UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi  >  History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs

History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

जनजातीय गौरव दिवस

चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर. 2022) के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

जनजातीय गौरव दिवस

  • सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव, वीरता तथा आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देने हेतु प्रतिवर्ष ‘जनजातीय गौरव दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
  • उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई आदिवासी आंदोलन किये। इन आदिवासी समुदायों में तामार, संथाल, खासी, भील, मिज़ो और कोल शामिल हैं।

आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी

  • बिरसा मुंडा:
    • बिरसा मुंडा जिनका जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ, वे छोटा नागपुर पठार की मुंडा जनजाति से संबंधित थे।
    • वह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक नेता और लोक नायक थे।
    • उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान आधुनिक झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्र में भारतीय जनजातीय धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया।
    • बिरसा वर्ष 1880 के दशक में इस क्षेत्र में सरदारी लड़ाई आंदोलन के करीबी पर्यवेक्षक थे, जिसने अहिंसक माध्यमों जैसे कि ब्रिटिश सरकार को याचिका देने के आदिवासियों के अधिकारों को बहाल करने की मांग की थी। हालाँकि इन मांगों को कठोर औपनिवेशिक सत्ता ने नज़रअंदाज कर दिया।
    • ज़मींदारी प्रथा के तहत आदिवासियों को ज़मींदारों से मज़दूरों में पदावनत कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप बिरसा ने आदिवासियों के मुद्दे को उठाया।
    • बिरसा मुंडा ने एक नया धर्म बिरसैत बनाया।
    • धर्म ने एक ही ईश्वर में विश्वास का प्रचार किया और लोगों से अपने पुराने धार्मिक विश्वासों पर लौटने का आग्रह किया। लोगों ने उन्हें प्रभावी धार्मिक उपासक, चमत्कारी कार्यकर्त्ता और एक उपदेशक के रूप में संदर्भित करना शुरू कर दिया।
    • उरांव और मुंडा के लोग बिरसा के प्रति आश्वस्त हो गए और कई लोगों ने उन्हें 'धरती अब्बा, जिसका अर्थ है पृथ्वी का पिता' कहना शुरू कर दिया। उन्होंने धार्मिक क्षेत्र में एक नए दृष्टिकोण का प्रवेश कराया।
    • बिरसा मुंडा ने विद्रोह का नेतृत्व किया जिसे ब्रिटिश सरकार द्वारा थोपी गई सामंती राज्यव्यवस्था के खिलाफ उल्गुलान (विद्रोह) या मुंडा विद्रोह के रूप में जाना जाने लगा।
    • उन्होंने जनता को जागृत किया और ज़मींदारों के साथ-साथ अंग्रेज़ों के खिलाफ उनमें विद्रोह के बीज बोए।
    • आदिवासियों के खिलाफ शोषण और भेदभाव के खिलाफ उनके संघर्ष के कारण 1908 में छोटानागपुर किरायेदारी अधिनियम पारित हुआ, जिसने आदिवासी लोगों से गैर-आदिवासियों को भूमि देने पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • शहीद वीर नारायण सिंह:
    • उन्हें छत्तीसगढ़ में सोनाखान का गौरव माना जाता है, उन्होंने व्यापारी के अनाज के स्टॉक को लूट लिया और उन्हें 1856 के अकाल के बाद गरीबों में वितरित कर दिया।
    • वीर नारायण सिंह के बलिदान ने उन्हें आदिवासी नेता बना दिया और वे 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के पहले शहीद थे।

History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

  • श्री अल्लूरी सीता राम राजू
    • उनका जन्म 4 जुलाई, 1897 को आंध्र प्रदेश में भीमावरम के पास मोगल्लू नामक गाँव में हुआ था।
    • अल्लूरी को अंग्रेज़ो के खिलाफ रम्पा विद्रोह का नेतृत्व करने के लिये याद किया जाता है जिसमें उन्होंने विदेशियों के खिलाफ विद्रोह करने के लिये विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी ज़िलों के आदिवासी लोगों को संगठित किया था।
  • वह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ने के लिये बंगाल के क्रांतिकारियों से प्रेरित थे।

History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

  • रानी गाइदिन्ल्यू
    • वह एक नगा आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता थीं जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। 13 साल की उम्र में वह अपने चचेरे भाई हैपो जादोनांग के हेराका धार्मिक आंदोलन में शामिल हो गईंं।
    • उनके लिये नगा लोगों की स्वतंत्रता की संघर्ष यात्रा भारत की स्वतंत्रता आंदोलन का एक व्यापक हिस्सा थी। उन्होंने गांधीजी के संदेश को मणिपुर में प्रचारित किया।

History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

  • सिद्धू और कान्हू मुर्मू:
    • 1857 के विद्रोह से दो साल पहले 30 जून, 1855 को दो संथाली भाइयों सिद्धू और कान्हू मुर्मू ने 10,000 संथालों को एकजुट किया और अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की।
    • आदिवासियों ने अंग्रेज़ों को अपनी मातृभूमि से भगाने की शपथ ली। मुर्मू भाइयों की बहनों फुलो और झानो ने भी इस विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई।

जवाहरलाल नेहरू

चर्चा में क्यों? 
पंडित जवाहरलाल नेहरू की 133वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत 14 नवंबर, 2022 को बाल दिवस मना रहा है। 

  • विश्व बाल दिवस प्रत्येक वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाता है। 

जवाहरलाल नेहरू

  • परिचय: 
    • जन्म: 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में। 
    • पिता का नाम: मोतीलाल नेहरू (एक वकील जो दो बार अध्यक्ष के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के पद पर रहे) 
    • माता का नाम: स्वरूप रानी 
  • संक्षिप्त परिचय:  
    • लेखक, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता और वकील, जो भारत के ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे। 
  • शिक्षा: 
    • नेहरू ने 16 वर्ष की आयु तक अंग्रेज़ी शिक्षिका और ट्यूटर्स द्वारा घर पर शिक्षा प्राप्त की। 
    • उन्होंने वर्ष 1905 में एक प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी स्कूल हैरो में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने दो साल पढ़ाई की 
    • नेहरू कैम्ब्रिज़ के ट्रिनिटी कॉलेज में तीन साल पढ़ाई की हैं जहाँ उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री हासिल की है। 
    • उन्होंने इनर टेम्पल, लंदन से बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की। 
  • स्वदेश वपसी:  
    • वर्ष 1912 में जब वे भारत लौटे तो उन्होंने तुरंत राजनीति में भाग लिया 
  • भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान: 
    • नेहरू ने वर्ष 1912 में बांकीपुर कॉन्ग्रेस में एक प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। 
    • वर्ष 1916 में वे एनी बेसेंट की होम रूल लीग में शामिल हो गए। 
    • वे वर्ष 1919 में होम रूल लीग, इलाहाबाद के सचिव बने। 
    • वर्ष 1920 में जब असहयोग आंदोलन शुरू हुआ तो उन्होंने महात्मा गांधी के साथ बातचीत की और राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। 
    • वर्ष 1921 में उन्हें सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में हिरासत में लिया गया था। 
    • नेहरू को सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। 
    • वर्ष 1927  तक उन्होंने दो बार कॉन्ग्रेस पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया। 
    • वर्ष 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू पर लाठीचार्ज किया गया था। 
    • वर्ष 1929 में नेहरू को भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के लाहौर अधिवेशन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। 
    • नेहरू ने इस अधिवेशन में भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की वकालत की। 
    • वर्ष 1929-31 में उन्होंने मौलिक अधिकार और आर्थिक नीति नामक एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया जिसमें कॉन्ग्रेस के मुख्य लक्ष्यों और देश के भविष्य को रेखांकित किया गया।   
    • वर्ष 1931 में कराची अधिवेशन के दौरान कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा इस प्रस्ताव की पुष्टि की गई, जिसकी अध्यक्षता सरदार वल्लभभाई पटेल ने की थी। 
    • उन्होंने वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह में भाग लिया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था 
    • नेहरू कॉन्ग्रेस के प्रमुख नेता बन गए और महात्मा गांधी के समान लोकप्रिय हुए 
    • वर्ष 1936 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के लखनऊ अधिवेशन की अध्यक्षता की। 
    • युद्ध में भारत की जबरन भागीदारी का विरोध करने के लिये व्यक्तिगत सत्याग्रह आयोजित करने के कारण नेहरू को गिरफ्तार किया गया था। 
    • उन्होंने वर्ष 1940 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया जिसके लिये उन्हें चार साल की जेल की सजा मिली। 
    • नेहरू ने वर्ष 1942 में बॉम्बे में अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी  के ऐतिहासिक अधिवेशन में 'भारत छोड़ो' आंदोलन की शुरुआत की। 
    • अन्य नेताओं के साथ नेहरू को 8 अगस्त, 1942 को गिरफ्तार कर लिया गया और अहमदनगर किले में ले जाया गया। 
    • वर्ष 1945 में उन्हें रिहा कर दिया गया और उन्होंने इंडियन नेशनल आर्मी (INA) में निष्ठाहीनता के आरोपी अधिकारियों और सैनिकों के लिये कानूनी बचाव की व्यवस्था की। 
    • उन्हें वर्ष 1946 में चौथी बार भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। 
    • सत्ता के हस्तांतरण की रणनीति की सिफारिश करने के लिये वर्ष 1946 में कैबिनेट मिशन को भारत भेजा गया था। 
    • प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। 
    • 15 अगस्त, 1947 को भारत को आज़ादी तो मिली लेकिन बँटवारे का दुख भी हुआ 
  • भारत के प्रथम प्रधानमंत्री: 
    • नेहरू के अनुसार एक रियासत को संविधान सभा में सम्मिलित होना चाहियेउन्होंने यह भी पुष्टि की कि स्वतंत्र भारत में कोई रियासत नहीं होगी। 
    • उन्होंने राज्यों के प्रभावी एकीकरण का कार्य वल्लभबाई पटेल को सौंपा। 
    • जब नए भारतीय संविधान के लागू होने के साथ ही भारत 26 जनवरी, 1950 को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। 
    • राज्यों को भाषाओं के अनुसार वर्गीकृत करने के लिये जवाहरलाल नेहरू ने वर्ष 1953 में राज्य पुनर्गठन समिति बनाई। 
    • लोकतांत्रिक समाजवाद को बढ़ावा देने के अलावा उन्होंने पहली पंचवर्षीय योजनाओं को पूरा करके भारत के औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया। 
    • गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) को उनकी सबसे बड़ी भू-राजनीतिक उपलब्धि माना जाता है। 
    • भारत ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शीत युद्ध के दौरन किसी भी महाशक्ति के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया। 
    • प्रधानमंत्री के रूप में उनका अंतिम कार्यकाल वर्ष 1962 के चीन-भारत युद्ध के कारण बहुत प्रभावित हुआ 
    • उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने 17 वर्षों के दौरान लोकतांत्रिक समाजवाद को बढ़ावा दिया, भारत के लिये लोकतंत्र और समाजवाद दोनों को प्राप्त करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। 
    • उनकी आंतरिक नीतियों की स्थापना लोकतंत्र, समाजवाद, एकीकरण और धर्मनिरपेक्षता के चार सिद्धांतों पर की गई थी। वह इन स्तंभों को नए स्वतंत्र भारत के निर्माण में शामिल करने में सक्षम थे। 
  • किताबें: द डिस्कवरी ऑफ इंडिया, विश्व इतिहास की झलक, एक आत्मकथा, एक पिता से उसकी बेटी को पत्र। 
  • मृत्यु: 27 मई 1964। 

सूफीवाद

चर्चा में क्यों?
हाल ही में 'इन सर्च ऑफ द डिवाइन: लिविंग हिस्ट्रीज़ ऑफ सूफीज़्म इन इंडिया' नामक पुस्तक प्रकाशित हुई है।

सूफीवाद

  • परिचय:
    • सूफीवाद इस्लाम का एक आध्यात्मिक रहस्यवाद है तथा यह एक धार्मिक संप्रदाय है जो ईश्वर की आध्यात्मिक खोज पर ध्यान केंद्रित करता है और भौतिकवाद को नकारता है।
    • यह इस्लामी रहस्यवाद का एक रूप है जो तपस्या पर ज़ोर देता है। इसमें भगवान की भक्ति पर बहुत ज़ोर दिया गया है।
    • सूफीवाद में आत्म-अनुशासन को धारणा के माध्यम से ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करने के लिये एक आवश्यक शर्त माना जाता है।
    • 12वीं ईस्वी की शुरुआत में फारस में कुछ धार्मिक लोग खलीफा के बढ़ते भौतिकवाद के कारण तपस्या की ओर मुड़ गए। उन्हें 'सूफी' कहा जाने लगा।
    • भारत में सूफी आंदोलन 1300 ईस्वी में शुरू हुआ और 15 वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में आया।
    • सूफीवाद में आत्म-अनुशासन को ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करने के लिये एक आवश्यक शर्त माना जाता था। जबकि रूढ़िवादी मुसलमान बाहरी आचरण पर ज़ोर देते हैं, सूफी आंतरिक शुद्धता पर ज़ोर देते हैं।
    • मुल्तान और पंजाब शुरुआती केंद्र थे और बाद में यह कश्मीर, बिहार, बंगाल और दक्कन में फैल गया।
  • व्युत्पत्ति:
    • 'सूफी' शब्द संभवतः अरबी के 'सूफ' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है 'वह जो ऊन से बने कपड़े पहनता है'। इसका एक कारण यह है कि ऊनी कपड़ों को आमतौर पर फकीरों से जोड़कर देखा जाता था। इस शब्द का एक अन्य संभावित मूल 'सफा' है जिसका अरबी में अर्थ 'शुद्धता' है।
  • सूफीवाद के चरण:
    • पहला चरण (खानकाह): 10वीं शताब्दी में शुरू हुआ, जिसे स्वर्ण रहस्यवाद का युग भी कहा जाता है
    • दूसरा चरण (तारिका): 11-14वीं शताब्दी, जब सूफीवाद को संस्थागत बनाया जा रहा था और परंपराओं एवं प्रतीकों को इसके साथ जोड़ा जाने लगा था।
    • तीसरा चरण (तारिफा): 15वीं शताब्दी में शुरू हुआ, इस स्तर पर जब सूफीवाद एक लोकप्रिय आंदोलन बन गया।

प्रमुख सूफी सिलसिले

  • चिश्ती:
    • चिश्तिया सिलसिला की स्थापना भारत में ख्वाज़ा मोइन-उद्दीन चिश्ती ने की थी।
    • इसने ईश्वर के साथ एकात्मकता (वहदत अल-वुजुद) के सिद्धांत पर ज़ोर दिया और इस सिलसिले के सदस्य शांतिप्रिय थे।
    • उन्होंने सभी भौतिक वस्तुओं को भगवान के चिंतन से विकर्षण के रूप में अस्वीकार कर दिया।
    • वे धर्मनिरपेक्ष राज्य के साथ संबंध से दूर रहे।
    • उन्होंने भगवान के नामों का ज़ोर से और चुपचाप पाठ (धिकर जाहरी, धिकर खफी), चिश्ती अभ्यास की आधारशिला का निर्माण किया।
    • चिश्ती की शिक्षाओं को ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी, फरीदुद्दीन गंज-ए-शकर, निजामुद्दीन औलिया और नसीरुद्दीन चरघ जैसे ख्वाजा मोइन-उद्दीन चिश्ती के शिष्यों द्वारा आगे बढ़ाया तथा लोकप्रिय बनाया गया।
  • सुहरावर्दी सिलसिला (Suhrawardi Order):
    • इसकी स्थापना शेख शहाबुद्दीन सुहरावार्दी मकतूल द्वारा की गई थी।
    • चिश्ती सिलसिले के विपरीत सुहरावर्दी सिलसिले को मानने वालों ने सुल्तानों/राज्य के संरक्षण/अनुदान को स्वीकार किया।
  • नक्शबंदी सिलसिला:
    • इसकी स्थापना ख्वाज़ा बहा-उल-दीन नक्सबंद द्वारा की गई थी।
    • भारत में इस सिलसिले की स्थापना ख्वाज़ा बहाउद्दीन नक्शबंदी ने की थी।
    • शुरुआत से ही इस सिलसिले के फकीरों ने शरियत के पालन पर ज़ोर दिया।
  • कदिरिया सिलसिला:
    • यह पंजाब में लोकप्रिय था।
    • इसकी स्थापना शेख अब्दुल कादिर गिलानी द्वारा 14वीं शताब्दी में की गई थी 
    • वे अकबर के अधीन मुगलों के समर्थक थे।

अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बोड़फुकन

चर्चा में क्यों?
असम के प्रसिद्ध युद्ध नायक लाचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती 23 से 25 नवंबर, 2022 तक नई दिल्ली में मनाई जाएगी।

लाचित बोड़फुकन

  • लाचित बोड़फुकन का जन्म 24 नवंबर, 1622 को हुआ था। उन्होंने वर्ष 1671 में हुए सराईघाट के युद्ध (Battle of Saraighat) में अपनी सेना का प्रभावी नेतृत्त्व किया, जिससे मुगल सेना का असम पर कब्ज़ा करने का प्रयास विफल हो गया था।
  • उनके प्रयासों से भारतीय नौसैनिक शक्ति को मज़बूत करने, अंतर्देशीय जल परिवहन को पुनर्जीवित करने और नौसेना की रणनीति से जुड़े बुनियादी ढाँचे के निर्माण की प्रेरणा मिली।
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy) के सर्वश्रेष्ठ कैडेट को लाचित बोड़फुकन स्वर्ण पदक प्रदान किया जाता है।
  • इस पदक को वर्ष 1999 में रक्षाकर्मियों हेतु बोड़फुकन की वीरता से प्रेरणा लेने और उनके बलिदान का अनुसरण करने के लिये स्थापित किया गया था।
  • 25 अप्रैल, 1672 को उनका निधन हो गया।

अहोम साम्राज्य

  • परिचय:
    • असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में वर्ष 1228 में स्थापित अहोम साम्राज्य ने 600 वर्षों तक अपनी संप्रभुता बनाए रखी।
    • साम्राज्य की स्थापना 13वीं शताब्दी के शासक चाओलुंग सुकफा ने की थी।
    • यंदाबू की संधि पर हस्ताक्षर के साथ वर्ष 1826 में प्रांत को ब्रिटिश भारत में शामिल किये जाने तक इस भूमि पर अहोमों ने शासन किया।
    • अपनी बहादुरी के लिये विख्यात अहोम शक्तिशाली मुगल साम्राज्य के आगे नहीं झुके।
  • राजनीतिक व्यवस्था:
    • अहोमों ने भुइयाँ (ज़मींदारों) की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था को समाप्त करके एक नए राज्य का निर्माण किया।
    • अहोम राज्य बंधुआ मज़दूरी/बला॒ श्रम (Forced Labour) पर निर्भर था। राज्य के लिये इस प्रकार की मज़दूरी करने वालों को पाइक (Paik) कहा जाता था।
  • समाज:
    • अहोम समाज को कुल/खेल (Clan/Khel) में विभाजित किया गया था। एक कुल/खेल का सामान्यतः कई गाँवों पर नियंत्रण होता था।
    • अहोम साम्राज्य के लोग अपने स्वयं के आदिवासी देवताओं की पूजा करते थे, फिर भी उन्होंने हिंदू धर्म और असमिया भाषा को स्वीकार किया।
    • हालाँकि अहोम राजाओं ने हिंदू धर्म अपनाने के बाद अपनी पारंपरिक मान्यताओं को पूरी तरह से नहीं छोड़ा।
    • अहोम लोगों का स्थानीय लोगों के साथ विवाह के चलते उनमें असमिया संस्कृति को आत्मसात करने की प्रवृत्ति देखी गई।
  • कला और संस्कृति:
    • अहोम राजाओं ने कवियों और विद्वानों को भूमि अनुदान दिया तथा रंगमंच को प्रोत्साहित किया।
    • संस्कृत के महत्त्वपूर्ण कृतियों का स्थानीय भाषा में अनुवाद किया गया।
    • बुरंजी (Buranjis) नामक ऐतिहासिक कृतियों को पहले अहोम भाषा में फिर असमिया भाषा में लिखा गया।
  • सैन्य रणनीति:
    • अहोम राजा राज्य की सेना का सर्वोच्च सेनापति भी होता था। युद्ध के समय सेना का नेतृत्त्व राजा स्वयं करता था और पाइक राज्य की मुख्य सेना थी।
    • पाइक दो प्रकार के होते थे: सेवारत और गैर-सेवारत। गैर-सेवारत पाइकों ने एक स्थायी सहायक सेना (Militia) का गठन किया, जिन्हें खेलदार (Kheldar- सैन्य आयोजक) द्वारा थोड़े ही समय में संगठित किया जा सकता था।
    • अहोम सेना की समग्र टुकड़ी में पैदल सेना, नौसेना, तोपखाने, हाथी, घुड़सवार सेना और जासूस शामिल थे। युद्ध में इस्तेमाल किये जाने वाले मुख्य हथियारों में तलवार, भाला, बंदूक, तोप, धनुष और तीर शामिल थे।
    • अहोम राजा युद्ध अभियानों का नेतृत्त्व करने से पहले शत्रु की युद्ध रणनीतियों को जानने के लिये उनके शिविरों में जासूस भेजते थे।
    • अहोम सैनिकों को गोरिल्ला युद्ध (Guerilla Fighting) में विशेषज्ञता प्राप्त थी। ये सैनिक दुश्मनों को अपने देश की सीमा में प्रवेश करने देते थे, फिर उनके संचार को बाधित कर उन पर सामने और पीछे से हमला कर देते थे।
    • कुछ महत्त्वपूर्ण किले: चमधारा, सराईघाट, सिमलागढ़, कलियाबार, कजली और पांडु।
    • उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी पर नाव का पुल (Boat Bridge) बनाने की तकनीक भी सीखी थी।
    • इन सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि नागरिकों और सैनिकों के बीच आपसी समझ तथा धनाढ्य लोगों के बीच एकता ने हमेशा अहोम राजाओं के लिये मज़बूत हथियारों के रूप में काम किया।

गुरु नानक देव जयंती

चर्चा में क्यों?
8 नवंबर, 2022 को गुरु नानक देव की 553वीं जयंती मनाई गई।

गुरु नानक देव

  • जन्म:
    • उनका जन्म वर्ष 1469 में लाहौर के पास तलवंडी राय भोई (Talwandi Rai Bhoe) गाँव में हुआ था जिसे बाद में ननकाना साहिब नाम दिया गया।
    • वह सिख धर्म के 10 गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक थे।
  • योगदान:
    • उन्होंने 16वीं शताब्दी में अंतर-धार्मिक संवाद शुरू किया और अपने समय के अधिकांश धार्मिक संप्रदायों के साथ बातचीत की।
    • सिखों के पाँचवें गुरु, गुरु अर्जुन (वर्ष 1563-1606) द्वारा संकलित आदि ग्रंथ में शामिल रचनाएँ लिखीं गईं।
    • 10वें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह (वर्ष 1666-1708) द्वारा किये गए परिवर्द्धन के बाद इसे गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में जाना जाने लगा।
    • उन्होंने भक्ति के 'निर्गुण' (निराकार परमात्मा की भक्ति और पूजा) की वकालत की।
    • त्याग, अनुष्ठान स्नान, छवि पूजा, तपस्या को अस्वीकार कर दिया।
    • सामूहिक जप से जुड़े सामूहिक पूजा (संगत) के लिये नियम निर्धारित किये।
    • अपने अनुयायियों को 'एक ओंकार' का मूल मंत्र दिया और जाति, पंथ एवं लिंग के आधार पर भेदभाव किये बिना सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार करने पर ज़ोर दिया।
  • मृत्यु:
    • उनकी मृत्यु वर्ष 1539 में करतारपुर, पंजाब में हुई।

आधुनिक भारत में गुरु नानक देव की प्रासंगिकता

  • एक समतावादी समाज का निर्माण: समानता का उनका विचार निम्नलिखित नवीन सामाजिक संस्थानों के रूप में देखा जा सकता है, जो कि उनके द्वारा शुरू किये गए थे।
  • लंगर: सामूहिक खाना बनाना और भोजन को वितरित करना।
  • पंगत: उच्च एवं निम्न जाति के भेद के बिना भोजन करना।
  • संगत: सामूहिक निर्णय लेना।
  • सामाजिक सद्भाव:
    • उनके अनुसार, पूरी दुनिया ईश्वर की रचना है और सभी एक समान हैं, केवल एक सार्वभौमिक रचनाकार है अर्थात् "एक ओंकार सतनाम" (Ek Onkar Satnam)
    • इसके अलावा क्षमा, धैर्य, संयम और दया उनके उपदेशों के मूल केंद्र में हैं।
  • न्यायपूर्ण समाज का निर्माण:
    • उन्होंने अपने शिष्यों के सम्मुख ‘कीरत करो, नाम जपो और वंड छको’ (काम, पूजा और दान) का आदर्श रखा।
    • उनके धर्म का आधार कर्म के सिद्धांत पर आधारित था और उन्होंने अध्यात्मवाद के विचार को सामाजिक ज़िम्मेदारी एवं सामाजिक परिवर्तन की विचारधारा में परिणत कर दिया।
    • उन्होंने ‘दशवंध’ (Dasvandh) की अवधारणा या अपनी कमाई का दसवाँ हिस्सा ज़रूरतमंद व्यक्तियों को दान करने की वकालत की।
  • लैंगिक समानता:
    • उनके अनुसार, ‘महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी ईश्वर की कृपा को साझा करते हैं और अपने कार्यों के लिये समान रूप से ज़िम्मेदार होते हैं।
    • महिलाओं के लिये सम्मान और लैंगिक समानता शायद उनके जीवन से सीखने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण सबक है।
  • शांति स्थापना:
    • भारतीय दर्शन के अनुसार, गुरु वह है जो रोशनी (अर्थात् ज्ञान) प्रदान करता है, संदेह को दूर करता है और सही रास्ता दिखाता है।
    • इस संदर्भ में गुरु नानक देव के विचार दुनिया भर में शांति, समानता और समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
The document History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi is a part of the UPSC Course इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi.
All you need of UPSC at this link: UPSC
398 videos|679 docs|372 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on History, Art & Culture (इतिहास, कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. जनजातीय गौरव दिवस क्या है?
जवाब: जनजातीय गौरव दिवस एक ऐसा दिन है जब भारतीय समाज में जनजातीय समुदायों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन को विभिन्न प्रदेशों में मनाया जाता है और इसके दौरान जनजातीय संस्कृति, साहित्य, कला और विरासत को प्रदर्शित किया जाता है।
2. सूफीवाद क्या है?
जवाब: सूफीवाद एक धार्मिक और आध्यात्मिक आंदोलन है जो इस्लामी तत्वों को अपनाते हैं और मानवता, मोहब्बत, अहिंसा और सामंजस्य के मूल्यों को प्रमुखता देते हैं। सूफीवादी संतों के माध्यम से अपने शिष्यों को वो परमानंद और दिव्यता की अनुभूति का मार्ग दिखाते हैं।
3. अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बोड़फुकन कौन थे?
जवाब: लाचित बोड़फुकन अहोम साम्राज्य के वीर और सेनापति थे। वह अहोम सम्राट जोगे धुवरिया के शासनकाल के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उन्होंने अहोम साम्राज्य की सेना को मजबूत और सशक्त बनाया और विभिन्न युद्धों में भी विजय प्राप्त की।
4. गुरु नानक देव जयंती क्या है?
जवाब: गुरु नानक देव जयंती एक प्रमुख सिख पर्व है जो गुरु नानक देव के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व नवंबर माह में मनाया जाता है और सिख समुदाय के लोग इस दिन गुरु नानक देव की उपासना करते हैं और उनके जीवन और संदेश को याद करते हैं।
5. नवंबर 2022 UPSC में इस लेख से संबंधित क्या प्रश्न पूछे जा सकते हैं?
जवाब: 1. जनजातीय गौरव दिवस क्या है और इसे किस प्रकार मनाया जाता है? 2. सूफीवाद क्या है और इसका महत्व क्या है? 3. अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बोड़फुकन के बारे में अधिक जानकारी दीजिए। 4. गुरु नानक देव जयंती क्या है और यह कैसे मनाई जाती है? 5. UPSC में नवंबर 2022 के लिए कौन-कौन से प्रश्न पूछे जा सकते हैं जो इस लेख से संबंधित होंगे?
398 videos|679 docs|372 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

ppt

,

History

,

video lectures

,

MCQs

,

कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Summary

,

कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

study material

,

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

कला और संस्कृति): November 2022 UPSC Current Affairs | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Extra Questions

,

History

,

Important questions

,

Art & Culture (इतिहास

,

pdf

,

Semester Notes

,

Art & Culture (इतिहास

,

Art & Culture (इतिहास

,

Objective type Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

mock tests for examination

,

past year papers

,

Exam

,

Sample Paper

,

Viva Questions

,

History

,

Free

;