प्रश्न.1. क्षेत्रीय और आर्थिक समूहों के बनने के कारण दीजिए।
पिछले लगभग दो दशकों से वैश्वीकरण ने विश्व के प्रायः सभी देशों में तीन आर्थिक परिवर्तन किए हैं। इन परिवर्तनों के कुछ अल्पकालिक, तो कुछ दीर्घकालिक प्रभाव भी हैं। भारत भी कोई अपवाद नहीं है। अत: विश्व के सभी राष्ट्र अपनी अर्थव्यवस्थाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने के लिए अनेक उपाय अपनाते रहे हैं। इस उद्देश्य की प्राप्ति में उन्हें क्षेत्रीय एवं आर्थिक समूह बनाना सहायक प्रतीत होता है।
प्रश्न.2. वे विभिन्न साधन कौन-से हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं?
निम्नलिखित साधनों के द्वारा देश अपनी घरेलू व्यवस्था को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं
- राष्ट्र विभिन्न प्रकार का क्षेत्रीय एवं आर्थिक समूहों जैसे आसियान, सार्क, जी-8, जी-20 ब्रिक्स आदि बना रहे हैं।
- राष्ट्र आर्थिक सुधार लागू कर रहे हैं और इस तरह अन्य देशों के लिए अपने देश की अर्थव्यवस्था को खोल रहे हैं।
- विभिन्न राष्ट्र इस बात के लिए काफी उत्सुकता दिखा रहे हैं कि वे अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करें। इससे उन्हें अपने पड़ोसी देशों की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
प्रश्न.3. वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौन-सी हैं जिनका भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?
भारत और पाकिस्तान की विकासात्मक पथ की समानताओं को सारांश रूप में नीचे दिया गया है
- दोनों ने अपनी विकास की ओर यात्रा 1947 में एक साथ मिलती-जुलती समस्याओं जैसे विभाजन की समस्याएँ और शरणार्थियों को पुनर्वासित करने की समस्या आदि के साथ शुरू किया। भारत ने अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना 1951 में उद्घोषित की जबकि पाकिस्तान ने 1956 में अपनी मध्यकालिक योजना की उद्घोषणा की।
- दोनों ने विकास के लिए मिश्रित अर्थव्यवस्था प्रणाली को अपनाया। दोनों अर्थव्यवस्थाओं में सार्वजनिक और निजि का सह-अस्तित्व रहा।
- दोनों ही देशों ने सार्वजनिक क्षेत्रक को अधिक महत्त्व दिया। दोनों ही देशों ने एक बड़ा सार्वजनिक क्षेत्रक बनाया और सामाजिक विकास के लिए सार्वजनिक व्यय को बढ़ाया।
- दोनों ही देशों ने लगभग समान समय पर आर्थिक सुधार लागू किए। पाकिस्तान ने आर्थिक सुधार 1988 में और भारत ने 1991 में लागू किए।
- दोनों ही देशों ने आर्थिक सुधार इच्छा से नहीं, दबाव के कारण शुरू किए।
प्रश्न.4. 1958 में प्रारंभ की गई चीन के ग्रेट लीप फॉरवर्ड अभियान की व्याख्या कीजिए।
1958 में चीन द्वारा ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ नामक अभियान शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का । औद्योगिकीकरण करना था।
- ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ का उद्देश्य कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को तीव्र औद्योगिकरण के द्वारा एक आधुनिक अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना था।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को अपने घर के पास उद्योग शुरू करने की प्रेरणा दी गई।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कम्यून पद्धति शुरू की गई। कम्यून पद्धति के अनुसार, लोग सामूहिक रूप से खेती करते थे। 1958 में 26000 कम्यून थे जिसमें समस्त कृषक शामिल थे।
- जी.एल.एफ. अभियान में काफी समस्याएँ आई जब भयंकर सूखे ने चीन में तबाही मचा दी जिसमें लगभग 30 मिलियन लोग मारे गए।
प्रश्न.5. चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी, क्या आप इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।
हाँ, हम इस कथन से सहमत हैं कि चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी।
- चीन में सुधार चरणों में लागू किए गए। सबसे पहले कृषि, विदेशी व्यापार और निवेश क्षेत्रकों में सुधार किए गए। कृषि क्षेत्रक में कम्यून भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में बाँट दिया गया जिन्हें अलग-अलग परिवारों में आबंटित किया गया।
- फिर इन सुधारों को औद्योगिक क्षेत्रक तक फैलाया गया। निजी फर्मों को विनिर्माण इकाइयाँ लगाने की अनुमति दे दी गई। स्थानीय लोगों और सहकारिताओं को भी उत्पादन की अनुमति दे दी गई। इस अवस्था में सार्वजनिक क्षेत्रक अथवा राज्य के उद्यमों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
- इससे दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति लागू करनी पड़ी। इसका अर्थ यह है कि कीमत का निर्धारण दो प्रकार से किया जाता था। किसानों और औद्योगिक इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे सरकार द्वारा निर्धारित की गई कीमतों के आधार पर आगतें एवं निगतों की निर्धारित मात्राएँ खरीदेंगे और बेचेंगे और शेष वस्तुएँ बाजार कीमतों पर खरीदी और बेची जाती थीं।
- विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित किए गए।
प्रश्न.6. पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए किए गए विकासात्मक पहलों का उल्लेख कीजिए।
पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए किए गए विकासात्मक पहलों को नीचे सारांश रूप में दिया गया है|
- पाकिस्तान में सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रकों के सह-अस्तित्व वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का अनुसरण किया गया।
- 1950 और 1960 के दशकों के अंत में पाकिस्तान के अनेक प्रकार की नियंत्रित नीतियों का प्रारूप लागू किया गया। उक्त नीति में उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण के लिए प्रशुल्क संरक्षण करना तथा प्रतिस्पर्धी आयातों पर प्रत्यक्ष आयात नियंत्रण शामिल था।
- हरित क्रांति के आने से यंत्रीकरण का युग शुरू हुआ और चुनिंदा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सरकारी निवेश में वृद्धि हुई, जिसके फलस्वरूप खाद्यान्नों के उत्पादन में भी अंत तक वृद्धि हुई।
- 1970 के दशक में पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण हुआ। 1970 और 1980 के दशकों के अंत में अराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया गया है तथा निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित किया जा रहा था। इस अवधि के दौरान पाकिस्तान को पश्चिमी राष्ट्रों से भी वित्तीय सहायता प्राप्त हुई और मध्य पूर्व देशों को जाने वाले प्रवासियों से निरंतर पैसा मिला।
- 1988 में देश में सुधार शुरू किए गए।
प्रश्न.7. चीन में एक संतान’ नीति का महत्त्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?
चीन में एक संतान’ नीति का महत्त्वपूर्ण निहितार्थ नीचे दिया गया है
- चीन में एक संतान’ नीति ने सफलतापूर्वक जनसंख्या वृद्धि दर को कम किया है।
- कुछ दशकों के बाद चीन में युवा लोगों की तुलना में बुजुर्ग लोगों का अनुपात बढ़ जाएगा।
- इससे चीन कम कार्यकर्ताओं के साथ अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने पर मजबूर होगा।
प्रश्न.8. चीन, पाकिस्तान और भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
चीन द्वारा एक संतान नीति 1979 से अपनाए जाने के फलस्वरूप जनसंख्या वृद्धि दर 1979 के 1.33% से 2005 में 0.64% तक कम हो गया है।
(i) जनसंख्या संवृद्धि दर देश(ii) निम्न जनसंख्या घनत्व -
(iii) शहरीकरण -
(iv) लिंग अनुपात -
प्रश्न.9. मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
मानव विकास के विभिन्न संकेतक इस प्रकार हैं:
- मानव विकास सूचकांक-इसका मूल्य जितना कम हो प्रदर्शन उतना बेहतर माना जाता है तथा इसके विपरीत।
- जन्म के समय जीवन प्रत्याशा-इसका उच्च मान बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- प्रौढ़ साक्षरता दर-इसका उच्च मान बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- सकल राष्ट्रीय आय प्रति व्यक्ति-इसका उच्च मान बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरित।
- निर्धनता रेखा के नीचे खरीबी-एक निम्न स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- शिशु मृत्यु दर-एक निम्न स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- मातृ मृत्यु दर-एक निम्न स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- उत्तम जल तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या (%)-एक उच्च स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- उत्तम स्वच्छता तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या (%)-एक उच्च स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
- नगरों में रहने वाली जनसंख्या-इसका उच्च स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है।
- निर्भरता अनुपात-इसका निम्न स्तर बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है तथा इसके विपरीत।
प्रश्न.10. स्वतंत्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए। स्वतंत्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण दीजिए।
यह सामाजिक और आर्थिक निर्णय लेने में जनसंख्यिकीय भागीदारी का एक सूचक है। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं
- सामाजिक व राजनैतिक निर्णय प्रक्रिया में लोकतांत्रिक भागेदारी।
- नागरिकों के अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा।
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए संवैधानिक संरक्षण की सीमा या न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संरक्षण देने के लिए संवैधानिक सीमा।
प्रश्न.11. उन विभिन्न कारकों का मूल्यांकन कीजिए जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि (तीव्र आर्थिक विकास हुआ) हुई।
जी.एल.एफ. अभियान-1958 में एक ग्रेट लीप फॉरवर्ड अभियान शुरू किया गया जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगिकीकरण करना था। इसके अंतर्गत लोगों को अपने घर के पास उद्योग लगाने के लिए प्रेरित किया गया। 1958 में 26,000 ‘कम्यून’ थे जिनमें प्रायः समस्त कृषक शामिल थे।
- महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति-1965 में माओं ने महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति का आरंभ किया (1966-1976) छात्रों और विशेषज्ञों को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने और अध्ययन करने के लिए भेजा गया।
- 1978 के आर्थिक सुधार-संप्रति चीन में जो तेज औद्योगिक संवृद्धि हो रही है, उसकी जड़े 1978 में लागू किए गए सुधारों में खोजी जा सकती है। प्रारंभिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार और निवेश क्षेत्रकों में सुधार किए गए। बाद के चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार आरंभ किए गए।
- दोहरी कीमत प्रणाली-सुधार प्रक्रिया में दोहरी कीमत निर्धारण प्रणाली लागू की गई। इसके अतिरिक्त विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किए गए।
प्रश्न.12. भारत, चीन और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित विशेषताओं को तीन शीर्षकों के अंतर्गत समूहित कीजिये
प्रश्न.13. पाकिस्तान में धीमी संवृद्धि तथा पुनः निर्धनता के कारण बताइए।
पाकिस्तान में धीमी संवृद्धि तथा निर्धनता के पुनः निर्धनता के निम्नलिखित कारण बताइए
- कृषि संवृद्धि और खाद्य पूर्ति, तकनीकी परिवर्तन संस्थागत प्रक्रिया पर आधारित न होकर अच्छी फसल पर आधारित था। जब फसल अच्छी नहीं होती थी तो आर्थिक संकेतक नकारात्मक प्रवृत्तियाँ दर्शाते थे।
- पाकिस्तान में अधिकांश विदेशी मुद्रा मध्य पूर्व में काम करने वाले पाकिस्तानी श्रमिकों की आय प्रेषण तथा अति अस्थिर कृषि उत्पादों के निर्यातों से प्राप्त होती है।
- विदेशी ऋणों पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी, तो दूसरी ओर पुराने ऋणों को चुकाने में कठिनाई बढ़ती जा रही थी।
प्रश्न.14. कुछ विशेष मानव विकास संकेतकों के संदर्भ में भारत, चीन और पाकिस्तान के विकास की तुलना कीजिए और उसका वैषम्य बताइए।
नीचे एक तालिका दी गई है जो भारत, पाकिस्तान और चीन के मानव विकास संकेतकों का एक तुलनात्मक अध्ययन कर रही है।
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि चीन, भारत और पाकिस्तान से अनेक संकेतकों में अग्रणी है। पाकिस्तान भारत की तुलना में शहरीकरण, पेय स्वच्छ जल की धारणीय पहुँच तथा निर्धनता रेखा में अग्रणी है।
प्रश्न.15. पिछले दो दशकों में चीन और भारत में देखी गई संवृद्धि दरों की प्रवृत्तियों पर टिप्पणी दीजिए।
पिछले दो दशकों में चीन और भारत की संवृद्धि दरें नीचे दी गई हैं। 1980-2003 में सकल घरेलू उत्पाद की संवृद्धि दर
(क) चीन का सकल घरेलू उत्पाद US $ क 7.2 ट्रीलियन के साथ विश्व में दूसरे स्थान पर है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद $ 3.3 ट्रीलियन था।
(ख) चीन की संवृद्धि दर 10.3% की दर पर दोहरे अंकों में थी जबकि भारत के लिए यह आँकड़े 5.7% थी।
प्रश्न.16. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को भरिए।
(क) 1956 में ________में प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू हुई थी। (पाकिस्तान/चीन)
(ख) मातृ मृत्यु दर ________में अधिक है। (चीन/पाकिस्तान)
(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात ________में अधिक है। (भारत/पाकिस्तान)
(घ) ________में आर्थिक सुधार 1978 में शुरू किए गए थे। (चीन/पाकिस्तान)
(क) पाकिस्तान
(ख) पाकिस्तान
(ग) भारत
(घ) चीन
916 docs|393 tests
|
916 docs|393 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|