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अपवाह तंत्र (Drainage System) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए:
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी ‘बंगाल का शोक’ के नाम से जानी जाती थी?
(क) गंडक
(ख) कोसी
(ग) सोन
(घ) दामोदर

सही उत्तर (घ) दामोदर

(ii) निम्नलिखित में से किस नदी की द्रोणी भारत में सबसे बड़ी है?
(क) सिंधु
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) गंगा
(घ) कृष्णा

सही उत्तर (ग) गंगा

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी पंचनद में शामिल नहीं है?
(क) रावी
(ख) सिंधु
(ग) चेनाब
(घ) झेलम

सही उत्तर (ख) सिंधु

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी में बहती है?
(क) सोन
(ख) यमुना
(ग) नर्मदा
(घ) लूनी

सही उत्तर (ग) नर्मदा

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा अलकनंदा व भागीरथी का संगम स्थल है?
(क) विष्णु प्रयाग
(ख) रूद्र प्रयाग
(ग) कर्ण प्रयाग
(घ) देव प्रयाग

सही उत्तर (घ) देव प्रयाग


प्रश्न.2. निम्न में अंतर स्पष्ट करें:
(i) नदी द्रोणी और जल-संभर

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(ii) वृक्षाकार और जालीनुमा अपवाह प्रारूप

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(iii) अपकेंद्रीय और अभिकेंद्रीय अपवाह प्रारूप

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(iv) डेल्टा और ज्वारनदमुख

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प्रश्न.3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें|
(i) भारत में नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक-आर्थिक लाभ क्या हैं?

भारत में नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक-आर्थिक लाभ निम्नलिखित हैं :

  • एक क्षेत्र से अधिक जल का अभावग्रस्त जल वाले क्षेत्र में स्थानांतरण करके बाढ़ और सूखे की समस्या को कम किया जा सकता है|
  • अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन में सुधार होगा जो पूरे देश में वस्तुओं के परिवहन को आसान बना देगा|
  • यह सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा, जो उत्पादकता बढ़ाएगी|
  • यह जल-विद्युत और मत्स्य पालन गतिविधियों जैसे विभिन्न अवसर प्रदान करेगा|

(ii) प्रायद्वीपीय नदी के तीन लक्षण लिखें|

प्रायद्वीपीय नदी के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं :

  • इन नदियों का उद्गम स्थल प्रायद्वीपीय पठार व मध्य उच्चभूमि है|
  • ये मौसमी और मानसून वर्षा पर निर्भर हैं|
  • इन नदियों में सुसमायोजित घाटियों के साथ छोटे तथा निश्चित मार्ग होते हैं|


प्रश्न.4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125 शब्दों से अधिक में न दें|

(i) उत्तर भारतीय नदियों की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ क्या हैं? ये प्रायद्वीपीय नदियों से किस प्रकार भिन्न हैं?

भारतीय नदियों की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • इनका उद्गम स्थल हिम नदियों से ढके हिमालय पर्वत हैं|
  • ये नदियाँ बारहमासी होती हैं क्योंकि इनमें हिमनद व वर्षा से जल प्राप्ति होती है|
  • नदियाँ पर्वतीय इलाकों में गहरे गॉर्ज तथा V-आकार की घाटियों का निर्माण करती हैं|
  • नदियाँ अभिशीर्ष अपरदन व नदी अपहरण करते हुए लंबे मार्ग तथा उबड़-खाबड़ पर्वतों से गुजरते हुए बहती हैं|
  • ये युवा तथा क्रियाशील होती हैं जो घाटियों को गहरा बनाती हैं|

ये प्रायद्वीपीय नदियों से निम्नलिखित कारणों से भिन्न हैं:

  • भारतीय नदियों की बहुत बड़ी द्रोणी होती है जबकि प्रायद्वीपीय नदियों की अपेक्षाकृत छोटी द्रोणी होती है|
  • ये नदियाँ बारहमासी होती हैं क्योंकि इनमें हिमनद व वर्षा से जल प्राप्ति होती है जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ मानसून वर्षा पर निर्भर होती हैं|
  • उत्तर भारतीय नदियाँ पूर्ववर्ती व अनुवर्ती होती हैं जो मैदानी भाग में वृक्षाकार प्रारूप बनाती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ अध्यारोपित तथा पुनर्युवनित होती हैं जो अरीय व आयताकार प्रारूप बनाती हैं|
  • उत्तर भारतीय नदियाँ युवा तथा क्रियाशील होती हैं, जो घाटियों को गहरा बनाती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ प्रवणित परिच्छेदिका वाली प्रौढ़ नदियाँ हैं, जो अपने आधार तल जा पहुँची हैं|

(ii) मान लीजिए आप हिमालय के गिरिपद के साथ-साथ हरिद्वार से सिलीगुड़ी तक यात्रा कर रहे हैं| इस मार्ग में आने वाली मुख्य नदियों के नाम बताएँ| इनमें से किसी एक नदी की विशेषताओं का भी वर्णन करें|

यदि हम हरिद्वार से सिलीगुड़ी तक हिमालय के गिरिपद के साथ-साथ यात्रा कर रहे हैं, तो मार्ग में गोमती, रामगंगा, राप्ती, गंडक, कोसी, कमला, सरयू, शारदा, घाघरा, महानदी और गंगा नदियाँ आएँगी|
गंडक नदी की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • यह नेपाल हिमालय में धौलागिरी व माउंट एवरेस्ट के बीच निकलती है और मध्य नेपाल को अपवाहित करती है|
  • नदी दो धाराओं कालीगंडक और त्रिशूलगंगा के मिलने से बनती है|
  • बिहार के चंपारण जिले में यह गंगा मैदान में प्रवेश करती है और पटना के निकट सोनपुर में गंगा नदी में जा मिलती है|
  • इसकी लंबाई 630 कि.मी. है|
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