UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: स्वतंत्रता के बाद (India After Independence)

स्वतंत्रता के बाद (India After Independence) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

फिर से याद करें

प्रश्न.1. नवस्वाधीन भारत के सामने कौन सी तीन समस्याएँ थी?

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ। उस समय देश के सामने कई बड़ी चुनौत्तियाँ थी जो निम्नलिखित थी:
(i) शरणार्थियों की समस्या: देश के बँटवारे के कारण लगभग 80 लाख शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आ गए थे। इन लोगों के लिए रहने की व्यवस्था करना और उन्हें रोज़गार देना ज़रूरी था।
(ii) रियासतों की समस्या: उस समय लगभग 500 रियासतें राजाओं या नवाबों के शासन के अधीन थीं। इन सभी को नए राष्ट्र में शामिल होने के लिए तैयार करना एक बहुत ही कठिन काम था।
(iii) एकता की समस्या: नवजात भारत राष्ट्र को एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था भी विकसित करनी थी जो यहाँ के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को अच्छी तरह व्यक्त कर सके। इसके अतिरिक्त भारत की जनसंख्या काफ़ी बड़ी थी – लगभग 34.5 करोड़। यह आबादी भी आपस में बँटी हुई थी। इसमें विभिन्न जातियों तथा धर्मों के लोग शामिल थे। यही नहीं, इस विशाल देश के लोग तरह-तरह की भाषाएँ बोलते थे। उनके पहनावों में भारी अंतर था। उनके खान–पान और काम–धंधों में भी भारी विविधता पाई जाती थी। इतनी विविधता वाले लोगों को एक राष्ट्र राज्य के रूप में संगठित करना एक बहुत बड़ी समस्या थी।


प्रश्न.2. योजना आयोग की क्या भूमिका थी?

1950 में सरकार ने आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करने के लिए एक योजना आयोग का गठन किया। इस बारे में ज्यादातर सहमति थी कि भारत “मिश्रित अर्थव्यवस्था“ के रास्ते पर चलेगा। यहाँ राज्य और निजी क्षेत्र, दोनों ही उत्पादन बढ़ाने और रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण और परस्पर पूरक भूमिका अदा करेंगे। किस क्षेत्र की क्या भूमिका होगी कौन से उद्योग सरकार द्वारा और कौन से उद्योग बाजार द्वारा यानी निजी उद्योगपतियों द्वारा लगाए जाएँगे, विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों के बीच किस तरह का संतुलन बनाया जायेगा इन सबको परिभाषित करना योजना आयोग का काम था।


प्रश्न.3. रिक्त स्थान भरें:
(क) केंद्रीय सूची में ______ और ______ विषय रखे गए थे।
(ख) समवर्ती सूची में ______ और ______ विषय रखे गए थे।
(ग) वह आर्थिक योजना जिसमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों को विकास में भूमिका दी गई थी, उसे ______ मॉडल कहा जाता था।
(घ) ______ की मृत्यु से इतना ज़बरदस्त आंदोलन पैदा हुआ कि सरकार को आंध्र भाषी राज्य के गठन की माँग को मानना पड़ा।

(क) कराधान, रक्षा, विदेशी मामले
(ख) वन, कृषि
(ग) मिश्रित
(घ) पोट्टी श्रीरामुलु


प्रश्न.4. सही या गलत बताएँ:
(क) आजादी के समय ज्यादातर भारतीय गाँवों में रहते थे।
(ख) संविधान सभा कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से मिलकर बनी थी।
(ग) पहले राष्ट्रीय चुनावों में केवल पुरुषों को हो वोट डालने का अधिकार दिया गया था।
(घ) दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया था।

(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) सही

आइए विचार करें

प्रश्न.5. “राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे “ कहने के पीछे डॉ. अंबेडकर का क्या आशय था?

डॉ० अंबेडकर ने ये शब्द सभी प्रकार की असमानताओं को दूर करने के लिए कहे थे। संविधान सभा के सामने अपने अंतिम भाषण में उन्होंने कहा था कि राजनीतिक लोकतंत्र के साथ – साथ आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र भी जरूरी है। यदि लोगों को वोट डालने का अधिकार दे दिया जाता है तो इससे अमीर – गरीब या ऊँची और नीची जातियों का भेदभाव अपने आप समाप्त नहीं हो जाएगा। सच्चा राजनीतिक लोकतंत्र तभी स्थापित किया जा सकता है, जब देश में सामाजिक और आर्थिक समानता भी सुनिश्चित की जाए।


प्रश्न.6. स्वतंत्रता के बाद देश को भाषा के आधार पर राज्यों में बाँटने के प्रति हिचकिचाहट क्यों थी?

हिचकिचाहट के कारण:
(i) 
भारत धर्म के आधार पर बँट चुका था। देश विभाजन के कारण हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुए। भीषण दंगों में 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे ऐसे में चिंता स्वाभाविक थी।
(ii) भाषा के आधार पर हमारा देश दूसरा बँटवारा नहीं झेल सकता था इसलिए चिंता स्वाभाविक थी।
(iii) प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उप-प्रधानमंत्री वल्लभ भाई पटेल दोनों ही देश के भाषा के आधार पर दूसरे विभाजन के डर से भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की नीति के विरोधी थे।


प्रश्न.7. एक कारण बताइए कि आजादी के बाद भी अंग्रेजी ज़ारी क्यों रही?

संविधान निर्माण के समय संविधान सभा में भाषा के प्रश्न पर तीखी बहस हुई। बहुत से लोगों का मानना था कि अंग्रेजों के साथ अंग्रेजी भाषा को भी विदा कर देना चाहिए। उनका कहना था कि अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी को अपनाया जाए। परंतु जो लोग हिंदी भाषी नहीं थे उनकी राय अलग थी। संविधान सभा में बोलते हुए टी० टी०  कृष्णमाचारी ने “दक्षिण के लोगों की ओर से चेतावनी” देते हुए कहा कि यदि उन पर हिंदी थोपी गई तो वहाँ के बहुत से लोग भारत से अलग हो जाएँगे। इस विवाद से बचने के लिए बीच का रास्ता निकाला गया। संविधान निर्माताओं ने हिंदी को भारत की “राजभाषा“ का दर्जा दिया जबकि अदालतों, सेवाओं, विभिन्न राज्यों के बीच संचार आदि के लिए अंग्रेज़ी के प्रयोग का निर्णय लिया गया। इस प्रकार भारत में आजादी के बाद भी अंग्रेजी जारी रही।


प्रश्न.8. आज़ादी के बाद प्रारंभिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना किस तरह की गई थी?

स्वतंत्रता के समय भारत की एक विशाल संख्या गाँवों में रहती थी। आजीविका के लिए किसान औ काश्तकार वर्षा पर निर्भर रहते थे। यही स्थिति अर्थव्यवस्था के ग़ैर – कृषि क्षेत्रों की थी। यदि फसल खराब हो जाती तो बढ़ई, बुनकर और अन्य कारीगरों की आय भी संकट में पड़ जाती थी। शहरों में फैक्ट्री मज़दूर भीड़ भरी झुग्गी बस्तियों में रहते थे। इस विशाल आबादी को ग़रीबी के चंगुल से निकालने के लिए न केवल खेती की उपज बढ़ाना आवश्यक था बल्कि नए उद्योगों का निर्माण करना भी जरूरी था ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। एकता और विकास की प्रक्रियाओं को साथ – साथ चलना था। यदि भारत के विभिन्न वर्गों के बीच मतभेदों को दूर न किया जाता तो वे हिंसक और बहुत खतरनाक टकरावों का रूप ले सकते थे। लिहाजा ऐसे टकराव देश के लिए महंगे पड़ते थे। कही ऊंची जाति और नीची जाति के बीच, कहीं हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तो कहीं किसी और वजह से तनाव की आशंका बनी हुई थी और यदि दूसरी ओर आर्थिक विकास के लाभ जनसंख्या के बड़े भाग को नहीं मिलते तो और अधिक भेदभाव पैदा हो सकता था। ऐसी स्थिति में अमीर और ग़रीब, शहर और देहात, संपन्न और पिछले इलाकों का अंतर पैदा हो सकता था।

आइए करके देखे

प्रश्न.9. मीरा बहन कौन थी? उनके जीवन और आदर्शों के बारे में पता लगाएँ।

मीराबाई का जन्म सन 1498 ई. में पाली के कुड़की गांव में हुआ था। वे सोलहवीं शताब्दी की एक कृष्ण भक्त और कवयित्री थीं। उनकी कविता कृष्ण भक्ति के रंग में रंग कर और गहरी हो जाती है। उनके गुरु रविदास जी थे। ये बचपन से ही कृष्णभक्ति में रुचि लेने लगी थीं। मीरा का विवाह मेवाड़ के सिसोदिया राज परिवार में हुआ। उदयपुर के महाराजा भोजराज उनके पति थे जो मेवाड़ के महाराणा सांगा के पुत्र थे। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहान्त हो गया। पति की मृत्यु के बाद उन्हें पति के साथ सती करने का प्रयास किया गया, किन्तु मीरा इसके लिए तैयार नहीं हुईं। वे विरक्त हो गईं और साधु-संतों की संगति में हरिकीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगीं। पति के परलोकवास के बाद इनकी भक्ति दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। ये मंदिरों में जाकर वहाँ मौजूद कृष्णभक्तों के सामने कृष्णजी की मूर्ति के आगे नाचती रहती थीं। मीराबाई का कृष्णभक्ति में नाचना और गाना राज परिवार को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कई बार मीराबाई को विष देकर मारने की कोशिश की। घर वालों के इस प्रकार के व्यवहार से परेशान होकर वह द्वारका और वृन्दावन गई। मीरा ने अपना सम्पूर्ण समय कृष्णा-भक्तिपूर्ण गीतों की रचना कर उसे गाते हुए व्यतीत किया। उसने कुछ 250 पद मारवाड़ी, राजस्थानी, ब्रज, गुजराती मिश्रित भाषा में लिखे। उसकी प्रमुख रचनाओं में गीत गोविन्द की टीका, नरसिंहजी का मायरा, राग सोरठ के पद, राग गोविन्द इस प्रकार 11 ग्रन्थ मिलते हैं।


प्रश्न.10. पाकिस्तान में भाषा के आधार पर हुए उन विवादों के बारे में और पता लगाएँ जिनकी वजह से बांग्लादेश का जन्म हुआ। बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी कैसे मिली?

1947 में जब पाकिस्तान बना इसे दो भागों में विभाजित किया गया था। एक भारत के पूर्व में और दूसरा भारत के पश्चिम में। दो क्षेत्रों को न केवल भौगोलिक आधार पर विभाजित किया गया था बल्कि वे संस्कृति और भाषा के आधार पर भी विभाजित थे। पाकिस्तान के पश्चिमी भाग में, उर्दू प्रमुख भाषा थी और पूर्वी भाग में, बंगाली भाषी लोग बहुसंख्यक थे। सरकार ने उर्दू को पूरे देश की एकमात्र राष्ट्रीय भाषा के रूप में घोषित किया। इसका पूर्वी पाकिस्तान में व्यापक विरोध हुआ। इन विरोधों को 1952 के बंगाली भाषा आंदोलन के रूप में जाना जाता है। इस आंदोलन ने बंगाली भाषा को पूर्वी पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने की वकालत की। पूर्वी पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक आधार पर भी उपेक्षा की गई। इसके कारण 1971 में स्वतंत्रता संग्राम हुआ। युद्ध के अंतिम कुछ हफ्तों में, पूर्वी पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों की मदद से पश्चिमी पाकिस्तान को हरा दिया। इसके परिणामस्वरूप एक नए देश, बांग्लादेश का निर्माण हुआ। फरवरी 1974 में, पाकिस्तान ने बांग्लादेश के स्वतंत्र राज्य को मान्यता दी।

The document स्वतंत्रता के बाद (India After Independence) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC is a part of the UPSC Course NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12).
All you need of UPSC at this link: UPSC
916 docs|393 tests

Top Courses for UPSC

916 docs|393 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

pdf

,

Exam

,

mock tests for examination

,

study material

,

Important questions

,

Objective type Questions

,

shortcuts and tricks

,

Free

,

स्वतंत्रता के बाद (India After Independence) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

past year papers

,

MCQs

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

स्वतंत्रता के बाद (India After Independence) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

video lectures

,

Summary

,

Viva Questions

,

स्वतंत्रता के बाद (India After Independence) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

Sample Paper

,

Extra Questions

,

ppt

,

Semester Notes

;