Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  Hindi (Vasant II) Class 7  >  Long Question Answer: शाम- एक किसान

Long Question Answer: शाम- एक किसान | Hindi (Vasant II) Class 7 PDF Download

प्रश्न 1. “आकाश का साफा बाँधकर
सूरज कि चिलम खींचता
बैठा है पहाड़”
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
उपरोक्त पंक्तियों के अनुसार  कवि ने सर्दियों की शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाने का प्रयास किया  है। उन्हें पहाड़ जो कि उन्हें  एक बैठे हुए किसान की तरह प्रतीत होता है और आकाश उसके सिर पर बँधी पगड़ी की तरह लिपटा हुआ सा दिखाई देता है।  पहाड़ जो सूरज की ऊर्जा को खींच रहा हो। उसकी तुलना एक किसान से की गयी है। और आकाश की तुलना एक पगड़ी के समान की गयी है।

प्रश्न 2."पलाश के जंगल की अंगीठी
अँधकार दूर पूर्व में"
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ लिखिए।
उत्तर: कविता में  कवि ने सर्दी की शाम के दृश्य को दिखाते हुए कहा है कि सर्दी की सांझ उन्हें एक किसान की तरह लगती है। और पलाश के पेड़ो पर लगे लाल रंग के पुष्प एक जलती हुई अंगीठी की तरह प्रतीत हो रहे है और पूर्व में क्षितिज घने अँधकार के सामान प्रतीत हो रहा है जिसका अर्थ है सूरज अस्त हो रहा है। 

प्रश्न 3."सुनते हो।
चिलम आँधी धुआँ उठा -
सूरज डूबा
अँधेरा  छा गया।"
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ लिखिए।
उत्तर: 
कवि सर्दी की शाम का दृश्य को किसान के रूप में दिखाते हुए कहते है कि पूरा दृश्य एकदम शांत प्रतीत होता है और तभी अचानक मोर बोलता है और ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई आवाज़ लगा रहा हो  "सुनते हो " इसके बाद यह दृश्य घटना में परिवर्तित हो जाता है।  चिलम उलट जाती है। आग बुझ जाती है। धुँआ उठने लगता है। सूरज डूब जाता है और शाम ढलने लगती है और रात का अँधेरा छा जाता है। 

प्रश्न 4. "घुटनो पर पड़ी है नदी चादर-सी,
पास ही दहक रही है"
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ लिखिए। 

उत्तर: कविता में कवि ने सर्दी की सांझ के समय के दृश्य का वर्णन किया है कवि के अनुसार पहाड़ उन्हें किसान के समान प्रतीत होता है और पहाड़ के नीचे से  बहती हुई नदी उन्हें एक चादर की तरह लगती  होती है और उन्हें यह दृश्य  ऐसा लगता है जैसे नदी पहाड़ के घुटनो पर चादर की तरह पड़ी हो।  शाम के समय पहाड़ किसी बैठे हुए किसान की तरह दिख रहा है और आसमान उसके सिर पर रखी किसी पगड़ी की तरह दिख रहा है। पहाड़ के नीचे बह रही नदी, किसान के घुटनों पर रखी किसी चादर जैसी लग रही है। पलाश के पेड़ों पर खिले लाल पुष्प कवि को अंगीठी में जलते अंगारों की तरह दिख रहे हैं। पूर्व में फैलता अंधेरा सिमटकर बैठी भेड़ों की तरह प्रतीत हो रहा है।

प्रश्न 5. सिमटा बैठा है भेड़ो के गल्ले-सा।
अचानक, बोला मोर।
जैसे किसी ने आवाज़ दी,
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ लिखिए। 

उत्तर: कवि ने सर्दियों की शाम के दृश्य का चित्रण किया है। उन्होंने शाम  के दृश्य की तुलना एक किसान से की है।  कवि को शाम का दृश्य देखने  में ऐसा लगता है कि पहाड़ ऐसे बैठा हो जैसे बहुत सारी भेड़ झुण्ड में एक साinथ बैठी हो। और पश्चिम दिशा में डूबता सूरज चिलम पर सुलगती आग के समान लग रहा हो। चारो तरफ शांति का माहौल है और फिर अचानक मोर बोलता है और ऐसा लगता है मानो किसी ने आवाज़ लगाई हो।

The document Long Question Answer: शाम- एक किसान | Hindi (Vasant II) Class 7 is a part of the Class 7 Course Hindi (Vasant II) Class 7.
All you need of Class 7 at this link: Class 7
17 videos|166 docs|30 tests

Top Courses for Class 7

17 videos|166 docs|30 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 7 exam

Top Courses for Class 7

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

past year papers

,

Exam

,

Important questions

,

shortcuts and tricks

,

video lectures

,

practice quizzes

,

Long Question Answer: शाम- एक किसान | Hindi (Vasant II) Class 7

,

ppt

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

mock tests for examination

,

study material

,

pdf

,

Summary

,

Long Question Answer: शाम- एक किसान | Hindi (Vasant II) Class 7

,

Viva Questions

,

Free

,

Long Question Answer: शाम- एक किसान | Hindi (Vasant II) Class 7

,

Sample Paper

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Extra Questions

,

Semester Notes

;