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Class 10 Hindi A: CBSE Sample Question Paper- Term I (2021-22) - 1 | CBSE Sample Papers For Class 10 PDF Download

कक्षा 10
समय: 1:30 घण्टा
पूर्णांक: 40

सामान्य निर्देश:
(i) इस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं- खंड-क, खंड-ख और खंड-ग
(ii) इस प्रश्नपत्र में कुल 10 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नों में उपप्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(iii) खंड-क में कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 10 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
(iv) खंड-ख में कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 16 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
(v) खंड-ग में कुल 14 प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(vi) सही उत्तर वाले गोले को भली प्रकार से केवल नीली या काली स्याही वाले बॉल पॉइंट पेन से ही ओ.एम.आर.शीट में भरें।

खंड-क

नीचे दो अपठित गद्यांश दिए गए हैं। 
किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिएजिसके जीवन में जितने अधिक दुःख होते हैं वह उतना ही सबल होकर सुख की यात्रा पर निकलता है, क्योंकि दुःख विपरीत स्थितियों से जूझने की क्षमता का विकास कर हमारी ऊर्जा को जगाते हैं। कभी-कभी मौसम में बड़ी विषमता दिखाई देती है। गर्मियों में वर्षा हो जाती है और शीतल वायु मौसम को सुहावना बना देती है। कई बार बरसात के मौसम में बादलों का नामोनिशान तक नहीं रहता। कभी सर्दी के मौसम में ठंड और कोहरे से निजात मिल जाती है। मौसम की यह प्रतिकूलता हमारे अहित में नहीं होती। यही बात मनुष्य के जीवन में सुख-दु:ख के संबंध में उतनी ही सटीक है। व्यक्ति तथा समाज दोनों के विकास के लिए परस्पर विरोधी भावों का होना अनिवार्य है। ग्रीष्म हो या वर्षा, पतझड़ हो या वसंत, वे एक दूसरे के विरोधी नहीं, अपितु पूरक हैं। एक के अभाव में दूसरे में आनंद कहाँ ? सुख की अनुभूति के लिए दुःख की अनुभूति होनी आवश्यक है। इसके द्वारा हमारे अंदर की ऊर्जा जागती है। दुःख से कोई भाग नहीं सकता, उससे जूझना ही पड़ता है। पहिये की तीलियों की भाँति सुख-दुःख ऊपर-नीचे होते हैं। जीवन भी चक्र ही है और चक्र टिकता नहीं, गतिशील रहता है।
प्रश्न.1: मनुष्य दुःखों का सामना करने से सबल कैसे बन जाता है?
(क) विपरीत परिस्थितियों से जूझने की क्षमता का विकास होता है।
(ख) दु:खों का सामना करने से हमारी ऊर्जा जाग्रत नहीं होती है।
(ग) सुख-दुःख में समान रहने की क्षमता नहीं मिलती है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (क)


प्रश्न.2: सुख की अनुभूति के लिए क्या आवश्यक है और क्यों?
(क) दुःख की अनुभूति होना आवश्यक नहीं है।
(ख) दुःख की अनुभूति से हमारे अंदर ऊर्जा जाग्रत कभी नहीं होती है।
(ग) दुःख की अनुभूति से परिस्थितियों से जूझने की क्षमता मिलती है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)


प्रश्न.3: पहिये का उल्लेख क्यों किया गया है?
(क) पहिया टिकता नहीं, वह सदैव गतिशील रहता है।
(ख) पहिये की तरह जीवन एक चक्र नहीं है।
(ग) पहिये की तीलियों की भाँति सख-दःख ऊपर नीचे नहीं होते हैं।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (क)


प्रश्न.4: उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए
(क) दुःख-सुख दोनों जीवन के पूरक।
(ख) सुख-दुःख : एक मौसम।
(ग) सुख-दुःख भरा जीवन।
(घ) ये सभी। 

सही उत्तर विकल्प है (क)


प्रश्न.5: मनुष्य के जीवन में कौन-सी बात सटीक है?
(क) सुख-दुःख दोनों का आना अहितकारी नहीं है।
(ख) मौसम की प्रतिकूलता हमारे हित में नहीं है।
(ग) मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख का संबंध है।
(घ) उपर्युक्त सभी।

सही उत्तर विकल्प है (क)

अथवा 

पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आधार है। दरअसल पड़ोस जितना स्वाभाविक है, हमारी सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा सामाजिक जीवन की समस्त आनंदपूर्ण गतिविधियों के लिए वह उतना ही आवश्यक भी है। यह सच है कि पड़ोसी का चुनाव हमारे हाथ में नहीं होता, इसलिए पड़ोसी के साथ कुछ-न-कुछ सामंजस्य तो बिठाना ही पड़ता है। हमारा पड़ोसी अमीर हो या गरीब, उसके साथ संबंध रखना सदैव हमारे हित में होता है। पड़ोसी से परहेज करना अथवा उससे कटे-कटे रहने में अपनी ही हानि है, क्योंकि किसी भी आकस्मिक आपदा अथवा आवश्यकता के समय अपने रिश्तेदारों तथा परिवारवालों को बुलाने में समय लगता है। ऐसे में पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है। पड़ोसी चाहे कैसा भी हो, उससे अच्छे संबंध रखने चाहिए। जो अपने पड़ोसी से प्यार नहीं कर सकता, उससे सहानुभूति नहीं रख सकता, उसके सुख-दुख का आदान-प्रदान नहीं कर सकता तथा उसके शोक और आनंद के क्षणों में शामिल नहीं हो सकता, वह भला अपने समाज अथवा देश के साथ भावनात्मक रूप से कैसे जुड़ेगा। विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है, जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।
प्रश्न.1: लेखक ने सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आभार किसे बताया है? 
(क) परिवार।
(ख) विद्यालय।
(ग) पड़ोस।
(घ) इनमें से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)


प्रश्न.2: लेखक ने पड़ोसी को किसकी उपमा दी है?
(क) गुणी वक्ता की।
(ख) तारणहार की।
(ग) विश्वस्त सहायक की।
(घ) कामचोर की। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)


प्रश्न.3: हमें पड़ोसी से निभाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
(क) उसके साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।
(ख) उनके सुख तथा आनंद के क्षणों में शामिल होना चाहिए।
(ग) दुःख में उनसे सच्ची सहानुभूति रखते हुए सहयोग प्रदान करना चाहिए।
(घ) उपर्युक्त सभी। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.4: लेखक ने विश्व-बंभुत्व की बात किस संदर्भ में की है?
(क) महापुरुषों के।
(ख) पड़ोसी के।
(ग) धर्म के।
(घ) उत्सवों के। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.5: पड़ोसी के साथ संबंभ रखना हमारे हित में किस तरह से है?
(क) आकस्मिक आपदा या आवश्यकता के समय हमारे काम आता है।
(ख) हमारे घर पर सदैव निगाह लगाए रखता है।
(ग) हमारी बुराइयाँ जग-जाहिर करता रहता है।
(घ) कहीं आते-जाते हमें टोकता रहता है।

सही उत्तर विकल्प है (क)


नीचे दो काव्यांश दिए गए हैं। किसी एक काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आभारित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए
(i) 
क्या कुटिल व्यंग्य! दीनता वेदना से अधीर,
आशा से जिनका नाम रात-दिन जपती है,
दिल्ली के वे देवता रोज कहते जाते,
'कुछ और धरो धीरज, किस्मत अब छपती है।'
किस्मतें रोज छप रहीं, मगर जलधार कहाँ ?
प्यासी हरियाली सूख रही है खेतों में,
निर्धन का धन पी रहे लोभ के प्रेत छिपे,
पानी विलीन होता जाता है रेतों में।
(ii) 

हिल रहा देश कुत्सा के जिन आघातों से,
वे नाद तुम्हें ही नहीं सुनाई पड़ते हैं?
निर्माणों के प्रहरियों! तुम्हें ही चोरों के
काले चेहरे क्या नहीं दिखाई पड़ते हैं?
तो होश करो, दिल्ली के देवों, होश करो
सब दिन तो यह मोहिनी न चलने वाली है,
होती जाती है गर्म दिशाओं की साँसें,
मिट्टी फिर कोई आग उगलने वाली है।
प्रश्न.1: गरीबों के प्रति कुटिल व्यंग्य क्या है?
(क) धीरज रखने का अनुरोध।
(ख) भाग्य पलटने का आश्वासन।
(ग) कुछ और काम करने का आग्रह।
(घ) वेदना और अधीरता। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.2: दिल्ली के वे देवता-कौन हैं?
(क) सरकारी कर्मचारी।
(ख) शक्तिशाली शासक।
(ग) बड़े व्यापारी।
(घ) प्रभावशाली लोग। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.3: कौन-सी पंक्ति परिवर्तन होने की चेतावनी दे रही है?
(क) और धरो धीरज, किस्मत अब छपती है।
(ख) पानी विलीन होता जाता है रेतों में।
(ग) तो होश करो दिल्ली के देवों।
(घ) मिट्टी फिर कोई आग उगलने वाली है। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.4: 'पानी विलीन होता जाता है रेतों में'-कथन का आशय है
(क) सिंचाई नहीं हो पाती।
(ख) वर्षा पर्याप्त नहीं होती।
(ग) गरीबों तक सुविधाएँ नहीं पहुँचतीं।
(घ) रेत में खेती नहीं हो सकती। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)


प्रश्न.5: निर्माण के प्रहरी अनदेखी करते हैं
(क) वैभवशाली लोगों की।
(ख) दिल्ली के देवों की।
(ग) हरे-भरे खेतों की।
(घ) चारों ओर भ्रष्टाचारियों की।

सही उत्तर विकल्प है (घ)


अथवा

ओ देशवासियों, बैठ न जाओ पत्थर से,
ओ देशवासियों, रोओ मत तुम यों निर्झर से,
दरख्वास्त करें, आओ, कुछ अपने ईश्वर से
वह सुनता है
गमजदों और
रंजीदों की।
जब सारा सरकता-सा लगता जग जीवन-से
अभिषिक्त करें, आओ, अपने को इस प्रण से
हम कभी न मिटने देंगे भारत के मन से
दुनिया ऊँचे
आदर्शो की,
उम्मीदों की
साधना एक युग-युग अंतर में ठनी रहे
यह भूमि बुद्ध-बापू से सुत की जनी रहे;
प्रार्थना एक युग-युग पृथ्वी पर बनी रहे यह जाति
योगियों, संतों
और शहीदों की।
प्रश्न.1: कवि देशवासियों को क्या कहना चाहता है?
(क) निराशा और जड़ता छोड़ो।
(ख) जागो, आगे बढ़ो।
(ग) पढ़ो, लिखो, कुछ करो।
(घ) डरो मत, ऊँचे चढ़ो। 

सही उत्तर विकल्प है (क)


प्रश्न.2: कवि किसकी और किससे प्रार्थना की बात कर रहा है?
(क) भगवान और जनता।
(ख) दुःखी लोग और ईश्वर।
(ग) देशवासी और सरकार।
(घ) युवा वर्ग और ब्रिटिश सत्ता। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.3: कवि भारतीयों को कौन-सा संकल्प लेने को कहता है?
(क) हम भारत को कभी न मिटने देंगे।
(ख) जीवन में सार-तत्त्व को बनाए रखेंगे।
(ग) उच्च आदर्श और आशा के महत्त्व को बनाए रखेंगे।
(घ) जग-जीवन को समरसता से अभिषिक्त करेंगे। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)


प्रश्न.4: 'यह भूमि बुद्ध-बापू से सुत की जनी रहे'-का भाव है?
(क) इस भूमि पर बुद्ध और बापू ने जन्म लिया।
(ख) इस भूमि पर बुद्ध और बापू जैसे लोग जन्म लेते रहें।
(ग) यह धरती बुद्ध और बापू जैसी है। __
(घ) यह धरती बुद्ध और बापू को हमेशा याद रखेगी। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.5: कवि क्या प्रार्थना करता है?
(क) योगी, संत और शहीदों का हम सब सम्मान करें।
(ख) युगों-युगों तक यह धरती बनी रहे।
(ग) धरती माँ का वंदन करते हैं।
(घ) भारत में योगी, संत और शहीद अवतार लेते रहें।

सही उत्तर विकल्प है (घ)


खंड-ख

प्रश्न.1: 'हर्षिता बहुत विनम्र है और सर्वत्र सम्मान प्राप्त करती है।'-रचना के आधार पर वाक्य-भेद है।
(क) सरल वाक्य।
(ख) मिश्र वाक्य।
(ग) संयुक्त वाक्य।
(घ) साधारण वाक्य। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)
क्योंकि इसमें दो सरल वाक्य हैं और वे समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय (और) के द्वारा जुड़े हुए हैं।


प्रश्न.2: निम्नलिखित में मिश्र वाक्य है।
(क) मैंने एक वृद्ध की सहायता की।
(ख) जो विद्यार्थी परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है।
(ग) अध्यापिका ने अवनि की प्रशंसा की तथा उसका उत्साह बढ़ाया।
(घ) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)
क्योंकि केवल विकल्प (ख) में ही एक प्रधान वाक्य तथा एक आश्रित उपवाक्य है और वह व्यधिकरण समुच्चयबोधक (कि) से जुड़ा है।


प्रश्न.3: 'प्रयश बाजार गया। वहाँ से सेब लाया।' -इस वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूपांतरण होगा।
(क) प्रयश बाजार गया और वहाँ से सेब लाया।
(ख) प्रयश सेब लाया जब वह बाजार गया।
(ग) प्रयश बाजार जाकर सेब लाया।
(घ) जब प्रयश बाजार गया तो वहाँ से सेब लाया। 

सही उत्तर विकल्प है (क)


प्रश्न.4: 'जो वीर होते हैं, वे रणभूमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं।'- रेखांकित उपवाक्य का भेद है।
(क) संज्ञा आश्रित उपवाक्य।
(ख) सर्वनाम आश्रित उपवाक्य।
(ग) क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य।
(घ) विशेषण आश्रित उपवाक्य। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)
रेखांकित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की विशेषता बता रहा है तथा व्यधिकरण समुच्चयबोधक ‘जो' से प्रारम्भ हो रहा है।


प्रश्न.5: निम्नलिखित में सरल वाक्य है।
(क) प्रात:काल हुआ और सुरज की किरणें चमक उठीं।
(ख) जब प्रात:काल हुआ, सूरज की किरणें चमक उठी।
(ग) प्रात:काल होते ही सूरज की किरणें चमक उठीं।
(घ) जैसे ही प्रात:काल हुआ सूरज की किरणें चमक उठीं।

सही उत्तर विकल्प है (ग)
सरल वाक्य में एक ही क्रिया मुख्य होती है जबकि अन्य सभी विकल्प में दो वाक्य हैं जो समुच्चयबोधक के द्वारा जुड़े हुए हैं।


प्रश्न.6: 'मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों ने नोटिस थमा दिया।' कर्मवाच्य में बदलिए।
(क) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेजवालों द्वारा नोटिस थमा दिया गया।
(ख) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेजवालों ने नोटिस दे दिया।
(ग) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेजवालों द्वारा नोटिस नहीं दिया जाता।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (क)
कर्मवाच्य के अनुसार विकल्प (क) में ही कर्ता के साथ द्वारा का प्रयोग किया गया है।


प्रश्न.7: 'देशभक्तों की शहादत को आज भी याद किया जाता है।' कर्तृवाच्य में बदलिए।
(क) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद करते हैं।
(ख) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद करना चाहिए।
(ग) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद किया गया।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (क)
विकल्प (क) और (ग) क्रिया का काल परिवर्तित होने जाने वे सही नहीं हैं।


प्रश्न.8: निम्नलिखित वाक्यों में से कौन-सा भाववाच्य है?
(क) खबर सुनकर वह चल नहीं पा रही।
(ख) खबर सुनकर वह चल नहीं पायी।
(ग) खबर सुनकर वह चल नहीं पाती।
(घ) खबर सुनकर उससे चला भी नहीं जा रहा था। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.9: निम्नलिखित में से कर्तृवाच्य नहीं है
(क) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया था, वही कितना बड़ा आविष्कर्ता था।
(ख) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया है, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता है।
(ग) जिस आदमी के द्वारा पहले-पहल आग का आविष्कार किया गया, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता रहा होगा।
(घ) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.10: 'स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।' वाक्य में वाच्य है
(क) कर्तृवाच्य।
(ख) कर्मवाच्य।
(ग) करणवाच्य।
(घ) भाववाच्य।

सही उत्तर विकल्प है (क)
चूँकि वाक्य में कर्ता की प्रधानता है तथा कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति का प्रयोग हुआ है। अतः विकल्प (क) सही है।


प्रश्न.11: 'पिताजी कल ही तीर्थ यात्रा पर गए।'
(क) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल, पुल्लिग, कर्तृवाच्य।
(ख) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल, पुल्लिग, कर्तृवाच्य।
(ग) अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिग, भूतकाल, कर्तृवाच्य।
(घ) सकर्मक क्रिया, एकवचन, भूतकाल, पुल्लिग, कर्मवाच्य। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)
रेखांकित पद 'गए' क्रियापद है। कर्म ना होने से क्रिया अकर्मक है। कर्ता 'एकवचन' व पुल्लिंग होने से विकल्प (ग) सही है।


प्रश्न.12: 'आशिमा दसवीं कक्षा में पढ़ती है।'
(क) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक, 'पढ़ती है' क्रिया का कर्ता।
(ख) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, 'पढ़ती है' क्रिया का कर्ता ।
(ग) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, पढ़ती है' क्रिया का कर्ता ।
(घ) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'पढ़ती है' क्रिया का कर्ता। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)
रेखांकित पद 'आशिमा' व्यक्ति विशेष का नाम होने से व्यक्तिवाचक संज्ञा है। 'पढ़ती है' क्रिया का कर्ता है अत: कर्ताकारक है


प्रश्न.13: 'वाह! तुमने अच्छा काम किया।'
(क) समुच्चयबोधक, प्रशंसा सूचक।
(ख) विस्मयादिबोधक, हर्षसूचक।
(ग) संबंधबोधक, हर्षसूचक।
(घ) निपात, प्रशंसा सूचक। 

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.14: 'शिक्षक के साथ एक शिष्य भी आता है।'
(क) विशेषण, परिणामवाचक, पुल्लिग, एकवचन, 'शिष्य' विशेष्य।
(ख) विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, शिष्य' विशेष्य।
(ग) विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिंग, एकवचन, शिष्य' विशेष्य।
(घ) विशेषण, परिणामवाचक, पुल्लिग, बहुवचन, 'शिष्य' विशेष्य।

सही उत्तर विकल्प है (ग)
रेखांकित पद 'एक' शिष्य (संज्ञा) की विशेषता बता रहा है अत: विशेषण है। शिष्य गणनीय होने से संख्यावाचक विशेषण है। 'एक' में एकवचन है।


प्रश्न.15: 'तुम किस कक्षा में पढ़ते हो?' 
(क) सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक। 
(ख) सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तमपुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक। 
(ग) सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तमपुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक। 
(घ) सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, स्त्रीलिंग, कर्ताकारक।

सही उत्तर विकल्प है (क)
रेखांकित पद 'तुम' पुरुषवाचक सर्वनाम है। वक्ता | में उत्तमपुरुष होता है। जबकि यहाँ 'तुम' श्रोता है अतः यहाँ मध्यम पुरुष है। 'पढ़ते हो' क्रिया से ज्ञात होता है कि श्रोता पुल्लिग है। अत: विकल्प (क) सही है।


प्रश्न.16: साथ दो बच्चे भी हैं, सदा हाथ फैलाए,
बायें से वे मलते हुए पेट को चलते,
और दाहिना दया दृष्टि पाने की ओर बढ़ाए।
उपर्युक्त काव्यांश में रस है-

(क) करुण रस।
(ख) रौद्र रस।
(ग) वीभत्स रस।
(घ) भयानक रस।

सही उत्तर विकल्प है (क)
भिक्षा माँगते बच्चों की दयनीय दशा देखकर दु:ख की अधिकता से करुण रस की निष्पत्ति हो रही है।


प्रश्न.17: श्रृंगार रस के स्थायी भाव का नाम लिखिए
(क) निर्वेद।
(ख) क्रोध।
(ग) जुगुप्सा।
(घ) रति। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.18: काव्यांश पढ़कर रस पहचानकर लिखिए
साक्षी रहे संसार करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं,
पूरा करूँगा कार्य सब कथनानुसार यथार्थ में।
जो एक बालक को कपट से मार हँसते हैं अभी,
वे शत्रु सत्वर शोक-सागर-मग्न दीखेंगे सभी।
(क) हास्य रस।
(ख) रौद्र रस
(ग) वत्सल्य रस।
(घ) वीर रस।

सही उत्तर विकल्प है (ख)
चूँकि काव्यांश में दूसरे पक्ष द्वारा किए गए कार्य से क्रोध का भाव उत्पन्न हो रहा है तथा उससे रौद्र रस की निष्पत्ति हो रही है।


प्रश्न.19: निम्नलिखित काव्यांश में कौन-सा स्थायी भाव है? 
मेरे लाल को आउ निंदरिया, काहे न आनि सुवावै।
तू काहे नहि बेगहीं आवै, ताकौ कान्ह बुलावै।
(क) करुण रस। 
(ख) शांत रस। 
(ग) वात्सल्य रस। 
(घ) अद्भुत रस। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)
संतान के प्रति स्नेह (वात्सल्य) के अतिरेक से वात्सल्य रस की निष्पत्ति हो रही है। इसमें आलम्बन शिशु है। तथा संचारी भाव मोह, हर्ष आदि हैं।


प्रश्न.20: निम्नलिखित काव्यांश पढ़कर रस पहचानकर लिखिए
उपयुक्त उस खल को न यद्यपि मृत्यु का भी दंड है,
पर मृत्यु से बढ़कर न जंग में दंड और प्रचंड है।
अतएव कल उस नीच को रण-मध्य जो मारूँ न मैं,
तो सत्य कहता हूँ कभी शस्त्रास्त्र फिर धारूँ न मैं, 
(क) रौद्र रस।
(ख) वीर रस।
(ग) भयानक रस।
(घ) करुण रस।

सही उत्तर विकल्प है (ख)


खंड-ग

निम्नलिखित गद्यांश पर आभारित प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प चुनिए
जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई तब भी हालदार साहब इस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे, और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है; वरना तो देशभक्ति भी आजकल मज़ाक की चीज़ होती जा रही है। दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुज़रे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है।
प्रश्न.1: हालदार साहब अंत में किस निष्कर्ष पर पहुंचे?
(क) मूर्ति पर संगमरमर के चश्मे के न होने पर रियल चश्मा लगाने का प्रयास सराहनीय था।
(ख) चौराहे पर मूर्ति का लगाना कस्बे के नागरिकों का ठीक प्रयास नहीं था।
(ग) चौराहे पर लगी मूर्ति बेहद सुंदर लग रही थी।
(घ) मूर्ति पर लगा चश्मा उपयुक्त नहीं लग रहा था। 

सही उत्तर विकल्प है (क)


प्रश्न.2: महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं बल्कि ............. का है।
(क) उसमें निहित भावना।
(ख) उसके संदेश।
(ग) उससे मिलने वाली प्रेरणा।
(घ) उसे बनाने में खर्च हुए पैसों। 

सही उत्तर विकल्प है (क)
मूर्ति कितनी बड़ी है या छोटी, किसने बनाई, कितने पैसे खर्च हुए आदि महत्व नहीं रखते वरन् महत्व इसका था कि मूर्ति को लगवाने की भावना कैसी थी।


प्रश्न.3: लेखक के अनुसार देश-भक्ति आजकल होती जा रही है
(क) दुर्लभ।
(ख) दिखावा।
(ग) मज़ाक की चीज़।
(घ) राजनीति। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)
लेखक के अनुसार जो व्यक्ति देश व देशभक्तों के प्रति आदर व सम्मान की भावना रखते हैं लोग उनका | मज़ाक उड़ाते हैं और उन्हें मूर्ख समझते हैं। देशभक्ति मज़ाक का विषय बन गई है। जैसे कैप्टन का मज़ाक उड़ाना।


प्रश्न.4: दूसरी बार हालदार साहब ने मूर्ति में क्या अंतर पाया?
(क) मूर्ति थोड़ी टूट गई है।
(ख) मूर्ति का रंग उतर गया है।
(ग) मूर्ति का चश्मा दूसरा है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

सही उत्तर विकल्प है (ग)
हालदार साहब ने जब पहली बार मूर्ति देखी तब वहाँ मोटे फ्रेम वाला चौकोर चश्मा था लेकिन दूसरी बार देखा तो वहाँ तार के फ्रेम वाला गोल चश्मा था। चश्मा बदला हुआ था।


प्रश्न.5: 'वाह भई! क्या आइडिया है'-हालदार साहब ने क्यों कहा? 
(क) मूर्ति का रंग-रूप नहीं बदला जा सकता, पर चश्मा बदला जा सकता है।
(ख) मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती, पर चश्मा तो बदल ही सकती है।
(ग) जब मूर्ति के कपड़े बदले जा सकते हैं, तो चश्मा क्यों नहीं।
(घ) मूर्ति के कपड़े बदलना सरल नहीं है, पर चश्मा बदलना बहुत आसान।

सही उत्तर विकल्प है (ख)


प्रश्न.6: पाठ को पढ़कर बालगोबिन की कैसी छवि उभरती है?
(क) साधु की।
(ख) कुशल गृहस्थ की।
(ग) साधु व गृहस्थ की मिश्रित।
(घ) इनमें से कोई नहीं। 

सही उत्तर विकल्प है (ग)
बालगोबिन एक सद्गृहस्थ होने के साथ साधु की सभी परिभाषाओं पर भी खरे उतरते थे इसलिए पाठ से उनकी मिश्रित (साधु व गृहस्थ दोनों) की छवि उभरती थी।


प्रश्न.7: कबीरपंथी का अर्थ है
(क) कबीर आश्रम में रहने वाला।
(ख) अपने नाम के बाद कबीर लगाने वाला।
(ग) कबीर के मंदिर में भोग लगाने वाला
(घ) कबीर की शिक्षाओं का पालन करने वाला। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)
पंथ का अर्थ होता है-मार्ग। जो कबीर के बताए मार्ग पर चले, उनकी शिक्षाओं का पालन करे, वही कबीरपंथी है।


निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। 
कौसिक सुनहु मंद बेहु बालक। कुटिल काल बस निज फल पालक।
भानुवंस राकेश कलंक। निपट निरंकुसु अबुधु असंकू॥
कालकवस्तु होहहि छन माहीं। कहीं पुकारि खोरि मोहि नाहीं॥
तुम्ह हटकहु जी बहहु उवारा। कहि प्रतापु बलु रोषु हमारा ॥
प्रश्न.8: लक्ष्मण के लिए क्या-क्या कहा गया है?
(क) मंदबुद्धि व टेढ़े स्वभाव वाला।
(ख) काल के वशीभूत तथा अपने वंश को नष्ट करने वाला।
(ग) सूर्यवंश के चन्द्रमा के कलंक के समान, स्वच्छंद, मूर्ख और निडर।
(च) उपर्युक्त सभी। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)
परशुराम लक्ष्मण की बातें सुनकर उन पर नाराज होते हुए कहते हैं कि लक्ष्मण मूर्ख, निडर, वाचाल हैं जो काल के वशीभूत होकर ऐसी बात कर रहा है। वह सूर्यवंशी काल में चन्द्रमा के कलंक के समान हैं।


प्रश्न.9: परशुराम के क्रोधित होने का क्या कारण था?
(क) लक्ष्मण के व्यंग्यपूर्ण वचनों और उपहास उड़ाने के कारण।
(ख) लक्ष्मण के आनंदपूर्ण व व्यंग्यपूर्ण आचरण के कारण।
(ग) लक्ष्मण के कायर व विनोदपूर्ण आचरण के कारण।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
 

सही उत्तर विकल्प है (क)
शिवधनष के टूटने से परशराम पहले से ही क्रोधित थे। लक्ष्मण की व्यंग्यपूर्ण बातों व परशुराम का मजाक उड़ाये जाने ने उनकी क्रोधाग्नि में घी डालने का काम किया।


प्रश्न.10: लक्ष्मण ने कायर पुरुषों का क्या लक्षण बताया है?
(क) वे शत्रु के सामने वीरता का प्रदर्शन नहीं करते हैं।
(ख) वे अपनी वीरता की डीगें हाँका करते हैं।
(ग) वे युद्ध में कायरता दिखाकर भाग जाते हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी। 

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.11: 'कुटिल कालबस' में कौन-सा अलंकार है?
(क) उपमा।
(ख) अनुप्रास।
(ग) उत्प्रेक्षा।
(घ) यमक।
 

सही उत्तर विकल्प है (ख)
'क' वर्ण की आवृत्ति होने से अनुप्रास अलंकार है।


प्रश्न.12: उक्त पद्यांश में वीर पुरुष की क्या विशेषता बताई है?
(क) वीर योद्धा युद्ध के मैदान में बायें नही बनाते हैं।
(ख) वीर योद्धा युद्ध के मैदान में वीरता का प्रदर्शन करते हैं।
(ग) वीर योद्धा अपने मुँह से अपनी प्रशंसा करते हैं।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

सही उत्तर विकल्प है (ख)
वीर योद्धा युद्ध क्षेत्र में शत्रु को सामने देख अपनी वीरता का बखान नहीं करते वरन् पराक्रम दिखाते हैं।


प्रश्न.13: गोपियाँ कृष्ण को किस तरह स्मरण करती हैं? 
(क) मन से।
(ख) वचन से।
(ग) कर्म से।
(घ) ये सभी।

सही उत्तर विकल्प है (घ)


प्रश्न.14: 'इक अति चतुर हुते पहिलै ही' काव्यांश में किसे 'चतुर' बताया गया है? 
(क) श्रीकृष्ण को। 
(ख) उद्धव को। 
(ग) गोपियों को। 
(घ) ग्वालों को।

सही उत्तर विकल्प है (क)
काव्यांश में गोपियाँ कहती हैं कि श्रीकृष्ण पहले से ही बहुत चतुर थे और अब राजनीति पढ़कर और अधिक चतुर हो गए हैं।

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