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The Hindi Editorial Analysis - 28th June 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

भविष्य में 'अग्निवीर' के लिये अवसर


संदर्भ

  • हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ युद्ध की प्रकृति व्यापक रूप से बदल गई है। भारत को न केवल स्थल, जल और वायु से बल्कि साइबरटेक, इंटरनेट ऑफ मिलिटरी थिंग्स (IoMT) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से भी खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
  • इस परिदृश्य में एक बेहतर सुसज्जित और अधिक तैयार सेना की आवश्यकता है। देश के लिये एक तरुण और सुसज्जित सशस्त्र बल की आवश्यकता की पूर्ति के लिये सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई है।
  • शीघ्र ही भारतीय सशस्त्र बल ‘अग्निवीर’ की भर्ती संबंधी सभी महत्त्वपूर्ण कार्य शुरू करेंगे, जिन्हें हमारी युद्ध इकाइयों की रीढ़ के रूप में परिकल्पित किया गया है। इस संदर्भ में अग्निपथ योजना के सारतत्व को समझना प्रासंगिक होगा।

अग्निपथ योजना क्या है?

  • परिचय:
    • केंद्र सरकार ने तीनों सैन्य सेवाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) में नए सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना का अनावरण किया है।
    • यह योजना देशभक्त और अभिप्रेरित युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर देगी।
    • सेना में शामिल होने वाले इन युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।
      (i) चार वर्ष की सेवा के बाद किसी बैच के केवल 25% सैनिकों की ही संबंधित सेवाओं में 15 वर्ष की अवधि के लिये पुनर्नियुक्ति की जाएगी।
  • पात्रता:
  • यह योजना केवल अधिकारी रैंक से नीचे के सैन्यकर्मियों के लिये है जो सेना में कमीशन अधिकारी (Commissioned Officers) के रूप में शामिल नहीं होते हैं।
    (i) कमीशन अधिकारी भारतीय सशस्त्र बलों के अंदर एक विशेष रैंक रखते हैं। वे प्रायः राष्ट्रपति की संप्रभु शक्ति के तहत कमीशन धारण करते हैं और उन्हें आधिकारिक तौर पर देश की रक्षा करने का निर्देश प्राप्त होता है।
  • चयन हेतु 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु के युवा आवेदन करने के पात्र होंगे।
  • अग्निवीरों को प्रदत्त लाभ:
    • 4 वर्ष की सेवा अवधि की पूर्णता पर उन्हें एकमुश्त 11.71 लाख रुपए (उपार्जित ब्याज सहित) की ‘सेवा निधि’ का भुगतान किया जाएगा।
    • उन्हें चार वर्ष की अवधि के लिये 48 लाख रुपए का जीवन बीमा कवर भी प्राप्त होगा।
    • उनके शहीद होने की स्थिति में परिवार को 1 करोड़ रुपए (शेष कार्यकाल के वेतन सहित) का भुगतान किया जाएगा।
    • चार वर्ष बाद सेवानिवृत्ति पर सरकार उनके पुनर्वास में मदद करेगी। उन्हें ‘स्किल सर्टिफिकेट’ और ‘ब्रिज कोर्स’ प्रदान किया जाएगा।

ऐसी योजना की आवश्यकता क्यों थी?

औसत आयु कम करना:

  • अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन का एक उद्देश्य यह है कि सैन्यकर्मियों की औसत आयु में कमी लाई जाए।
    (i) इसकी आवश्यकता वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद महसूस की गई थी। इसके कई दशकों बाद ‘कारगिल समीक्षा समिति’ ने भी इस आवश्यकता पर बल दिया था।
    (ii) वर्तमान में भारतीय सेना में महज 19% कर्मी 25 वर्ष से कम आयु के हैं (इस आयु वर्ग के लिये एक छोटी संख्या) जबकि 36-40 आयु वर्ग में भी 19% कर्मी शामिल हैं (इस आयु वर्ग के लिये एक बड़ी संख्या)।

अनुसंधान और विकास पर ध्यान देना:

  • हर साल रक्षा बजट का आधे से भी अधिक भाग पेंशन के लिये आवंटित किया जाता है जबकि 5% से कम भाग अनुसंधान और विकास (R&D) के लिये आवंटित किया जाता है।
    • अग्निपथ योजना इस समस्या से भी निपटने की मंशा रखती है जहाँ सैन्य कर्मियों की अल्पकालिक अनुबंधों के साथ भर्ती की जाएगी जो थल सेना, नौसेना और वायु सेना में पेंशन भुगतान के बढ़ते स्तर को कम करने में मदद कर सकेगी।

भविष्य के लिये तैयार सैनिक:

  • युद्ध की प्रकृति बदल रही है और तेज़ी से बहुआयामी बनती जा रही है। युद्ध के विभिन्न पहलुओं—चाहे वह साइबर युद्ध हो, अंतरिक्ष युद्ध या सूचना युद्ध, में भी तेज़ी से परिवर्तन आ रहा है।

सेवामुक्त किये जाने वाले अग्निवीरों के लिये सरकार ने क्या वादे किये हैं?

  • बैंक ऋण में आसानी:
    • सरकार सेवामुक्त किये गए अग्निवीरों को बैंक ऋण के साथ जीवन के अगले चरण की शुरुआत करने में मदद करेगी, जो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किया जाएगा।
  • अन्य सेवाओं में वरीयता:
    • पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिये केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में 10% नौकरी रिक्तियों को आरक्षित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
      (i) यह आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल, रक्षा नागरिक पद और सभी 16 सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में लागू होगा।
      (ii) यह आरक्षण पूर्व-सैनिकों के लिये वर्तमान में उपलब्ध आरक्षण के अतिरिक्त होगा।
      (iii) इस क्रम में केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों (CAPFs) और असम राइफल्स में भर्ती हेतु अग्निवीरों के लिये 10% आरक्षण के साथ-साथ ऊपरी आयु सीमा में छूट की घोषणा की गई है।
    • सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB) जैसे केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) एवं विशेष सुरक्षा समूह (SPG) में अग्निवीरों के लिये यह ऊपरी आयु सीमा 26 वर्ष की होगी।
    • पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने भारतीय नौसेना में अग्निवीरों के चार साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद मर्चेंट नेवी की विभिन्न भूमिकाओं में उनके सुगम संक्रमण के लिये छह सेवा मार्गों की घोषणा की है।
    • असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि कुछ राज्यों ने संबंधित सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों की नियुक्ति को वरीयता देने की घोषणा की है।
  • शिक्षा:
    • राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) ने घोषणा की है कि वह रक्षा प्राधिकारों के परामर्श से एक विशेष कार्यक्रम शुरू करेगा ताकि अग्निवीर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकें और बारहवीं उत्तीर्ण का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकें।

आगे की राह

  • लाइसेंसिंग की सुगमता:
    • सरकार को अग्निवीरों के लिये अनिवार्य लाइसेंसिंग नियमों में छूट पर विचार करना चाहिये ताकि सेवामुक्ति के बाद उनमें से अधिकाधिक किसी व्यवसाय इकाई की स्थापना में निवेश के लिये आकर्षित हो सकें।
    • यह उद्यमशीलता का अवसर प्रदान करने और अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देने के दोहरे लाभकारी कदम के रूप में कार्य करेगा।
  • कर छूट:
    • एक विशिष्ट प्रारंभिक अवधि के लिये व्यवसाय के माध्यम से अर्जित वेतन आय/लाभ पर कर छूट प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है। यह सेवामुक्ति के बाद अधिक-से-अधिक अग्निवीरों को रोज़गार अवसर ग्रहण करने या अपना व्यवसाय शुरू करने के लिये आकर्षित करेगा।
      (i) यह निष्क्रिय धन (Idle Money) के व्यय और बेरोज़गार बने रहने पर रोक लगाने वाले कारक के रूप में काम करेगा।
  • आकर्षक ब्याज दरें:
    • बैंक अग्निवीरों की जमा राशि पर आकर्षक ब्याज दर प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं।
    • यह भी दोहरे लाभकारी कदम के रूप में कार्य करेगा क्योंकि आकर्षक ब्याज दर अग्निवीरों के लिये कमाई के रूप में कार्य करेगी और बैंकों को बाज़ार में अधिक धन तक पहुँच प्राप्त होगी।
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