1. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
ऐसी बाँणी बोलिये , मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै ,औरन कौ सुख होइ।।
प्रश्न 1: पद्यांश में कैसी वाणी का प्रयोग करने की सलाह दी गई है –
(क) ऐसी बाँणी
(ख) मीठी वाणी
(ग) सीतल वाणी
(घ) कठोर वाणी
उत्तर: (ख) मीठी वाणी
प्रश्न 2: ‘ मन का आपा ‘ से क्या अभिप्राय है –
(क) मन का अहंकार
(ख) मन का दुःख
(ग) मन की ख़ुशी
(घ) मन का स्वभाव
उत्तर: (क) मन का अहंकार
प्रश्न 3: किस चीज़ का त्याग करके मीठी वाणी को अपनाने की सलाह दी गई है ?
(क) अपना स्वभाव
(ख) दूसरों की ख़ुशी
(ग) तन की शीतलता
(घ) मन का अहंकार
उत्तर: (घ) मन का अहंकार
प्रश्न 4: पद्यांश के अनुसार हम दूसरों को सुख कैसे दे सकते है ?
(क) अपना स्वभाव बदलने से
(ख) मीठी वाणी बोलने से
(ग) तन की शीतलता से
(घ) अहंकार का त्याग करके
उत्तर: (ख) मीठी वाणी बोलने से
प्रश्न 4: मीठी वाणी बोलने से क्या लाभ बताए गए हैं ?
(क) मन स्वस्थ होता है
(ख) दूसरों को सुख प्राप्त होता है
(ग) तन शीतल होता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
2. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
कस्तूरी कुंडली बसै , मृग ढूँढै बन माँहि।
ऐसैं घटि- घटि राँम है , दुनियां देखै नाँहिं।।
प्रश्न 1: मृग किसकी तलाश में वन में भटकता है ?
(क) भगवान् की
(ख) कस्तूरी की खुशबू की तलाश में
(ग) सर्प की कुंडली की तलाश में
(घ) दुनियाँ को देखने की चाह में
उत्तर: (ख) कस्तूरी की खुशबू की तलाश में
प्रश्न 2: ‘ घटि – घटि राँम है ‘ से आशय है –
(क) हर मन में राम है
(ख) राम हर घट में विद्यमान है
(ग) कण – कण में ईश्वर है
(घ) राम को मन में ढूँढो
उत्तर: (ग) कण – कण में ईश्वर है
प्रश्न 3: कस्तूरी की खुशबू कहाँ विद्यमान है ?
(क) जंगल में
(ख) मन में
(ग) हिरण की नाभि में
(घ) राम नाम में
उत्तर: (ग) हिरण की नाभि में
प्रश्न 4: ‘ दुनियां देखै नाँहिं ‘ से क्या अभिप्राय है ?
(क) दुनियाँ का अँधा होना
(ख) हिरण का दुनियाँ को न देखना
(ग) मनुष्य का लापरवाह होना
(घ) संसार के कण कण में ईश्वर विद्यमान है , मनुष्य का इस बात से बेखबर होना
उत्तर: (घ) संसार के कण कण में ईश्वर विद्यमान है , मनुष्य का इस बात से बेखबर होना
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) हिरण कस्तूरी की खुशबु को जंगल में ढूंढ़ता फिरता है जबकि वह सुगंध उसी की नाभि में विद्यमान होती है
(ख) संसार के कण कण में ईश्वर विद्यमान है
(ग) मनुष्य ईश्वर को देवालयों और तीर्थों में ढूंढ़ता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
3. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
जब मैं था तब हरि नहीं , अब हरि हैं मैं नांहि।
सब अँधियारा मिटी गया , जब दीपक देख्या माँहि।।
प्रश्न 1: पद्यांश में ‘ मैं ‘ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(क) कवि के लिए
(ख) अहंकार के लिए
(ग) पाठकों के लिए
(घ) ईश्वर के लिए
उत्तर: (ख) अहंकार के लिए
प्रश्न 2: पद्यांश का आशय है –
(क) भगवान् और अहंकार एक साथ वास करते हैं
(ख) अंधकार और दीपक का सम्बन्ध घनिष्ठ है
(ग) अहंकार और ईश्वर कभी एक साथ वास नहीं कर सकते
(घ) अहंकार का नाश आवश्यक है
उत्तर: (ग) अहंकार और ईश्वर कभी एक साथ वास नहीं कर सकते
प्रश्न 3: ‘ जब मैं था तब हरि नहीं ‘ से क्या तात्पर्य है ?
(क) जब मन में अहंकार था तब इसमें परमेश्वर का वास नहीं था
(ख) जब अहंकार था तब भी परमेश्वर का वास था
(ग) अहंकार और परमेश्वर साथ नहीं है
(घ) कवि का परमेश्वर से मेल नहीं हो पाया
उत्तर: (क) जब मन में अहंकार था तब इसमें परमेश्वर का वास नहीं था
प्रश्न 4: अज्ञान रूपी अन्धकार को मिटाने के लिए क्या आवश्यक है ?
(क) मन में अहंकार
(ख) मन से अहंकार का नाश
(ग) मन में ज्ञान रूपी दीपक का वास
(घ) परमेश्वर नमक दीपक के दर्शन
उत्तर: (घ) परमेश्वर नमक दीपक के दर्शन
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) जब इस हृदय में ‘मैं ‘ अर्थात मेरा अहंकार था तब इसमें परमेश्वर का वास नहीं था
(ख) हृदय में अहंकार नहीं है तो इसमें प्रभु का वास है
(ग) जब परमेश्वर नमक दीपक के दर्शन हुए तो अज्ञान रूपी अहंकार का विनाश हो गया
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
4. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
सुखिया सब संसार है , खायै अरु सोवै।
दुखिया दास कबीर है , जागै अरु रोवै।।
प्रश्न 1: ‘ सुखिया सब संसार है ‘ से आशय है ?
(क) पूरा संसार सुखी है
(ख) संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं , जिस कारण सुखी हैं
(ग) कबीर जी संसार को देख कर सुखी हैं
(घ) संसार के लोग ईश्वर भक्ति में लीन हैं इसलिए सुखी हैं
उत्तर: (ख) संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं , जिस कारण सुखी हैं
प्रश्न 2: कबीर जी क्यों दुःखी हैं –
(क) क्योंकि पूरा संसार सुखी है
(ख) क्योंकि संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं
(ग) क्योंकि वे प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में जागते रहते हैं
(घ) क्योंकि वे अहंकार का नाश नहीं कर पा रहे
उत्तर: (ग) क्योंकि वे प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में जागते रहते हैं
प्रश्न 3: ‘ खायै अरु सोवै ‘ से क्या तात्पर्य है ?
(क) संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं अपनी मृत्यु आदि से भी अनजान सोये हुये हैं
(ख) संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं
(ग) अपनी मृत्यु आदि से भी अनजान सोये हुये हैं
(घ) संसार के लोग अज्ञान से भरे हुए हैं
उत्तर: (क) संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं अपनी मृत्यु आदि से भी अनजान सोये हुये हैं
प्रश्न 4: कबीर जी क्यों रो रहे है ?
(क) संसार के लोगों के मन में अहंकार देख कर
(ख) संसार के लोग को अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं और अपनी मृत्यु आदि से भी अनजान सोये हुये हैं देख कर
(ग) अपने मन में ज्ञान रूपी दीपक के न जल पाने से
(घ) परमेश्वर नमक दीपक के दर्शन न मिल पाने से
उत्तर: (ख) संसार के लोग को अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं और अपनी मृत्यु आदि से भी अनजान सोये हुये हैं देख कर
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) संसार के लोग अज्ञान रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं
(ख) कबीर दुखी हैं और वे रो रहे हैं
(ग) कबीर जी प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में जागते रहते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
5. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
बिरह भुवंगम तन बसै , मंत्र न लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै , जिवै तो बौरा होइ।।
प्रश्न 1: ‘ बिरह भुवंगम तन बसै ‘ से आशय है ?
(क) मनुष्य के मन में अपनों के बिछड़ने का गम सांप बन कर लोटने लगता है
(ख) विरह में बिछड़ना सबसे दुखदाई होता है
(ग) विरह में बिछड़ना और साँप का काटना बराबर दर्द देता है
(घ) विरह सांप बन मन में रहता है
उत्तर: (क) मनुष्य के मन में अपनों के बिछड़ने का गम सांप बन कर लोटने लगता है
प्रश्न 2: ‘ राम बियोगी ना जिवै ‘ से क्या तात्पर्य है –
(क) राम से बिछड़ना मरने बराबर है
(ख) राम से वियोग असहनीय है
(ग) राम अर्थात ईश्वर के वियोग में मनुष्य जीवित नहीं रह सकता
(घ) ईश्वर को न प्राप्त कर पाना अत्यधिक दुःख देता है
उत्तर: (ग) राम अर्थात ईश्वर के वियोग में मनुष्य जीवित नहीं रह सकता
प्रश्न 3: किस व्यक्ति पर कोई मन्त्र और दवा असर नहीं करती है ?
(क) जब मनुष्य के मन में अपनों के बिछड़ने का गम सांप बन कर लोटने लगता है
(ख) जिस व्यक्ति का मन अहंकार से भरा हुआ हो
(ग) जो व्यक्ति अपनी मृत्यु आदि से भी अनजान सोये हुये हैं
(घ) जो किसी भयंकर बिमारी से पीड़ित हो
उत्तर: (क) जब मनुष्य के मन में अपनों के बिछड़ने का गम सांप बन कर लोटने लगता है
प्रश्न 4: ‘ जिवै तो बौरा होइ ‘ से आशय है ?
(क) बियोग में जीने वाला पागल होता है
(ख) ईश्वर के वियोग में मनुष्य जीवित नहीं रह सकता और यदि वह जीवित रहता भी है तो उसकी स्थिति पागलों जैसी हो जाती है
(ग) वियोग के कारण व्यक्ति पागलों की तरह जीवन जीता है
(घ) पागलों की तरह जीवन जीना गलत है
उत्तर: (ख) ईश्वर के वियोग में मनुष्य जीवित नहीं रह सकता और यदि वह जीवित रहता भी है तो उसकी स्थिति पागलों जैसी हो जाती है
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) जब मनुष्य के मन में अपनों के बिछड़ने का गम सांप बन कर लोटने लगता है तो उस पर न कोई मन्त्र असर करता है और न ही कोई दवा असर करती है
(ख) ईश्वर के वियोग में मनुष्य जीवित नहीं रह सकता
(ग) ईश्वर के वियोग में मनुष्य जीवित नहीं रह सकता और यदि वह जीवित रहता भी है तो उसकी स्थिति पागलों जैसी हो जाती है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
6: पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
निंदक नेड़ा राखिये , आँगणि कुटी बँधाइ।
बिन साबण पाँणीं बिना , निरमल करै सुभाइ।।
प्रश्न 1: यह पद्यांश किसके द्वारा निर्मित है ?
(क) बिहारी जी द्वारा
(ख) कबीर जी द्वारा
(ग) मीराबाई द्वारा
(घ) महादेवी वर्मा द्वारा
उत्तर: (ख) कबीर जी द्वारा
प्रश्न 2: कबीर जी किसे नजदीक रखने के लिए कहा है –
(क) ज्ञान
(ख) साबुन
(ग) निंदक
(घ) पानी
उत्तर: (ग) निंदक
प्रश्न 3: निंदक को नजदीक रखने का क्या लाभ बताया गया है ?
(क) मोह – माया दूर हो जाती है
(ख) स्वभाव निर्मल हो जाता है
(ग) क्रोध नहीं आता
(घ) अहंकार का नाश होता है
उत्तर: (ख) स्वभाव निर्मल हो जाता है
प्रश्न 4: ‘ बिन साबण पाँणीं बिना , निरमल करै सुभाइ ‘ से आशय है ?
(क) हमें हमेशा निंदा करने वाले व्यक्तिओं को अपने निकट रखना चाहिए
(ख) हो सके तो निंदा करने वाले व्यक्तिओं के लिए अपने आँगन में ही घर बनवा लेना चाहिए अर्थात हमेशा अपने आस पास ही रखना चाहिए
(ग) निंदा करने वाले व्यक्तिओं को अपने निकट रखने से हमारा स्वभाव बिना साबुन और पानी की मदद के ही साफ़ हो जाता है
(घ) इन में से कोई नहीं
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) हमें हमेशा निंदा करने वाले व्यक्तिओं को अपने निकट रखना चाहिए
(ख) ताकि हम उनके द्वारा बताई गई हमारी गलतिओं को सुधर सकें
(ग) इससे हमारा स्वभाव बिना साबुन और पानी की मदद के ही साफ़ हो जायेगा
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
7. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
पोथी पढ़ि – पढ़ि जग मुवा , पंडित भया न कोइ।
ऐकै अषिर पीव का , पढ़ै सु पंडित होइ।
प्रश्न 1: ‘ पोथी पढ़ि – पढ़ि जग मुवा ‘ से आशय है ?
(क) किताबें पढ़ – पढ़ कर कई लोग मर गए
(ख) केवल किताबें पढ़ लेने से कुछ ज्ञान नहीं मिल सकता
(ग) किताबों को पढ़ना ज्ञान को मारना है
(घ) किताबें पढ़ – पढ़ कर संसार मर गया
उत्तर: (ख) केवल किताबें पढ़ लेने से कुछ ज्ञान नहीं मिल सकता
प्रश्न 2: ‘ पोथी पढ़ि – पढ़ि ‘ में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) पुनरुक्ति अलंकार
उत्तर: (क) अनुप्रास अलंकार
प्रश्न 3: इस पद में किस पर व्यंग्य किया गया है ?
(क) प्रेम पर
(ख) संसार पर
(ग) किताबों पर
(घ) ज्ञानी वर्ग पर
उत्तर: (घ) ज्ञानी वर्ग पर
प्रश्न 4: इस साखी में सच्चा ज्ञानी किसे बताया गया है ?
(क) सांसारिक लोगो को
(ख) किताबें पढ़ने वालों को
(ग) परमात्मा को जानने वाले को
(घ) प्रेम करने वालों को
उत्तर: (ग) परमात्मा को जानने वाले को
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) इस संसार में मोटी – मोटी पुस्तकें (किताबें) पढ़ कर कई मनुष्य मर गए परन्तु कोई भी मनुष्य पंडित (ज्ञानी) नहीं बन सका
(ख) अब कबीर जी के हाथों में जलती हुई मशाल (लकड़ी) है यानि ज्ञान है
(ग) यदि किसी व्यक्ति ने ईश्वर प्रेम का एक भी अक्षर पढ़ लिया होता तो वह पंडित बन जाता
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (क) और (ग)
8. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न ों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
हम घर जाल्या आपणाँ , लिया मुराड़ा हाथि।
अब घर जालौं तास का , जे चलै हमारे साथि।।
प्रश्न 1: ‘ हम घर जाल्या आपणाँ ‘ से आशय है ?
(क) अपने घर में आग लगाना
(ख) अपने अंदर से मोह – माया का त्याग करना
(ग) अपने ही हाथों अपने को कष्ट पहुँचाना
(घ) अपने किसी ख़ास का घर जलाना
उत्तर: (ख) अपने अंदर से मोह – माया का त्याग करना
प्रश्न 2: ‘ मुराड़ा ‘ से क्या तात्पर्य है –
(क) ज्ञान
(ख) जलती हुई मशाल
(ग) लकड़ी
(घ) कुल्हाड़ा
उत्तर: (क) ज्ञान
प्रश्न 3: कबीर जी अपने साथ चलने वालों के साथ क्या करना चाहते हैं ?
(क) उनके मोह – माया रूपी घर को जला कर ज्ञान प्राप्त करवाना चाहते हैं
(ख) उनका घर जलाना चाहते हैं
(ग) उन्हें ज्ञान देना चाहते हैं
(घ) उनके अहंकार का नाश करना चाहते हैं
उत्तर: (क) उनके मोह – माया रूपी घर को जला कर ज्ञान प्राप्त करवाना चाहते हैं
प्रश्न 4: ‘ अब घर जालौं तास का ‘ से आशय है ?
(क) ताश का घर जलाना है
(ख) अब दूसरों का घर जलाना है
(ग) उसे भी मोह – माया से मुक्त होना होगा जो ज्ञान प्राप्त करना चाहता है
(घ) हर व्यक्ति को मोह – माया का त्याग करना चाहिए
उत्तर: (ग) उसे भी मोह – माया से मुक्त होना होगा जो ज्ञान प्राप्त करना चाहता है
प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) कबीर जी ने मोह -माया रूपी घर को जला कर ज्ञान प्राप्त कर लिया है
(ख) अब कबीर जी के हाथों में जलती हुई मशाल (लकड़ी) है यानि ज्ञान है
(ग) अब कबीर जी उसका घर जलाएंगे जो उनके साथ चलना चाहता है अर्थात उसे भी मोह – माया से मुक्त होना होगा जो ज्ञान प्राप्त करना चाहता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी
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