UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  The Hindi Editorial Analysis - 17 August 2022

The Hindi Editorial Analysis - 17 August 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

फिनटेक का विनियमन

संदर्भ

  • फिनटेक (FinTech) वर्तमान समय में व्यापार वृद्धि और रोज़गार सृजन दोनों ही मामलों में अर्थव्यवस्था के सर्वाधिक फलते-फूलते क्षेत्रों में से एक है। फिनटेक में शिक्षा, खुदरा बैंकिंग, फंड-रेज़िंग एवं गैर-लाभकारी कार्य और निवेश प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्र और उद्योग शामिल हैं।
  • भारत के फिनटेक क्षेत्र को विश्व में सबसे अधिक विघटनकारी (Disruptive), नवोन्मेषी और परिपक्व फिनटेक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। भारतीय फिनटेक कंपनियों का सकल मूल्य आसमान छू रहा है, जिसका मुख्य कारण बाज़ार की अपार संभावनाएँ हैं।
  • हालाँकि प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवाओं के गहन होने के साथ-साथ डिजिटल धोखाधड़ी और उपभोक्ताओं में असंतोष की भी वृद्धि हो रही है। इसने फिनटेक के कार्यान्वयन पर गहराई से नज़र डालने की आवश्यकता को जन्म दिया है और इसलिये उनकी गतिविधियों से उत्पन्न जोखिमों को दूर करने के लिये कुछ पर्यवेक्षी कदम उठाए गए हैं।

फिनटेक क्या है?

  • परिचय:
    •  मूल रूप से फिनटेक स्थापित उपभोक्ता और व्यापार वित्तीय संस्थानों के बैक-एंड (व्यवसाय का परिचालनात्मक भाग) पर अनुप्रयुक्त प्रौद्योगिकी को संदर्भित करता है।
    • हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय क्षेत्र (वित्तीय साक्षरता और शिक्षा, खुदरा बैंकिंग, निवेश तथा यहाँ तक कि क्रिप्टोकरेंसी) में किसी भी प्रौद्योगिकीय नवाचार के लिये यह शब्द व्यवहृत होने लगा है।
    • फिनटेक ऐसी कोई भी प्रौद्योगिकी है जो वित्तीय सेवाओं के वितरण और उपयोग को बेहतर बनाने और स्वचालित करने का प्रयास करती है।
  • महत्त्व:
    • फिनटेक भारतीय वित्तीय पारितंत्र का अनिवार्य अंग हैं। यद्यपि वे दशकों से मौजूद हैं, उनका महत्त्व नोटबंदी के बाद अधिक प्रकट हुआ और कोविड-19 महामारी ने उनके महत्त्व को और बढ़ा दिया है।
    • फिनटेक आम लोगों के लिये वित्तीय सेवाओं को पुनर्परिभाषित कर रहा है; स्मार्ट एनालिटिक्स और एल्गोरिदम के माध्यम से छोटे क्रेडिट के लिये बिग डेटा के उपयोग ने भारत में पात्र उधारकर्ताओं के पूल का व्यापक रूप से विस्तार किया है।
    • फिनटेक ने कारोबार करने की लागत में भारी कमी की है। भुगतान, क्रेडिट मूल्यांकन और धोखाधड़ी पर नियंत्रण जैसे डिजिटल लेनदेन की लागत भौतिक प्रक्रियाओं पर खर्च की गई राशि का एक मामूली अंश ही है।
    • फिनटेक भौगोलिक बाधाओं को भी दूर कर रहा है और देश को हथेली की पकड़ में सीमित कर रहा है। यह बड़ी संख्या में सेवाओं से वंचित लेकिन आर्थिक रूप से व्यवहार्य ग्राहकों के लिये अवसर के द्वार खोल रहा है।

फिनटेक का विनियमन

  • विनियमन के प्रकार: 
    • विश्व भर में फिनटेक कंपनियाँ तीन प्रकार के विनियमों के अधीन हैं:
    • गतिविधि-आधारित विनियमन (Activity-based regulation), जिसमें गतिविधि से संलग्न इकाई की कानूनी स्थिति या प्रकार पर विचार नहीं करते हुए सदृश कार्यों को एकसमान रूप से विनियमित किया जाता है।
    • इकाई-आधारित विनियमन (Entity-based regulation), जहाँ जमा प्राप्ति, भुगतान सुविधा, उधार देना और प्रतिभूति हामीदारी जैसी तुलनात्मक और विशेषीकृत गतिविधियों से संलग्न लाइसेंस प्राप्त फर्मों पर कानूनों को लागू करने की आवश्यकता होती है।
    • परिणाम-आधारित विनियमन (Outcome-based regulation), जहाँ फर्मों के लिये कुछ आधारभूत, साझा और प्रौद्योगिकी संबंधी पहलुओं को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है।
  • फिनटेक को विनियमित करने हेतु भारत की पहल:
    • यद्यपि फिनटेक कंपनियों को विनियमित करने और वित्तीय पारितंत्र के लिये उनके द्वारा उत्पन्न जोखिमों के शमन के लिये RBI द्वारा कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें दायरे में लेने के लिये कुछ पहलें की गई हैं।
    • RBI का ‘फिनटेक रेगुलेटरी सैंडबॉक्स’ ऐसा ही एक उदाहरण है जिसे वर्ष 2018 में फिनटेक उत्पादों के परीक्षण के लिये नियंत्रित नियामक वातावरण के निर्माण के प्राथमिक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था।
    • फिनटेक के एक वर्ग को अपने दायरे में लाने के लिये RBI द्वारा एक और पहल ‘पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स लाइसेंस’ की शुरुआत के रूप में की गई।
    • चूँकि फिनटेक P2P (Peer to Peer) उधारकर्ताओं के रूप में कार्य कर रहे हैं, वैकल्पिक क्रेडिट स्कोरिंग प्लेटफॉर्म और क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म को धीरे-धीरे नियामक दायरे में लाया जा रहा है।
    • हाल ही में, RBI ने अधिसूचित किया है कि उसने डिजिटल ऋण के माध्यम से ऋण वितरण के व्यवस्थित विकास का समर्थन करने के लिये एक नियामक ढाँचा तैयार किया है।
    • यह ढाँचा इस सिद्धांत पर आधारित है कि उधार देने का व्यवसाय केवल उन संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है जो या तो केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित हैं या किसी अन्य कानून के तहत उन्हें ऐसा करने की अनुमति प्राप्त है।
  • भारत में फिनटेक के विनियमन से संबंधित चिंताएँ:
    • फिनटेक, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, की उभरती दुनिया में विनियमन एक बड़ी समस्या है। अधिकांश देशों में वे अनियंत्रित हैं और घोटालों एवं धोखाधड़ी के लिये उर्वर आधार बन गए हैं।
    • फिनटेक में पेशकशों की विविधता के कारण इन समस्याओं के लिये एक एकल और व्यापक दृष्टिकोण तैयार करना कठिन है।
    • फिनटेक क्षेत्र में नियामक अनिश्चितता फिनटेक सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं दोनों के लिये चीज़ों को जटिल बना रही है ।
    • फिनटेक के लिये एक व्यापक नियामक ढाँचे की अनुपस्थिति ने कंपनियों, निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिये प्रणाली में अस्पष्टता के कई बिंदु उत्पन्न किये हैं।
    • नियामक की निगरानी से दूर होने के कारण उधार देने में कई अनैतिक अभ्यासों के प्रयोग की भी सूचना मिली है।
    • संग्रह के क्रूर तरीके, उधार देने के अपारदर्शी अभ्यास, उत्पादों की मिस-सेलिंग, ग्राहक उत्पीड़न आदि इसके कुछ उदाहरण हैं।

फिनटेक को विनियमित करने का सही दृष्टिकोण क्या होगा?

  • व्यापक नियामक ढाँचा: 
    • पारदर्शिता के साथ एक विवेकपूर्ण विनियमन दीर्घावधि में इस क्षेत्र को सुदृढ़ करेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास चालकों को आर्थिक प्रगति के इंजन को बढ़ावा देने का अवसर देते हुए अर्थव्यवस्था को इसके संभाव्य दर पर विकास करने में सहयोग देगा।
    • भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से एक अधिक रचनात्मक दृष्टिकोण यह होगा कि भारत के वित्तीय समावेशन एजेंडा में फिनटेक की भूमिका को चिह्नित करे और एक नियामक ढाँचा स्थापित करे जो फिनटेक को नए प्रस्तावों को अपनाने और नवाचार करने के लिये पर्याप्त लचीलापन देते हुए मौजूदा अस्पष्टताओं को दूर करे।
    • ‘बिगटेक’ को नियामक दायरे में लाना: फिनटेक के लिये असली चुनौती ‘बिगटेक’ की ओर उत्पन्न होती है, जिनका प्राथमिक व्यवसाय सोशल मीडिया, दूरसंचार, इंटरनेट सर्च और ई-कॉमर्स जैसे गैर-वित्तीय क्षेत्रों में है।
    • वे वित्तीय सेवा क्षेत्र के एक बड़े भाग का अधिग्रहण कर सकने की सदृढ़ स्थिति में हैं।
    • नीतिनिर्माताओं के लिये महत्त्वपूर्ण है कि वे बिगटेक पर ध्यान दें और चूँकि बिगटेक व्यापक ग्राहक आधार, सूचना तक पहुँच और व्यापक व्यापार मॉडल की स्थिति रखते हैं, बिगटेक और बैंकों के बीच ‘लेवल प्लेइंग फिल्ड’ या समान अवसर को सुनिश्चित करें।
  • ग्राहक संरक्षण को प्राथमिकता देना:
    •  फिनटेक क्षेत्र में शासन के संबंध में उपभोक्ता संरक्षण और उत्पाद नवाचार के बीच सही संतुलन की तलाश नियामकों के लिये संघर्षपूर्ण रहा है।
    • RBI को फिनटेक विनियमन में उपभोक्ता संरक्षण को प्राथमिकता देना चाहिये और इसे क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल उधार पर अंतिम कानूनों के माध्यम से व्यक्त करने की आवश्यकता है।
  • संगत नीति: 
    • फिनटेक फर्मों और पारंपरिक बैंकों दोनों को समानुपातिक रूप से लक्षित करने वाली नीतियों की आवश्यकता है। इस प्रकार, फिनटेक द्वारा प्रदत्त अवसरों को बढ़ावा मिलेगा, जबकि जोखिम का प्रबंधन किया जा सकेगा।
    • नियोबैंक (Neobanks) के लिये इसका अर्थ होगा कि मज़बूत पूंजी, तरलता और जोखिम-प्रबंधन की आवश्यकताएँ उनके जोखिमों के अनुरूप हैं।
    • मौजूदा बैंकों और अन्य स्थापित संस्थाओं के संदर्भ में, विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण को तकनीकी रूप से कम उन्नत बैंकों के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि उनके मौजूदा व्यापार मॉडल दीर्घावधि में कम संवहनीय सिद्ध हो सकते हैं।
  • DeFi के लिये प्रावधान: 
    • शासी निकाय की अनुपस्थिति का अर्थ है कि DeFi प्रभावी विनियमन और पर्यवेक्षण के लिये एक चुनौती है।
    • विनियमन को उन निकायों पर ध्यान केंद्रित करना होगा जो DeFi के तेज़ विकास को गति दे हे हैं ।
    • पर्यवेक्षी अधिकारियों को इंडस्ट्री कोड और स्व-नियामक संगठनों सहित सुदृढ़ शासन को प्रोत्साहित भी करना होगा।
    • ये संस्थाएँ नियामक निरीक्षण के लिये एक प्रभावी माध्यम प्रदान कर सकती हैं।
The document The Hindi Editorial Analysis - 17 August 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2325 docs|814 tests

Top Courses for UPSC

Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Extra Questions

,

study material

,

video lectures

,

Exam

,

The Hindi Editorial Analysis - 17 August 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

mock tests for examination

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

practice quizzes

,

MCQs

,

The Hindi Editorial Analysis - 17 August 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Summary

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

pdf

,

ppt

,

past year papers

,

Sample Paper

,

shortcuts and tricks

,

Objective type Questions

,

Viva Questions

,

Free

,

Important questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

The Hindi Editorial Analysis - 17 August 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Semester Notes

;