प्रश्न.1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:-
(क) सूक्ष्मजीवों को ______ की सहायता से देखा जा सकता है।
(ख) नीले-हरे शैवाल वायु से _____ का स्थिरीकरण करते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
(ग) एल्कोहल का उत्पादन _____ नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
(घ) हैजा ____ के द्वारा होता है।
(क) सूक्ष्मदर्शी
(ख) नाइट्रोजन
(ग) खमीर
(घ) जीवाणु
प्रश्न.2. सही शब्द के आगे (√) का निशान लगाइए:-
(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है:-
(i) चीनी
(ii) एल्कोहल
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(iv) ऑक्सीजन
सही उत्तर (ii) एल्कोहल
(ख) निम्न में से कौन सा प्रतिजैविक है?
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(iii) एल्कोहल
(iv) यीस्ट
सही उत्तर (ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है :-
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(ii) कॉकरोच
(iii) घरेलु मक्खी
(iv) तितली
सही उत्तर (i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है:-
(i) चींटी
(ii) घरेलू मक्खी
(iii) ड्रेगन मक्खी
(iv) मकड़ी
सही उत्तर (ii) घरेलू मक्खी
(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है इसका कारण है:-
(i) ऊष्णता
(ii) पीसना
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(iv) माढ़ने के कारण
सही उत्तर (iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(च) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है:-
(i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ii) मोल्डिंग
(iii) किण्वन
(iv) संक्रमण
सही उत्तर (iii) किण्वन
प्रश्न.3. कॉलम – I के जीवों का मिलान कॉलम – II में दिए गए उनके कार्य से कीजिए:-
प्रश्न.4. क्या सूक्ष्म जीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं। यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते हैं?
सूक्ष्मजीव इतने छोटे होते है कि बिना यंत्र की सहायता से नहीं देखा जा सकता। इनमें से कुछ जैसे कि ब्रेड पर उगने वाले कवक को आवर्धक लेंस की सहायता से देखा जा सकता है जबकि अन्य बिना सूक्ष्मदर्शी की सहायता से दिखाई नहीं देते। इसलिए ये सूक्ष्मजीव कहलाते हैं।
प्रश्न.5. सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन कौन से हैं?
सूक्ष्मजीवों को चार मुख्य वर्गों में बाँटा गया है। यह वर्ग है, जीवाणु, कवक, प्रोटोजोआ एवं कुछ शैवाल। विषाणु भी सूक्ष्म जीव होते वो परन्तु वे अन्य सूक्ष्मजीवों से भिन्न है।
प्रश्न.6. वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
वायुमण्डलीय नाईट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीव :- राइजोबियम जीवाणु, मिट्टी में उपस्थित जीवाणु एवं नीले-हरे शैवाल।
प्रश्न.7. हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
- प्राचीन काल से ही सूक्ष्मजीवों का उपयोग एल्कोहल बनाने में किया जाता है।
- दही, ब्रेड एवं केक बनाने में।
- पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए।
- औषधि उत्पादन एवं कृषि में मृदा की उर्वरता में वृद्धि करने में।
- पनीर, आचार एवं अनेक खाद्य पदार्थों के उत्पादन में।
- बड़े स्तर पर एसिटिक एसिड के उत्पादन में सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है।
- औषधियों का स्त्रोत सूक्ष्मजीव है।
- मिट्टी को उपजाऊ बनाने में।
- चारा बनाने में सहायक।
- चमड़े को साफ करने के लिए।
प्रश्न.8. सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों का संक्षिप्त विवरण कीजिए।
सूक्ष्मजीव अनेक प्रकार से हानिकारक है। कुछ सूक्ष्मजीव मनुष्य, जंतुओं एवं पौधों में रोग उत्पन्न करते हैं। रोग उत्पन्न करने वाले ऐसे सूक्ष्मजीवों को रोगाणु अथवा रोगजनक कहते हैं। कुछ सूक्ष्मजीव भोजन, कपड़े एवं चमड़े की वस्तुओं को संदूषित कर देते हैं। मनुष्य में रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीव श्वास द्वारा पेय जल एवं भोजन द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। संक्रमित व्यक्ति अथवा जंतु के सीधे संपर्क में आने पर भी रोग का संचारण हो सकता है। सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले ऐसे रोग जो एक संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में वायु, जल, भोजन द्वारा फैलते है। इस प्रकार के कुछ रोग जैसे:- हैजा, सामान्य सर्दी – ज़ुकाम, चिकनपॉक्स एवं क्षय रोग। जब जुकाम से पीड़ित कोई व्यक्ति छींकता है तो सूक्ष्म बूंदों के साथ हज़ारों रोगकारक वायरस भी वायु में आ जाते । हमें भोजन को सदा ही ढककर रखना चाहिए।
प्रश्न.9. प्रतिजैविक क्या हैं? प्रतिजैविक लेते समय कौन – सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
यह वह औषधि है जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती है तथा उनकी वृद्धि को रोक देती है। जीवाणु और कवक से अनेक प्रतिजैविक औषधियों का उत्पादन हो रहा है। स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन और एरिथ्रोमाइसिन सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली प्रतिजैविक है जिन्हें कवक एवं जीवाणु से उत्पादित किया जाता है। किसी विशिष्ट प्रकार के सूक्ष्मजीव का संवर्धन करके प्रतिजैविक का उत्पादन किया जाता है जिन्हें अनेक रोगों की चिकित्सा में उपयोग में लाते हैं। सन् 1929 में अलेक्जेंडर फ्लैमिंग जीवाणु रोगों से बचाव हेतु एक संवर्धन पर प्रयोग कर रहे थे और अंत में ‘पेनिसिलिन’ नामक औषधि का अविष्कार किया। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि डॉक्टर की सलाह पर ही प्रतिजैविक की दवाई लेनी चाहिए तथा उस दवाई का कोर्स भी पूरा करना चाहिए।
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