प्रश्न 1. (क) पोंगल के दिन घर आँगन को रंगोली से सजाते हैं। रंगोली बनाने के लिए किन-किन चीज़ों का प्रयोग किया जाता है? सूची बनाओ।
(ख) नीचे दी गई जगह में रंगोली का कोई डिज़ायन बनाओ।
(क) रंगोली में भरने के लिए अलग-अलग रंगों तथा एक चॉक की आवश्यकता होती है, जिससे डिज़ायन बनाया जा सके। लोग फूलों, दीपों तथा लकड़ी के बूरादे का भी प्रयोग करते हैं।
(ख) रंगोली का डिज़ायन-
प्रश्न 2. पाठ में खेती से जुड़े अनेक शब्द आए हैं। तुम खेती या बागवानी से जुड़े कुछ औज़ारों के नाम बताओ।
खुरपी, फावड़ा, कुदाल, बेलचा, हल।
प्रश्न 3. (क) पोंगल का त्योहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। पाठ के आधार पर तालिका भरो।
(ख) पोंगल चार दिनों तक मनाया जाता है। प्रत्येक दिन के मुख्य क्रिया-कलाप बताओ।
(ग) भारत एक कृषि प्रधान देश है। इस बात को सिद्ध करने के लिए दो उदाहरण दो।
(क)
(ख) पहला दिन 'भोगी' पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर की साफ़-सफ़ाई की जाती है। संध्या के समय सभी बच्चे ढोल बजाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं।
दूसरा दिन 'पोंगल' का होता है। स्त्रियाँ प्रातःकाल उठकर घर के बाहर रंगोली बनाती हैं। सभी नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं। घर के आँगन में नए बर्तन में पहली फसल का चावल और गन्ने का रस मिलाकर पोंगल बनाया जाता है। इसे तब तक पकाया जाता है, जब तक यह चूल्हे में न गिरे। इस प्रसाद को रिश्तेदारों तथा पड़ोसी के साथ मिलकर खाया जाता है।
तीसरा दिन 'मट्टु पोंगल' के नाम से जाना जाता है। इस दिन सुबह उठकर अपने गाय-बैलों को नहलाकर सजाया जाता है। उनकी पूजा की जाती है तथा लोग उन्हें गुड तथा अन्य पौष्टिक चीज़ें खाने के लिए देते हैं।
चौथे दिन को 'काणुम पोंगल' के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूरा परिवार मेले में जाता है तथा पूरा दिन परिवार के साथ लोग मेलों का आनंद उठाते हैं।
(ग) भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके दो उदाहरण मुख्य हैं- एक तो यह कि भारत के अधिकत्तर त्योहार कृषि पर आधारित हैं और दूसरा यह कि भारत के सत्तर प्रतिशत लोग कृषि ही करते हैं। इसी कारण से भारत कृषि प्रधान देश कहलाता है।
प्रश्न 4. तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं? तुम्हें कौन सा त्योहार सबसे अच्छा लगता है?
मैं दिल्ली का निवासी हूँ। यहाँ होली, दीवाली, लोहड़ी, पोंगल, क्रिसमस, ईद, दशहरा इत्यादि त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। मुझे इनमें से दीवाली बहुत पसंद है। दीवाली की रौनक बहुत पहले से ही आरंभ हो जाती है। हर घर में इसे लेकर खासा उत्साह होता है। घर में साफ़-सफ़ाई की जाती है। दीवाली वाले दिन सुबह से ही घर में कई तरह के मिष्ठान बनाए जाते हैं। लोग संबंधियों के साथ उपहारों तथा मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं। रात को घर दीपों से सजाया जाता है। रात में रौनक देखने वाली होती है, ऐसा लगता है मानो आसमान से तारे कुछ समय के लिए जमीन में आ गए हैं। मिठाई, पटाखे, प्रेम, प्रकाश सभी तो होता है इसमें इसलिए यह मेरा प्रिय त्योहार है।
प्रश्न 5. पाठ में ऐसी अनेक चीज़ों के नाम आए हैं जिन्हें खाने-पीने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। बताओ, इनका प्रयोग किन पकवानों में होता है?
(क) चावल- ____
(ख) हल्दी- ____
(ग ) गुड़- ____
(घ ) मक्का- ____
(ङ) गन्ना- ____
(च) दूध- ____
(छ) तिल- ____
(क) चावल- खीर, इडली, डोसा, पुलाव।
(ख) हल्दी- हर प्रकार की दाल, सब्जी, मीट से बनने वाले व्यंजन सूप।
(ग ) गुड़- खीर, गुलगुले, पट्टी।
(घ ) मक्का- रोटी, सरसों का साग, सूप
(ङ) गन्ना- खीर
(च) दूध- खीर, पनीर, मिल्क केक, बर्फी।
(छ) तिल- मिठाई, पट्टी।
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