UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: भोजन: संग्रह से उत्पादन तक (From Hunting-Gathering to Growing Food)

भोजन: संग्रह से उत्पादन तक (From Hunting-Gathering to Growing Food) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

कल्पना करो

प्रश्न. अगर तुम्हारे पास जमीन का एक छोटा-सा टुकड़ा हो तो तुम उसमें कौन-सी फसल उगाओगी। बीज कहाँ से मिलेंगे? और तुम उन्हें कैसे बोओगी? अपने पौधों की देखभाल तुम कैसे करोगी? और कैसे यह समझोगी कि अब फ़सल काटने लायक हो गई है?

अगर हमारे पास ज़मीन है तो हम उस पर चावल की खेती करना चाहेगे। चावल की खेती व्यावसायिक रूप से सीधे बीज बोकर की जा सकती है या फिर नर्सरी में पौधों को बड़ा करने के बाद उन्हें जंगली घास से रहित खेत में लगाया जा सकता है। हर विधि के अपने फायदे और नुकसान हैं। थोड़े शब्दों में कहा जाए तो सीधे बीज लगाना किफायती और तेज तरीका है, लेकिन इसकी वजह से बाद में बड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। वहीं पौधे लगाने का खर्च ज्यादा आता है, लेकिन इसके परिणास्वरूप खेत में जंगली घास नहीं उगती। इसके अलावा, पौधे लगाने की विधि से, पौधों के बीच मौजूद उचित और पूर्वनिर्धारित दूरियां फसल के सही वायु संचार को सुनिश्चित करती हैं। साथ ही, इससे हर पौधे को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह भी मिलती है। जब अनाज पीले रंग का और कड़ा होना शुरू हो जाता है तो हम इसकी कटाई के लिए तैयार होते हैं।

आओ याद करें

प्रश्न.1. खेती करने वाले लोग एक ही स्थान पर लंबे समय तक क्यों रहते थे?

खेती करना आसान नहीं होता था। खेती में ऐसा नहीं होता कि बीज बोते ही खेती होने लगे और उगाई हुई चीजेंं हमें आसानी से प्राप्त हो जाए। जहाँ खेती में उगने वाली चीजो के लिए समय होता था वैसे ही खेती होने में भी समय लगता है। और हम खेती को ऐसे छोड़कर कहीं और नहीं जा सकते क्योंकि ऐसी कई चीजेंं होती है जो खेती को नुकसान पंहुचा सकती है। खेती बीज बोने से लेकर फसल के पकने तक लम्बा समय लगता था। इसके दौरान सिचाई करना, खरपतवार हटाना, जानवरो और चिडियों से खेती की रक्षा करने के लिए एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहना पड़ता था।


प्रश्न.2. पृष्ठ 25 की तालिका को देखो। नेइनुओ अगर चावल खाना चाहती है, तो उसे किन स्थानों पर जाना चाहिए।

नेइनुओ अगर चावल खाना चाहती है तो उसे उन स्थानों पर जाना चहिए जहाँ चावल की खेती सबसे अधिक मात्रा में होती हो उसके लिए उत्तर प्रदेश के कोलिडहवा और महागढा नामक पुरास्थलो में जाना चहिए।


प्रश्न.3. पुरातत्त्वविद् ऐसा क्यों मानते हैं कि मेहरगढ़ के लोग पहले केवल शिकारी थे, और बाद में उनके लिए पशुपालन ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गया?

पुरातत्त्वविदों द्वारा मेहरगढ़ की खुदाई में सबसे नीचे के स्तरों से जिन जानवरों की हड्डियाँ मिली हैं, उनमें हिरण । तथा जंगली सुअर प्रमुख हैं, जिससे पता चलता है कि इस अवस्था में मानव केवल शिकार पर निर्भर था, इसके ऊपर के स्तरों में भेड़ तथा बकरियों की हड्डियाँ ज्यादा मिली हैं, इससे पता चलता है कि इस काल में लोगों ने पशुपालन करना आरंभ कर दिया था।


4. सही या गलत बताओ।
(क) हल्लूर में ज्वार-बाजरा मिला है।
(ख) बुर्जहोम में लोग आयताकार घरों में रहते थे।
(ग) चिरौद कश्मीर का एक पुरास्थल है।
(घ) जेडाइट, जो दाओजली हेडिंग में मिला है, चीन से लाया गया होगा।

(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) सही

आओ चर्चा करें

प्रश्न.5. कृषकों-पशुपालकों का जीवन शिकारी-खाद्य संग्राहकों के जीवन से कितना भिन्न था, तीन अंतर बताओ।

अंतर:
(i) कृषकों-पशुपालकों का जीवन स्थायी था, जबकि शिकारी-खाद्य संग्राहक का जीवन अस्थायी था, क्योंकि वे भोजन की तलाश में इधर-उधर घूमते रहते थे।
(ii) कृषकों-पशुपालकों को भोजन कृषि उत्पादों तथा पालतू पशुओं पर आधारित होता था, जबकि शिकारी-खाद्य संग्राहकों का जीवन जंगली जानवरों व अन्य उत्पादों पर आधारित होता था।
(iii) कृषकों-पशुपालकों ने अपने रहने के लिए आवासों का निर्माण करना आरंभ कर दिया था, जबकि शिकारी-खाद्य संग्राहक प्रायः गुफाओं और कंदराओं में रहते थे।


प्रश्न.6. पृष्ठ 25 की तालिका में दिए गए जानवरों की एक सूची बनाओ और यह भी बताओ कि इनका उपयोग किस रूप में किया जाता था।

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आओ करके देखें

प्रश्न.7. तुम जिन अनाजों को खाते हो उनकी एक सूची बनाओ।

हम निम्नलिखित अनाजों को खाते हैं: 
(i) गेहूँ
(ii) चावल
(iii) बाजरा
(iv) मक्का
(v) ज्वार
(vi) जौ


प्रश्न.8. प्रश्न 7 के उत्तर में लिखे अनाजों को क्या तुम स्वयं उगाते हो? अगर हाँ, तो एक तालिका बनाकर उसकी खेती की विभिन्न अवस्थाओं को दिखाओ। अगर नहीं, तो एक तालिका बनाकर दिखाओ कि ये अनाज किसान से लेकर तुम्हारे पास तक कैसे पहुँचे।

नहीं हम ये अनाज स्वयम् नहीं उगाते। ये सब हमे पास किसानों द्वारा की मेहनत से प्राप्त होता है। किसान इनको उगाकर मंडी में बेचते है और उसके बाद ही हमें ये डिपो द्वारा प्राप्त होते है।

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FAQs on भोजन: संग्रह से उत्पादन तक (From Hunting-Gathering to Growing Food) NCERT Solutions - NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

1. भोजन: संग्रह से उत्पादन तक के विषय में व्यापक जानकारी क्या है?
उत्तर: भोजन: संग्रह से उत्पादन तक विषय के अंतर्गत जानकारी दी गई है कि मानव जीवन की शुरुआत में वह भोजन के लिए संग्रह करता था और बाद में उत्पादन करने लगा है। यह विषय मानव इतिहास, खाद्य सुरक्षा और कृषि विज्ञान के प्रमुख पहलुओं को समझने में मदद करता है।
2. खाद्य संग्रह और खेती में क्या अंतर है?
उत्तर: खाद्य संग्रह और खेती दोनों मानवों के भोजन के स्रोतों को दर्शाते हैं, लेकिन इनमें अंतर होता है। खाद्य संग्रह में मानव जीवन की शुरुआत में वनों और जंगलों में मौजूद प्राकृतिक खाद्य स्रोतों को संग्रह करना शामिल था। खेती में, मानव ने जमीन पर खेती करके अपने खाद्य स्रोतों का उत्पादन करना शुरू किया है।
3. खेती के आरंभ से पहले मानव भोजन के लिए कौन-कौन से स्रोतों का उपयोग करता था?
उत्तर: खेती के आरंभ से पहले मानव भोजन के लिए प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग करता था। वह वनों और जंगलों में मौजूद फल, सब्जियां, मछली, मांस और पक्षियों को संग्रह करता था। इसके अलावा, मानव शिकार करके भी अपने भोजन के लिए स्रोत प्राप्त करता था।
4. खेती किस तरीके से मानव जीवन को प्रभावित करती है?
उत्तर: खेती मानव जीवन को कई तरीकों से प्रभावित करती है। यह मानवों को संसाधनों की विशाल राशि प्रदान करती है, जिससे उन्हें अपनी खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने की संभावना होती है। खेती ने मानव समुदायों के विकास को भी प्रभावित किया है, जैसे कि समाज और आर्थिक व्यवस्था।
5. खेती के दौरान कौन-कौन से कारणों से प्राकृतिक संसाधनों को प्रभावित किया जाता है?
उत्तर: खेती के दौरान प्राकृतिक संसाधनों को कई कारणों से प्रभावित किया जाता है। खेती के लिए जमीन, जल, और वायु की आवश्यकता होती है। जमीन की उपयोगिता और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जल की आपूर्ति और गुणवत्ता को भी प्रभावित किया जा सकता है और वायु में प्रदूषण की समस्या हो सकती है।
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