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हिंदी व्याकरण - मात्राएँ | Hindi Grammar for Junior Classes - Class 1 PDF Download

मात्रा किसे कहते है?

स्वर का ही एक रूप को 'मात्रा' कहते है। मात्राओं की संख्या ग्यारह होती है। लेकिन दृश्य रूप में मात्राओं की संख्या दश होती है। क्योकि ‘अ’ स्वर की मात्रा अलग रूप से नहीं लिख सकते हैं। इसलिए ‘अ’ स्वर को ‘उदासीन स्वर’ कहते हैं।

स्वर – मात्रा

  • अ – उदासीन स्वर
  • आ - ा
  • इ - ि
  • ई - ी
  • उ - ु
  • ऊ - ू
  • ऋ - ृ
  • ए - े
  • ऐ - ै
  • ओ - ो
  • औ – ौ

उदाहरण:
प्रश्न 1: कमल’ शब्द मेँ कितनी मात्राएं हैं ?

कमल = क् + अ (।) + म् + अ (।) + ल् + अ (।)
= तीन मात्रा
'कमल’ शब्द मेँ तीन मात्राएं हैं।

प्रश्न 2: ‘कोमल’ शब्द मेँ कितनी मात्राएं हैं ?

कोमल = क् + ओ(s) + म् + अ(।) + ल् + अ(।)
= चार मात्रा
'कोमल’ शब्द मेँ चार मात्राएं हैं।

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FAQs on हिंदी व्याकरण - मात्राएँ - Hindi Grammar for Junior Classes - Class 1

1. मात्राएँ क्या हैं?
उत्तर: मात्राएँ व्याकरण में उपयोग होने वाली विशेष ध्वनियों को दर्शाने के लिए उपयोग होती हैं। ये वर्णों के ऊपर या नीचे लगाई जाती हैं और इनका सही उच्चारण ध्वनि को जोड़ती हैं।
2. मात्राएँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर: मात्राएँ तीन प्रकार की होती हैं - स्वरमात्रा, व्यंजनमात्रा और संयुक्तमात्रा। स्वरमात्रा स्वरों को बढ़ाने या घटाने के लिए उपयोग होती है, व्यंजनमात्रा व्यंजनों को जोड़ने या निकालने के लिए उपयोग होती है और संयुक्तमात्रा व्यंजनों के साथ स्वरों को जोड़ने या निकालने के लिए उपयोग होती है।
3. स्वरमात्रा के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: स्वरमात्रा दो प्रकार की होती हैं - लगातार स्वरमात्रा और चिन्हित स्वरमात्रा। लगातार स्वरमात्रा स्वरों को बढ़ाने या घटाने के लिए उपयोग होती है, जबकि चिन्हित स्वरमात्रा स्वरों को चिह्नित करने के लिए उपयोग होती है।
4. व्यंजनमात्रा क्या होती है?
उत्तर: व्यंजनमात्रा व्यंजनों को जोड़ने या निकालने के लिए उपयोग होती है। ये मात्राएँ व्यंजनों के ऊपर या नीचे लगाई जाती हैं और इनका सही उच्चारण ध्वनि को जोड़ती हैं।
5. संयुक्तमात्रा क्या होती है?
उत्तर: संयुक्तमात्रा व्यंजनों के साथ स्वरों को जोड़ने या निकालने के लिए उपयोग होती है। इन मात्राओं का उच्चारण व्यंजन और स्वर के संयोग से होता है और इनका उच्चारण व्यंजन और स्वर के बीच के समय में होता है।
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