Table of contents |
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अपठित गद्यांश- 1 |
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अपठित गद्यांश- 2 |
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अपठित गद्यांश- 3 |
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अपठित गद्यांश- 4 |
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शरीर को स्वस्थ या निरोग रखने में व्यायाम का कितना महत्त्व है, इस पर कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। आज की भाग-दौड़ से भरी जिंदगी ने मनुष्य को इतना व्यस्त कर दिया है कि वह यह भी भूल गया है कि इस सारी भाग-दौड़ का वह तभी तक हिस्सेदार है जब तक कि उसका शरीर भी स्वस्थ है। जो व्यक्ति अपने शरीर की उपेक्षा करता है वह अपने लिए रोग, बुढ़ापे तथा मृत्यु का दरवाजा खोलता है। वैसे तो अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित भोजन, स्वच्छ जल तथा शुद्ध वायु संयम तथा नियमित जीवन सभी कुछ आवश्यक है किंतु इन सबमें व्यायाम करने वाले व्यक्ति में कुछ ऐसी अद्भुत शक्ति आ जाती है कि अपने सारे शरीर पर उसका अधिकार हो जाता है।
ऊपर लिखे हुए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1. व्यायाम का क्या महत्त्व है?
प्रश्न 2. आज व्यक्ति क्या भूल गया है?
प्रश्न 3. शरीर की उपेक्षा करने वाला व्यक्ति क्या नुकसान करता है?
प्रश्न 4. अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या-क्या आवश्यक हैं?
लगभग दो सौ वर्ष की गुलामी ने भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान को पैरों से रौंद डाला, हमारी संस्कृति को समाप्त कर दिया, हमारे विश्वास को हिला दिया और हमारे आत्मविश्वास को चकनाचूर कर दिया। किंतु अपने देश से प्यार करने वाले, इसके एक सामान्य संकेत पर प्राण न्योछावर करने वाले दीवानों का अभाव न था। एक आवाज उठी और देखते-ही-देखते राष्ट्र का दबा हुआ आत्माभिमान उन्मत्त हो उठा। इतिहास साक्षी है- जाने और अनजाने सहस्रत्रों देशभक्त स्वतंत्रता की अमानत निधि को पाने के लिए शहीद हो गए।
ऊपर लिखे हुए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1. भारतवर्ष ने कितने वर्षों की गुलामी झेली है?
प्रश्न 2. गुलामी ने भारत को क्या हानि पहुँचाई ?
प्रश्न 3. इस देश की क्या विशेषताएँ रहीं?
मेरे देश का नाम भारत है, जो महाराज दुष्यंत एवं शकुंतला के प्रतापी पुत्र “भरत” के नाम पर रखा गया। पहले इसे “आर्यावर्त” कहा जाता था। इस पावन देश में राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध, वर्धमान महावीर आदि महापुरुषों ने जन्म लिया। इस देश में अशोक और अकबर जैसे प्रतापी सम्राट भी हुए हैं। इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरोजिनी नायडू आदि ने कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया।
ऊपर लिखे हुए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1. भारत का नाम किसके नाम पर रखा गया?
प्रश्न 2. इस देश को पहले किस नाम से जाना जाता था?
प्रश्न 3. प्राचीन काल में किन-किन महापुरुषों ने इस देश में जन्म लिया?
साहस की जिंदगी रोमांचक होती है। ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि साहसी व्यक्ति इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाले आदमी दुनिया की असली ताकत होते हैं और दुनिया को प्रकाश भी उसी से मिलता है। अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले लोग अपने उद्देश्य की तुलना किसी और के साथ नहीं करते और न ही वे पड़ोसी की चाल देखकर अपनी चाल को मद्धिम बनाते हैं।
ऊपर लिखे हुए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1. साहस की जिंदगी की क्या पहचान है?
प्रश्न 2. कैसा व्यक्ति दुनिया की असली ताकत होता है?
प्रश्न 3. साधारण लोग कैसे होते हैं?
प्रश्न 4. क्रांति करने वाले लोग कैसे होते हैं?
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1. अपठित गद्यांश क्या है और इसे कैसे पढ़ा जाता है? | ![]() |
2. अपठित गद्यांश का अभ्यास कैसे किया जा सकता है? | ![]() |
3. अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्नों के उत्तर कैसे सही तरीके से दिए जाएं? | ![]() |
4. क्या अपठित गद्यांश की तैयारी के लिए विशेष पुस्तकें या सामग्री उपलब्ध हैं? | ![]() |
5. अपठित गद्यांश का मुख्य उद्देश्य क्या है? | ![]() |