्रयासों को आगे भी जारी रखने हेतु काफी महत्त्वपूर्ण हो सकती है। अंटार्कटिका की बर्फ का सबसे पुराना रिकॉर्ड वर्तमान में लगभग 800,000 वर्ष पुराना है, जिसे महाद्वीप की सतह से मीलों नीचे ड्रिलिंग करके एकत्र किया गया था। शोधकर्त्ताओं को उम्मीद हैकि इस अध्ययन के माध्यम से 1.5 मिलियन वर्षसे 3 मिलियन वर्ष तक के पुराने बर्फ के टुकड़े खोजे जा सकेंगे।
प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को देश भर में ‘हिंदी दिवस’ मनाया जाता है। भारत में 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी भाषा को स्वीकृति दी थी, जिसे भारत के संविधान द्वारा अनुमोदित किया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। यद्यपि आज़ादी के बाद हिंदी एवं अंग्रेज़ी दोनों को भारत की भाषा के रूप में चुना गया और संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेज़ी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया किंतु वर्ष 1949 में 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्द्धा के आग्रह पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली पाँच भाषाओं में से एक है। उल्लेखनीय हैकि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी। इस विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य सरकार द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और समाज सुधारक राजा महेंद्र प्रताप सिंह की स्मृति एवं सम्मान में की जा रही है। वर्ष 1886 में उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में शाही परिवार में जन्मे महेंद्र प्रताप सिंह एक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी एवं मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे। ‘मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेजिएट स्कूल’ (वर्तमान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) के पूर्वछात्र के रूप में राजा महेंद्र प्रताप सिंह काफी कम उम्र से ही राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे। उन्होंने कॉलेज के अपने साथी छात्रों के साथ वर्ष 1911 के ‘बाल्कन युद्ध’ में भी हिस्सा लिया था। भारत को आज़ादी मिलने के बाद वह वर्ष 1947 में देश वापस लौटे आए। वह वर्ष 1957 में मथुरा से लोकसभा के लिये चुने गए, जहाँ उन्होंने तत्कालीन जनसंघ के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी के विरुद्ध निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा था। दादाभाई नौरोजी और बाल गंगाधर तिलक के भाषणों से प्रभावित होकर महेंद्र प्रताप स्वदेशी आंदोलन से काफी गहराई से जुड़ेथे। राजा महेंद्र प्रताप सिंह, जिन्होंने स्वयं को ‘शक्तिहीन और कमज़ोर नौकर’ के रूप में संबोधित किया था, को वर्ष 1932 में नोबल शांति पुरस्कार के लिये नामांकित किया गया था। वह 1 दिसंबर, 1915 को काबुल में स्थापित भारत की पहली अनंतिम निर्वासित सरकार के अध्यक्ष भी थे। वर्ष 1979 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह की मृत्यु हो गई।
आइसलैंड की एक कंपनी ने दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा प्लांट स्थपित किया है जो प्रत्यक्ष तौर पर हवा से कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है और उसे भूमिगत जमा करता है। स्विट्ज़रलैंड की स्टार्टअप कंपनी ‘क्लाइमवर्क्स’ और आइसलैंड की कंपनी ‘कार्बफिक्स’ द्वारा निर्मित इस विशाल प्लांट में कुल चार इकाइयाँ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक में दो धातु के बक्सेशामिल हैं, जो समुद्री परिवहन हेतु उपयोग किये जाने वाले कंटेनरों के समान हैं। कंपनी का दावा हैकि यह प्लांट प्रतिवर्ष 4,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) अवशोषित कर सकता है, जो कि लगभग 870 कारों से होने वाले वार्षिक उत्सर्जन के बराबर है। ‘अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी’ की मानें तो बीते वर्ष वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कुल 31.5 बिलियन टन था। ‘डायरेक्ट एयर कैप्चर’ यानी हवा के माध्यम से प्रत्यक्ष कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करने की यह पद्धति वायुमंडल से CO2 को कम करने संबंधी तकनीकों में सबसे नवीन है और वैज्ञानिकों द्वारा इसे ग्लोबल वार्मिंग, जो कि वनाग्नि, अधिक तापमान, बाढ़ एवं समुद्र के बढ़ते स्तर आदि के लिये उत्तरदायी है, को सीमित करने की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान में दुनिया भर में 15 डायरेक्ट एयर कैप्चर प्लांट कार्य कर रहे हैं, जो प्रतिवर्ष 9,000 टन से अधिक CO2 कैप्चर करते हैं।
ब्रिटिश सरकार जल्द ही इंग्लैंड में सभी नवनिर्मित घरों और कार्यालयों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर लगाना अनिवार्य करने हेतु एक कानून पेश करेगी। इस कानून के मुताबिक, सभी नए घरों और कार्यालयों में ‘स्मार्ट’ चार्जिंग डिवाइस की सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा, जो ऑफपीक अवधि के दौरान वाहनों को स्वचालित रूप से चार्ज कर सकेगा। इसके अलावा नए कार्यालय ब्लॉकों के लिये प्रत्येक पाँच पार्किंग स्थानों हेतु चार्ज प्वाइंट स्थापित करने की आवश्यकता होगी। नया कानून इंग्लैंड को दुनिया का ऐसा पहला देश बना देगा, जहाँ सभी नए घरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जर की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। यह पहल इंग्लैंड में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी, क्योंकि चार्जिंग स्टेशनों की कमी इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विकास में एक बड़ी बाधा है और यही कारण हैकि प्रायः लोग इलेक्ट्रिक कारों की ओर ट्रांज़िशन करने में परेशानी का सामना करते हैं। यह प्रस्ताव वर्ष 2030 में ब्रिटेन के नए जीवाश्म ईंधन वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से पूर्व इंग्लैंड में चार्जर्स की संख्या को तेज़ी से बढ़ाने संबंधी कार्यक्रम का हिस्सा है।
देश में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को ‘अभियंता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। अभियंता दिवस भारत के सुविख्यात इंजीनियर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें आधुनिक भारत के ‘विश्वकर्मा’ के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष उनकी 160वीं जयंती मनाई जा रही है। एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1861 को मैसूर (कर्नाटक) के 'मुद्देनाहल्ली' नामक स्थान पर हुआ था। भारत सरकार ने वर्ष 1968 में उनकी जन्म तिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया था। डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को सिंचाई डिज़ाइन के मास्टर के रूप में भी जाना जाता है। कृष्णा राजा सागर झील और बाँध उनकी सबसे उल्लेखनीय परियोजनाओं में से एक है, जो कर्नाटक में स्थित है। उस समय वह भारत में सबसे बड़ा जलाशय था। वे मैसूर के दीवान भी रहे। वर्ष 1955 में उनकी अभूतपूर्व तथा जनहितकारी उपलब्धियों के लिये उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। जब वह 100 वर्ष के हुए तो भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया। उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड अवार्डसे भी सम्मानित किया गया था।
फरवरी 2020 में लखनऊ में आयोजित पहले ‘भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्री सम्मेलन’ के दो वर्ष बाद भारत अगले वर्ष (2022) मार्च माह में ‘डेफ-एक्सपो’ (DefExpo) के अवसर पर ‘भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता’ का आयोजन करेगा। भारत सरकार इस कार्यक्रम को अपनी द्विवार्षिक ‘डेफ-एक्सपो’ (DefExpo) सैन्य प्रदर्शनी के साथ आयोजित होने वाले नियमित कार्यक्रम के रूप के स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह वार्ता भारत और अफ्रीकी देशों के बीच मौजूदा साझेदारी के निर्माण में मदद करेगी तथा पारस्परिक जुड़ाव के लिये महत्त्वपूर्णक्षेत्रों का पता लगाने हेतु भी मददगार होगी। यह वार्ता गुजरात के गांधीनगर में आयोजित की जाएगी। आयोजन का व्यापक विषय 'भारत-अफ्रीका: रक्षा और सुरक्षा सहयोग में तालमेल एवं सुदृढ़ीकरण हेतु रणनीति अपनाना’ है। ‘मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान’ को इस संवाद के नॉलेज पार्टनर के रूप में नियुक्त किया गया है, जो भारत एवं अफ्रीकी देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने हेतु आवश्यक सहायता प्रदान करने में मदद करेगा।
प्रतिवर्ष 12 सितंबर को दक्षिणी क्षेत्र के देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस’ का आयोजन किया जाता है। मूलतः ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ का आशय ‘ग्लोबल साउथ’ की परिधि में आने वाले विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही यह दिवस विकासशील देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर भी प्रकाश डालता है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग विकासशील देशों को ज्ञान, कौशल, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करने में मदद करता है, ताकि उनके विकास लक्ष्यों को सतत् प्रयासों के माध्यम से पूरा किया जा सके। यह पहल ‘ग्लोबल साउथ’ के लोगों के बीच एकजुटता की अभिव्यक्ति है जो उनके राष्ट्रीय कल्याण, उनकी राष्ट्रीय और सामूहिक आत्मनिर्भरता तथा सतत् विकास हेतु वर्ष 2030 एजेंडा सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहमत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान देता है। यह दिवस 138 सदस्य देशों द्वारा विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और लागू करने हेतु वर्ष 1978 में ‘ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन’ (BAPA) को अपनाने की याद में भी मनाया जाता है।
मध्य-पूर्वी देश ईरान ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के परमाणु वाचडॉग ‘अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी’ को ईरानी परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरों के उपयोग की अनुमति दे दी है। ‘अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी’ और ईरान के बीच इस वार्ता का उद्देश्य तेहरान और पश्चिमी देशों के बीच गतिरोध को कम करना था। ज्ञात हो कि वर्ष 2015 में वैश्विक शक्तियों (P5+1) के समूह (संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस, चीन, रूस और जर्मनी) के साथ ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम के लिये दीर्घकालिक समझौते पर सहमति व्यक्त की गई थी। इस समझौते को ‘संयुक्त व्यापक क्रियान्वयन योजना’ (JCPOA) तथा आम बोल-चाल की भाषा में ‘ईरान परमाणु समझौते’ के रूप में नामित किया गया था। इस समझौते के तहत ईरान ने वैश्विक व्यापार में अपनी पहुँच सुनिश्चित करने हेतु अपने परमाणु कार्यक्रमों की गतिविधि पर अंकुश लगाने हेतु सहमति व्यक्त की थी। समझौते के तहत ईरान को शोध कार्यों के संचालन के लिये थोड़ी मात्रा में यूरेनियम जमा करने की अनुमति दी गई। मई 2018 में इस समझौते को दोषपूर्णबताते हुए अमेरिका इससे अलग हो गया और ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाने शुरू कर दिये, जिसके बाद से ईरान लगातार समझौते के तहत उल्लिखित अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन कर रहा है।
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