उपर्युक्त वाक्य 1 और 3 में लड़का और लड़की एक-एक का बोध कराते हैं। इन शब्दों का प्रयोग एकवचन में हुआ है। वाक्य 2 और 4 में लड़के और लड़कियों का प्रयोग बहुवचन के रूप में हुआ है।
1. एकवचन
2. बहुवचन
1. संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के द्वारा वचन की पहचान
(i) कन्या खेल रही है।
(ii) कन्याएँ खेल रही हैं।
(iii) वह पढ़ रहा है।
(iv) वे पढ़ रहे हैं।
इन वाक्यों में “कन्या” एकवचन तथा “कन्याएँ” बहुवचन में हैं। ये दोनों संज्ञाएँ हैं। “वह” एकवचन तथा “वे” बहुवचन हैं। ये दोनों सर्वनाम हैं। यहाँ एकवचन तथा बहुवचन का बोध सरलता से हो रहा है।
2. वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के द्वारा वचन की पहचान
कुछ संज्ञाएँ एकवचन तथा बहुवचन में समान होती हैं।
जैसे: शेर, हाथी, फूल, कमल, अध्यापक, नेता आदि।
ऐसे शब्दों के वचन की जानकारी क्रिया द्वारा की जा सकती है।
जैसे:
इन वाक्यों में हाथी, अध्यापक और शेर के एकवचन तथा बहुवचन का ज्ञान उनके साथ प्रयुक्त क्रियाओं के वचनों से हो जाता है।
1. आदर या सम्मान दर्शाने हेतु
आदर या सम्मान प्रकट करने के लिए एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:
(i) श्री राम अयोध्या में रहते थे।
(ii) श्री कृष्ण दुर्योधन को समझाकर चले गए।
2. बड़प्पन, अधिकार या अभिमान दर्शाने हेतु
मैं के स्थान पर “हम” का प्रयोग।
मालिक ने नौकर से कहा, “हम घूमने जा रहे हैं”।
अमित ने शुभांगी से कहा, “हम मेयर साहब के साहबजादे हैं”।
3. शिष्टाचार या लोक-व्यवहार दर्शाने हेतु
(तू के स्थान पर ‘तुम’ या ‘आप’ का प्रयोग) तू कब आया?
तुम (आप) कब आए? अब तेरा ही सहारा है।
अब तुम्हारा (आपका) ही सहारा है।
जैसे:
(i) मुंबई का केला प्रसिद्ध है।
(ii) उनके पास एक लाख रुपया है।
इन वाक्यों में “केला” तथा “रुपया” बहुवचन होने पर भी इनके लिए एकवचन शब्दों का ही प्रयोग हुआ है।
1. आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंत में “आ” के स्थान पर “ए” करने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
परंतु चाचा, मामा, पिता, आदि कुछ ऐसे शब्द हैं जिनके बहुवचन रूप में “आ” का “ए” नहीं होता।
2. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “अ” के स्थान पर एँ करने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
3. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “आ” के बाद एँ लगाने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
4. ईकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के बहुवचन बनाते समय अंत में याँ जुड़ जाता है और इकारांत होने पर “ई” को ह्रस्व करके “याँ” जोड़ दिया जाता है। जैसे:
5. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के पीछे “या” हो वहाँ “या” के स्थान पर “याँ” कर देने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
6. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “उ”, “ऊ” या “औ” होता है, उनमें एँ लगा देने से वे बहुवचन बन जाते हैं तथा “ऊ” को “उ” कर दिया जाता है। जैसे:
7. कुछ शब्दों के अंत में वृंद, वर्ग, जन, लोग गण आदि शब्द लगाए जाएँ तो वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
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