Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  Short Questions: टोपी शुक्ला

Short Questions: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

प्रश्न 1: 'टोपी शुक्ला' पाठ के आधार पर बताइए कि इफ़्फ़न की दादी मिली-जुली संस्कृति में विश्वास क्यों रखती थीं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी नमाज़ व रोज़े की बड़ी पाबंद थीं, किंतु जब उनके बेटे यानी इफ़्फ़न के पिता के चेचक निकली तो वह उसके पलंग के पास एक पैर पर खड़ी हुई और उन्होंने माता का नाम लेकर कहा, “ माता, मोरे बच्चे को माफ़ करयो ।” उनकी ससुराल में उर्दू बोली जाती थी, किंतु वे पूरबी बोली ही बोलती थीं। कट्टर मौलवी परिवार में गाने-बजाने की रोक थी, किंतु इफ़्फ़न की छठी में उन्होंने खूब गाना बजाना किया था। इस सब बातों से सिद्ध होता है कि वे मिली-जुली संस्कृति पर विश्वास करती थीं ।

प्रश्न 2: इफ़्फ़न की दादी की मौत का समाचार सुनकर टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा? टोपी ने इफ़्फ़न को क्या कहकर सांत्वना दी?
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी की मौत का समाचार सुनकर टोपी का बालमन शोक से भर उठा। इफ़्फ़न तो उसी समय घर चला गया और टोपी जिमनेज़ियम में जाकर एक कोने में बैठकर रोने लगा। शाम को वह इफ़्फ़न के घर गया, तो एक दादी के न रहने से उसे सारा घर खाली - खाली सा लगा। इफ़्फ़न की दादी के प्रति उसके मन में बहुत प्रेम था, बदले में ऐसा ही प्रेम उसे उनसे भी प्राप्त हुआ था, किंतु कभी ऐसी ममता उसे अपनी दादी से नहीं मिली थी। इसी कारण उसने इफ़्फ़न को यह कहकर सांत्वना दी कि 'तोरी दादी की जगह अगर हमरी दादी मर गई होती, त ठीक भया होता' अर्थात उसकी यानी इफ़्फ़न की दादी की जगह उसकी दादी मर गई होतीं, तो ठीक होता ।

प्रश्न 3: टोपी और बूढ़ी नौकरानी दोनों में एक-दूसरे के प्रति सद्भाव होने का क्या कारण था ? इनके व्यवहार से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: 
घर में टोपी और बूढ़ी नौकरानी दोनों की ही दशा एक जैसी थी। दोनों को ही घर के छोटे-बड़े सब डाँट-फटकार लेते थे। बूढ़ी नौकरानी सीता को तो यह सब चुपचाप सह लेने का अनुभव था। इसी कारण जब भी टोपी किसी बात पर दादी या घर के अन्य सदस्य का विरोध करता और उसे माँ रामदुलारी से पिटाई खानी पड़ती, तब सीता उसे अपनी कोठरी में ले जाकर समझाया करती थी। सीता के आँचल में जाकर टोपी को भी सुकून मिलता था। इनके व्यवहार से हमें यह शिक्षा मिलती है कि पीड़ा या कष्ट की स्थिति में एक-दूसरे का सहारा बनने से एक संबल मिलता है। इस प्रकार व्यक्ति को लगता है कि कोई तो है जो हमारे साथ है और जिससे वह अपना दुख-दर्द बाँट सकता है।

प्रश्न 4: ठाकुर हरिनाम सिंह कौन था? उसके लड़कों ने टोपी शुक्ला से दोस्ती क्यों नहीं की? यह उनकी किस भावना का व्यंजक है?
उत्तर: 
ठाकुर हरिनाम सिंह को इफ़्फ़न के पिता के तबादले के बाद बनारस का नया कलेक्टर बनाया गया था। ठाकुर हरिनाम सिंह के लड़के इफ़्फ़न के समान सभ्य नहीं थे, उन्हें अपने पिता के कलेक्टर होने का घमंड था। इसी घमंडी मानसिकता के चलते उन्हें टोपी अपने किसी चपरासी के बेटे के समान लगा, उन्होंने दोस्ती करने आए टोपी के साथ बहुत दुर्व्यवहार किया और बाद में अपने अलसेशियन कुत्ते से कटवा दिया। यह उनकी अपने आप को ऊँचा तथा दूसरों को तुच्छ समझने की दूषित भावना का व्यंजक है।

प्रश्न 5: टोपी के पिता को भी यह पसंद नहीं था कि टोपी इफ़्फ़न से दोस्ती रखे, पर उन्होंने इसका फ़ायदा कैसे उठाया?
उत्तर: 
टोपी के पिता और घर के अन्य सदस्यों को बिलकुल भी यह पसंद नहीं था कि टोपी किसी मुसलमान के लड़के से दोस्ती करे या उसके घर आए-जाए पर टोपी को जाति-धर्म से क्या लेना-देना था। टोपी के पिता ने जैसे ही जाना कि इफ्फ़न के पिता कलेक्टर हैं तो उन्होंने अपने क्रोध को दबाया और तीसरे दिन ही दुकान के लिए कपड़े और चीनी का परमिट ले आए।

प्रश्न 6: इफ़्फ़न की दादी को मरने से पहले कौन-सी वस्तुएँ याद आईं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर: 
इफ़्फ़न की दादी पूरा जीवन अपने मायके से जुड़ी यादों को दिल में सहेजे रही थीं। इसलिए मरने से पहले उन्हें अपने मायके की कच्ची हवेली, अपने द्वारा लगाया गया आम का बीजू पेड़ आदि याद आए । वे अपने मायके की मिट्टी से भावात्मक रूप से जुड़ी थीं। इसी समय जब उनके बेटे यानी इफ़्फ़न के पिता सय्यद मुरतुज़ा हुसैन ने उनसे यह पूछा कि मरने के बाद लाश करबला जाएगी या नज़फ़, तो इस बात पर वे भड़ककर कहने लगीं कि यदि उससे उनकी लाश न सँभाली जाए, तो उनके मायके भेज दे।

प्रश्न 7: टोपी ने मुन्नी बाबू की किस असलियत से घर वालों से छिपाकर रखा था, और क्यों?
उत्तर: 
एक बार टोपी ने मुन्नी बाबू को रहीम कबाबची की दुकान पर कबाब खाते देख लिया था, इस बात को छुपाने के लिए मुन्नी बाबू ने टोपी को इकन्नी की रिश्वत भी दी थी। इस रिश्वत का तो टोपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, किंतु टोपी चुगलखोर नहीं था इसीलिए उसने अपने घरवालों को इसकी जानकारी नहीं दी थी।

प्रश्न 8: कैसे कहा जा सकता है कि इफ़्फ़न की दादी मिली-जुली संस्कृति में विश्वास रखने वाली महिला थीं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 
इफ़्फ़न की दादी नमाज़ व रोज़े की बड़ी पाबंद थीं, किंतु जब उनके बेटे यानी इफ़्फ़न के पिता के चेचक निकली तो वह उसके पलंग के पास एक पैर पर खड़ी हुई और उन्होंने माता का नाम लेकर कहा, “ माता, मोरे बच्चे को माफ़ करयो ।” उनकी ससुराल में उर्दू बोली जाती थी, किंतु वे पूरबी बोली ही बोलती थीं। कट्टर मौलवी परिवार में गाने-बजाने की रोक थी, किंतु इफ़्फ़न की छठी में उन्होंने खूब गाना बजाना किया था। इस सब बातों से सिद्ध होता है कि वे मिली-जुली संस्कृति पर विश्वास करती थीं ।

प्रश्न 9: इफ़्फ़न की दादी एक ज़मींदार की बेटी थीं। अपने ससुराल के वातावरण में अपने को ढालने में उन्हें किन असुविधाओं का सामना करना पड़ा? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर: 
इफ़्फ़न की दादी एक ज़मींदार की बेटी थीं। उनके मायके में सभी बहुत उदार थे। धार्मिक कट्टरता कहीं दूर-दूर तक नहीं थी, जबकि उनकी ससुराल का वातावरण धार्मिक कट्टरता से भरा था । यहाँ खाने-पीने से लेकर रीति-रिवाजों की पाबंदी थी। वे अपने मायके में खूब घी पिलाई काली हाँडी में जमाई गई दही जी भरकर खा लेती थीं, किंतु मौलवी परिवार में वे ऐसा नहीं कर पाती थीं। वे पूरबी बोलती थीं, जबकि मौलवी परिवार में उर्दू बोली जाती थी तथा पूरबी बोली को अनपढ़ व गँवारों की भाषा माना जाता था । इसी कारण ससुराल में उनकी आत्मा सदा बेचैन रही तथा वहाँ के वातावरण में वे कभी पूरी तरह नहीं ढल सकीं।

प्रश्न 10: इफ़्फ़न की दादी की मौत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा? कारण सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: 
टोपी को अपनी दादी से कभी अपनापन नहीं मिला था, वे उसे बात-बात पर अपमानित करती रहती थीं, जबकि इफ़्फ़न की दादी से उसे भरपूर दुलार मिलता था और उनका एक-एक शब्द उसे शक्कर का खिलौना प्रतीत होता था । वह इफ़्फ़न के घर जाकर उन्हीं के पास बैठता था तथा अपनत्व व ममता का असीम सुख प्राप्त किया करता था। इसी आत्मिक लगाव के कारण इफ़्फ़न की दादी की मौत के बाद टोपी को उसका घर खाली खाली - सा लगा।

प्रश्न 11: इफ़्फ़न की दादी टोपी को अपने ही परिवार के सदस्यों के उपहास से किस तरह बचाती?
उत्तर: 
टोपी जबे इफ्फ़न के घर जाता तो वह इफ्फ़न की दादी के पास ही बैठने की कोशिश करता। वह इफ्फ़न की अम्मी और उसकी बाजी के पास न जाता न बैठता। वे दोनों प्रायः टोपी को उसकी बोली के लिए छेड़ती और हँसती। जब बात बढ़ने लगती तो दादी ही बीच-बचाव करती और कहती कि तू उधर जाता ही क्यों है। इस तरह वे टोपी को अपने परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए उपहास से टोपी को बचाती थी।

प्रश्न 12: टोपी पढ़ने में बहुत तेज़ था, फिर भी वह दो बार फ़ेल हो गया। उसकी पढ़ाई में क्या बाधाएँ आ जाती थीं?
उत्तर: 
टोपी पढ़ने में बहुत तेज़ था, फिर भी वह दो बार फेल हो गया क्योंकि पहले साल उसे पढ़ने ही नहीं दिया गया। वह जब भी पढ़ने बैठता, उसके बड़े भाई मुन्नी बाबू को कोई काम निकल आता था या उसकी माँ को कोई ऐसी चीज़ मँगवानी पड़ जाती थी, जो घर के नौकरों से नहीं मँगवाई जा सकती थी और रामदुलारी रही सही कसर उसका छोटा भाई भैरव उसकी कॉपियों के पन्नों से हवाई जहाज़ बनाकर पूरा कर डालता था तथा दूसरे वर्ष परीक्षा के दिनों में उसे टाइफाइड हो गया था।

प्रश्न 13: टोपी को अध्यापक घृणा की दृष्टि से क्यों देखते थे? अंग्रेज़ी के अध्यापक ने उसे एक दिन क्या कहकर अनुत्साहित किया और क्यों?
उत्तर:
टोपी के अध्यापक उसके नवीं कक्षा में फेल हो जाने के कारण उसे बुद्ध समझने लगे थे। उन्होंने एक सच्चे अध्यापक का कर्तव्य निभाते हुए उसकी परेशानियों को समझकर उन्हें दूर करने का प्रयास नहीं किया, बल्कि उससे चिढ़कर घृणा करने लगे। उनके मन में टोपी के प्रति ज़रा सी भी सहानुभूति नहीं थी । अंग्रेज़ी के अध्यापक ने एक बार उसे यह कहकर अनुत्साहित किया कि वह जवाब देने के लिए हाथ न उठाए, वह दो साल से यही पुस्तक पढ़ रहा है, तो उसे तो सारे जवाब ज़बानी याद हो गए होंगे, उसके सहपाठियों को अगले वर्ष हाईस्कूल का इम्तिहान देना है, उससे तो वे अगले साल भी पूछ लेंगे। ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वे एक अच्छे अध्यापक नहीं थे, वे टोपी से घृणा करते थे और टोपी के द्वारा बार-बार उत्तर देने के लिए हाथ उठाने से वे झल्लाहट से भर उठे थे।

प्रश्न 14: इफ़्फ़न के पूर्वजों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
इफ़्फ़न के दादा परदादा बहुत प्रसिद्ध मौलवी थे। वे काफ़िरों के देश में पैदा हुए और काफ़िरों के देश में मरे। वे यह वसीयत करके मरे कि लाश करबला ले जाई जाए। उनकी आत्मा ने इस देश में एक साँस तक न ली। उस खानदान में जो पहला हिंदुस्तानी बच्चा पैदा हुआ वह बढ़कर इफ़्फ़न का बाप हुआ। इसके बाद इफ़्फ़न और अन्य सदस्यों के रूप में यह परिवार भारत को होकर रह गया।

प्रश्न 15: टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही ? 'टोपी शुक्ला' के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी स्नेहिल स्वभाव की थी। वह बच्चों से अत्यधिक स्नेह करती थीं। वह इफ़्फ़न के साथ टोपी को भी अपने पास बैठाकर कहानियाँ सुनाती थीं । यहाँ तक कि इफ़्फ़न के परिवार का कोई सदस्य कभी टोपी को उसकी बोली पर छेड़ता जब भी वह टोपी का ही पक्ष लेती थीं। टोपी की भाँति वह भी पूरबी बोली बोलती थीं जिससे टोपी को उनसे अपनेपन का एहसास होता था। जबकि टोपी की दादी का स्वभाव अच्छा न था । वह हमेशा टोपी को डाँटती - फटकारती रहती थीं। वह परंपराओं में बँधे होने के कारण कट्टर हिंदू थीं। वह टोपी को इफ़्फ़न के घर जाने से भी रोकती थीं। इन्हीं सब कारणों से टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात कही ।

प्रश्न 16: टोपी एक दिन के लिए ही सही अपने बड़े भाई मुन्नी बाबू से क्यों बड़ा होना चाहता था?
उत्तर: 
इफ़्फ़न से दोस्ती करने के कारण जब टोपी की पिटाई हो रही थी तभी उसके बड़े भाई मुन्नी बाबू ने दादी से शिकायत करते हुए कहा था कि यह (टोपी) एक दिन रहीम कबाबची की दुकान पर कबाब खा रहा था तो टोपी को बहुत गुस्सा आया, क्योंकि वह कबाब को हाथ तक नहीं लगाता है। कबाब तो स्वयं मुन्नी बाबू ने खाया था। यह बात घर न बताने के लिए उसने इकन्नी रिश्वत दी थी। इसका मजा चखाने के लिए टोपी मुन्नी बाबू से बड़ा होना चाहता था।

प्रश्न 17: कलेक्टर साहब के लड़के टोपी के दोस्त क्यों नहीं बन सके?
उत्तर:
कलेक्टर साहब के लड़के टोपी के दोस्त इसलिए नहीं बन सके क्योंकि वे तीनों बहुत घमंडी थे। उन्हें अपने पिता के पद तथा आर्थिक स्थिति पर गुमान था । वे बार-बार जानबूझकर टोपी से उसके पिता के पद के विषय में पूछते थे और वह भी अपमानजनक भाषा में। एक बार तो उन्होंने टोपी पर अपना कुत्ता छोड़ दिया था। उन्हें मानवीय संबंधों और दोस्ती की गरिमा का बिलकुल ज्ञान नहीं था ।

प्रश्न 18: टोपी ने दुबारा कलेक्टर साहब के बँगले की ओर रुख क्यों नहीं किया? 'टोपी शुक्ला' पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: 
दुबारा टोपी कलेक्टर साहब के बँगले की ओर नहीं गया क्योंकि नए कलेक्टर साहब के बेटों ने टोपी को अपने कुत्ते से कटवा दिया था और टोपी को पेट में चौदह इंजेक्शन लगवाने पड़े थे तथा कलेक्टर के बेटों ने टोपी को मारा भी था ।

प्रश्न 19: अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की दादी की इच्छा पूरी क्यों नहीं हो पाई ? 'टोपी शुक्ला' पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: 
इफ़्फ़न की दादी के पति एक मौलवी थे और मौलवी के घर गाना-बजाना नहीं हो सकता था। दादी के अनुसार उनके पति हर अवसर पर बस मौलवी ही बने रहते थे । यही कारण था कि वे अपने बेटे की शादी में गाना-बजाना नहीं कर पाईं।

प्रश्न 20: टोपी मुन्नी बाबू की किस असलियत से परिचित था? उसने इसके बारे में घरवालों को जानकारी क्यों नहीं दी ? यह भी बताइए कि मुन्नी बाबू से टोपी की अनबन होने का क्या कारण था?
उत्तर: 
टोपी मुन्नी बाबू की इस असलियत से परिचित था कि वे कबाब खाते हैं क्योंकि उसने एक बार मुन्नी बाबू को रहीम कबाबची की दुकान पर कबाब खाते हुए देख लिया था । इसके लिए मुन्नी बाबू ने उसे इकन्नी दी थी कि वह यह बात घर जाकर न कहे। ऐसा नहीं है कि टोपी ने इकन्नी को रिश्वत के रूप में स्वीकार करके मुन्नी बाबू की असलियत को घरवालों से छिपाकर रखा था, बल्कि बात यह थी कि वह भ्रातृभाव व भोलेपन के कारण मुन्नी बाबू की चुगली नहीं कर सका था । मुन्नी बहुत चतुर था। इस कारण जब 'अम्मी' संबोधन पर दादी ने टोपी को डाँटना शुरू किया, तो उसको लगा कि कहीं टोपी कबाब वाली बात दादी को न बता दे। इसी कारण उसने पहले ही झूठा आरोप टोपी पर लगा दिया कि उसने टोपी को एक दिन कबाब खाते हुए देखा है। यह आरोप सरासर झूठ था, जिसका टोपी विरोध कर रहा था। इसी कारण मुन्नी बाबू और टोपी में अनबन हुई थी।

The document Short Questions: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 10 at this link: Class 10
16 videos|201 docs|45 tests

Top Courses for Class 10

16 videos|201 docs|45 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

mock tests for examination

,

Objective type Questions

,

past year papers

,

Summary

,

ppt

,

Exam

,

video lectures

,

MCQs

,

Viva Questions

,

Short Questions: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Short Questions: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Semester Notes

,

study material

,

Short Questions: टोपी शुक्ला | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

Sample Paper

,

pdf

,

Important questions

,

Free

,

Extra Questions

;