बिजोलिया किसान आंदोलन राजस्थान से शुरू होकर पुरे देश में फैलने वाला एक संगठित किसान आंदोलन था। बिजोलिया किसान आंदोलन इतिहास का सबसे लंबा चला अहिंसक किसान आंदोलन था जोकि करीब 44 वर्षो तक चला।
इस आंदोलन को तीन चरणों में नेतृत्व के आधार पर बाँट कर समझा जा सकता है –
1. प्रथम चरण (1897-1916) – नेतृत्व- साधु सीतारम दास
2. द्वितीय चरण (1916-1923) – नेतृत्व- विजय सिंह पथिक
3. तृतीय चरण (1927-1941) – नेतृत्व- माणिक्य लाल वर्मा
![]() |
Download the notes
Short Notes: Bijolia Kisan Movement (बिजोलिया किसान आंदोलन)
|
Download as PDF |
प्रश्न 1. बिजोलिया किसान आंदोलन कब हुआ था ?
बिजोलिया किसान आंदोलन 1897 ई० में मेवाड़ क्षेत्र के बिजोलिया में शुरू हुआ था। बिजोलिया किसान आंदोलन 44 वर्षों तक चला था जिसके तीन चरण थे प्रथम चरण (1897-1916) तक, द्वितीय चरण (1916-1923) तक, तृतीय एवं अंतिम चरण (1927-1941) तक।
प्रश्न 2. बिजोलिया किसान आंदोलन के नेतृत्वकर्ता कौन थे / बिजोलिया किसान आंदोलन के जनक कौन थे
बिजोलिया किसान आंदोलन के नेतृत्वकर्ता या बिजोलिया किसान आंदोलन के जनक साधु सीतारम दास थे। इन्होने बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रथम चरण (1897-1916) का नेतृत्व किया। इनके बाद द्वितीय चरण (1916-1923) का नेतृत्व विजय सिंह पथिक द्वारा किया गया। इनके बाद इस आंदोलन के तृतीय एवं अंतिम चरण (1927-1941) का नेतृत्व माणिक्य लाल वर्मा द्वारा किया गया।
प्रश्न 2. बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रमुख कारण क्या थे ?
बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रमुख कारण किसानों पर लगाए गए विभिन्न प्रकार के 84 दमनकारी कर जैसे – लाग, बाग, बेगार, लाटा, कूंता, चवरी, तलवार बंधाई आदि थे। जिनके बोझ तले दबे किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही थी।
प्रश्न 3. बिजोलिया किसान आंदोलन का परिणाम क्या निकला ?
बिजोलिया किसान आंदोलन के परिणाम स्वरूप 1941 ई0 को किसानों की सभी मांगों को मान लिया गया और 44 वर्ष तक चला अहिंसक बिजोलिया किसान आंदोलन समझौते के साथ समाप्त हो गया।
203 videos|273 docs|23 tests
|