Table of contents | |
फिर से याद करें | |
आइए समझें | |
आइए विचार करें। | |
आइए करके देखें |
प्रश्न.1. जोड़े बनाओ
प्रश्न.2. ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ में लगे तीनों पक्ष कौन-कौन से थे?
त्रिपक्षीय संघर्ष में लगे तीनों पक्ष
(i) गुर्जर-प्रतिहार,
(ii) राष्ट्रकूट,
(iii) पाल
प्रश्न.3. चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए आवश्यक शर्ते क्या थीं?
चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए निम्न शर्ते आवश्यक थीं
(i) सभा की सदस्यता के लिए इच्छुक लोगों को ऐसी भूमि का स्वामी होना चाहिए, जहाँ से भू-राजस्व वसूला जाता है।
(ii) उनके पास अपना घर होना चाहिए।
(iii) उनकी उम्र 35 से 70 के बीच होनी चाहिए।
(iv) उन्हें वेदों का ज्ञान होना चाहिए।
(v) ईमानदार होना चाहिए।
(vi) उन्हें प्रशासनिक मामलों की अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
प्रश्न.4. चाहमानों के नियंत्रण में आनेवाले दो प्रमुख नगर कौन-से थे?
चाहमानों के नियंत्रण में आने वाले नगर
(i) कन्नौज,
(ii) बनारस,
(iii) इन्द्रप्रस्थ,
(iv) प्रयाग
प्रश्न. 5. राष्ट्रकूट कैसे शक्तिशाली बने?
राष्ट्रकूट शुरू में कनार्टक के चालुक्य राजाओं के अधीन थे। आठवीं सदी के मध्य में एक राष्ट्रकूट शासक । दंतीदुर्ग ने चालुक्यों की अधीनता से इंकार कर दिया। बाद में चालुक्यों को उसने हराया और अपनी सैनिक शक्ति में वृद्धि की।
प्रश्न. 6. नये राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए क्या किया?
नए राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए निम्न कार्य किए:
(i) राजा लोग नए राजवंशों को अपने मातहत या सामंत के रूप में मान्यता देते थे।
(ii) अधिक सत्ता और संपदा हासिल करने पर सामंत अपने आपको महासामंत, महामंडलेश्वर इत्यादि घोषित कर देते थे।
(iii) कभी-कभी वे अपने स्वामी के आधिपत्य से स्वतंत्र हो जाने का दावा भी करते थे।
(iv) उद्यमी परिवारों के पुरुषों ने अपनी राजशाही कायम करने के लिए सैन्य कौशल का इस्तेमाल किया।
प्रश्न. 7. तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
तमिल क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था का विकास निम्न प्रकार से हुआ:
(i) प्राकृतिक झीलों से सिंचाई की व्यवस्था की गई।
(ii) अनेक नहरों को निर्मित किया गया।
(iii) कई तालाबों और हौजों को निर्मित किया गया।
(iv) अनेक क्षेत्रों में नए कुएँ खुदवाए गए।
प्रश्न. 8. चोल मंदिरों के साथ कौन-कौन सी गतिविधियाँ जुड़ी हुई थीं?
चोल मंदिरों के साथ निम्नलिखित गतिविधियाँ जुड़ी हुई थीं:
(i) चोल मंदिर अकसर अपने आस-पास विकसित होने वाली बस्तियों के केन्द्र बन गए।
(ii) ये शिल्प उत्पादन के केन्द्र थे।
(iii) ये मंदिर शासकों और अन्य लोगों द्वारा दी गई भूमि से भी सम्पन्न हो गए थे।
(iv) मंदिर के लिए काम करने वालों में पुरोहित, मालाकार, बावर्ची, मेहतर, संगीतकार, नर्तक इत्यादि प्रमुख थे।
(v) मंदिर सिर्फ़ पूजा-आराधना का ही केन्द्र नहीं थे, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन । के केन्द्र भी थे।
प्रश्न. 9. मानचित्र 1 को दुबारा देखें और तलाश करें कि जिस प्रांत में आप रहते हैं, उसमें कोई पुरानी राजशाहियाँ (राजाओं के राज्य) थीं या नहीं ?
मानचित्र 1 का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि जिस राज्य में हम रहते हैं, वहाँ इन्द्रप्रस्थ नामक राजशाही स्थापित थी, जिसे हम दिल्ली के नाम से जानते हैं।
इसके अतिरिक्त अन्य राजशाही और वर्तमान प्रांत का नाम इस प्रकार से है
प्रश्न. 10. जिस तरह के पंचायती चुनाव हम आज देखते हैं, उनसे उत्तरमेरुर के चुनाव’ किस तरह से अलग थे ?
वर्तमान समय के पंचायत चुनाव उत्तरमेरुर के चुनाव में अन्तर –
प्रश्न. 11. इस अध्याय में दिखलाए गए मंदिरों से अपने आस-पास के किसी मौजूदा मंदिर की तुलना करें और जो समानताएँ या अंतर आप देख पाते हैं, उन्हें बताएँ।
असमानताएँ: इस अध्याय में दिखलाए गए मंदिर द्रविड़ शैली के स्थापत्य कला द्वारा निर्मित हैं, लेकिन वर्तमान के अधिकांश मंदिर बेसर शैली स्थापत्य कला द्वारा निर्मित हैं। बेसर शैली में द्रविड़ और नागर शैली का सम्मिश्रण होता है।
समानताएँ: इन दोनों मंदिरों में समानता यह है कि इन दोनों मंदिरों के गर्भ-गृह में ही मूर्ति स्थित होती है।
प्रश्न. 12. आज के समय में वसूले जाने वाले करों के बारे में और जानकारी हासिल करें। क्या ये नकद के रूप में हैं, वस्तु के रूप में हैं या श्रम सेवाओं के रूप में?
वर्तमान समय में प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर के रूप में कर वसूल किए जाते हैं। प्रत्यक्ष कर के रूप में आय कर, सम्पत्ति कर, उत्तराधिकारी कर, मृत्यु कर आदि। अप्रत्यक्ष कर के रूप में उत्पादन शुल्क, बिक्री कर आदि प्रमुख हैं।
वर्तमान समय में सभी कर नकद अथवा चेक के द्वारा जमा किए जाते हैं तथा किसी भी कर का भुगतान वस्तु के रूप में अथवा श्रम सेवाओं के रूप में नहीं लिया जाता है।
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