प्रश्न.1. यदि दो वस्तुओं के मध्य की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार परिवर्तित होगा?
गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, दो वस्तुओं के बीच का आकर्षण बल होगा
जब दूरी को आधा कर दिया जाता है,
उनके बीच का आकर्षण बल 4 गुना हो जाएगा।
प्रश्न.2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल,
हम देखते हैं, F ∝ m परन्तु g, m पर निर्भर नहीं करता
अत: सभी गिरती हुई वस्तुओं के लिए त्वरण समान होगा। इसलिए एक भारी वस्तु, हलकी वस्तु की तुलना में तेज़ी से नहीं गिरती।
प्रश्न.3. पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के मध्य गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 106 m हैं )।
दिया है,
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 x 1024kg
पृथ्वी का अर्धव्यास (R) = 6.4 x 106m
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल का परिमाण,
प्रश्न.4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है। वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा हैं या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार, पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है, चंद्रमा भी उसी बल से पृथ्वी को आकर्षित करता है। ये बल समान तथा विपरीत होते हैं।
प्रश्न.5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
चंद्रमा भी पृथ्वी को उसी बल से आकर्षित करता है जिस बल से पृथ्वी चंद्रमा को। क्योंकि ये बल समान तथा विपरीत हैं और पृथ्वी, चंद्रमा से भारी है। अतः पृथ्वी में उत्पन्न त्वरण सूचित करने योग्य नहीं है।
प्रश्न.6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के मध्य की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
गुरुत्वाकर्षण बल, F = G
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुनी कर देने पर।
नया बल होगा,
(ii) (a) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर,
वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल एक चौथाई हो जाएगा।
(b) वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर,
वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल 1/9 वां भाग हो जाएगा।
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर देने पर,
दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने करने पर गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।
प्रश्न.7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?
(i) हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल
(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की
(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति
(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार भाटा
प्रश्न.8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
मुक्त पतन वह त्वरण है जो किसी वस्तु के पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण नीचे गिरने से उत्पन्न होता है। पृथ्वी की सतह के निकट इसका मान 9.8ms2 है।
प्रश्न.9. पृथ्वी एवं किसी वस्तु के मध्य गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल को वस्तु का भार कहा जाता है।
प्रश्न.10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? ( संकेतः ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
नहीं, g का मान ध्रुवों की अपेक्षा विषुवत वृत्त पर कम है। अतः ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोने का भार विषुवत वृत्त पर कम होगा। अतः मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा।
प्रश्न.11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
कागज़ की शीट उसी प्रकार की गेंद की अपेक्षा अपने अधिक पृष्ठ क्षेत्रफल के कारण अधिक वायु का अधिक प्रतिरोध अनुभव करती है। अतः कागज़ की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गेंद से धीमी गिरती है।
प्रश्न.12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान = 6 kg
पृथ्वी पर वस्तु का द्रव्यमान = 6 kg
वस्तु का पृथ्वी पर भार = mg = 10 × 9.8 = 98 N
वस्तु का चंद्रमा पर भार = 1/6 x 98 = 16.3N
प्रश्न.13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए:
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
(i)
(ii) v = u + gt
प्रश्न.14. 19.6m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
यहाँ, u = 0, g = -9.8ms-2, s = -19.6 m
जैसा कि, v2 – u2 = 2gs
⇒ v2– 02 = 2x (-9.8) x (-19.6)
⇒ v2= (19.6)2
⇒ v = -19.6 m/s
ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि वेग की दिशा नीचे की ओर है।
प्रश्न.15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10ms-2 लेते हुए पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
यहाँ, u = 40m/s, g = 10ms-2
अधिकतम ऊँचाई. h पर अंतिम वेग
v = 0
⇒v2 – u2 = 2gs⇒ 02 – 402 = 2 × (-10) h
कुल तय की गई दूरी = h + h = 80 + 80 = 160m
नेट विस्थापन = 80 - 80 = 0m
प्रश्न.16. पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के मध्य औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
Me = 6 x 1024 kg, Ms = 2 x 1030, r = 1.5 x 1011 m
प्रश्न.17. कोई पत्थर 100m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।
माना कि दोनों पत्थर ‘t’ समय के पश्चात ऊँचाई ‘x’ पर मिलेंगे।
पत्थर ‘A’ की (नीचे) की ओर गति के लिए u = 0, g = -10ms-2, s = ( – 100 – x)
हम जानते हैं कि
⇒ – (100-x) = 0 – 1/2 x 10 x t2 …..(1)
पत्थर ‘B’ की (ऊपर) की ओर गति के लिए
u = +25 m/s
g = – 10ms-2, s = + x
जैसा कि,
⇒ +x = 25t – 1/2 x10t2 ….. (2)
(2) में से (1) घटाने पर,
⇒ 100 = 25t
⇒ t = 4s या
(2) से,
⇒ x = 25 x 4 – ½ x 10 x (4)2
= 100 – 80 = 20m.
अत: दोनों पत्थर 4 s के पश्चात् पृथ्वी से 20m की ऊँचाई पर मिलेंगे।
प्रश्न.18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4 s पश्चात् गेंद की स्थिति।
ऊपर जाने का समय = नीचे की ओर आने का समय
= 6/2 = 3s
(a) गेंद की ऊपर की ओर गति के लिए, v = 0, t = 3s, g = – 9.8ms-2
जैसा कि
⇒ v = u + gt
⇒ 0 = u – 9.8 x 3
⇒ u = 9.8 x 3 = 29.4m/s,
(b) ऊँचाई,
⇒ s = ut + ½ gt2
= 29.4 x 3 – ½ x 9.8 x 32
= 88.2 – 44.1
= 44.1m
(c) गेंद की स्थिति 4s के बाद दी गई
⇒ 29.4 × 4 – ½ x 9.8 x 42
= 117.6 – 78.4 = 39.2
गेंद धरती से 39.2m की ऊँचाई पर है या 4.9 ऊपर से
प्रश्न.19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
वस्तु पर उत्प्लावन बल विस्थापित द्रव के गुरुत्वीय केंद्र में से ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा में लगता है। इस गुरुत्वीय केंद्र को उत्प्लावन केंद्र कहते हैं।
प्रश्न.20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की पृष्ठ पर क्यों आ जाता है?
प्लास्टिक का गुटका उत्प्लावन बल के कारण पानी की सतह पर आ जाता है।
प्रश्न.21. 50g के किसी पदार्थ का आयतन 20cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
पदार्थ का द्रव्यमान = 50g
पदार्थ का आयतन = 20cm3
पानी का घनत्व = 1gcm-3
अतः पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है, इसलिए पदार्थ पानी में डूबेगा।
प्रश्न.22. 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1gcm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
पैकेट का द्रव्यमान = 500g
पैकेट का आयतन = 350 cm3
मोहरबंद पैकेट का घनत्व (1.43g cm-3) पानी के घनत्व से (1g cm-3) अधिक है। अतः पैकट डूबेगा।
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