वचन Chapter Notes | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8 PDF Download

संज्ञा विकार – वचन

वचन संज्ञा का वह लक्षण है जो एक या एक से अधिक का बोध कराता है। निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-

  • लड़का खेल रहा है।
  • लड़के खेल रहे हैं।
  • लड़की पढ़ है।
  • लड़कियाँ पढ़ रही हैं।

उपर्युक्त वाक्य 1 और 3 में लड़का और लड़की एक-एक का बोध कराते हैं। इन शब्दों का प्रयोग एकवचन में हुआ है। वाक्य 2 और 4 में लड़के और लड़कियों का प्रयोग बहुवचन के रूप में हुआ है।

वचन के भेद

हिंदी में निम्नलिखित दो वचन होते हैं:

  1. एकवचन
  2. बहुवचन

1. एकवचन


शब्द के जिस रूप से किसी एक वस्तु, पदार्थ, प्राणी या व्यक्ति का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे: लड़की, पुस्तक, कविता, गाड़ी आदि।

2. बहुवचन


शब्द के जिस रूप से एक से अधिक वस्तुओं पदार्थों, प्राणियों या व्यक्तियों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं
जैसे: लड़कियाँ, पुस्तकें, कविताएँ, गाड़ियाँ आदि।

वचन की पहचान

शब्दों के वचन पहचानने के लिए प्रमुख रूप से दो तरीके हैं:

  • संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के द्वारा।
  • वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के द्वारा।

1. संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के द्वारा वचन की पहचान
(i) कन्या खेल रही है।
(ii) कन्याएँ खेल रही हैं।
(iii) वह पढ़ रहा है।
(iv) वे पढ़ रहे हैं।

इन वाक्यों में “कन्या” एकवचन तथा “कन्याएँ” बहुवचन में हैं। ये दोनों संज्ञाएँ हैं। “वह” एकवचन तथा “वे” बहुवचन हैं। ये दोनों सर्वनाम हैं। यहाँ एकवचन तथा बहुवचन का बोध सरलता से हो रहा है।

2. वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के द्वारा वचन की पहचान
कुछ संज्ञाएँ एकवचन तथा बहुवचन में समान होती हैं।
जैसे: शेर, हाथी, फूल, कमल, अध्यापक, नेता आदि।
ऐसे शब्दों के वचन की जानकारी क्रिया द्वारा की जा सकती है।
जैसे:
वचन Chapter Notes | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

इन वाक्यों में हाथी, अध्यापक और शेर के एकवचन तथा बहुवचन का ज्ञान उनके साथ प्रयुक्त क्रियाओं के वचनों से हो जाता है।

एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग

निम्नलिखित दशाओं में एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।

1. आदर या सम्मान दर्शाने हेतु
आदर या सम्मान प्रकट करने के लिए एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:
(i) 
श्री राम अयोध्या में रहते थे।
(ii) श्री कृष्ण दुर्योधन को समझाकर चले गए।

2. बड़प्पन, अधिकार या अभिमान दर्शाने हेतु
मैं के स्थान पर “हम” का प्रयोग।
मालिक ने नौकर से कहा, “हम घूमने जा रहे हैं”।
अमित ने शुभांगी से कहा, “हम मेयर साहब के साहबजादे हैं”।

3. शिष्टाचार या लोक-व्यवहार दर्शाने हेतु
(तू के स्थान पर ‘तुम’ या ‘आप’ का प्रयोग) तू कब आया?
तुम (आप) कब आए? अब तेरा ही सहारा है।
अब तुम्हारा (आपका) ही सहारा है।

बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग

कई बार जातिवाचक शब्द एकवचन में ही बहुवचन का बोध कराते हैं। 

जैसे:
(i) मुंबई का केला प्रसिद्ध है।
(ii) उनके पास एक लाख रुपया है।

इन वाक्यों में “केला” तथा “रुपया” बहुवचन होने पर भी इनके लिए एकवचन शब्दों का ही प्रयोग हुआ है।

सदा एकवचन में प्रयोग किए जाने वाले शब्द

जिन शब्दों का सदैव एकवचन में ही प्रयोग होता है। उनमें से कुछ शब्द यहाँ दिए जा रहे हैं- माल, आकाश, पानी, वर्षा, जनता, बालू, सामान, सहायता आदि।
(i) आकाश से पानी बरस रहा है।
(ii) जनता बालू पर बैठी है।
(iii) हमारा घी शुद्ध है।

सदा बहुवचन में प्रयोग किए जाने वाले शब्द

जिन शब्दों का सदैव बहुवचन में ही प्रयोग होता है उनमें से कुछ शब्द यहाँ दिए जा रहे हैं:

  1. दर्शन, बाल, प्राण, लोग, हस्ताक्षर आदि शब्दों का प्रयोग सदैव बहुवचन में किया जाता है। जैसे-
    (i) मैंने उनके दर्शन किए।
    (ii) उनके प्राण निकल गए।
  2. समूह, समुदाय, वर्ग, जन, वृंद, गण, लोग जोड़कर बनने वाले शब्दों का प्रयोग बहुवचन में होता है। जैसे-
    (i) क. छात्रगण पढ़ रहे थे।
    (ii) वैष्णव-जन दूसरों की पीड़ा समझते हैं।
  3. सेना, दल और जाति शब्द जोड़कर बनाए गए शब्द भी सदैव एकवचन में प्रयोग किए जाते हैं। जैसे-
    (i) हमारी सेना लगातार आगे बढ़ रही है।
    (ii) हमारा दल अहिंसावादी है।

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

1. आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंत में “आ” के स्थान पर “ए” करने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
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परंतु चाचा, मामा, पिता, आदि कुछ ऐसे शब्द हैं जिनके बहुवचन रूप में “आ” का “ए” नहीं होता।

2. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “अ” के स्थान पर एँ करने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
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3. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “आ” के बाद एँ लगाने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
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4. ईकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के बहुवचन बनाते समय अंत में याँ जुड़ जाता है और इकारांत होने पर “ई” को ह्रस्व करके “याँ” जोड़ दिया जाता है। जैसे:
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5. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के पीछे “या” हो वहाँ “या” के स्थान पर “याँ” कर देने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
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6. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “उ”, “ऊ” या “औ” होता है, उनमें एँ लगा देने से वे बहुवचन बन जाते हैं तथा “ऊ” को “उ” कर दिया जाता है। जैसे:
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7. कुछ शब्दों के अंत में वृंद, वर्ग, जन, लोग गण आदि शब्द लगाए जाएँ तो वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे:
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Question for Chapter Notes: वचन
Try yourself:‘श्रोता’ शब्द का बहुवचन रूप है
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Question for Chapter Notes: वचन
Try yourself:इनमें सदैव एकवचन शब्दों का प्रयोग होता है
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Question for Chapter Notes: वचन
Try yourself:एकवचन और बहुवचन भेद हैं
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