अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक)
प्रश्न 1. हनुमान ने छलांग कौन से पहाड़ से लगाई थी?
हनुमान ने महेंद्र पर्वत से छलांग लगाई थी।
प्रश्न 2. समुंद्र के अंदर कौन सा पहाड़ था?
समुंद्र के अंदर मैनाक नामक पहाड़ था।
प्रश्न 3. समुंद्र में हनुमान से कौन मिला था?
समुंद्र में हनुमान से सुरसा नामक राक्षसी मिली थी।
प्रश्न 4. सीहिंका कौन थी?
सीहींका एक राक्षसी थी, जो परछाई पकड़ लेती थी।
प्रश्न 5. सीता को रावण ने कहां रखा था?
सीता को रावण ने अशोक वाटिका में रखा था।
लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)
प्रश्न 6. लंका में सबसे अच्छी और भिन्न राक्षसी कौन थी?
लंका में सबसे अच्छी और भिन्न राक्षसी त्रिजटा थी, वह साहसी व संवेदनशील थी। त्रिजटा सीता के साथ अशोक वाटिका में रहकर, सीता को हिम्मत देती थी तथा उसकी देखभाल करती थी।
प्रश्न 7. हनुमान ने सीता को कौन सा भेंट दिखाया था?
हनुमान ने सीता को, राम के द्वारा भेजी गई अंगूठी भेंट के रूप में दिखाया था। उस अंगूठी से राम सीता की भावनाऐं जुड़ी थी, सीता अंगूठी देखते ही पहचान गई,जिसमे उन्हे श्री राम की झलक दिखाई दी। सीता की आँखें ओझल हो गई, और वो हनुमान से राम के बारे में अनेकों सवाल पूछने लगी।
प्रश्न 8. हनुमान को किसने बंदी बनाया और क्यों?
रावण के कहने पर, उसके बेटे मेघनाद ने हनुमान को बंदी बनाया था, क्योंकि हनुमान ने रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर दिया था, जिसके कारण मेघनाद का क्रोध और भभक गया, उसके पश्चात हनुमान ने पूरे वाटिका को तहस नहस कर दिया था, सारे वृक्षों को उखाड़ भेंका, सारे फल बर्बाद कर दिए थे। इसलिए हनुमान को बंदी बनाया गया।
प्रश्न 9. समुंद्र पार करने के लिए चर्चा में किस किस ने भाग लिया?
विशालकाय समुंद्र को पार करके समस्त वानर सेना के साथ लंका पहुंचना किसी चुनौती से कम नही था, इस विषय में लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान, जामवंत, नल और नील सबने एक साथ बैठ कर, समुंद्र पार करने हेतु चर्चा में भाग लिया, और इसका उपाय सोचा।
प्रश्न 10. प्रसन्न वानरों ने क्या किया?
जब हनुमान ने लंका से वापस आकर सीता के सकुशल होने की सूचना सभी को दी तो, वानर सेना प्रसन्नता से उत्पाद मचाने लगे, और मार्ग के कई वन उजाड़ कर सारा फल खा गए।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक)
प्रश्न 11. अंत:पुर में हनुमान ने क्या देखा?
हनुमान ने पहले कभी सीता को देखा नही था, और एक अनजान नगर में बिना किसी की नजरों में आए, एक स्त्री को ढूंढना सरल नही था, वो सीता को लंका में जगह - जगह तलाश रहे थे, मगर सीता जैसी कोई भी स्त्री उन्हे नजर नहीं आ रही थी। फिर हनुमान ने अंत:पुर में झांक कर देखा, मगर वहां सिर्फ रावण और उनकी पत्नी मंदोदरी सो रही थी, इसके अलावा उन्हें अंतःपुर में सीता के व्यक्तित्व के समान कोई भी स्त्री नही दिखी।
प्रश्न 12. अशोक वाटिका में सीता को हनुमान ने कैसे पहचान लिया?
रात को अचानक वाटिका के एक कोने से कुछ आवाज़ सुनाई दिया। वहां राक्षसियां जोर जोर से किसी बात पर हंस रही थीं। हनुमान को लगा की,जरूर ही यें सीता पे हंस रही हैं। फिर वो पेड़ में छुप कर ध्यान से नीचे बैठी औरत को देखने लगे,बड़ा उदास चेहरा, दुर्बल, दयनीय और सोकग्रस्त स्थिति देख कर, वो समझ गए की यही सीता है और उनका संदेह दूर हो गया।
प्रश्न 13. दिन में सीता के बारे में पता लगाना आसान काम नहीं था क्यों? टिप्प्णी करे।
दिन के समय में कोई भी हनुमान को देख सकता था। हनुमान चूकी लंका में अजनबी थे, कोई भी उनको देखता तो बात तुरंत रावण तक पहुंच जाती। इसलिए हनुमान ने शाम का समय सीता जी की खोज के लिए उचित समझा। हनुमान बहुत ही सावधानी पूर्वक और बुद्धिमता के साथ शाम के समय लंका में घुस गए और सीता को खोजने में जुट गए।
प्रश्न 14. समुन्द्र में कौन-कौन सी बाधाएं हनुमान के सामने आयी?
हनुमान के सामने समुंद्र में अनेकों बाधाएं आई। सबसे पहले सुरसा नामक राक्षसी मिली जो हनुमान को खाना चाहती थी, हनुमान जी उसके मुंह में घुसे और बाहर निकल आये। फिर उनका सामना राक्षसी सिहिंका से हुआ, जिसने समुंद्र पर हनुमान की परछाई को पकड़ लिया और हनुमान आकाश में ही थम गए, हनुमान ने उसका वध कर डाला और आगे बढ़े। हनुमान ने सभी मुसीबतों का बहुत डटकर सामना किया।
प्रश्न 15. लंका देखने में कैसी थी?
लंका पूरे सोने की बनी थी, दूर से ही चमचमाती हुई लंका नगरी को देख कर हर कोई आकर्षित हो सकता था। आकाश में उसके कंगूरे बहुत सुंदर लग रहे थे। चारो ओर विशालकाय वृक्ष, फल और फूलों से लदे हुए उपवन, वन लंका की शोभा को और बढ़ा रहे थे। हनुमान जी भी बहुत चकित थे, इतना ख़ूबसूरत और सुंदर नगर वो भी राक्षसों का, हनुमान जी भरोसा नहीं कर पा रहे थे।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)
प्रश्न 16. रावण ने सीता को क्या प्रस्ताव दिया था?
रावण ने सीता को खूब बहलाया-फुसलाया, लालच दिया। सीता फिर भी अपने जगह से ना हिली। रावण ने कहां, “तुम्हे डरने की जरूरत नहीं है, मै तुम्हे स्पर्श भी नहीं करूंगा, जब तक तुम खुद ना चाहो”। रावण सीता को अपनी रानी बनाना चाहता था। रावण ने अपनी बात कही और सीता को दो माह का समय दिया और बोला, “उसके बाद अगर तुमने मेरी बात नही सुनी तो, मैं तुम्हे तलवार से काट दूंगा”।
प्रश्न 17. उपवन को नष्ट करने का रावण ने हनुमान को क्या दंड दिया?
उपवन को नष्ट करने के दंड में रावण ने, हनुमान को जान से मारने के लिए अपने बेटे अक्षकुमार को भेजा, मगर अक्षकुमार हनुमान के हाथों मारा गया। तत्पश्चात रावण ने मेघनाद को भेजा, मेघनाद हनुमान के पास गया और हनुमान को बंदी बनाकर रावण के दरबार में पेश किया। रावण तो हनुमान को जान से मार देना चाहता था, मगर विभीषण ने रावण को रोक लिया और कहा, “दूत को नहीं मारना चाहिए”। तब रावण ने दंड स्वरूप हनुमान की पूछ में आग लगवा दिया।
प्रश्न 18. सीता के दशा के बारे में हनुमान ने राम को क्या-क्या बात बताई?
राम, सीता की दशा जानने के लिए बहुत व्याकुल हो रहे थे,जैसे ही हनुमान लंका से वापस आए तो, उन्होंने हनुमान से सीता के बारे में कई सवाल पूछे, जैसे की “वो कैसी है?” “उसने क्या संदेश भेजा है”? हनुमान ने पूरी बात बहुत धैर्य और विस्तार से बतायी, “वो हर समय रक्षसियों से घिरी रहती हैं,आपकी प्रतीक्षा हर पल, हर दिन कर रही हैं और दुष्ट रावण ने उन्हे दो माह का समय दिया है, यदि आप दो माह में उनको लेने नहीं गए और मां सीता ने रावण की बात नही मानी, तो वो पापी रावण उनको मार डालेगा”। हनुमान के द्वारा कही, ये सारी बाते सुनकर राम भाव-विभोर हो गए और अपने अश्रु नहीं रोक पाए।
प्रश्न 19. हनुमान लंका को देखकर चकित क्यों हो गए?
हनुमान लंका को देखकर चकित इसलिए हो गए क्योंकि उन्होंने इतना खूबसूरत और सुव्यवस्थित नगर, अभी तक नहीं देखा था। हनुमान जी भरोसा नहीं कर पा रहे थे की, इतना खूबसूरत नगर वो भी राक्षसों का। लंका में चारो ओर से वृक्ष, वन और फलदार उपवानों से घिरा था, इसके भव्य भवन लंका की शोभा में चार चांद लगा रहे थे, लंका पूरे सोने की बनी थी और आकाश में उसकी कंगूरे बहुत सुंदर लग रहे थे। महल के प्राचीर एकदम सूर्य की भांति चमक रहे थे। ये नजारा हनुमान को चकित कर देने के लिए काफी था।
प्रश्न 20. अशोक वाटिका में पेड़ के ऊपर बैठकर, हनुमान इंतजार क्यों कर रहे थे?
सीता जहां रहती थी, वहां आस-पास रक्षसियों का बहुत पहरा था। वो उनके चारो तरफ घूमती रहती थी। जब रात हुई तो एक एक करके सभी रक्षसियां वहां से जाने लगी। तब तक हनुमान पेड़ के उपर बैठकर उनके जाने का इंतजार कर रहे थे, हो सकता था की सीता उन्हें मायावी समझ लें, इसलिए उन्होंने पेड़ के ऊपर राम-कथा कहनी शुरु कर दी। जब सीता ने ये सुना तो चकित रह गई और हनुमान को नीचे बुलाकर, उनसे पूछने लगी की, तुम कौन हो? हनुमान ने विनम्रता पूर्वक सीता का हाल लिया और सारी कहानी और आपबीती कह सुनाई।
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1. लंका में हनुमान का वर्णन क्या है? |
2. लंका में हनुमान किस आकार में प्रकट हुए? |
3. हनुमान ने लंका में क्या किया? |
4. हनुमान के आगमन की कहानी क्या है? |
5. हनुमान ने लंका में कौन-से अद्भुत कार्य किए? |
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