प्रश्न.1. सही और गलत बताएँ।
(क) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिंदू, मुसलिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था।
(ख) सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते हैं।
(ग) अंग्रेज़ों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्त्वपूर्ण होते हैं।
(क) सही
(ख) गलत
(ग) सही
प्रश्न.2. जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बांटा है, उसमें क्या समस्याएँ है?
1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक तीन विशाल खंडों में ‘ए हिस्ट्री ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया’ नामक एक किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू , मुसलिम और ब्रिटिश इन तीन काल खंडों में बाँटा था। काल खंडों के इस निर्धारण को ज्यादातर लोगों ने मान भी लिया। लेकिन जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बांटा है, उसमें निम्नलिखित समस्याएँ आई:
(क) इतिहास के किसी दौर को “हिंदू काल“ या “मुस्लिम काल” का नाम नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इन सारे दौरों में कई तरह के धर्म एक साथ प्रचलित थे। उदाहरण के लिए भारत में हिंदू तथा मुस्लिम धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म भी प्रचलित रहे।
(ख) किसी युग को केवल उस समय के शासकों के धर्म के हिसाब से तय करना भी उचित नहीं है। इसका अर्थ यह है कि अन्य लोगों के जीवन तथा रीति – रिवाजों का कोई महत्व नहीं था। वैसे भी प्राचीन भारत में सभी शासकों का धर्म भी एक नहीं था। गुप्त शासक हिंदू धर्म को मानते थे तो अशोक तथा कनिष्क बौद्ध धर्म के अनुयायी थे।
प्रश्न.3. अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा?
अंग्रेजों को यह लगता था कि तमाम अहम दस्तावेजों और पत्रों को संभालकर रखना जरूरी है। लिहाजा उन्होंने सभी शासकीय संस्थानों में अभिलेख कक्ष भी बनवा दिए। तहसील के दफ्तर, कलेक्टरेट, कमिश्नर के दफ्तर, प्रांतीय सचिवालय तथा कचहरी सभी के अपने रिकॉर्ड रूम होते थे। महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बचाकर रखने के लिए अभिलेखागार और संग्रहालय जैसे संस्थान भी बनाए गए। उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में प्रशासन की एक शाखा से दूसरी शाखा के पास भेजे गए पत्रों और ज्ञापनों को आप आज भी अभिलेखागारों में देख सकते हैं। वहाँ आप जिला अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए नोट्स और रिपोर्ट पढ़ सकते हैं। इस समय तक इन दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक नकलें भी बनाई जाने लगी। इन्हें बहुत ही सुंदर ढंग से हाथ से लिखा जाता था। उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य तक छपाई की तकनीक आ जाने से सरकारी विभागों की कार्यवाइयों के दस्तावेजों की कई – कई प्रतियाँ बनाई जाने लगीं।
प्रश्न.4. इतिहासकार पुराने अखबारों से जो जानकारी जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?
इतिहासकार पुराने अख़बारों से जो जानकारी जुटाते है, वह किसी घटना की लगभग सच्ची जानकारी होती है। जैसे :- कही सरकार विरोधी हड़ताल हुई, दंगा हुआ तो उसके लिए सरकार की जो नीति उत्तरदायी रही होगी। अखबार उसी नीति को ही दोष देती है। इसके विपरीत पुलिस की रिपोर्टों में इसके लिए हड़तालियों तथा दंगा करने वालों को ही दोषी ठहराया जाता है। इन रिपोर्टों में सरकार को कोई दोष नहीं दिया जाता। इसका कारण यह है कि पुलिस सरकार के अधीन होती है और वह सरकार के इशारे पर ही काम करती है।
प्रश्न.5. आप आज की दुनिया के कुछ सर्वेक्षणों का उदाहरण दे सकते हैं? सोचकर देखिए कि खिलौना बनाने वाली कंपनियों को यह पता कैसे चलता है कि बच्चे किन चीजों को ज्यादा पसंद करते हैं। या, सरकार को यह कैसे पता चलता है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कितनी है? इतिहासकार ऐसे सर्वेक्षणों से क्या हासिल कर सकते हैं?
आज की दुनिया में सरकारी और निजी दोनों कंपनियां विभिन्न उद्देश्यों के लिए विभिन्न तरीके अपनाती हैं। सरकार 10 साल के अंतराल पर जनगणना सर्वेक्षण करती है। जनसंख्या वृद्धि, शिक्षा, घरेलू, व्यवसाय, लिंग अनुपात, जन्म दर, मृत्यु दर आदि के बारे में सर्वेक्षण किया जाता है। जब बाजार में नए उत्पाद पेश करने होते हैं तो कंपनियां सर्वेक्षण करती हैं। हर चीज के बारे में पता करती है कि किस युवक की क्या पसंद है। वे उन उत्पादों को कितना प्रयोग में लाते है। खिलौना बनाने वाली कंपनी स्कूल, कॉलेज, मॉल, सार्वजनिक बगीचे, पर्यटक स्थल आदि जैसे सभी स्थानों पर जाकर ऑनलाइन सर्वेक्षण और ऑफलाइन सर्वेक्षण से जानकारी प्राप्त कर सकती है क्योंकि किसी भी देश का अच्छे ढंग से शासन चलाने के लिए और उसकी हर चीज के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वेक्षण ज़रूरी होता है। इतिहासकार ऐसे सर्वेक्षणों से विभिन्न जानकारियां प्राप्त करके लोगों के विचारों और उनकी जिंदगी में आने वाले बदलाव, रहन – सहन सभी तौर- तरीकों को जान सकते है।
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