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Summary: सोने का हिरण | Hindi (Bal Ram Katha) Class 6 PDF Download

सार

सोने का हिरण राम को कुटिया से बहुत दूर ले आया। राम ने उसे जीवित पकड़ने का विचार छोड़कर उसे बाण से मार दिया। राम ने उसका पीछा करते हुए उस पर निशाना साधा। बाण लगते ही वह अपने असली रूप में आ गया और चिल्लाकर बोला—"हा सीते! हा लक्ष्मण!" और वह थोड़ी देर में मर गया। राम को समझते देर न लगी कि क्यों हिरण उन्हें जानबूझ कर कुटिया से दूर ले आया था। वे तेज कदमों से कुटिया की ओर चल दिए।

रावण अपनी चाल की सफलता पर प्रसन्न था कि वह अब सीता का हरण कर सकेगा और सीता हरण के साथ ही राम निशक्त हो जाएँगे। सीता और लक्ष्मण ने मायावी हिरण की पुकार सुन ली थी। लक्ष्मण समझ गए कि यह कोई चाल है परंतु सीता घबरा गई और उसने लक्ष्मण को भाई की सहायता के लिए जाने के लिए कहा। लक्ष्मण ने सीता को समझाना चाहा कि यह राक्षसों की चाल है| परन्तु सीता लक्ष्मण को बुरा-भला कहने लगीं। लक्ष्मण सीता की इन बातों को सिर झुका कर सुनते रहें। सीता का क्रोध और बढ़ गया तथा वह अपने प्राण देने के लिए तैयार हो गई। तव लक्ष्मण राम की आज्ञा का उल्लंघन कर सीता को प्रणाम कर राम की खोज में चल पड़े। 

लक्ष्मण के जाते ही रावण साधु का वेश रखकर आ पहुँचा। उसने छल-कपट से सीता का हरण कर लिया। सीता स्वयं को असहाय पाकर विलाप करने लगी। रावण का रथ लंका की ओर बढ़ चला। मार्ग में वे पशुओं, पक्षियों, पर्वतों को कहती जा रही थीं कि कोई राम को बता दे कि रावण ने उनका हरण कर लिया है । जटायु ने सीता का विलाप सुनकर रथ को क्षत-विक्षत कर दिया व रावण को घायल भी कर दिया। क्रोध में रावण ने जटायु के पंख काट दिए। सीता ने अपने आभूषण उतारकर फेंकना प्रारम्भ कर दिया ताकि उनके मार्ग का पता चल सके| 

रावण सीता को सीधे अपने महल में ले गया। सीता को राक्षसियों की निगरानी में छोड़कर उसने कहा कि मैं तुम्हें एक वर्ष का समय देता हूँ। निर्णय कर लो कि मेरी रानी बनोगी या सारा जीवन रोती रहोगी। सीता राम का गुणगान करती रही। राम की प्रशंसा सुनकर तथा खर-दूषण की मृत्यु को स्मरण कर रावण को लगा कि राम अवश्य ही शक्तिशाली होगा। राम की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उसने अपने आठ बलिष्ठ राक्षसों को पंचवटी भेज दिया। रावण ने सीता को अशोकवाटिका में बंदी बना लिया। सीता बार-बार राम का नाम लेकर डरी-सहमी रो-रो कर दिन काट रही थीं।

शब्दार्थ -

  • छकाया - तंग करना 
  • प्राण-पखेरू उड़ना – मर जाना 
  • निशक्त – कमज़ोर
  • चौकसी – होशियारी 
  • कलुषित - अपवित्र 
  • हृदय छलनी होना – बहुत दुखी होना
  • सुमुखी - सुंदर मुख वाली 
  • लंकाधिपति – लंका का राजा रावण 
  • सर्वनाश – सब कुछ नष्ट होना 
  • क्षत-विक्षत - घावों से भरा
  • अंतःपुर – महल में स्त्रियों के रहने का स्थान 
  • अर्थहीन – बेकार 
  • बलिष्ठ - बलवान
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