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पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. हमें किसी मिश्रण के अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।

हमारे दैनिक जीवन में हम ऐसे बहुत से उदाहरण देखते है जिनमें हम पदार्थो के किसी मिश्रण से पदार्थो को पृथक करते हुए देखते है। हमें निम्नलिखित कारणों से मिश्रण के अलग-अलग घटकों को अलग करने की आवश्यकता है:
1. उपयोगी सामग्री प्राप्त करने के लिए: जैसा कि समुद्री जल को वाष्पित करके नमक प्राप्त होता है।  आम नमक हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण घटक है।  
2. अपशिष्ट पदार्थों को अलग करने के लिए: चावल में मिश्रित कंकड़ को हाथ से उठाया जाता है।


प्रश्न.2. निष्पावन से क्या अभिप्राय है? यह कहा उपयोग किया जाता है?

किसी मिश्रण के अवयवों को पृथक करने की विधि निष्पावन कहलाती है। निष्पावन का उपयोग पवनो तथा वायु के झोको द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवो को पृथक करने में किया जाता है। किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्नकणो से पृथक करने के लिए करते है। भूसे के हल्के कण पवन के साथ उड़कर दूर एकत्र हो जाते है जबकि भारी अन्नकण पृथक होकर निष्पावन प्लेटफार्म के निकट ढेर बना लेते है। हवा द्वारा मिश्रण के भारी और हल्के घटकों को अलग करने को विन्जनिंग कहा जाता है। अलग हुए भूसे को पशुओ के चारे सहित अन्य कई प्रयोजन में प्रयोग किए जाते है।


प्रश्न.3. पकाने से पहले दालो के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक करेंगे?

खाना पकाने से पहले दाल का नमूना पानी में डालें।खाना पकाने से पहले दाल का नमूना पानी में डालें। भूसी के कण पानी में  हल्के होने पर तैरने लगते हैं जबकि गंदगी या रेत के कण पानी में मिल जाते हैं और पानी थोड़ा गंदा हो जाता है। बर्तन को झुकाकर पानी निकाल दें, जिससे भूसी और गंदगी के अंश अलग हो जाएंगे।


प्रश्न.4. छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहा उपयोग होता है?

छलनी का उपयोग दो ऐसे घटकों को अलग करने के लिए किया जाता है, जिनका आकार अलग-अलग विधि का होता है, जिन्हें छालन  कहा जाता है। छालन भिन्न-भिन्न आकार के मिश्रण के घटकों के अलग करने की एक विधि है जिसमें एक विशेष आकार के कणों को छननी के छोटे-छोटे छेदों से अलग किया जाता है, जबकि बड़े कण छननी में ही रह जाता है।इसका उपयोग निम्न मिश्रण के घटकों को अलग करने के लिए किया जाता है।उपयोग: इस विधि का उपयोग रेत से आटा और कंकड़ से चोकर निकालने के लिए किया जाता है।


प्रश्न.5. रेत और जल के मिश्रण से आप रेत और जल को कैसे पृथक करेंगे?

रेत और पानी के धूल के कणों के मिश्रण में बर्तन के तल तक, तल में भारी कणों के बसने को अवसादन कहा जाता है।  जब धूल के साथ पानी को हटा दिया जाता है, तो प्रक्रिया को विघटन कहा जाता है।  इस विधि का उपयोग रेत और पानी को अलग करने के लिए किया जाता है।


प्रश्न.6. आटे और चीनी के मिश्रण से  क्या चीनी को पृथक करना संभव है? अगर हां, तो आप इसे कैसे करेंगे।

हां, गेहूं के आटे और चीनी को पानी में घोलें, चीनी पानी में घुल जाएगी।  छानने के साथ चीनी के पानी को सीप करें और स्टीयर में पानी को वाष्पित करने के पीछे छोड़ दें।  चीनी के समाधान के क्रिस्टलीकरण द्वारा चीनी को अलग किया जा सकता है। इसको पृथक करने की विधि चालन विधि कहलाती है।


प्रश्न.7. पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वछं जल कैसे प्राप्त करेंगे?

पंकिल जल के एक नमूने को गिलास में लीजिए इसको आधा घंटा बिना हिलाये पड़ा रहने दें। थोड़ी देर बाद गिलास की तली में कुछ मिट्टी बैठ जाती है, क्योंकि मिट्टी के कण भारी होते हैं। अब जल को बिना हिलाए गिलास को थोडा तिरछा कीजिए। उस गिलास के ऊपर के जल को दूसरे गिलास में उड़ेलिए। इस प्रक्रम को निस्तारण कहते हैं। यदि गिलास का जल अब भी पंकिल अथवा भूरे रंग का है तब इसका निस्यंदन करो। निस्यंदन करने के लिए फिल्टर पेपर का प्रयोग करके पंकिल जल को शुद्ध करिए। जल में अशुधियां फिल्टर पेपर पर रह जायेंगी। इस प्रकार पंकिल जल स्वच्छ हो जाता है।


प्रश्न 8 – रिक्त स्थानो को डरिए:-
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक करने की विधि को ______ कहते हैं।
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध् को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया ______  कहलाती है।
(ग) समुद्र के जल से नमक ______ प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैंठ जाती हैं। इसके पश्चात स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को ______ कहते हैं।

(क) थ्रेसिंग
(ख) छानन
(ग) वाष्पन
(घ) अवसादन और निस्तारण  


प्रश्न.9. सत्य अथवा असत्य?
(क) दूध् और जल के मिश्रण को निस्यंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है।
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं।
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है।
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।

(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य 


प्रश्न.10. जल में चीनी तथा निम्बू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ ढालकर इसे ठंडा करना चाहते है, इसके लिए शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने से पहले डालेगे या बाद में? किस प्रकरण में चीनी घोलना अधिक संभव होगा?

चीनी को घोलने के बाद बर्फ को नींबू में मिलाया जाता है क्योंकि अगर बर्फ को पहले जोड़ा जाता है, तो चीनी कम घुल जाएगी।  यदि पानी को गर्म किया जाता है, तो बड़ी मात्रा में चीनी को भंग करना संभव हो सकता है।

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