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Short Questions: हरिहर काका | Hindi Class 10 PDF Download

प्रश्न 1: हरिहर काका को पुलिस सुरक्षा क्यों प्रदान की गई?
उत्तर:
हरिहर काका पर दो बार आक्रमण किया गया था, जिसमें बाल-बाल उनकी जान बची। एक बार ठाकुरबारी के साधु-संतों ने हरिहर काका का अपहरण कर लिया था और जान से मारने की कोशिश की। इसी प्रकार अपनी ज़मीन भाइयों के नाम नहीं करने पर उनके सगे भाइयों ने उन्हें कह दिया कि वे हरिहर को मारकर ज़मीन में गाड़ देंगे। अगर समय पर पुलिस नहीं आती, तो शायद हरिहर काका की जान भी जा सकती थी । हरिहर काका की जान की सुरक्षा व अपहरण से बचाने के लिए उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई।

प्रश्न 2: लेखक ठाकुरबारी से घनिष्ठ संबंध क्यों न बना सका?
उत्तर: 
लेखक मन बहलाने के लिए कभी-कभी ठाकुरबारी में जाता था लेकिन वहाँ के साधु-संत उसे फूटी आँखों नहीं सुहाते। वे काम-धाम करने में कोई रुचि नहीं लेते हैं। ठाकुर जी को भोग लगाने के नाम पर दोनों जून हलवा-पूड़ी खाते हैं और आराम से पड़े रहते हैं। उन्हें अगर कुछ आता है तो सिर्फ बात बनाना आता है। ठाकुरबारी के साधु-संतों की अकर्मण्यता और उनकी बातूनी आदतों के कारण लेखक ठाकुरबारी से अपना घनिष्ठ संबंध नहीं बना सकता।

प्रश्न 3: हरिहर काका की दयनीय स्थिति का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
हरिहर काका की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। इस भरी दुनिया में वे अकेले रहने लगे। उनके मन में भय, उदासी, हताशा व निराशा ने घर कर लिया था। उनका एक बार अपहरण भी कर लिया गया था। उनके भाइयों ने और ठाकुरबारी के साधु, संतों ने उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा भी था। उनको जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इसके अतिरिक्त उनकी दो-दो पत्नियाँ स्वर्ग सिधार चुकी थी। वे निःसंतान थे। इस भरी दुनिया में वे अकेले रहने पर विवश थे। वे मज़बूर व लाचार थे, असहाय थे।

प्रश्न 4: हरिहर काका ने सबसे बात करना बंद क्यों कर दिया था?
उत्तर:
हरिहर काका के साथ उनके भाइयों ने और परिवार के अन्य सदस्यों ने दुर्व्यवहार किया था, हरिहर काका को जान से मारने की कोशिश की थी। हरिहर काका को जान से मारने की कोशिश की थी। हरिहर काका को जिस महंत पर विश्वास था उसने भी काका के विश्वास को तोड़ा था । हरिहर काका पूरी तरह सदमें में थे। उनके मन में रिश्तों के प्रति कडुवाहट और अविश्वास की भावना घर कर गई थी इसीलिए काका ने सबसे बात करना बंद कर दिया था। वे उदास परेशान व निराश रहने लगे थे।

प्रश्न 5: हरिहर काका ने अपना गुस्सा घर की औरतों पर किस तरह उतारा? उनकी इस प्रतिक्रिया को आप कितना उचित समझते हैं?
उत्तर:
हरिहर काका ने अपना गुस्सा घर की औरतों पर उतारते हुए कहा, ‘समझ रही हो कि मुफ्त में खिलाती हो, तो अपने मन से यह बात निकाल देना। मेरे हिस्से के खेत की पैदावार इसी घर में आती है। उसमें तो मैं दो-चार नौकर रख लूं, आराम से खाऊँ, तब भी कमी नहीं होगी। मैं अनाथ और बेसहारा नहीं हूँ। मेरे धन पर तो तुम सब मौज कर रही हो, लेकिन अब मैं तुम सब को बताऊँगा।” उनकी इस प्रतिक्रिया को उचित नहीं कहा जा सकता क्योंकि इससे बात बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना अधिक थी।

प्रश्न 6: ठाकुरबारी के विषय में लोगों के क्या विचार थे?
उत्तर: 
ठाकुरबारी के विषय में लोगों के मन में बहुत अंधविश्वास भरा था। लोगों को लगता था कि अगर उनके घर पुत्र का जन्म हुआ है तो ठाकुर जी की कृपा से । अगर मुकदमों में जीत हुई है तो ठाकुर जी की कृपा से। अगर उनके खेतों में अच्छी फ़सल आई है तो वह भी ठाकुर जी की कृपा से ही आई है। अगर 'लड़की' की शादी तय हुई है तो वह ठाकुर जी की कृपा से ही तय हुई है। लोगों के खलिहान में फ़सल आने पर प्रथम फ़सल ठाकुर जी के नाम ही कर दिया जाता था ।

प्रश्न 7: परिवार वालों से हरिहर काका के असंतुष्ट होने की बात महंत को कैसे पता चली? यह सुनकर महंत ने क्या किया?
उत्तर: 
हरिहर काका जिस वक्त घर की औरतों को खरी-खोटी सुना रहे थे, उसी वक्त ठाकुरबारी के पुजारी जी उनके दालान पर ही विराजमान थे। वार्षिक हुमाध के लिए वह घी और शकील लेने आए थे। उन्होंने लौटकर महंत जी को विस्तार के साथ सारी बात बताई। उनके कान खड़े हो गए। यह सुनकर हाथ आए अवसर का लाभ उठाने के लिए महंत जी ने टीका तिलक लगाया और कंधे पर रामनामी लिखी चादर डाल ठाकुरबारी से चल पड़े।

प्रश्न 8: हरिहर काका का दिल जीतने के लिए ठाकुरबारी के महंत जी ने क्या-क्या उपाय अपनाया?
उत्तर: 
हरिहर काका का दिल जीतने के लिए महंत जी ने स्वादिष्ट भोजन खिलाने और धर्म-चर्चा करने जैसे उपाय अपनाए। उन्होंने रात में हरिहर काका को भोग लगाने के लिए जो मिष्टान्न और व्यंजन दिए, वैसे उन्होंने कभी नहीं खाए थे। घी टपकते मालपुए, रस बुनिया, लड्डू, छेने की तरकारी, दही, खीर…। इन्हें पुजारी जी ने स्वयं अपने हाथों से खाना परोसा था। पास में बैठे महंत जी धर्म-चर्चा से मन में शांति पहुँचा रहे थे।

प्रश्न 9: हरिहर काका परिवार वालों का बदलता व्यवहार आपको क्या सोचने के लिए विवश करता है? कहानी के आधार पर बताएँ ।
उत्तर:
हरिहर काका के परिवार वालों का बदलता व्यवहार समाज की संवेदनहीनता एवम् स्वार्थपरता का परिचय देता है। आधुनिक समाज में रिश्तों का महत्त्व बहुत कम हो गया है। लोगों के मन में धन के प्रति लालच की भावना बढ़ गई है। हमारे चारों तरफ़ अविश्वास का वातावरण बढ़ रहा है। इसलिए हमें सावधान रहने की आवश्यकता है । हरिहर काका की भाँति रह रहे बड़े बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता होने की आवश्यकता है।

प्रश्न 10: हरिहर काका द्वारा ठाकुरबारी के नाम जमीन लिखने में हो रही देरी के बारे में महंत जी ने क्या अनुमान लगाया? इसके लिए उन्हें क्या विकल्प नजर आया?
उत्तर:
हरिहर काका द्वारा ठाकुरबारी के नाम जमीन लिखने में जो देरी हो रही थी, उसके बारे में महंत जी ने यह अनुमान लगाया कि हरिहर धर्म-संकट में पड़ गया है। एक ओर वह चाहता है कि ठाकुर जी को लिख दें, किंतु दूसरी ओर भाई के परिवार के माया-मोह में बँध जाता है। इस स्थिति में हरिहर का अपहरण कर जबरदस्ती उससे लिखवाने के अतिरिक्त दूसरा कोई विकल्प नहीं। बाद में हरिहर स्वयं राजी हो जाएगा।

प्रश्न 11: उम्र का फासला भी आत्मीय संबंधों के बीच बाधा नहीं बनता - कथावाचक और हरिहर काका के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कथावाचक और हरिहर काका के बीच बड़े ही मधुर व आत्मीय संबंध थे । हरिहर काका के प्रति कथावाचक की दोस्ती और कथावाचक के प्रति हरिहर काका का अनन्य प्रेम यह स्पष्ट कर देता है कि उम्र का फासला आत्मीय संबंधों के बीच बाधा नहीं बन सकता। हरिहर काका लेखक को (जब वह छोटा था) अपने कंधों पर बैठा कर घुमाते थे । वे दोनों आपस में खुल कर बातें करते थे।

प्रश्न 12: 'यह कहानी अंध भक्ति और ठाकुरबारी के चरित्र को उजागर करती है' सोदाहरण स्पष्ट करें।
उत्तर: 
लोग ठाकुरबारी के प्रति मान्यता रखते थे कि उनकी कृपा से ही लोगों को पुत्र की प्राप्ति होगी, मुकद्दमों में जीत होगी, अच्छी फसल होगी, लड़की की शादी अच्छे घर में होगी, लड़कों को नौकरी मिलेगी आदि अंधविश्वासों से लोग भरे हुए थे। उनका मानना था कि ठाकुरबारी में प्रवेश करते ही उनके सारे पाप धुल जाते हैं और वे पवित्र हो जाते हैं। जबकि सत्य यह था कि ठाकुरबारी के साधु-संत कोई काम-धाम नहीं करते थे, दोनों जून हलवा पूड़ी खाते थे, दिन भर बातें बनाते थे और आराम से पड़े रहते थे।

प्रश्न 13: महंत जी ने हरिहर काका का अपहरण किस तरह करवाया?
उत्तर:
हरिहर काका से उनकी जमीन का वसीयत करवाने के लिए महंत जी ने उनके अपहरण का रास्ता अपनाया। इसके लिए आधी रात के आसपास ठाकुरबारी के साधु-संत और उनके पक्षधर भाला, आँडासा और बंदूक से लैस एकाएक हरिहर काका के दालान पर आ धमके। हरिहर काका के भाई इस अप्रत्याशित हमले के लिए तैयार नहीं थे। इससे पहले कि वे जवाबी कार्रवाई करें और गुहार लगाकर अपने लोगों को जुटाएँ, तब तक ठाकुरबारी के लोग उनको पीठ पर लादकर चंपत हो गए।

प्रश्न 14: हरिहर काका को छुड़ाने में असफल रहने पर उनके भाई क्या सोचकर पुलिस के पास गए?
उत्तर: 
हरिहर काका के भाई उन्हें ठाकुरबारी से छुड़ा पाने में असफल रहे तो वे यह सोचकर पुलिस के पास गए कि जब वे पुलिस के साथ ठाकुरबारी पहुँचेंगे तो ठाकुरबारी के भीतर से हमले होंगे और साधु-संत रँगे हाथों पकड़ लिए जाएँगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ठाकुरबारी के अंदर से एक रोड़ा भी बाहर नहीं आया। शायद पुलिस को आते हुए उन्होंने देख लिया था।

प्रश्न 15: भाइयों की किन बातों से हरिहर काका का दिल पसीज गया और वे ठाकुरबारी से घर लौट आए?
उत्तर:
ठाकुरबारी में एक सुंदर कमरे में एक सुंदर पलंग पर बैठे हरिहर काका सेवकों से घिरे हुए थे। उसी समय सुबह तड़के ही तीनों भाई ठाकुरबारी जाकर हरिहर काका के पैर पकड़कर रोने लगे। अपनी पत्नियों की गलती के लिए माफ़ी माँगी तथा दंड देने की बात कही। साथ ही खून के रिश्ते की भी माया फैलाई, जिससे हरिहर काका का दिल पसीज गया और वे ठाकुरबारी से घर लौट आए।

प्रश्न 16: तीसरी शादी करने से हरिहर काका ने क्यों मना कर दिया?
उत्तर:
तीसरी शादी करने से हरिहर काका ने मना कर दिया क्योंकि उनकी उम्र धीरे-धीरे ढल रही थी तथा धार्मिक संस्कारों की वजह से भाईयों का परिवार अपना ही परिवार मान लिया था। वह इत्मीनान और प्रेम से अपने भाइयों के परिवार के साथ ही रहना चाहते थे। उनके भाई और भाईयों की पत्नियाँ भी हरिहर काका की खूब देखभाल करने लगीं थीं ।

प्रश्न 17: हरिहर काका ने खाने की थाली बीच आँगन में क्यों फेंक दी ?
उत्तर:
हरिहर काका ने अपनी खाने से भरी थाली बीच आँगन में फेंक दी थी क्योंकि उन्हें, उनके छोटे भाई की पत्नी रूखा-सूखा खाना लाकर परोस दिया जिसमें केवल भात, मट्ठा और आचार था, जबकि उसने अपने पति को सुंदर-सुंदर व्यंजन खाने को दिए थे। यह देखते ही हरिहर काका के बदन में आग लग गई और क्रोध से भर गए थे।

प्रश्न 18: गाँव के नेता जी ने हरिहर काका के समक्ष क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर:
गाँव के नेता जी ने हरिहर काका के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि तुम्हारी ज़मीन में "हरिहर उच्च विद्यालय” नाम से एक हाईस्कूल खोल दिया जाएगा। इससे तुम्हारा नाम अमर हो जाएगा। तुम्हारी ज़मीन का सही उपयोग होगा और गाँव के विकास के लिए गाँव को एक स्कूल मिल जाएगा।

प्रश्न 19: ठाकुरबारी से छुड़ाकर लाए गए हरिहर काका अपने घर के किस वातावरण से अनजान थे?
उत्तर: 
ठाकुरबारी से छुड़ाकर लाने के बाद अपने ही घर में हरिहर काका के बारे में नया वातावरण तैयार हो रहा था। उन्हें ठाकुरबारी से जिस दिन वापस लाया गया था, उसी दिन से उनके भाई और रिश्ते-नाते के लोग समझाने लगे थे कि विधिवत अपनी जायदाद वे अपने भतीजों के नाम लिख दें। वह जब तक ऐसा नहीं करेंगे तब तक महंत की गिद्ध-दृष्टि उनके ऊपर लगी रहेगी।

प्रश्न 20: ठाकुरबारी के साधु-संतों का कौन-सा आचरण लेखक के मन में उनके प्रति घृणा उत्पन्न कर रहा था?
उत्तर: 
ठाकुरबारी में अपना मन बहलाने के लिए फालतू समय काटने के लिए हरिहर काका व लेखक भी जाते थे। परंतु साधु-संतों का आचरण लेखक के मन में उनके प्रति घृणा उत्पन्न कर रहा था क्योंकि साधु-संतों करने में कोई रुचि नहीं थी। ठाकुरजी को भोग लगाने के नाम पर दोनों जून हलवा-पूरी खाते हैं और आराम से पड़े रहते हैं। उन्हें अगर कुछ आता है, तो सिर्फ़ बाते बनाना आता था।

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