सीआरपीएफ की कुछ विशिष्ट संरचनाएं निम्नलिखित है-
एन.एस.जी. का मानसेर, गुड़गांव में राष्ट्रीय बम आंकड़ा केन्द्र (एन.बी.डी.सी.) है, जो विश्व में ऐसे छह केन्द्रों में से एक है। यह केन्द्र अधिकांशतः राज्य प्राधिकरणों के अनुरोध पर देश के विभिन्न भागों में विस्फोट के बाद की स्थिति का अध्ययन करता है। यह देश में सुरक्षा के प्रयोग के लिए विस्फोटकों और विस्फोटों की घटनाओं का एक डाटा बैंक भी रखता है। यह केन्द्र विश्व के अन्य बम आंकड़ों केन्द्रों के साथ नियमित रूप से सम्पर्क बनाए रखता है।
वर्ष 1962 में भारत-चीन संघर्ष के पश्चात् विशेष सेवा ब्यूरो (एस.एस.बी.) का गठन 1963 के प्रारम्भ में सीमापार से विधवंस, घुसपैठ और तोड़-फोड़ के खतरे के प्रति सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों का मनोबल बढ़ाने और उनमें क्षमता का निर्माण करने के लिए किया गया था। गृह मंत्रालय के अधीन यह बल वर्ष 2001 में सीमा चौकसी बल बन गया
और इसके चार्टर में संशोधन करके इसका नाम 'सशस्त्र सीमा बल' रखा गया। इसे भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान
सीमा पर चौकसी की जिम्मेदारी दी गई है।
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