Table of contents | |
पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने में नैनोमैटेरियल्स की भूमिका | |
पिलर्स ऑफ क्रिएशन : जेम्स वेब टेलीस्कोप | |
भारत का अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र | |
नाविक |
चर्चा में क्यों?
नैनोमैटेरियल्स या कार्बन डॉट्स (CD) जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग जल प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान में मदद कर सकता है।
नैनो टेक्नोलॉजी/नैनो तकनीक
कार्बन डॉट्स
पर्यावरणीय मुद्दों के प्रबंधन में CDs की भूमिका:
कार्बन डॉट्स के ग्रीन संश्लेषण का वर्गीकरण:
आम तौर पर कार्बन डॉट्स के संश्लेषण को "टॉप-डाउन" और "बॉटम-अप" विधियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
चर्चा में क्यों?
अत्यधिक विस्तृत परिदृश्य- "पिलर्स ऑफ़ क्रिएशन" को नासा के शक्तिशाली जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर किया गया है।
पिलर्स ऑफ क्रिएशन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA) की वर्षगाँठ मनाने के लिये इंडियन स्पेस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु:
भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA):
आगे की राह
चर्चा में क्यों?
भारत अपनी क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली NaVIC (भारतीय नक्षत्र में नेविगेशन) का विस्तार करने की योजना बना रहा है, ताकि देश की सीमाओं से दूर यात्रा करने वाले नागरिक क्षेत्र और जहाज़ों, विमानों में इसके उपयोग को बढ़ाया जा सके।
नाविक:
संभावित उपयोग:
महत्त्व:
मुद्दे एवं उनमें सुधार
दुनिया में अन्य नेविगेशन सिस्टम:
नाविक की आवश्यकता, अन्य नेवीगेशन प्रणालियों के समांतर:
आगे की राह
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