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वाक्य विचार

भावों और विचारों को प्रकट करने वाले व्यवस्थित शब्द-समूह को वाक्य कहते हैं। भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहते हैं। वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। इसी प्रकार, शब्दों के सार्थक मेल को वाक्य कहा जाता है।
जैसे:

  • राकेश घर जाता है।
  • धोबी कपड़े प्रेस करता है।
  • मयंक सारे रसगुल्ले खा गया।

वाक्य में आए शब्दों को व्याकरण की भाषा में पद कहते हैं। वाक्य के अंग रचना की दृष्टि से वाक्य के दो अंग होते हैं:

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

उद्देश्य

वाक्य का वह अंग जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे: “राम ने रावण को मारा” “राम ने” से संबंधित है। अतः “रावण को मारा” विधेय है।
जैसे:

  • जिसके बारे में कुछ कहा जाए उसे उद्देश्य कहते हैं।
  • उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाए उसे विधेय कहते हैं।
  • उद्देश्य की विशेषता बताने वाले शब्दों को उद्देश्य का विस्तार कहते हैं।

उद्देश्य के दो अंग होते हैं:

  1. कर्ता
  2. कर्ता का विस्तार

निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए:

  • अजीत के भाई ने एक गीत गाया।
  • अजीत के छोटे भाई ने एक गीत गाया।
  • अजीत के छोटे भाई राजेश ने एक गीत गाया।

ऊपर के वाक्यों में “अजीत के भाई”, “अजीत के छोटे भाई ने”, “अजीत के छोटे भाई राजेश ने” “उद्देश्य” है। अतः स्पष्ट है कि उद्देश्य कभी एक शब्द का है, कभी एक से अधिक शब्दों का भी। जब उद्देश्य में एक से अधिक शब्द होते हैं, तो उनमें जो शब्द उद्देश्य के बारे में अधिक जानकारी देता है या उसकी विशेषता बताता है, उसे कर्त्ता का विस्तार कहते हैं। ऊपर के वाक्य में “अजीत के” “अजीत के छोटे भाई”, कर्ता का विस्तार है।

विधेय

वाक्य में उद्देश्य के विषय में जो कुछ बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं।
जैसे:

  • आयुष ने एक पुस्तक खरीदी।
  • राकेश प्रातः काल से ही अपना पाठ याद कर रहा है।

इन वाक्यों में पुस्तक खरीदी, पाठ याद कर रहा है, विधेय है।
वाक्य Chapter Notes | Hindi Grammar Class 7उपर्युक्त वाक्यों में कर्ता या उद्देश्य को अलग करने के बाद जो कुछ शेष रह जाता है, वह विधेय कहलाता है।
विधेय के निम्नलिखित अंग होते हैं:

1. कर्म: जिस पर क्रिया के व्यापार का फल पड़े, 

जैसे: “प्रणव ने पुस्तक दी”। वाक्य में पुस्तक कर्म है।

2. कर्म का विस्तार: यदि कोई शब्द कर्म की विशेषता बताने के लिए प्रयोग किया जाता है, तो उसे कर्म का विस्तार कहते हैं मिठाइयाँ बना रहा है। 

जैसे: “राम ने एक नई पुस्तक दी” – इस वाक्य में “पुस्तक” कर्म है तथा “एक नई” कर्म की विशेषता बताने वाले शब्द हैं। अतः ये कर्म का विस्तार है।


3. क्रिया: जिस शब्द से किसी कार्य का करना या होना पाया जाए, उसे क्रिया कहते हैं। 

जैसे: आचार्य ने उस छात्र को पढ़ाया। इस वाक्य में पढ़या क्रिया है।

4. क्रिया का पूरक: कुछ क्रियाएँ अपने अर्थ को पूरा करने के लिए पूरक भी रखती हैं, 

जैसे इन वाक्यों को देखिए:

  • राहुल के पिताजी लेखक हैं।
  • छात्रों ने स्वाती को मूर्ख बनाया।

इन वाक्यों में “हैं” तथा “बनाया” क्रियाएँ हैं।

5. विधेयवर्धक: क्रिया, क्रिया का पूरक, कर्म, कर्म का विस्तार छाँटने के बाद जो भी शेष बच जाता है, वह विधेयवर्धक कहलाता है।

जैसे: अंशु ने अपने जन्मदिन पर कक्षा में टॉफियाँ बाँटी।

वाक्य Chapter Notes | Hindi Grammar Class 7

वाक्य के भेद

वाक्य के भेदों के दो आधार होते हैं:
  1. अर्थ के आधार पर
  2. रचना के आधार पर
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अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

1. विधानवाचक वाक्य: जब किसी वाक्य में क्रिया के करने या होने का बोध हो तो उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे:

  • सूर्य प्रतिदिन पश्चिम में डूबता है।
  • दिल्ली में यमुना नदी बहती है।

2. निषेधवाचक वाक्य: जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने का सामान्य कथन हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहा जाता है।
जैसे:

  • मैं पुस्तक नहीं पढ़ता हूँ।
  • वे शिक्षक नहीं हैं।

3. प्रश्नवाचक वाक्य: जब वाक्यों में प्रश्न पूछा जाए तो उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:

  • क्या वह प्रतिदिन व्यायाम करता है?
  • तुम कहाँ जा रहे हो?

4. इच्छावाचक वाक्य: जब किसी वाक्य में इच्छा प्रकट होती हो तो उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:

  • ईश्वर तुम्हें सुखी रखें।
  • भगवान करे कि तुम सफल हो जाओ। (आशा, कामना, शुभकामना, आशीर्वाद)

5. संदेहवाचक वाक्य: ऐसे वाक्य जिनसे कार्य के होने-न होने के प्रति संदेह या संभावना प्रकट होती है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते है।
जैसे:

  • शायद अब ठण्ड कम हो जाए।
  • क्रिकेट मैच शायद भारत जीत गया होगा।

6. आज्ञावाचक वाक्य: जिन वाक्यों से आज्ञा, आदेश, अनुमति या अनुरोध का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक कहते हैं।
जैसे:

  • जाओ, जाकर पानी भर लाओ। (आज्ञा)
  • कृपया, बायें चलें। (अनुरोध)


7. संकेतवाचक वाक्य: जब किसी वाक्य में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:

  • वह कल आएगा, तो मैं रुक सकता हूँ।
  • यदि कहोगे तो चलूँगी।

8. विस्मयादिवाचक वाक्य: जब किसी वाक्य में विस्मय (आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा) आदि का बोध होता है, तो उन्हें विस्मयादिवाचक कहते हैं।
जैसे:

  • छिः छिः कितनी बदबू है।
  • शाबाश तुम बहुत बहादुर हो।

रचना के आधार पर वाक्य के भेद

रचना या बनावट के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं:
  1. सरल वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्र वाक्य

1. सरल वाक्य: जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय हो, उसे सरल या साधारण वाक्य कहते हैं।
जैसे:

  • नेहा पत्र पढ़ रही है।
  • अध्यापिका पढ़ा रही है।

2. संयुक्त वाक्य: जिन वाक्यों के सभी उपवाक्य समान स्तर के होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं। संयुक्त वाक्य आपस में समुच्चयबोधक शब्दों से जुड़े होते हैं। इनमें कोई वाक्य किसी पर आश्रित नहीं होता है। दोनों वाक्य स्वतंत्र होते हैं।
जैसे:

  • अंकित पढ़ रहा है और सचिन सो रहा है।
  • खाना बनेगा तो हम सब खाएँगे।

3. मिश्रित वाक्य: जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों तथा उनमें से एक वाक्य प्रधान और अन्य वाक्य गौण अथवा उस पर आश्रित हो, तो उसे मिश्रित वाक्य कहा जाता है।
जैसे:

  • विशाल ने कहा वह स्कूल नहीं जायेगा।
  • मैंने देखा कि प्रणव पढ़ रहा है।
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Chapter Notes: वाक्य
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सरल वाक्य से मिश्र वाक्य

वाक्य Chapter Notes | Hindi Grammar Class 7

संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य बनाना

इसमें दोनों वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य बनाया जाता है और उनके बीच में योजक शब्द का लोप कर देते हैं। ऐसा करते समय वाक्य का अर्थ न बदले, यह ध्यान रखें।

वाक्य Chapter Notes | Hindi Grammar Class 7

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संयुक्त वाक्य से मिश्रित वाक्य बनाना

संयुक्त वाक्य से मिश्रित वाक्य बनाने के लिए सबसे पहले संयुक्त वाक्य के दोनों वाक्यों में से किसी एक वाक्य को प्रधान उपवाक्य और दूसरे को आश्रित उपवाक्य बनाकर किसी योजक शब्द से उन दोनों को जोड़कर एक वाक्य बनाना चाहिए।
जैसे:
वाक्य Chapter Notes | Hindi Grammar Class 7

Question for Chapter Notes: वाक्य
Try yourself:“परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे’ – अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए
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Question for Chapter Notes: वाक्य
Try yourself:“राधा नाच रही है। इस वाक्य में उद्देश्य है
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Question for Chapter Notes: वाक्य
Try yourself:‘हमें निंदा से बचना चाहिए’ इस वाक्य में विधेय है
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