UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story)

अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) जल को स्वच्छ करना _____ को दूर करने का प्रक्रम है।
(ख) घरों द्वारा निर्मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल _____ कहलाता है।
(ग) शुष्क ____ का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
(घ) नालियाँ ____और __के द्वारा अवरुद्ध हो जाती है।

(क) प्रदूषकों
(ख) मल विसर्जन
(ग) आपंक
(घ) खाना पकाने का तेल और वसाओं


प्रश्न.2. वाहित मल क्या है? अनुपचारित वाहित मल को नदियों अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक क्यों है, समझाइए।

वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किए जाने वाला अपशिष्ट जल होता है। इसमें वर्षाजल भी सम्मिलित है, जो तेज वर्षा के समय गलियों में बहता है। सड़कों और छतों से बहकर आने वाला वर्षाजल अपने साथ हानिकारक पदार्थों को ले आता है। वाहित मल द्रवरूपी अपशिष्ट होता है। इसमें अधिकांश है, जिसमें घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य होते हैं। वाहित में विभिन्न संदूषक शामिल हैं, जैसे- रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया और अन्य रोगाणु। अगर विभिन्न संदूषक को नदियों या समुद्रों में उतारा जाता है, तो नदियों या समुद्रों का पानी भी दूषित हो जाता था । यदि इस दूषित पानी का उपयोग पीने के लिए किया जाए तो यह रोगों का कारण बन सकता है जैसे – हैजा, टाइफाइड, पेचिश, मौत आदि हो सकते हैं।


प्रश्न.3. तेल और वसाओं को नाली में क्यों नहीं बहाना चाहिए? समझाइए।

खाना पकाने के तेल और वसाओं को नाली में नहीं बहाना चाहिए। ये पाइपों में कठोर पदार्थों की परत जमाकर उन्हें अवरुद्ध कर सकते हैं। खुली नाली में वसा, मृदा के रंध्रों को बंद कर देती है, जिससे उसकी जल को फिल्टर करने की प्रभाविता कम हो जाती है। तेल और वसाओं को कूड़ेदान में ही फेंकें।


प्रश्न.4. अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के प्रक्रम में सम्मिलित चरणों का वर्णन करिए।

सर्वप्रथम अपशिष्ट जल को ऊर्ध्वाधर लगी छड़ों से बने शलाका छन्ने (बार स्क्रीन) से गुजारा जाता है। इससे अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन आदि जैसे बड़े साइज़ के संदुषक अलग हो जाते हैं। → अब वाहित अपशिष्ट जल को ग्रिरिट और बालू अलग करने की टंकी में ले जाया जाता है। इस टंकी में अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से छोड़ा जाता है, जिससे उसमें उपस्थित बालू, ग्रिट और कंकड़-पत्थर उसकी पेंदी में बैठ जाते हैं। फिर जल को एक ऐसी बड़ी टंकी में ले जाया जाता है, जिसका पेंदा मध्य भाग की ओर ढलान वाला होता है। जल को इस टंकी में कई घंटों तक रखा जाता है, जिससे मल जैसे ठोस उस की तली के मध्य भाग में बैठ जाते हैं। इन अशुद्धिरयों को खुरच कर बाहर निकाल दिया जाता है। यह आपंक (स्लज) होता है। अपशिष्ट जल में तैरने वाले तेल और ग्रीज जैसी अशुद्धियों को हटाने के लिए अपमथित्र (स्किमर) का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार साफ़ किया गया, जल निर्मलीकृत जल कहलाता है। आपंक को एक पृथक् टंकी में स्थानांतरित किया जाता है, जहाँ यह अवायवीय जीवाणुओं द्वारा अपघटित हो जाता है। इस प्रक्रम में उत्पन्न होने वाली  कहलाता है। बायोगैस (जैव गैस) का उपयोग ईंधन के रूप में अथवा विद्युत उत्पादन के लिए किया जा सकता है। निर्मलीकृत जल में पंप द्वारा वायु को गुजारा जाता है, जिससे उसमें वायवीय जीवाणुओं की वृद्धि होती है। ये जीवाणु निर्मलीकृत जल में अब भी बचे हुए मानव अपशिष्ट पदार्थों, खाद्य अपशिष्ट, साबुन और अन्य अवांछित पदार्थों का उपभोग कर लेते हैं।


प्रश्न.5. आपंक क्या है? समझाइए कि इसे कैसे उपचारित किया जाता है।

अर्ध-ठोस मल जो अपशिष्ट जल उपचार के दौरान नीचे बैठ जाते हैं, उन्हें आपंक कहा जाता है। यह आपंक एक खुरचनी का उपयोग करके हटा दिया जाता है और फिर एक टैंक में स्थानांतरित किया जाता है जहां यह अवायवीय जीवाणु द्वारा विघटित होता है और बायोगैस पैदा करता है। यह बायोगैस हीटिंग, खाना पकाने आदि के लिए कम लागत वाले ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग बिजली का उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है।


प्रश्न 6. अनुपचारित मानव मल एक स्वास्थ्य संकट है। समझाइए।

अनुपचारित मानव मल, स्वास्थ्य सकट का एक कारक है। इससे जल और मृदा का प्रदूषण हो सकता है। सतह पर उपलब्ध जल और भौमजल दोनों मानव मल से प्रदूषित हो जाते हैं। ‘भौमजल’ कुँओं, ट्यूबवैल (नलकूपों), झरनों और अनेक नदियों के लिए जल का स्रोत है। अत: अनुपचारित मानव मल, जल जनित रोगों का सबसे सुगम पथ बन जाता है। इनमें हैजा, टायफॉइड, पोलियो, मेनिन्जाइटिस, हेपैटाइटिस और पेचिश जैसे रोग सम्मिलित हैं।


प्रश्न.7. जल को रोगाणुनाशित (रोगाणुमुक्त) करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो रसायनों के नाम बताइए।

क्लोरीन और ओज़ोन


प्रश्न.8. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में शलाका छन्नों के कार्यों को समझाइए।

बार स्क्रीन ऊर्ध्वाधर लगी छड़ों से बनि होती है। यह अपशिष्ट जल के उपचार में उपयोग की जाती है। अपशिष्ट जल को बार स्क्रीन से गुजारा जाता है। इससे अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन आदि जैसे बड़े साइज़ के संदुषक अलग हो जाते हैं।


प्रश्न 9. स्वच्छता और रोग के बीच संबंध को समझाइए।

स्वच्छता और रोग एक दूसरे से एक दूसरे से इस प्रकार संबंधित हैं कि अगर स्वच्छता की कमी हो तो वह बीमारियों का कारण बन सकती है। हमारे देश में आज भी बड़ी संख्या में लोगों के पास सीवरेज की सुविधा नहीं है और खुले खेतों, रेलवे पटरियों आदि में शौच करते हैं। अनुपचारित मानव मल इस प्रकार मृदा और जल को प्रदूषित करता है। जब इस दूषित पानी का उपयोग पीने के लिए किया जाता है, यह हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस, पेचिश, आदि जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है, इससे मौत भी संभव है। इसलिए, स्वछता की कमी के परिणामस्वरूप साफ पीने के पानी की कमी हुई जो स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।


प्रश्न.10. स्वच्छता के संदर्भ में एक सक्रिय नागरिक के रूप में अपनी भूमिका को समझाइए।

एक जागरूक नागरिक के नाते हमारा कर्त्तव्य है कि हम नगरपालिका तथा ग्राम पंचायत को इन विषम परिस्थितियों के बारे में आगाह करें तथा उनसे यथोचित् कदम उठाने के लिए आग्रह करें। यदि किसी घर से निकलने वाला वाहित जल पास-पड़ोस में गंदगी फैला रहा हो, हम उनसे अन्य नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होने का निवेदन करें।


प्रश्न 11. प्रस्तुत वर्ग पहेली को दिए गए संकेतों की सहायता से हल कीजिए। 

अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

संकेत बाएँ से दाएँ
2. वाहित मल उपचार संयंत्र से प्राप्त गैसीय उत्पाद
4. इस प्रक्रम में प्रदूषित जल से बायु को गुजारा जाता है।
7. वाहित मल ले जाने वाले पाइपों की व्यवस्था
8. उपयोग के बाद नालियों में बहता जल
ऊपर से नीचे
1. जल उपचार में रोगाणुनाशन के लिए प्रयुक्त एक रसायन
3. वह सूक्ष्मजीव, जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जैव पदारथों का विघटन करते हैं।
5. संदूषित जल
6. वह स्थान, जहाँ वाहित मल से प्रदूषक पृथक् किए जाते हैं।
9. अनेक व्यक्ति इसका विसर्जन खुले स्थानों में करते हैं।

अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC1. ओजोन
2. बायोगैस
3. जीवाणु
4. वातन
5. अपशिष्ट जल
6. उपचार संयत्र
7. सीवर
8. वाहित मल
9. मल


प्रश्न.12. ओज़ोन के बारे में निम्नलिखित वक्तव्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए।
(क) यह सजीव जीवों के श्वसन के लिए अनिवार्य है।
(ख) इसका उपयोग जल को रोगाणु रहित करने के लिए किया जाता है।
(ग) यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है।
(घ) वायु में इसका अनुपात लगभग 3% हैं।
इनमें से कौन से वक्तव्य सही है।
(i) (क), (ख) और (ग)
(ii) (ख) और (ग)
(iii) (क) और (ग)
(iv) सभी चार

सही उत्तर (ii) (ख) और (ग)

The document अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC is a part of the UPSC Course NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12).
All you need of UPSC at this link: UPSC
916 docs|393 tests

Top Courses for UPSC

916 docs|393 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

study material

,

Sample Paper

,

Free

,

mock tests for examination

,

MCQs

,

अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

pdf

,

Objective type Questions

,

Semester Notes

,

shortcuts and tricks

,

Summary

,

video lectures

,

Important questions

,

अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

अपशिष्ट जल की कहानी (Wastewater Story) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Extra Questions

,

past year papers

,

Viva Questions

,

ppt

,

Exam

;