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महासागरीय जलधाराएं

  • महासागरीय जलधाराएं, महासागरों में नदियों के समान होते हैं तथा एक निश्चित दिशा में गति करती है। जलधाराएं महासागर में अपनी स्थिति के अनुसार गर्म अथवा ठंडी हो सकती है।
  • ये जलधाराएं अपने साथ एक बड़ी मात्रा में जल प्रवाह करती हैं। जिससे इनके निकट पड़ने वाले स्थानों के वातावरण पर प्रभाव पढ़ता है।
  • महासागरीय जलधाराओं के बनने के तीन प्रमुख कारण है:
    • पृथ्वी का घूर्णन: पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर गति करती है जिससे महासागरीय जल इसके विपरीत दिशा में यानि पूर्व से पश्चिम दिशा में बल महसूस करता है। इस बल के कारण विषुवतीय धाराएं(वे जल धाराएं जो विषुवत रेखा से 10° उत्तर या 10° दक्षिण में बनती हैं) का जन्म होता है। ये जल धाराएं कोरियालिस बल के कारण उत्तरी गोलार्ध में अपने दाएं और दक्षिणी गोलार्ध में बाएं की ओर मुड़ जाती है।
    • समुद्री हवाओं के कारण: समुद्री सतह पर चलने वाली हवाएं अपने साथ ऊपरी सतह के जल को भी गति देते हुए चलती हैं।
    • तापमान में भिन्नता के कारण: विषुवत रेखा पर वर्ष भर सूर्य की सीधी किरणें पढ़ती है जिस कारण यहां महासागरीय जल गरम होकर ध्रुवों की तरफ बहने लगता है और इसकी जगह लेने के लिए ध्रुवों से ठंड़ा महासागरीय जल आ जाता है। इसी के परिणामस्वरूप जलधाराएं गति करने लगती है।
  • महासागरीय जलधाराएं दो प्रकार की होती हैं:
    • गर्म जल धारा: ये जलधाराएं विषुवत रेखीय क्षेत्रों से ध्रुवों की तरफ चलती हैं, इन जलधाराओं का पानी गरम होता है।
      अतः ये जलधाराएं अपने पास पड़ने वाले क्षेत्रों का तापमान बढ़ा देती है।
    • ठंडी जल धारा: जो जलधाराएं ध्रुवीय क्षेत्रों से विषुवत रेखीय क्षेत्रों की तरफ चलती हैं तथा इनका पानी ठंडा होता है।
      अतः ये जलधाराएं अपने पास पड़ने वाले क्षेत्रों का तापमान घटा देती है।
  • प्रमुख जलधाराओं का विवरण निम्नवत हैं:
    Short Notes: Ocean Currents (महासागरीय जलधाराएं) - SSC CGL
  • सभी महासागरों में महासागरीय जलधाराओं की दिशा कोरियोलिस बल से निर्धारित होती है परन्तु इसके अपवाद स्वरूप हिंद महासागर के उत्तरी भाग में जलधाराओं की दिशा मौसमी हवाओं द्वारा निर्धारित होती हैं।
  • विषुवत रेखा के निकट महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर ठंड़ी तथा पूर्वी तटों पर गर्म जलधाराएंं प्रवाहित होती हैं।
  • जहां पर दो जलधाराएंं मिलती है उस स्थान पर प्लेंकटन नामक घास उग जाती है जिससे मछली उद्योग के लिए सहायक दशाए उत्पन्न होती है। इसके साथ ही गर्म एवं ठंड़ी जल धाराओं के मिलने से कोहरे का निर्माण होता है जिससे जल-यातायात प्रभावित होता है।
  • गल्फ स्ट्रीम जलधारा विश्व की सबसे तेज जलधारा है जोकि फ्लोरिडा जलधारा एवं एंटिलीज जलधारा के मिलने से बनती है।

  • उत्तरी अटलांटिक महासागर में 4 जलधाराओं के बीच के शांत जल के क्षेत्र को “सार्गोसो सागर” कहा जाता है।

  • क्युरेशियो जलधारा को जापान की काली धारा के नाम से भी जाना जाता है।

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