प्रत्यय | Hindi Vyakaran for Class 9 (हिन्दी व्याकरण) PDF Download

परिभाषा

प्रत्यय ‘प्रत्यय’ दो शब्दों से बना है– प्रति + अय। ‘प्रति’ का अर्थ है ‘साथ में, पर बाद में; जबकि ‘अय’ का अर्थ ‘चलने वाला’ है। अत: ‘प्रत्यय’ का अर्थ हुआ, ‘शब्दों के साथ, पर बाद में चलने वाला या लगने वाला, अत: इसका प्रयोग शब्द के अन्त में किया जाता है। प्रत्यय किसी भी सार्थक मूल शब्द के पश्चात् जोड़े जाने वाले वे अविकारी शब्दांश हैं, जो शब्द के अन्त में जुड़कर उसके अर्थ में या भाव में परिवर्तन कर देते हैं अर्थात् शब्द में नवीन विशेषता उत्पन्न कर देते हैं या अर्थ बदल देते हैं।

जैसे:

  • सफल + ता = सफलता
  • अच्छा + ई = अच्छाई

यहाँ ‘ता’ और ‘आई’ दोनों शब्दांश प्रत्यय हैं, जो ‘सफल’ और ‘अच्छा’ मूल शब्द के बाद में जोड़ दिए जाने पर ‘सफलता’ और ‘अच्छाई’ शब्द की रचना करते हैं। हिन्दी भाषा के प्रत्यय को चार भागों में विभक्त किया गया है। जो निम्न हैं

  • संस्कृत प्रत्यय
  • हिन्दी प्रत्यय
  • विदेशज प्रत्यय
  • ई प्रत्यय

हिन्दी प्रत्यय

(i) कृत् (कृदन्त) मूल क्रिया के साथ कृत् प्रत्यय को जोड़कर नए शब्दों की रचना की जाती है।

  • प्रत्यय – मूल क्रिया – उदाहरण
  • अ – लूटू, खेल – लूट, खेल
  • अक्कड़ – पी, घूम् – पिअक्कड़, घुमक्कड़
  • अन्त – लड़, पिट् – लड़न्त, पिटन्त
  • अन – जल, ले – जलन, लेन
  • अना – पढ़, दे – पढ़ना, देना
  • आ – मेल, बैठ – मेला, बैठा
  • आई – खेल, लिख – खेलाई, लिखाई
  • आऊ – टिक्, खा – टिकाऊ, खाऊ
  • आन – उठ्, मिल् – उठान, मिलान
  • आव – घुम् , जम् – घुमाव, जमाव
  • आवा – छल्, बहक् – छलावा, बहकावा
  • आवना, – सुह, डर – सुहावना, डरावना
  • आक, आका, आकू – तैराक, लड़ाका, पढ़ाकू
  • आप, आपा – तैर, लड़ा, पढ़ – मिलाप, पुजापा
  • आवट – मिल्, पुज – बनावट, दिखावट
  • आहट – बन्, दिख् – घबराहट, झनझनाहट
  • आस – पी, मीठा – प्यास, मिठास
  • इयल – मर्, अड़ – मरियल, अड़ियल
  • इया – छल, घट – छलिया, घटिया
  • ई – घुड़क्, लग – घुड़की, लगी
  • ऊ – मार्, काट् – मारू, काटू
  • एरा – लूट, बस् – लुटेरा, बसेरा
  • ऐया – हँस, बच – हँसैया, बचैया
  • ऐत – लड़, बिगड़ – लडैत, बिगडैत
  • ओड़, ओड़ा – भाग, हँस, – भगोड़ा, हँसोड़
  • औता, औती – समझ्, चुन् – समझौता, चुनौती
  • औना, औनी, आवनी – खेल्, मिच्, डर् – खिलौना, मिचौनी, डरावनी
  • का – छील, फूल – छिलका, फूलका
  • वाला – जा, सो – जाने वाला, सोनेवाल

(ii) हिन्दी के तद्धित प्रत्यय हिन्दी के तद्भव शब्दों में तद्धित प्रत्यय जोड़कर संज्ञा और विशेषण शब्द बनाने वाले कुछ प्रत्यय

  • प्रत्यय – मूल क्रिया – उदाहरण
  • आ – भूख, प्यास – भूखा, प्यासा
  • आई – विदा, ठाकुर – विदाई, ठकुराई
  • आन – ऊँचा, नीचा – ऊँचान, निचान
  • आना – तेलंग, बघेल – तेलंगना, बघेलाना
  • आर – कुम्भ, सोना – कुम्भार, सोनार
  • आरी, आरा – हत्या, घास – हत्यारा, घसियारा
  • आल, आला – ससुर, दया – ससुराल, दयाला
  • आवट – नीम, आम – निमावट, अमावट
  • आस – मीठा, खट्टा – मिठास, खटास
  • आहट – चिकना, कडुआ – चिकनाहट, कडुवाहट
  • इया – दुःख, भोजपुर – दुखिया, भोजपुरिया
  • ई – खेत, सुस्त – खेती, सुस्ती
  • ईला – रंग, जहर – रंगीला, जहरीला
  • ऊ – गँवार, बाज़ार – गँवारू, बाज़ारू
  • एरा – मामा, चाचा – ममेरा, चचेरा
  • एड़ी – भांग, गाँजा – भँगेड़ी, गजेड़ी
  • औती – काठ, मान – कठौती, मनौती
  • ओला – सॉप, खाट – सँपोला, खटोला
  • का – ढोल, बाल – ढोलक, बालक
  • ऐल – झगड़ा, तोंद – झगडैल, तोंदैल
  • त – संग, रंग – संगत, रंगत
  • पन – मैला, लड़का – मैलापन, लड़कपन
  • पा – बहन, बूढ़ा – बहनापा, बुढ़ापा
  • हारा – लकड़ी, पानी – लकड़हारा, पनिहारा
  • स – उष्मा, तम – उमस, तमस
  • ता – मधुर, मनुज – मधुरता, मनुजता
  • हरा – एक, तीन – एकहरा, तिहरा
  • वाला – टोपी, धन – टोपीवाला, धनवाल

(iii) हिन्दी के स्त्री प्रत्यय पुल्लिगवाची शब्दों के साथ जुड़ने वाले स्त्रीलिंगवाची

  • प्रत्यय – मूल क्रिया – उदाहरण
  • आइन – पण्डित, लाला – पण्डिताइन, ललाइन
  • आनी – राजपूत, जेठ – राजपूतानी, जेठानी
  • इन – तेली, दर्जी – तेलिन, दर्जिन
  • इया – चूहा, बेटा – चुहिया, बिटिया
  • ई – घोड़ा, नाना – घोड़ी, नानी
  • नी – शेर, मोर – शेरनी, मोरन

3. विदेशज प्रत्यय (उर्दू एवं फ़ारसी के प्रत्यय)

विदेशी भाषा से आए हुए प्रत्ययों से निर्मित शब्द

  • प्रत्यय – मूल शब्द – उदाहरण
  • कार – पेश, काश्त – पेशकार, काश्तकार
  • खाना – डाक, मुर्गी – डाकखाना, मुर्गीखाना
  • खोर – रिश्वत, चुगल – रिश्वतखोर, चुगलखोर
  • दान – कलम, पान – कलमदान, पानदान
  • दार – फल, माल – फलदार, मालदार
  • आ – खराब, चश्म – खराबा, चश्मा
  • आब – गुल, जूल – गुलाब, जुलाब
  • इन्दा – वसि, चुनि – बसिन्दा, चुनिन्दा

4. ई प्रत्यय

इनके प्रयोग से भाववाचक स्त्रीलिंग शब्द बनते हैं।

  • प्रत्यय – मूल शब्द – उदाहरण
  • ई – रिश्तेदार, दोस्त – रिश्तेदारी, दोस्ती
  • बाज – अकड़, नशा – अकड़बाज, नशाबाज
  • आना – आशिक, मेहनत – आशिकाना, मेहनताना
  • गर – कार, जिल्द – कारगर, जिल्दगर
  • साज – जिल्द, घड़ी – जिल्दसाज, घड़ीसाज
  • गाह – ईद, कब्र – ईदगाह, कब्रगाह
  • ईना – माह, नग – महीना, नगीना
  • बन्द, बन्दी – मेंड, हद – मेंड़बन्द, हदबन्दी
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