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The Hindi Editorial Analysis - 8th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स


संदर्भ

सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की जीवंतता और महामारी द्वारा उजागर की गई ज़रूरतें तात्कालिक रूप से उपयुक्त इस अवसर का निर्माण कर रही है कि व्यवसायों के एक विस्तृत क्रॉस-सेक्शन को डिजिटल सक्षमता द्वारा डिजिटल कॉमर्स के विस्तार को स्थापित करने और बढ़ावा देने का एक उपयुक्त समय है। ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (Open Network for Digital Commerce- ONDC) इस संबंध में एक विघटनकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है।

भारत और वाणिज्य का डिजिटलीकरण


भारत का डिजिटलीकरण परिदृश्य 

  • तेज़ी से विस्तार करती डिजिटल अर्थव्यवस्था हाल के समय में भारत के लिये प्रमुख सहायक स्तंभों में से एक रही है। फिनटेक अपनाने के मामले में यह 64% वैश्विक औसत की तुलना में 87% दर रखता है जो विश्व में उच्चतम दर है।
    • भारत में ई-कॉमर्स बाज़ार का आकार वर्ष 2017 से 2020 के बीच दोगुना हो गया।
  • विश्व के तीन सबसे बड़े सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत के हैं। ‘आधार’ (Aadhaar) विश्व का सबसे बड़ा विशिष्ट डिजिटल पहचान प्लेटफॉर्म है, ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (UPI) सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र है और ‘को-विन’ (Co-Win) सबसे बड़ा टीकाकरण प्लेटफॉर्म है।
  • भारत ने एक वित्तीय प्रौद्योगिकी स्टैक का उपयोग किया है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म का एक एकीकृत, बहु-स्तरित सेट वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने एवं दक्षता को बढ़ाने के साथ ही वित्तीय स्थिरता की संवृद्धि के रूप में जनसंख्या को पर्याप्त लाभ प्रदान करने हेतु परस्पर संयोजन करता है।

इसने लोगों की मदद कैसे की है?

  • ‘आधार’ ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान वित्तीय समावेशन और डिजिटल भुगतान में वृद्धि की सुविधा प्रदान की।
  • भारत के निम्न-लागत और पॉपुलेशन-स्केल डिजिटलीकरण ने सभी आय वर्गों में अपने नागरिकों के लिये जीवन की सुगमता में सुधार किया है।
  • UPI ने खुदरा भुगतान प्रणालियों की गतिशीलता को बदल दिया है और अब इसका उपयोग देश भर में किया जा रहा है।
  • ये डिजिटल प्लेटफॉर्म एक नए प्रकार की वैश्विक कूटनीति के लिये भी एक अवसर के रूप में उभर रहे हैं। भारत के पहचान और भुगतान मंचों को दुनिया भर में दिलचस्पी के साथ देखा जा रहा है।
    • हाल ही में भारत द्वारा इच्छुक देशों को ‘को-विन’ प्लेटफॉर्म की पेशकश की गई थी।
    • जुलाई, 2021 में भारत की वित्त मंत्री ने भूटान के वित्त मंत्री के साथ संयुक्त रूप से भूटान में ‘भीम-यूपीआई’ सेवा को लॉन्च किया।

ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC)

  • ONDC वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली पहल है जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करना है और इसे एक प्लेटफॉर्म-केंद्रित मॉडल (जहाँ क्रेता और विक्रेता को डिजिटल दृश्यता और व्यापार लेनदेन के लिये एक ही प्लेटफॉर्म या एप्लीकेशन का उपयोग करना पड़ता है) से एक खुले नेटवर्क की ओर ले जाना है।
  • यह ओपन-सोर्स्ड कार्यप्रणाली (Open-Sourced Methodology) पर आधारित है जो ‘ओपन स्पेसिफिकेशंस’ एवं ‘ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल’ का उपयोग करता है और किसी प्लेटफॉर्म विशेष से स्वतंत्र है।

भारत सरकार की ONDC परियोजना क्या है?

  • उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने ‘डिजिटल एकाधिकार’ (Digital Monopolies) पर अंकुश के लिये अपने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) परियोजना हेतु एक सलाहकार समिति नियुक्त करने के आदेश जारी किये हैं।
    • यह ई-कॉमर्स प्रक्रियाओं को खुला स्रोत बनाने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है; इस प्रकार एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है जिसका उपयोग सभी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा किया जा सकता है।
  • ONDC के लागू होने के बाद, भारत में सभी ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन व्यवसायों को समान प्रक्रियाओं और मानकों का अनुपालन करते हुए कार्य करना होगा।
    • विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार इसका अभिप्राय है कि ई-कॉमर्स खिलाड़ियों/अभिकर्ताओं के लिये तंत्र पूर्णरूपेण बदल जाएगा जहाँ वे अपने ‘यूजर इंटरफेस’ पर और इससे भी उल्लेखनीय कि उपभोक्ता व्यवहार अंतर्दृष्टि पर अपना नियंत्रण खो सकते हैं।
      (i) यह बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिये समस्याजनक स्थिति हो सकती है, जिनके पास संचालन के इन क्षेत्रों के लिये अपनी स्वयं की प्रक्रियाएँ और प्रौद्योगिकी तैनात हैं।
      (ii) हालाँकि यह छोटे ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और नए प्रवेशकों के लिये एक बड़ा ‘बूस्टर शॉट’ साबित होगा।

ONDC में निहित संभावनाएँ

  • ONDC से अपेक्षित है कि यह समग्र मूल्य शृंखला का डिजिटलीकरण करेगा, संचालन (जैसे कैटेलॉगिंग, इन्वेंट्री प्रबंधन, ऑर्डर प्रबंधन और ऑर्डर पूर्ति) को मानकीकृत करेगा, आपूर्तिकर्ताओं के समावेशन को बढ़ावा देगा, लॉजिस्टिक्स में दक्षता लेकर आएगा और उपभोक्ताओं के लिये मूल्य (Value) की संवृद्धि करेगा।
  • यह प्लेटफॉर्म समान अवसर भागीदारी की परिकल्पना करता है और इससे उपभोक्ताओं के लिये ई-कॉमर्स को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की उम्मीद है, क्योंकि वे संभावित रूप से किसी भी अनुकूल एप्लीकेशन/प्लेटफॉर्म का उपयोग कर किसी भी विक्रेता, उत्पाद या सेवा की खोज कर सकते हैं, इस प्रकार उनकी चयन/पसंद की स्वतंत्रता की वृद्धि होती है।
  • यह किसी भी मूल्यवर्ग (Denomination) के लेनदेन को सक्षम करेगा; इस प्रकार ONDC को वास्तव में ‘लोकतांत्रिक वाणिज्य के लिये खुले नेटवर्क’ (Open Network for Democratic Commerce) के रूप में स्थापित करेगा।
  • ONDC छोटे व्यवसायों को प्लेटफॉर्म-केंद्रित विशिष्ट नीतियों द्वारा शासित होने के बजाय किसी भी ONDC-अनुकूल एप्लीकेशन का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा।
    • यह उन लोगों द्वारा डिजिटल माध्यमों के सुगम अंगीकरण को भी प्रोत्साहित करेगा जो वर्तमान में डिजिटल कॉमर्स नेटवर्क पर नहीं हैं।

ONDC प्लेटफॉर्म का निर्माण करते समय किन प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये?

  • ओपन डिजिटल इकोसिस्टम के संस्तर: एक ‘ओपन डिजिटल इकोसिस्टम’ के तीन संस्तर (Layers) होते हैं जो अंगीकरण एवं सुरक्षा उपायों दोनों के बारे में विचार हेतु एक उपयोगी वैचारिक ढाँचा प्रदान करते हैं। ये संस्तर हैं:
    • प्रौद्योगिकी संस्तर: इसे अतिसूक्ष्मवाद (Minimalism) और विकेंद्रीकरण (Decentralisation) के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये ।
    • ONDC प्लेटफॉर्म को ‘प्राइवेसी बाय डिज़ाइन’ के सिद्धांतों पर बनाया जाना चाहिये।
    • इसे डेटा (विशेष रूप से व्यक्तिगत डेटा) की न्यूनतम मात्रा एकत्र करनी चाहिये और इसे विकेंद्रीकृत तरीके से संग्रहीत करना चाहिये ताकि हैकर्स के लिये ‘हनीपॉट’ की स्थिति न हो।
    • डेटा एक्सचेंज प्रोटोकॉल को घर्षण को कम करने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये लेकिन इन्हें स्पष्ट नियमों पर आधारित होना चाहिये जो उपभोक्ता हितों की रक्षा करते हों।
    • ब्लॉकचेन जैसे साधनों का उपयोग तकनीकी सुरक्षा उपायों के निर्माण के लिये किया जा सकता है जहाँ सक्रिय सहमति के बिना उन्हें ओवरराइड करने की अनुमति न हो।
  • शासन संस्तर: इसे व्यवसायों में व्याप्त इस आशंका को दूर करना चाहिये कि ई-कॉमर्स में राज्य का अत्यधिक हस्तक्षेप होगा।
    • मानकों या प्रौद्योगिकी की किसी भी तैनाती को कानून या विनियमन का अवलंब होना चाहिये जो परियोजना के दायरे को निर्धारित करता हो।
    • यदि व्यक्तिगत डेटा के संग्रहण की परिकल्पना की जाती है तो डेटा सुरक्षा बिल पारित करना और एक स्वतंत्र नियामक का गठन करना इसकी पूर्व-शर्त होनी चाहिये।
    • उद्योग को निष्पक्षता का आश्वासन देने के लिये सरकार मानकों या प्लेटफॉर्म के प्रबंधन का दायित्व किसी स्वतंत्र सोसाइटी या गैर-लाभकारी संस्था को सौंप सकती है।
  • सामुदायिक संस्तर: इसे एक वास्तविक रूप से समावेशी और भागीदारीपूर्ण प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहिये। नागरिक समाज और जनता को सक्रिय योगदानकर्ता बनाते हुए प्रस्ताव के मसौदे पर व्यापक प्रतिक्रिया प्राप्त कर इस उद्देश्य की पूर्ति की जा सकती है।
    • इसके साथ ही, शिकायतों का त्वरित और समयबद्ध निवारण सुनिश्चित करने से तंत्र पर विश्वास निर्माण में सहायता मिलेगी।
  • विवश करने के बजाय प्रोत्साहित करना: स्थापित निर्भरता रखने वाले क्षेत्र में एक ओपन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म या मानकों को अपनाने के लिये आपूर्तिकर्ताओं या उपभोक्ताओं को विवश करना उपयुक्त दृष्टिकोण नहीं होगा।
    • व्यवहार्य समाधान यह होगा कि गैर-अनिवार्य ‘संदर्भ अनुप्रयोग’ का सृजन किया जाए और वित्तीय या गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाए।
      (i) UPI अंगीकरण से उपयोगी सीख लेना: सरकार ने संदर्भ ऐप के रूप में ‘भीम’ के रोलआउट का समर्थन किया था और इसके आरंभिक अंगीकरण के लिये लॉटरी योजना के माध्यम से वित्तीय पुरस्कारों की पेशकश की थी।
  • यह समयानुकूल है कि भारत ई-कॉमर्स बाज़ारों में अंतराल को पाटने के लिये नए तरीके तलाश रहा है। लेकिन विज़न की इस निर्भीकता के साथ दृष्टिकोण की विचारशीलता का मेल कराना भी आवश्यक है।
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FAQs on The Hindi Editorial Analysis - 8th June 2022 - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स क्या होता है?
उत्तर: ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce) एक नया नेटवर्क मॉडल है जो इंटरनेट पर व्यापार की सुविधाओं को सुलभ और उपयोगकर्ता के लिए अधिक उपयोगी बनाने का उद्देश्य रखता है। यह डिजिटल कॉमर्स व्यवसायों को बेहतर और सुरक्षित व्यापार की संभावनाएं प्रदान करने के लिए व्यापारियों के साथ संपर्क स्थापित करता है।
2. ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स क्या लाभ प्रदान करता है?
उत्तर: ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स व्यापारियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है: - व्यापारियों को अधिक ग्राहकों तक पहुंचने की सुविधा मिलती है। - व्यापारियों को विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। - व्यापारियों को और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित व्यापार करने की सुविधा मिलती है। - व्यापारियों को अपने उत्पादों और सेवाओं का विपणन करने के लिए अधिक विकल्प मिलते हैं। - व्यापारियों को अधिक ग्राहकों के साथ व्यापार करके उनकी आय को बढ़ाने का अवसर मिलता है।
3. ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स कैसे काम करता है?
उत्तर: ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स व्यापारियों के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करता है जहां वे अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित कर सकते हैं। इस मंच के माध्यम से व्यापारी और उपयोगकर्ता संपर्क स्थापित करते हैं और व्यापार करते हैं। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स सुरक्षित भुगतान और व्यापारियों को उपयोगकर्ताओं के साथ विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तकनीकी प्रणालियों का उपयोग करता है।
4. ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स कैसे डिजिटल कॉमर्स को बदल सकता है?
उत्तर: ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स डिजिटल कॉमर्स को निम्नलिखित रूपों में बदल सकता है: - यह व्यापारियों को अपने उत्पादों और सेवाओं को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर प्रदर्शित करने का मौका देता है। - यह व्यापारियों को उनके उत्पादों की खोजशोध करने की सुविधा प्रदान करता है और उपयोगकर्ताओं को सबसे अच्छे उत्पादों तक पहुंचने में मदद करता है। - यह व्यापारियों को नए ग्राहकों के साथ संपर्क स्थापित करने और व्यापार करने का अवसर प्रदान करता है। - यह व्यापारियों को अपने उत्पादों का विपणन करने के लिए विभिन्न विपणन चैनलों का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।
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