केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विभिन्न योजनाओं के अभिसरण द्वारा 1 लाख करोड़ रुपए परिव्यय वाली ‘‘सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी फूड स्टोरेज योजना/अनाज भंडारण योजना’’ को मंज़ूरी प्रदान की है। प्रखंड स्तर पर अतिरिक्त विकेंद्रीकृत अनाज भंडारण का सृजन करने का नवीनतम निर्णय कृषि क्षेत्र को सशक्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
नई पहल कृषि कानूनों के दो सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करने पर केंद्रित है—पहला, बाज़ार अवसंरचना को सुदृढ़/विस्तारित करना और दूसरा, किसानों के लिये लाभकारी मूल्य (remunerative prices) सुनिश्चित करना।
हज़ारों टन अनाज को बाज़ार यार्ड में भीगते हुए और खराब होते हुए देखना दुर्भाग्यजन स्थिति है। बाज़ार यार्ड अपने परिसर में कृषि उपज को बुनियादी सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहते हैं। ये समस्याएँ उन अनाजों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं जिनकी हाल में कटाई की गई है और उन फसलों को भी प्रभावित करती हैं जिनकी कटाई होने वाली है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को भारी नुकसान होता है। कटाई उपरांत होने वाले नुकसान (post-harvest losses) को कम करना नई भंडारण अवसंरचना का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिये।
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