वाक्य रचना | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8 PDF Download

परिभाषा

वह शब्द समूह जिससे पूरी बात समझ में आ जाये, ‘वाक्य’ कहलाता है।

दूसरे शब्दों में- विचार को पूर्णता से प्रकट करनेवाली एक क्रिया से युक्त पद-समूह को ‘वाक्य’ कहते हैं।

सरल शब्दों में- सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है।

जैसे- विजय खेल रहा है, बालिका नाच रही है।

वाक्य के भाग

वाक्य के दो भेद होते है-
(i) उद्देश्य (Subject)
(ii) विद्येय (Predicate)

उद्देश्य (Subject) : वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाये उसे उद्देश्य कहते हैं।

सरल शब्दों में- जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं।

जैसे- 

  • पूनम किताब पढ़ती है।
  • सचिन दौड़ता है।

उद्देश्य के भाग
उद्देश्य के दो भाग होते है-
(i) कर्ता
(ii) कर्ता का विशेषण या कर्ता से संबंधित शब्द

विद्येय (Predicate): उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, उसे विद्येय कहते है।

जैसे- पूनम किताब पढ़ती है।

दूसरे शब्दों में- वाक्य के कर्ता (उद्देश्य) को अलग करने के बाद वाक्य में जो कुछ भी शेष रह जाता है, वह विधेय कहलाता है। इसके अंतर्गत विधेय का विस्तार आता है।

जैसे- लंबे-लंबे बालों वाली लड़की अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर गई।
विशेष- आज्ञासूचक वाक्यों में विधेय तो होता है किन्तु उद्देश्य छिपा होता है।
जैसे-

  • वहाँ जाओ।
  • खड़े हो जाओ।

विधेय के भाग
विधेय के छ: भाग होते है-
(i) क्रिया
(ii) क्रिया के विशेषण
(iii) कर्म
(iv) कर्म के विशेषण या कर्म से संबंधित शब्द
(v) पूरक
(vi) पूरक के विशेषण

नीचे की तालिका से उद्देश्य तथा विधेय सरलता से समझा जा सकता है:-

वाक्य रचना | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

सफेद – कर्ता विशेषण
गाय – कर्ता [उद्देश्य]
हरी – विशेषण कर्म
घास – कर्म [विधेय]
खाती है – क्रिया [विधेय]

वाक्य के भेद

  • रचना के आधार पर–
    रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं
    • साधरण वाक्य या सरल वाक्य (Simple Sentence)
    • मिश्रित वाक्य (Complex Sentence)
    • संयुक्त वाक्य (Compound Sentence)

साधरण वाक्य या सरल वाक्य

जिन वाक्य में एक ही क्रिया होती है, और एक कर्ता होता है, ये साधारण वाक्य कहलाते है। दूसरे शब्दों में जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें साधारण वाक्य या सरल वाक्य कहते हैं।
इसमें एक उद्देश्य’ और एक ‘विधेय’ रहते हैं।
जैसे- ‘बिजली चमकती है, ‘पानी बरसा ।

मिश्रित वाक्य

जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हो किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हो, मिश्रित वाक्य कहलाता है।

दूसरे शब्दों में- जिस वाक्य में मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक या अधिक समापिका क्रियाएँ हो, उसे ‘मिश्रित वाक्य कहते हैं।

जैसे- यह कौन-सा मनुष्य है, जिसने महाप्रतापी राजा भोज का नाम न सुना हो।

दूसरे शब्दों मे – जिन वाक्यों में एक प्रधान (मुख्य) उपवाक्य हो और अन्य आश्रित (गौण) उपवाक्य हो तथा जो आपस में ‘कि’; जो; क्योंकि जितना; उतना’; जैसा; वैसा’; ‘जब’; तब; जहाँ; वहाँ; जिधर; उधर’; अगर/यदि’; ‘तो’; ‘यद्यपि’; तथापि’; आदि से मिश्रित (मिले-जुले) हो उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं।

संयुक्त वाक्य

जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे थाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है।

दूसरे शब्दो में- जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजकों (और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, अतः, फिर भी, तो, नहीं तो किन्तु, परन्तु, लेकिन, पर आदि) से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।

जैसे- वह सुबह गया और शाम को लौट आया। प्रिय बोलो पर असत्य नहीं। उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफलता नहीं मिली।

वाक्य के भेद

  • अर्थ के आधार पर
    अर्थ के आधार पर वाक्य मुख्य रूप से आठ प्रकार के होते है-
    • सरल वाक्य (Affirmative Sentence)
    • निषेधात्मक वाक्य (Negative Sentence)
    • प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentence)
    • आज्ञावाचक वाक्य (Imperative Sentence)
    • संकेतवाचक वाक्य (Conditional Sentence)
    • विस्मयादिबोधक वाक्य (Exclamatory Sentence)
    • विधानवाचक वाक्य (Assertive Sentence)
    • इच्छायाचक वाक्य (Illative Sentence)

सरल वाक्य

वे वाक्य जिनमे कोई बात साधरण ढंग से कही जाती है, सरल वाक्य कहलाते है।
जैसे- राम ने बाली को मारा। राधा खाना बना रही है।

निषेधात्मक वाक्य

जिन वाक्यों में किसी काम के न होने या न करने का बोध हो उन्हें निषेधात्मक वाक्य कहते है।
जैसे- आज वर्षा नहीं होगी। मैं आज घर जाऊँगा।

प्रक्षवाचक वाक्य 

वे वाक्य जिनमें प्रश्न पूछने का भाव प्रकट हो, प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते है।
जैसे- राम ने रावण को क्यों मारा? तुम कहाँ रहते हो?

आज्ञावाचक वाक्य

जिन वाक्यों से आज्ञा प्रार्थना, उपदेश आदि का ज्ञान होता है, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते है।

जैसे- वर्षा होने पर ही फसल होगी। परिश्रम करोगे तो फल मिलेगा ही। बड़ों का सम्मान करो।

संकेतवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से शर्त (संकेत) का बोध होता है यानी एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते है।

जैसे- यदि परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होंगे। पिताजी अभी आते तो अच्छा होता। अगर वर्षा होगी तो फसल भी होगी।

विस्मयादिबोधक वाक्य

जिन वाक्यों में आश्चर्य, शोक, घृणा आदि का भाव ज्ञात हो उन्हें विस्मयादिबोधक वाक्य कहते है।

जैसे- वाह ! तुम आ गये। हाय !मैं लूट गया।

विधानवाचक वाक्य

जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने की सूचना मिले, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते है।

जैसे- मैंने दूध पिया। वर्षा हो रही है। राम पढ़ रहा है।

इच्छावाचक वाक्य

जिन वाक्यों से इच्छा, आशीष एवं शुभकामना आदि का ज्ञान होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्यकहते है।

जैसे- तुम्हारा कल्याण हो। आज तो मैं केवल फल खाऊँगा। भगवान तुम्हें लंबी उमर दे।

The document वाक्य रचना | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8 is a part of the Class 8 Course Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
36 videos|73 docs|36 tests
Related Searches

Sample Paper

,

Exam

,

ppt

,

video lectures

,

Free

,

Previous Year Questions with Solutions

,

वाक्य रचना | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

,

MCQs

,

Extra Questions

,

shortcuts and tricks

,

वाक्य रचना | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

,

pdf

,

Important questions

,

Objective type Questions

,

Summary

,

Viva Questions

,

Semester Notes

,

वाक्य रचना | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

,

mock tests for examination

,

study material

,

practice quizzes

,

past year papers

;