1. ऐसी बाँणी बोलिये, ... औरन कौ सुख होइ।।
कस्तूरी कुंडलि बसै, ... दुनियाँ देखै नाँहि।।
(क) मनुष्य को कैसी वाणी बोलनी चाहिए?
उत्तर:: मनुष्य को मीठी वाणी बोलनी चाहिए|
(ख) मीठी वाणी बोलने से सुनने वालों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर: मीठी वाणी बोलने से सुनने वालों को सुख और शान्ति प्राप्त होती है|
(ग) मृग कस्तूरी को कहाँ ढूँढता रहता है?
उत्तर: मृग कस्तूरी को जंगल में ढूँढता रहता है|
(घ) अज्ञानी व्यक्ति ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढता है?
उत्तर: अज्ञानी व्यक्ति ईश्वर को विभिन्न धार्मिक स्थानों में ढूँढता रहता है|
2. जब मैं था तब हरि नहीं, ... जब दीपक देख्या माँहि।।
सुखिया सब संसार है, .... जागै अरु रोवै।।
(क) मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति कब होती है?
उत्तर: जब मनुष्य के मन से अंहकार का नाश होता है तब ईश्वर की प्राप्ति होती है|
(ख) दीपक जलाने से क्या होता है?
उत्तर: दीपक जलाने से आस-पास का अन्धकार मिट जाता है और प्रकाश फ़ैल जाता है|
(ग) कबीर के अनुसार दुनिया क्यों सुखी है?
उत्तर: कबीर के अनुसार दुनिया इसलिए सुखी है क्योंकि वो केवल खाने और सोने का काम करती है, उन्हें किसी प्रकार की चिंता नहीं है|
(घ) कबीर क्यों दुखी हैं?
उत्तर: कबीर इसलिए दुखी हैं क्योंकि प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में रहते हैं।
3. बिरह भुवंगम तन बसै, ... जिवै तो बौरा होइ।।
निंदक नेडा राखिये, ... निरमल करै सुभाइ।।
(क) किस स्थिति में व्यक्ति पर कोई मन्त्र का असर नहीं होता?
उत्तर: जब किसी मनुष्य के शरीर के अंदर अपने प्रिय से बिछड़ने का साँप बसता है तब उसपर कोई मन्त्र का असर नहीं होता|(ख) ईश्वर वियोगी की हालत कैसी हो जाती है?
उत्तर: ईश्वर वियोगी की दशा पागलों की तरह हो जाती है?(ग) निंदा करने वाले व्यक्ति को कहाँ रखना चाहिए?
उत्तर: निंदा करने वाले व्यक्ति को सदा अपने पास रखना चाहिए|(घ) हम बिन साबुन-पानी के निर्मल कैसे रह सकते हैं?
उत्तर: निंदक को सदा अपने पास रखकर हम बिन साबुन-पानी के निर्मल रह सकते हैं|
4. पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुवा, ... पढ़ै सु पंडित होई।।
हम घर जाल्या आपणाँ, ... जे चले हमारे साथि।।
(क) कबीर के अनुसार कौन ज्ञानी नहीं बन पाया?
उत्तर: कबीर के अनुसार मोटी-मोटी पुस्तकें पढ़ने वाले व्यक्ति ज्ञानी नहीं बन पाए|(ख) कबीर के अनुसार पंडित कौन है?
उत्तर: कबीर के अनुसार जिसने प्रभु का एक अक्षर भी पढ़ लिया है, वह पंडित है|(ग) कबीर ने ज्ञान कैसे प्राप्त किया है?
उत्तर: कबीर ने मोह-माया रूपी घर को जलाकर ज्ञान प्राप्त किया है|(घ) कबीर के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर: कबीर के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिए मोह-माया के बंधनों से आजाद होना होगा|
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: मीठी वाणी बोलने से क्या होता है?
उत्तर: मीठी वाणी बोलने से सुनने वाले के मन से क्रोध और घृणा की भावना का नाश होता हैं। साथ ही खुद के तन और अपने हृदय को भी शीतलता मिलता है।
प्रश्न 2: मृग कस्तूरी को वन में क्यों ढूँढता रहता है?
उत्तर: कस्तूरी हिरण के नाभि में होती है परन्तु इस बात से अनजान हिरन कस्तूरी के सुगंध में मोहित होकर वन में ढूँढता रहता है|
प्रश्न 3: ईश्वर कहाँ निवास करता है और मनुष्य उसे कहाँ ढूँढता है?
उत्तर: ईश्वर प्रत्येक मनुष्य के हृदय में निवास करता है परन्तु अज्ञानता के कारण मनुष्य उसे देख नहीं पाता इसलिए मनुष्य ईश्वर को मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे और तीर्थ स्थलों में जाकर ढूँढता है।
प्रश्न 4: हमें निंदक को अपने पास क्यों रखना चाहिए?
उत्तर: हमें निंदक को अपने पास रखना चाहिए क्योंकि वे हमारे बुराइयों को बतायेंगे जिसे सुनकर हम उन बुराइयों को दूर कर पायेंगे| इस तरह हमारा स्वभाव बिना साबुन-पानी के स्वच्छ हो जाएगा|
प्रश्न 5: कबीर की साखियों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: कबीर की साखियों का मुख्य उद्देश्य जीवन को सही तरीके से जीने की शिक्षा देना है| कबीर ने इन साखियों में अपने प्रत्यक्ष ज्ञान का संकलन किया है जिससे मनुष्य जीवन के आदर्श मूल्यों को सीख सकता है| इनमें कबीर ने आडंबरों पर गहरी चोट की है और जीवन वास्तविक उद्देश्य यानी ईश्वर को जानने पर ध्यान दिया है|
प्रश्न 6: कबीर के अनुसार सच्चा ज्ञान क्या है?
उत्तर: कबीर के अनुसार पुस्तकों द्वारा पाया गया ज्ञान व्यर्थ है| सच्चा ज्ञान ईश्वर को जानना है क्योंकि वही एकमात्र सत्य है और कण-कण में व्याप्त है|
प्रश्न 7: 'ज्ञान प्राप्ति' का मार्ग कठिन क्यों है?
उत्तर: 'ज्ञान प्राप्ति' का मार्ग कठिन इसलिए है क्योंकि इसपर चलने के लिए हमें मोह-माया के बंधनों से आजाद होना पड़ता है| सुख और इससे जुड़ी सामग्री का त्याग करना पड़ता है|
प्रश्न. 8. मृग कस्तूरी को वन में क्यों ढूँढता फिरता है?
उत्तरः कस्तूरी मृग की नाभि में होती है किन्तु इस बात से अनजान वह उसकी सुगन्ध से उन्मत्त होकर उसे वन में खोजता है।
प्रश्न. 9. मृग किसका प्रतीक है?
उत्तरः मृग अज्ञानी जीव का प्रतीक है।
प्रश्न. 10. सच्चा भक्त किसे कहा गया है ?
उत्तरः कबीर के अनुसार, सच्चा भक्त वह है जो प्रभु के विरह में घायल हो, जिसने प्रभु के प्रेम का अनुभव किया हो। जो प्रियतम के मर्म का ज्ञाता हो।
प्रश्न. 11. कबीर के अनुसार ईश्वर का निवास कहाँ है ?
उत्तरः कबीर के अनुसार ईश्वर कण-कण में समाया हुआ है। वह प्रत्येक हृदय में रचा-बसा हुआ है। जैसा कि उन्होंने कहा है-ऐसे घटि-घटि राम हैं, दुनिया देखे नाँहि।
प्रश्न. 12. ईश्वर कण-कण में व्याप्त है पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते ?
उत्तरः ईश्वर कण-कण में व्याप्त है पर हम उसे उसी प्रकार नहीं देख पाते हैं, जैसे कस्तूरी मृग अपनी नाभि में स्थित कस्तूरी को ढूँढ़ नहीं पाता और वह उसे (कस्तूरी को) वन-वन (जंगल-जंगल) खोजता फिरता है।
प्रश्न. 13. ईश्वर से साक्षात्कार की अनुभूति कब होती है ?
उत्तरः हृदय से अहंकार समाप्त हो जाने पर ईश्वर से साक्षात्कार की अनुभूति होती है।
प्रश्न. 14. कवि ने किस अंधकार के मिटने की बात कही है ?
उत्तरः कवि ने अज्ञान के अन्धकार के मिटने की बात कही है।
प्रश्न. 15. किस स्थिति में मनुष्य पर मंत्र के उपचार का लाभ नहीं होता ?
उत्तरः जब मनुष्य ईश्वर के विरह में व्याकुल होता है तब उसे किसी भी मंत्र के उपचार से लाभ नहीं होता।
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1. साखी किस साहित्यिक विधा का उदाहरण है ? |
2. साखी में प्रमुख तत्व कौन से होते हैं ? |
3. साखी का उद्देश्य क्या होता है ? |
4. साखी की भाषा और शैली कैसी होती है ? |
5. साखी में कौन से प्रसिद्ध कवि शामिल हैं ? |
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