Class 6 Exam  >  Class 6 Notes  >  Hindi Grammar for Class 6  >  Chapter Notes: अव्यय या अविकारी शब्द

अव्यय या अविकारी शब्द Chapter Notes | Hindi Grammar for Class 6 PDF Download

ऐसे शब्द जिनके रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता वे अव्यय या अविकारी शब्द कहलाते हैं |
जैसे: और, एवं, तथा, जब, तब, अभी, उधर, किन्तु, परन्तु , धीरे – धीरे,   तेज, इसीलिए आदि |

अव्यय शब्द का शाब्दिक अर्थ -“बिना खर्च” तथा अविकारी शब्द का शाब्दिक अर्थ  है – बिना परिवर्तन
जैसे:

  • घोड़ा तेज दौड़ता है |
  • वर्षा तेज हो रही है |

अव्यय के भेद

अव्यय के चार भेद होते हैं

  • क्रियाविशेषण
  • संबंधबोधक अव्यय
  • समुच्चय बोधक अव्यय
  • विस्मयादिबोधक अव्यय

1. क्रियाविशेषण

वे शब्द, जो क्रिया की विशेषता बताते हैं, क्रियाविशेषण कहलाते हैं |
जैसे:

  • कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
  • मोहन अधिक बोलता है।

क्रियाविशेषण चार प्रकार के होते हैं –

(i) स्थानवाचक क्रियाविशेषण: जिन क्रियाविशेषणों से क्रिया के होने के स्थान या दिशा का पता लगे, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे:

  • दीदी अंदर हैं |
  • सीमा उस तरफ खड़ी है |
  • माता जी भीतर खाना पका रही हैं |
  • सूरज पूरब से निकलता है |

पहचान: वाक्य में स्थानवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ  “कहाँ” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |
जैसे: माता जी भीतर खाना पका रही हैं |
प्रश्न: ‘कहाँ‘ खाना पका रही हैं |
उत्तर: भीतर
जैसे: सूरज पूरब से निकलता है |
प्रश्न: ’ कहाँ‘ से निकलता है |
उत्तर: पूरब

(ii) कालवाचक क्रियाविशेषण: वे क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के घटने के समय/काल की सूचना देते हैं वे कालवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे:

  • आज शाम को वर्षा हो सकती है |
  • राधा रोज़ संगीत सीखती है |

पहचान:  वाक्य में कालवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ कब प्रश्न करने पर की जा सकती है |

जैसे: दादी  प्रतिदिन मंदिर जाती हैं |

प्रश्न: कब’ जाती है

उत्तर:  प्रतिदिन

(iii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण: जो शब्द क्रिया के होने की रीति का बोध कराएँ, वे रीतिवाचक क्रियाविशेषण होते हैं|
जैसे: 

  • शांति से बैठें |
  • वह अचानक हँसने लगा |

पहचान: रीतिवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ “कैसे” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है|
जैसे: रेलगाड़ी धीरे – धीरे चल रही थी |

प्रश्न: “कैसे” चल रही थी |

उत्तर: धीरे – धीरे

(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण: जो शब्द क्रिया की मात्रा, परिमाण आदि बताते हैं वे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण होते हैं|
जैसे:

  • काम ज़्यादा, बातें कम |
  • जितना चाहो उतना पाओ 

पहचान: परिमाण वाचक क्रियाविशेषणों की पहचान क्रिया के साथ “कितना” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |

जैसे: थोड़ा आराम कर लो |

प्रश्न: कितना आराम कर लो ?

उत्तर: थोड़ा

2. संबंधबोधक अव्यय

वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य में  आए हुए दूसरे शब्दों के साथ संबंध बताते है, उन्हें संबंधबोधक कहते है।
जैसे:

  • पेड़ के बंदर बैठा है ।
    • पेड़ के ऊपर बंदर बैठा है ।
  • किसान बैलों के हल चलाता है ।
    • किसान बैलों के द्वारा हल चलाता है ।

संबंधबोधक के भेद

  • कालवाचक – (के) आगे, के पीछे, के पहले, के बाद, के पूर्वा, के पश्चात, के लगभग |
    जैसे: वह सूर्योदय के पहले सो कर उठता  है
  • स्थानवाचक – के बीच, के मध्य, के ऊपर, के नीचे, के भीतर, के बाहर, के निकट |
  • दिशावाचक – की ओर, की तरफ, के आस – पास आदि |
    जैसे: मेरा घर मंदिर के निकट ही है
  • साधनवाचक – के द्वारा, के जरिए, के निमित्त, के खातिर आदि |
    जैसे: ईश्वर के सहारे ही मैं कठिन कार्य कर सकती हूं
  • समानतासूचक – के समान, की तरह, की भांति, के बराबर
    जैसे: अपने भाई तरुण के समान वेदांत भी बुद्धिमान है
  • विरोधवाचक – के विरुद्ध, के खिलाफ, के विपरीत
  • संबंधसूचक – के साथ, के संग, के सहित, के समेत
  • हेतुवाचक – के सिवा, के अलावा, के बिना, के बगैर |
  • संग्रहवाचक – भर, तक, मात्र, पर्यत|
  • विषमसूचक – विषय के लिए, बाबत, निस्बत

3. समुच्चय बोधक अव्यय

जो अविकारी शब्द दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों या उपवाक्यों को  जोडनें का कार्य करते हैं उन्हें समुच्चयबोधक शब्द कहते हैं |
समुच्चय का व्यावहारिक अर्थ है – जोड़ना
जैसे:  

  • वेदांत और इशान झगड़ रहे हैं| 
  • लाल या नीला कौन सा गुब्बारा दूं ? 
  • तरुण मेहनती है इसलिए कक्षा में प्रथम आता है|

समुच्चय बोधक अव्यय के भेद
(i) समानाधिकरण समुच्चयबोधक: जो अव्यय शब्द समान स्थिति वाले शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोडते है उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते है।
जैसे: 

  • राधा और रेखा नृत्य करेंगी| 
  • रावण ने बहुत कोशिश की किंतु राम को हरा ना सका| 
  • और, व, एवं, तथा, या, अथवा, किंतु, परंतु, लेकिन|

समानाधिकरण के भेद

  • संयोजक
    • हिंदी संस्कृत मेरे प्रिय विषय हैं  |
    • हमें अपने माता-पिता एवं गुरु का आदर करना चाहिए l
    • और,व,एवं, तथा |
  • विभाजक
    • तुम मेरी बात सुन लो अन्यथा इसका परिणाम अत्यंत भयंकर होगा |
    • या,वा,अथवा,कि,चाहे, नही तो आदि |
  • विरोधदर्शक
    • पर, परंतु, किंतु, लेकिन, वरन्, बल्कि |
    • मैं उससे मिलने गया था, लेकिन उसने मुझसे बात ही नहीं की
  • परिणामसूचक
    • मुझे जीवन में बहुत उन्नति करनी है, इसलिए मैं बहुत मेहनत करता हूं |
    • इसलिए,सो, अतः, अतएव

(ii) व्यधिकरण समुच्चयबोधक: जो अव्यय शब्द मुख्य वाक्य में एक या एकाधिक उपवाक्यों को जोडते है, उन्हें व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहते है।
जैसे:

  • मोहन विद्यालय न जा सका क्योंकि वह बीमार था |
  • समय पर भोजन करना चाहिए ताकि स्वास्थ्य खराब ना हो |
  • क्योंकि, जो कि, इसलिए, ताकि, जो-तो, यदयपि, तथापि |

व्यधिकरण समुच्चय बोधक के भेद

  • कारणवाचक
    • उसे चोट लगी थी, इसलिए वह खेलने नहीं आ सका |
    • राम प्रतियोगिता में हार गया, इसलिए बहुत दुखी है |
    • जोकि, इसलिए, कि, क्योंकि
  • उद्देश्यवाचक
    • राम मन लगाकर पढ़ाई कर रहा है, ताकि वह कक्षा में प्रथम आ सके |
    • अभ्यास करो जिससे कि तुम्हारे खेल में निखार आ सके |
    • कि, जो, ताकि, जिससे, कि, इसलिए आदि |
  • संकेतवाचक
    • जैसा बोओगे वैसा काटोगे |
    • चाहे तुम जो भी कर लो पर मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते |
    • जो …. तो, यदि….. तो, जैसा-वैसा,यदयपि,तथापि, चाहे— पर आदि |
  • स्वरुपवाचक
    • लंबा है उदर जिसका अर्थात लंबोदर |
    • तुम आज खाना नहीं खाओगे यानि आज तुम्हारा उपवास है |
    • अर्थात्, यानि, मानो |

4. विस्मयादिबोधक अव्यय

जिन शब्दों से विस्मय, हर्ष, शोक, घृणा, लज्जा, भय, संबोधन अनुमोदन आदि का पता चलता है उसे विस्मयादिबोधक शब्द कहते हैं |

जैसे:

  • हाय ! मैं बरबाद हो गया |
  • वाह वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया |
  • अरे ! फलवाले इधर आओ |

विस्मयादिबोधक के भेद

  • हर्षबोधक- अहा! वाह-वाह!, धन्य-धन्य ।
  • शोकबोधक- हाय!, बाप रे, बेचारा!, हे राम!, त्राहि-त्राहि !
  • आश्चर्यबोधक- ओह!, ओहो !, क्या! अर!, अहो!, है !
  • अनुमोदनबोधक- शाबाश! वाह!, बहुत सुंदर!, अच्छा!, हाँ हाँ !
  • तिरस्कारबोधक- छिः!, हट ! अरे !, धिक् !, चुप !
  • स्वीकारबोधक- हाँ !, जी हाँ !, अच्छा !, जी !, ठीक !y
  • संबोधनबोधक- अरे !, रे !, अजी !, अहो !, लो !, जी !

Question for Chapter Notes: अव्यय या अविकारी शब्द
Try yourself:जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें कहते हैं
View Solution

Question for Chapter Notes: अव्यय या अविकारी शब्द
Try yourself:संबंधबोधक शब्द किसके बाद जुड़ते हैं?
View Solution

Question for Chapter Notes: अव्यय या अविकारी शब्द
Try yourself:अव्यय शब्द के मुख्यतया कितने भेद माने जाते हैं?
View Solution

The document अव्यय या अविकारी शब्द Chapter Notes | Hindi Grammar for Class 6 is a part of the Class 6 Course Hindi Grammar for Class 6.
All you need of Class 6 at this link: Class 6
28 videos|98 docs|28 tests

Top Courses for Class 6

28 videos|98 docs|28 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 6 exam

Top Courses for Class 6

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Extra Questions

,

MCQs

,

अव्यय या अविकारी शब्द Chapter Notes | Hindi Grammar for Class 6

,

अव्यय या अविकारी शब्द Chapter Notes | Hindi Grammar for Class 6

,

study material

,

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

pdf

,

ppt

,

video lectures

,

Free

,

mock tests for examination

,

Objective type Questions

,

Summary

,

Important questions

,

past year papers

,

Viva Questions

,

अव्यय या अविकारी शब्द Chapter Notes | Hindi Grammar for Class 6

,

Sample Paper

,

Exam

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Semester Notes

;