भारतीय मानसून की अनियमितता का संबंध हिंद महासागर द्विध्रुव से भी है। आस्ट्रेलियाई मौसम विज्ञान ब्यूरो के अनुसार भारत के दक्षिण-पश्चिम मानसून में होने वाली देरी आस्ट्रेलिया के ग्रीष्मकालीन मानसून को भी प्रभावित करती है। इससे पता चलता है कि किस प्रकार कोई ‘विशेष जलवायु घटना’ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भौगोलिक रूप से अपना प्रभाव छोड़ती है।
भारतीय मानसून पर प्रभाव के आधार पर IOD के तीन प्रकार हैं।
(i) तटस्थ/ सामान्य IOD:
(ii) नकारात्मक IOD:
(iii) सकारात्मक IOD:
वैज्ञानिकों ने लगभग 19.6 से 6.1 हज़ार वर्ष पहले अंतिम विहिमनदन अवधि के दौरान जलवायु परिवर्तन को समझने में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है।
भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में एक असामान्य घटना विकसित हो रही है, जो वर्ष 2023 में अल नीनो स्थितियों के उभरने का संकेत दे रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भूमध्यरेखीय प्रशांत के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों के एक साथ गर्म होने की प्रवृत्ति, जो कि आखिरी बार वर्ष 2009 में देखी गई थी, दुनिया भर में समुद्री जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
वर्ष 2023 में मानसून 8 जून को केरल तट पर पहुँचा, जो कि मानसून के आरंभ की सामान्य तिथि 1 जून की तुलना में विलंब है।
विलंबित शुरुआत का प्रभाव
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